राजनीति
कांग्रेस से ज्यादा मोदी सरकार ने मुसलमानों के भले के लिए किया काम: मुख्तार अब्बास नकवी

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि कांग्रेस के समय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, पार्टटाइम मिनिस्ट्री के रूप में देखा जाता था, आज मोदी सरकार में यह फुलटाइम मिनिस्ट्री है। मोदी सरकार के विकास का मसौदा, वोट का सौदा नहीं है। मोदी सरकार ने तुष्टीकरण की दुकानें बंद करते हुए सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की दिशा में काम किया है। कांग्रेस से ज्यादा पिछले छह वर्षो में मोदी सरकार ने मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लिए काम किया है। केंद्रीय मंत्री ने आईएएनएस को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताते हुए इसके नियंत्रण पर जोर दिया।
विपक्ष मोदी सरकार को अल्पसंख्यक विरोधी बताता है? इस सवाल पर कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “मोदी सरकार के आने के बाद तुष्टीकरण की दुकानें बंद हो गईं। डेवलपमेंट विदाउट डिस्क्रिमिनेशन हो रहा है। किसी के साथ भेदभाव होने का छह साल में कोई एक उदाहरण नहीं बता सकता।”
मुख्तार अब्बास नकवी ने उदाहरण देते कहा कि कांग्रेस सरकार की तुलना में मोदी सरकार में सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा, “जब देश में मोदी सरकार आई तब प्रशासनिक सेवाओं में मुस्लिमों की 4 प्रतिशत से कम भागीदारी थी। आज यह दस प्रतिशत से ज्यादा हो गई है। प्रशासनिक सेवाओं में 2017 में 152, 2018 में 160 प्लस और 2019 में भी अच्छी संख्या में मुस्लिमों की भागीदारी बढ़ी है। मतबल इस सरकार में काबिलियत की कद्र शुरू हुई है।”
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मुसलमानों की भाजपा को लेकर सोच बदल रही है। उन्होंने कहा, “2014 के इलेक्शन में प्रधानमंत्री मोदी को अल्पसंख्यकों का 16 प्रतिशत वोट मिला तो 2019 में 21 प्रतिशत वोट मिला। इससे पता चलता है कि पिछले 70 सालों में विरोधियों ने मुसलमानों में भाजपा को लेकर जो जहर बोया था, उसका असर कम हो रहा है।”
जम्मू-कश्मीर का हाल में दौरा कर लौटे केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आईएएनएस से कहा कि 370 हटने से राज्य की 370 समस्याएं खत्म हुई हैं। कुछ लोगों ने 370 के भूत को सुरक्षा कवच बना लिया था, अब उनका गुरुर चूर-चूर हो गया है।
मोदी सरकार में मुख्तार अब्बास नकवी उन नेताओं में शुमार हैं, जो वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे हैं। दोनों सरकारों में अंतर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का बिना रुके, बिना थके काम करने वाला कैरेक्टर है। वह प्रयास पर नहीं बल्कि परिणाम पर विश्वास रखते हैं। वाजपेयी जी के समय गैर कांग्रेसी सरकार और गठबंधन का युग शुरू हुआ। आज प्रचंड बहुमत होने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए के सहयोगियों के साथ सरकार बनाई।”
2006 की सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांगों को लेकर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कांग्रेस एंड कंपनी रिपोर्ट पर यकीन रखती थी, हम रिजल्ट पर यकीन रखते हैं। मोदी सरकार रिपोर्ट पर नहीं जमीनी हकीकत देखकर काम करती है।
जनसंख्या नियंत्रण के मसले पर नकवी ने कहा कि कोई भी देश बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट को नजरअंदाज नहीं कर सकता। इससे विकास की गतिविधियां प्रभावित होती हैं।
कैबिनेट मंत्री ने अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए चलाई जा रही नई रोशनी, नई उड़ान, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दस्तकारों और शिल्पकारों की लुप्त होती विरासत को मौका और मार्केट देने के लिए हुनर हाट की शुरूआत हुई है। अब तक पांच लाख से ज्यादा कारीगरों को हुनर हाट से मंत्रालय रोजगार दे चुका है।
महाराष्ट्र
किरीट सोमैया को धमकी… 48 घंटे के अंदर यूसुफ अंसारी की गिरफ्तारी की मांग, लाउडस्पीकर और मस्जिदों पर कार्रवाई का अल्टीमेटम

मुंबई: भाजपा नेता किरीट सोमैया ने गोविंदी शिवाजी नगर में अवैध मस्जिद और लाउडस्पीकर हटाने की मांग कर एक बार फिर जहर फैलाया है। उन्होंने गोविंदी शिवाजी नगर की सीमा के भीतर अवैध मस्जिदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और पुलिस को लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और कहा है कि अगर 48 घंटे के भीतर अवैध मस्जिद और लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो भाजपा विरोध प्रदर्शन करेगी। इसके अलावा भाजपा ने सोशल मीडिया पर किरीट सोमैया को धमकी देने वाले यूसुफ अंसारी के खिलाफ भी कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग की है और कहा है कि पुलिस को यूसुफ अंसारी को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए। किरीट सोमैया ने अवैध मस्जिद को भूमि जिहाद करार दिया है और कहा है कि वह यूसुफ अंसारी जैसे गुंडे से नहीं डरती हैं, बल्कि अपना विरोध तेज करेंगी। किरीट सोमैया ने गोविंदी शिवाजी नगर में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। किरीट सोमैया की इस शरारत से इलाके में हड़कंप मच गया है। किरीट सोमैया की यात्रा को देखते हुए पुलिस ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए थे।
महाराष्ट्र
मुंबई में मस्जिदों के लाउडस्पीकर से सिर्फ अज़ान दी जाएगी, शिवाजी नगर में कंस्ट्रक्शन वर्कर सौम्या की शरारत मुसलमानों को बहकाने की कोशिश: अबू आसिम आज़मी

मुंबई: मुंबई के गोविंदी शिवाजी नगर में लाउडस्पीकर विवाद पर सभी विचारधाराओं के विद्वानों की एक महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मस्जिदों स्कूलों और मदरसों के दस्तावेजों को प्रमाणित किया जाना चाहिए और इसके साथ ही लाउडस्पीकर के लिए पुलिस की अनुमति भी बिना किसी प्रतिबंध के प्राप्त की जानी चाहिए क्योंकि सांप्रदायिक तत्व, विशेष रूप से क्रेट सौम्या, मुंबई शहर का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए वह लगातार मस्जिदों, स्कूलों और मदरसों को निशाना बना रहे हैं।
इस बैठक को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि क्रेट सौम्या मस्जिदों और अज़ान से पीड़ित हैं। वह हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत पैदा करने के लिए सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहे हैं, इसलिए मुसलमानों को उनसे सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह रामनवमी पर मालोनी मस्जिद के पास कानून की धज्जियां उड़ाई गईं, डीजे बजाया गया। उन्होंने कहा कि आज संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, इसलिए मुसलमानों को धैर्य रखने और रणनीतिक ढंग से काम करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बीएमसी और पुलिस कमिश्नर के साथ बैठक की जानी चाहिए और उन्हें स्थिति से अवगत कराया जाना चाहिए। साथ ही इन उपद्रवियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है। उन्होंने आगे कहा कि बदमाशों, विशेषकर क्रीट सौम्या के अवैध भ्रमण को रोका जाना चाहिए।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता आरिफ नसीम खान ने कहा कि हमें मस्जिदों, स्कूलों और मदरसों के दस्तावेजों को सही करने की जरूरत है और कानूनी तौर पर उनका जवाब देना चाहिए। आरिफ नसीम खान ने कहा कि मदरसों के कानूनी दस्तावेजों के साथ-साथ लाउडस्पीकर परमिट प्राप्त करना भी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि हमें जोश में नहीं बल्कि सचेत होकर काम करने की जरूरत है क्योंकि सांप्रदायिक तत्व लगातार मुसलमानों को सड़कों पर लाने और उन्हें बहकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमें कानूनी तौर पर उनका जवाब देना होगा। आरिफ नसीम खान ने प्रस्ताव रखा कि केवल अजान लाउडस्पीकर पर दी जाए तथा शेष भाषण मस्जिद के अंदर लगे स्पीकरों का उपयोग करके दिए जाएं, जिस पर विद्वानों ने सहमति व्यक्त की।
इस बैठक में वकीलों की एक टीम गठित की गई जो मस्जिदों के कागजात और अन्य कानूनी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करेगी और फिर इस संबंध में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अबू आसिम आज़मी ने कहा कि उपद्रवियों को मस्जिदों के लाउडस्पीकरों पर ही आपत्ति है। इसमें राज ठाकरे, क्रेट सौम्या, मंगल प्रभात लोढ़ा और नितीश राणे नफरत भरा माहौल बना रहे हैं और मुसलमानों को बहला-फुसलाकर सड़कों पर लाने की साजिश कर रहे हैं ताकि माहौल बिगड़ जाए। मुसलमानों को सतर्क रहने की जरूरत है, इसलिए मेरी मांग है कि इन घृणित नेताओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए तथा इनके दौरों पर भी रोक लगाई जाए ताकि शांतिपूर्ण माहौल बना रहे। इस बैठक में मौलाना अब्दुल रहमान जियाई ने कहा कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकरों पर आपत्ति के संबंध में कानूनी कार्रवाई की गई है। इसके अलावा क्रेट सौम्या और अन्य नेता भी मदरसों को निशाना बना रहे हैं। उनके दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है, जो पूरी तरह गलत है। हालांकि, मदरसों के दस्तावेजों की सत्यता और अन्य मुद्दों पर भी काम किया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
स्कूल में मिलने वाले भोजन के लिए, 954 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत वहन करेगी सरकार

नई दिल्ली, 10 अप्रैल। पीएम पोषण योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को गर्म पका हुआ भोजन दिया जाता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसमें उपयोग होने वाली सामग्री लागत में 9.50 फीसदी की वृद्धि की है। इस वृद्धि के कारण केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में लगभग 954 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत वहन करेगी।
इससे विद्यार्थियों को पर्याप्त और पौष्टिक भोजन मिलता रहेगा। ये नई दरें 1 मई से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होंगी। पीएम पोषण योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके अंतर्गत 10.36 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय आते हैं। यहां बाल वाटिका और कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत 11.20 करोड़ विद्यार्थियों को दिन में एक बार गर्म पका हुआ भोजन दिया जाता है।
इस योजना का उद्देश्य पोषण सहायता प्रदान करना और विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाना है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि पीएम पोषण योजना के अंतर्गत भोजन बनाने के लिए दाल, सब्जियां, तेल, मसाले और ईंधन आदि की खरीद के लिए ‘सामग्री लागत’ प्रदान की जाती है। सामग्री लागत के अलावा, भारत सरकार भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से लगभग 26 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न भी उपलब्ध कराती है।
भारत सरकार खाद्यान्न की 100 प्रतिशत लागत वहन करती है। इसमें प्रति वर्ष लगभग 9,000 करोड़ रुपये का अनुदान और भारतीय खाद्य निगम डिपो से विद्यालयों तक खाद्यान्न की 100 प्रतिशत परिवहन लागत शामिल है। योजना के अंतर्गत खाद्यान्न लागत सहित सभी घटकों को जोड़ने के बाद प्रति भोजन लागत बाल वाटिका और प्राथमिक कक्षाओं के लिए लगभग 12.13 रुपये और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 17.62 रुपये आती है।
केंद्रीय श्रम मंत्रालय का श्रम ब्यूरो, पीएम पोषण के अंतर्गत इन वस्तुओं के लिए मुद्रास्फीति के आंकड़े प्रदान करता है। इन आंकड़ों के अनुसार पीएम पोषण के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) तैयार किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह सूचकांक, देश के 20 राज्यों में फैले 600 गांवों के नमूने से निरंतर मासिक मूल्य एकत्र करने के आधार पर जारी किया जाता है। श्रम ब्यूरो द्वारा उपलब्ध कराए गए मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने ‘सामग्री लागत’ में 9.50 फीसदी की वृद्धि की है।
ये सामग्री लागत दरें न्यूनतम अनिवार्य दरें हैं। वहीं राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसमें अपने निर्धारित हिस्से से अधिक योगदान करने के लिए स्वतंत्र हैं। गौरतलब है कि कुछ राज्य पीएम पोषण योजना के अंतर्गत अधिक पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपने स्वयं के संसाधनों से भी योगदान कर रहे हैं।
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