अपराध
ज्ञानवापी मामला: जिला अदालत के फैसले का इंतजार करेगा सुप्रीम कोर्ट, अक्टूबर तक टली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के संबंध में एक मुकदमे की सुनवाई के लिए मुकदमे की मेंटेनिबिलिटी पर जिला अदालत के फैसले का इंतजार करेगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा के साथ ही न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की समिति की याचिका पर सुनवाई अक्टूबर तक टाल दी। पीठ ने कहा कि परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खुला छोड़ दिया जाएगा।
मस्जिद समिति का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने दलील दी कि आयोग के सर्वेक्षण का आदेश पूर्व ²ष्टया बिना अधिकार क्षेत्र के है। अहमदी ने कहा, “अगर मैं यह साबित कर देता हूं कि नियुक्ति आयोग के संबंध में आदेश अवैध है, तो रिपोर्ट को रद्द कर दिया जाना चाहिए.. अब पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। कई सौ वर्षों से मौजूद यथास्थिति को बदल दिया गया है।” कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति के फैसले को बरकरार रखने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को मस्जिद कमेटी ने चुनौती दी थी।
शीर्ष अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा कथित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद में खोजे गए ‘शिवलिंग’ की ‘पूजा’, ‘दर्शन’, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण और कार्बन डेटिंग की मांग वाली एक अलग याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
सात हिंदू महिलाओं द्वारा दायर याचिका में शीर्ष अदालत से अनुरोध किया गया था कि वह केंद्र सरकार को शिवलिंगम में श्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की वेबसाइट पर लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग उपकरण स्थापित करने का निर्देश दें, जो कि 16 मई को अधिवक्ता आयुक्त के सर्वेक्षण में पाए गए पुराने मंदिर परिसर के भीतर मौजूद है। याचिका में भक्तों को आभासी (वर्चुअल) दर्शन और प्रतीकात्मक पूजा करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
अदालत ने सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद में पाए गए ‘शिवलिंग’ की पूजा करने के अधिकार की मांग करने वाली एक अन्य रिट याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया। याचिकाओं को कानून के तहत उपलब्ध अन्य उपायों को आगे बढ़ाने की स्वतंत्रता के साथ वापस ले लिया गया।
अपराध
दिल्ली: बवाना में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे की हत्या, पुलिस ने जताई गैंगवार की आशंका

नई दिल्ली, 27 जून। दिल्ली में सरेआम कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे की हत्या कर दी गई है। दिल्ली के बवाना थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह हत्या की घटना को अंजाम दिया गया। मृतक की पहचान मंजीत महाल के भांजे दीपक के रूप में हुई, जो सुबह टहलने के लिए निकला था। इस घटना में हत्याकांड में गैंगवार का संदेह जताया जा रहा है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि घटना सुबह करीब 7 से 8 बजे के बीच की है। दो हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और दीपक पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। उन्होंने कई राउंड फायर किए थे। मौके पर ही दीपक की मौत हो गई। दीपक को निशाना बनाकर हमला किया गया, जिसमें उसकी बेटी भी घायल हो गई। हमले के समय दीपक के साथ मॉर्निंग वॉक पर उसकी बेटी भी थी। गोलीबारी में उसकी बेटी के हाथ में चोट आई है। हालांकि वो खतरे से बाहर है।
पुलिस ने बताया कि दीपक को 7-8 घाव लगे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक गोलियों की सही संख्या का पता नहीं चलेगा।
जांच में सामने आया है कि दीपक की हत्या करने के बाद हमलावर आगे की ओर बढ़े थे, लेकिन वो फिर वापस लौटकर आए और दोबारा भी दीपक को गोली मारी। उसके बाद दोनों हमलावर मौके से फरार हो गए। पुलिस के मुताबिक, मृतक दीपक कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल का भांजा था, हालांकि उसकी खुद की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी।
घटना में पुलिस को संदेह है कि ये हत्या इलाके में चल रही गैंगवार का हिस्सा हो सकती है। पुलिस ने बताया कि दो हमलावरों में से एक की पहचान कर ली गई है और उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही ये स्पष्ट हो सकेगा कि हत्या के पीछे असल वजह क्या थी।
अपराध
हरदोई : जिला महिला अस्पताल से चोरी हुए नवजात को पुलिस ने कुछ ही घंटे में किया बरामद

हरदोई, 26 जून। हरदोई के जिला महिला चिकित्सालय से चोरी हुए एक नवजात शिशु को बरामद कर लिया गया है। इस मामले में एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है, जो एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती है।
यह घटना गुरुवार देर रात करीब तीन बजे की है। जानकारी के अनुसार, हरदोई के बिल्हारी हरियावां निवासी शिवाकांत दीक्षित की पत्नी निधि दीक्षित ने बीते 19 जून को एक बेटे को जन्म दिया था। बच्चे की डिलीवरी होने के बाद जच्चा-बच्चा को अस्पताल की पहली मंजिल के 36 नंबर वार्ड के बेड संख्या 9 पर शिफ्ट कर दिया गया था।
गुरुवार देर रात को शिशु को उसकी नानी के पास सुलाया गया था। इसी दौरान एक मास्क पहने अज्ञात महिला वहां पहुंची और मौका पाकर बच्चे को लेकर फरार हो गई। जब नानी ने कुछ देर बाद देखा तो बच्चा वहां नहीं था, जिसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। परिजनों की सूचना पर अस्पताल पहुंची कोतवाली पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू की और कुछ घंटों के अंदर ही बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।
हरदोई के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नीरज कुमार जादौन ने बताया कि गुरुवार सुबह सूचना मिली थी कि करीब 6 दिन का एक बच्चा गायब हो गया है। हमारे सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने तत्काल इसका संज्ञान लिया और पुलिस टीम ने बच्चे को बरामद कर लिया। बच्चे को चोरी करने वाली महिला को गिरफ्तार किया गया है। महिला एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती है और उससे पुलिस पूछताछ कर रही है कि आखिर उसने बच्चे को क्यों चुराया है। साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि वह बच्चे के साथ क्या करना चाहती थी। हर एंगल से पुलिस जांच कर रही है।
बच्चे के पिता, शिवाकांत दीक्षित, ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मैंने 18 जून को अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था और 19 जून को मेरी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था। गुरुवार देर रात करीब 2 से 3 बजे के बीच में मेरे बच्चे को चुरा लिया गया था। हालांकि, पुलिस की मदद से बच्चे को बरामद किया गया है। मैं पुलिस अधीक्षक और पुलिस का आभार व्यक्त करता हूं, जिनकी वजह से मेरा बच्चा मिल पाया।
अपराध
बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में बड़ा मोड़: सूत्रों का कहना है कि जीशान अख्तर को बिश्नोई गैंग के ऑपरेटिव आकाश चौहान ने भर्ती किया और उसका ब्रेनवॉश किया

मुंबई: एनसीपी (अजीत पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की हाई-प्रोफाइल हत्या मामले में एक बड़ा खुलासा करते हुए, मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने पुष्टि की है कि कनाडा में हिरासत में लिए गए जीशान अख्तर का शुरू में बिश्नोई गिरोह से कोई संबंध नहीं था। अनमोल बिश्नोई के कहने पर बिश्नोई सिंडिकेट के एक प्रमुख कार्यकर्ता आकाश चौहान ने कथित तौर पर उसे भर्ती किया और उसका ब्रेनवॉश किया।
जांचकर्ताओं के अनुसार, जीशान पहले पंजाब के प्रतिद्वंद्वी बंबीहा गिरोह से जुड़ा था और उसे एक भरोसेमंद हत्यारा माना जाता था। सूत्रों का दावा है कि आकाश चौहान – जो वर्तमान में फरीदकोट जेल में बंद है – ने जालंधर जेल से जीशान की रिहाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उसे लाखों रुपये के भुगतान का वादा करके बिश्नोई गिरोह में शामिल होने के लिए राजी किया।
निर्णायक मोड़ तब आया जब बिश्नोई सिंडिकेट ने बाबा सिद्दीकी को खत्म करने का फैसला किया। पटियाला जेल से अनमोल बिश्नोई के निर्देश पर काम करते हुए आकाश चौहान ने जीशान को संभावित भर्ती के रूप में पहचाना। इसके बाद चौहान ने जीशान की जमानत का इंतजाम किया और 7 जून को रिहा होने के बाद जीशान ने सीधे चौहान से मुलाकात की।
सूत्रों के अनुसार, इस मीटिंग के दौरान ही जीशान को हत्या की साजिश में शामिल होने के लिए राजी किया गया। चौहान के निर्देश पर जीशान ने शूटर गुरमेल सिंह को भर्ती किया और उसे मुंबई भेज दिया। इसके बाद जीशान ने योजना को अंजाम देने में मदद के लिए एक अन्य वांछित आरोपी शुभम लोनकर से संपर्क किया।
क्राइम ब्रांच के अधिकारी अब आकाश चौहान को इस मामले में आरोपी बनाने की तैयारी कर रहे हैं और पूछताछ के लिए उसे पंजाब से मुंबई भेजने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चौहान का बिश्नोई सिंडिकेट से पुराना संबंध है और उसने पहले भी कई कॉन्ट्रैक्ट किलिंग में भूमिका निभाई है।
इस बीच, जीशान अख्तर को कनाडा से भारत वापस लाने के प्रयास जोरों पर हैं, मुंबई क्राइम ब्रांच सीबीआई और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। जांचकर्ताओं का मानना है कि जीशान से पूछताछ से आने वाले दिनों में और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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