राजनीति
आरक्षण बहुजनों का अधिकार, विकास योजनाओं के लिए जातिगत जनगणना जरूरी : अनिल कुमार
जनतान्त्रिक विकास पार्टी (जेवीएम) मंगलवार को पटना में साहुजी महाराज द्वारा देय आरक्षण दिवस पर आरक्षण हिस्सेदारी सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें बहुजन आरक्षण और जातिगत जनगणना कराने की मांग प्रमुखता से उठाई गई। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि आरक्षण बहुजनों का अधिकार है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए अनिल कुमार ने कहा कि बहुजन आरक्षण के असली हकदार है, क्योंकि देश की 90 प्रतिशत आबादी बहुजनों की है जिन्हें आजादी के 75 वर्ष बाद भी राजनीति, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से मरहूम है।
उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार की दमनकारी नीति के कारण 90 प्रतिशत आबादी वाले को मात्र 49.5 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है, जबकि मात्र 10 प्रतिशत आबादी वाले को 50.5 प्रतिशत आरक्षण देय है जो भारतीय संविधान पर करारा तमाचा है।
कुमार ने कहा कि शोषितों, दलितों की सही लड़ाई जनतांत्रिक विकास पार्टी ही लड़ रही है और देश के अंतिम पायदान पर रहने वाले शोषित वंचितों के हक दिलाने का काम करती रहेगी।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब एवं बल्लभ भाई पटेल के सपने को साकार करने के लिए पार्टी कृत संकल्पित है। बहुजनों के आरक्षण को कोई हकमारी नहीं कर सकता। उन्होंने इस मौके पर जातिगत जनगणना को देश के विकास के हित में बताया और कहा कि जनगणना से सरकार को विकास योजनाएं तैयार करने में मदद मिलती है।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. रंजन कुमार ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने भारतीय संविधान में बहुजनों की आवाज को रेखांकित किया है, क्योंकि वे शोषितों वंचितों की आवाज बनकर सामाजिक न्याय और समानता की बात की। उन्होंने केन्द्र सरकार सरकारी उपक्रमों का निजीकरण कर और अगड़ी जातियों को आरक्षण देकर शोषितों दलितों की हकमारी की है।
सम्मेलन में पार्टी द्वारा राजनीतिक प्रस्ताव भी लाया गया। प्रस्ताव भी पास किया गया।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
पाकिस्तान : टीटीपी का आतंक जारी, परमाणु ऊर्जा आयोग के 16 कर्मचारियों को बनाया बंधक
इस्लामाबाद, 10 जनवरी। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कथित तौर पर पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (पीएईसी) के 16 कर्मचारियों का अपहरण कर लिया है। स्थानीय पुलिस ने तत्काल तलाशी अभियान शुरू किया और आठ बंधकों को सफलतापूर्वक बचा लिया।
काबुल खेल परमाणु ऊर्जा खनन परियोजना में काम करने जा रहे श्रमिकों पर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। बंदूक की नोक पर लोगों को बंधक बनाने के बाद हमलावरों ने उनके वाहन में आग लगा दी और मौके से भाग गए।
स्थानीय पुलिस ने आठ बंधकों को बचा लिया। हालांकि, मुक्त कराए गए लोगों में से तीन ऑपरेशन के दौरान घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। शेष बंधकों को छुड़ाने के प्रयास जारी हैं।
टीटीपी ने अपहरण की जिम्मेदारी ली है और किडनैप किए गए श्रमिकों का एक वीडियो जारी किया है। फुटेज में, कुछ बंधकों ने अधिकारियों से समूह की मांगों का पालन करके उनकी रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की।
इन मांगों में कथित तौर पर पाकिस्तानी जेलों में बंद टीटीपी कैदियों को रिहा करना भी शामिल है। वीडियो या आतंकवादियों के दावों का स्वतंत्र सत्यापन अभी लंबित है।
किडनैप कर्मचारी ऊर्जा, कृषि और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में शांतिपूर्ण परमाणु एप्लीकेशन को एडवांस करने पर केंद्रित संगठन पीएईसी के तहत खनन परियोजनाओं में लगे हुए थे।
यह अपहरण पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों की लगातार सिलसिले के बीच हुआ। एक दिन पहले ही, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के अलगाववादी आतंकवादियों ने बलूचिस्तान में एक हमला किया। इसमें एक दूरदराज के जिले में सरकारी कार्यालयों और एक बैंक को निशाना बनाया गया। हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन यह हमला देश भर में विद्रोही अभियानों की बढ़ती तीव्रता को दर्शाता है।
पाकिस्तानी अधिकारियों का आरोप है कि टीटीपी और बलूच विद्रोही अफगानिस्तान में शरणस्थलों से अपनी गतिविधियां चलाते हैं। काबुल ने इस आरोप का खंडन किया है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक वैश्विक आतंकवादी संगठन नामित टीटीपी को हाल के आकलन में अफगानिस्तान का सबसे बड़ा आतंकवादी समूह बताया गया है, जिसके हजारों लड़ाके इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।
अपराध
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को बम से उड़ाने की धमकी
अलीगढ़, 10 जनवरी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को गुरुवार को एक धमकी भरा ईमेल प्राप्त हुआ है, जिसमें यूनिवर्सिटी को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। ई-मेल में दो लाख रुपये की फिरौती की मांग भी की गई है। इस ईमेल के मिलने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन में हड़कंप मच गया, मामले की सूचना जिला प्रशासन और पुलिस को दी गई।
धमकी भरे ई-मेल में एक यूपीआई आईडी दी गई थी, जिस पर पैसे की मांग की गई थी। पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया और तुरंत एक्शन लिया। मामले की सूचना मिलने के बाद डीएसपी अभय कुमार पाण्डेय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एएमयू के आधिकारिक ईमेल अकाउंट पर एक धमकी भरा मेल भेजा गया है, जिसमें बम से उड़ा देने की धमकी दी गई है और दो लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि मेल में जो यूपीआई आईडी दी गई है, उसे साइबर क्राइम टीम के पास भेज दिया गया है, ताकि मामले की गहन जांच की जा सके।
घटना के बाद यूनिवर्सिटी के विभिन्न स्थानों पर बम स्क्वाड और एटीएस की टीमों को भेजकर चेकिंग शुरू कर दी। इसके अलावा, पुलिस बल भी घटनास्थल पर मौजूद रहा, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली ने बताया कि ई-मेल के माध्यम से यूनिवर्सिटी के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी दी गई। मेल मिलने के बाद तुरंत जिला प्रशासन और पुलिस को सूचित किया गया। इसके बाद यूनिवर्सिटी परिसर में व्यापक सुरक्षा जांच की गई और सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन दोनों ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। यूनिवर्सिटी परिसर में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और जांच जारी है।
राजनीति
ईडी ने आरजेडी विधायक आलोक मेहता के ठिकानों पर मारी रेड
पटना, 10 जनवरी। बिहार सरकार में पूर्व मंत्री रहे और आरजेडी विधायक आलोक मेहता के आवास पर शुक्रवार सुबह ईडी की टीम ने रेड मारी है। जानकारी के मुताबिक आय से अधिक संपत्ति के मामले में विधायक आलोक मेहता के ठिकानों पर छापा मारा गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम आरजेडी विधायक आलोक कुमार मेहता के आवास पर सुबह से ही छापेमारी कर रही है। जानकारी के अनुसार, ईडी की टीम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नेता से जुड़े एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर कार्रवाई कर रही है।
ईडी की कार्रवाई के मद्देनजर विधायक के आवास के बाहर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि आलोक मेहता आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार के बेहद ही करीबी हैं।
वह बिहार की उजियारपुर विधानसभा सीट से आरजेडी के विधायक हैं और महागठबंधन की सरकार में वह भूमि राजस्व एवं शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के शील कुमार रॉय को 23,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था।
आलोक मेहता साल 2004 में उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी चुने गए थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
मेहता के पिता तुलसी प्रसाद मेहता भी लालू सरकार में मंत्री थे। बिहार में जब-जब भी महागठबंधन की सरकार बनी तब-तब आलोक मेहता मंत्री बनाए गए हैं। वह पार्टी में भी कई अहम पदों को संभाल चुके हैं।
वह राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक सदस्य हैं और पार्टी के प्रधान महासचिव की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। उन्हें तेजस्वी यादव का राजनीतिक गुरु भी कहा जाता है।
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