राष्ट्रीय
स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय अभियान के लिए ऑस्ट्रियाई ओईईबी ने विश्वराज एंनवॉयरमेंट ग्रुप को वित्तीय मदद दी

विश्वराज एनवॉयरनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (वीईपीएल), भारत की प्रमुख ईएसजी केंद्रित जल उपयोगिता फर्म ने घोषणा की है कि उसने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत महेशतला के अपने हाइब्रिड एनुइटी मॉडल (एचएएम) परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त की है। स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) के तहत नमामि गंगे कार्यक्रम का संचालन होता है।
वीईपीएल ने अपनी सहायक इकाई महेशतला वेस्ट वाटर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (एमडब्ल्यूडब्ल्यूएमपीएल) के माध्यम से कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) के साथ नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 273 करोड़ रुपये के एचएएम रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत महेशतला में डिजाइनिंग, वित्तपोषण, सीवेज उपचार संयंत्रों का निर्माण, पंपिंग स्टेशन और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे शामिल थे।
परियोजना में 2 साल और 15 साल की ओ एंड एम की निर्माण अवधि शामिल है, जो एनएमसीजी के द्वारा समर्थित है।
यह एसडीजी-6 और एसडीजी-14 के मापदंडों पर एक मजबूत सकारात्मक प्रभाव के साथ, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में योगदान देगा। उपचारित पानी को वापस गंगा में छोड़ा जाएगा, जहां लाखों लोग अपनी आजीविका के लिए नदी पर निर्भर हैं।
परियोजना लागत को एनएमसीजी अनुदान, इक्विटी और ऋण के मिश्रण द्वारा वित्त पोषित किया जाना है, जिसमें 13 मिलियन यूरो से अधिक के पूरे परियोजना ऋण के साथ ऑस्ट्रिया के विकास बैंक (ओईईबी) ओस्टररेचिस एंटविकलुंग्सबैंक एजी द्वारा वित्त पोषित किया जाना है। यह लेनदेन एनएमसीजी की एचएएम परियोजनाओं में यूरोपीय डीएफआई द्वारा पहली प्रत्यक्ष उधारी का प्रतीक है। इस सौदे के लिए डेलॉइट इंडिया वित्तीय सलाहकार थी।
हस्ताक्षर कार्यक्रम 25 मई, 2022 को भारत में ऑस्ट्रिया गणराज्य के राजदूत, कैथरीना वीसर और भारत में ऑस्ट्रियाई व्यापार आयुक्त हंस-जोर्ग हॉर्टनागल की उपस्थिति में एनएमसीजी कार्यालय में आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रियाई राजदूत ने भारत की स्वच्छ गंगा मिशन परियोजना में ऑस्ट्रियाई विकास बैंक की भागीदारी का स्वागत किया, जिसका लाखों लोगों पर अत्यधिक सकारात्मक सामाजिक प्रभाव है और भविष्य में एनएमसीजी परियोजनाओं में ऑस्ट्रिया से अधिक भागीदारी की कामना की। उन्होंने इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए विश्वराज समूह को शुभकामनाएं दीं और भविष्य की परियोजनाओं में ऑस्ट्रिया की निरंतर भागीदारी की कामना की।
ऑस्ट्रियाई व्यापार आयुक्त ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में ऑस्ट्रियाई कंपनियों के साथ उपलब्ध उच्च स्तर की तकनीकी विशेषज्ञता का उल्लेख किया और एनएमसीजी परियोजनाओं में ऑस्ट्रिया से भविष्य में अधिक भागीदारी की कामना की।
इस हस्ताक्षर कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए एनएमसीजी के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने कहा, हाइब्रिड वार्षिकी आधारित पीपीपी मोड (एचएएम) पर नगरपालिका अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए बाजार हर परियोजना के साथ बोलीदाताओं की बढ़ती भागीदारी के साथ परिपक्व हो रहा है और विकास बैंक को नोट करते हुए खुशी हो रही है।
उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि एमडब्लयूडब्ल्यूएमपीएल निर्धारित समय से पहले परियोजना को पूरा करने में सक्षम होगा और एचएएम मॉडल पर नगर अपशिष्ट जल क्षेत्र में अधिक अंतर्राष्ट्रीय वित्त पोषण समर्थन आएगा।
केएमडीए की सीईओ अंतरा आचार्य ने वित्तीय समापन हासिल करने के लिए एनएमसीजी और वीईपीएल समूह को बधाई दी। इस परियोजना का बंगाल के लोगों के लिए अत्यधिक सकारात्मक सामाजिक प्रभाव है और इससे डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों के लाखों लोगों को लाभ होगा।
हस्ताक्षर कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए ओईईबी के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य सबीन गैबर ने कहा, स्वच्छ पानी मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण, जलवायु और जैव विविधता के साथ-साथ कृषि उत्पादकता और खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हम इस महत्वपूर्ण परियोजना ,जो भारत सरकार के स्वच्छ गंगा-कार्यक्रम में योगदान करती है, इसका समर्थन करने में प्रसन्न हैं।।
इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए वीईपीएल के सीएमडी, अरुण लखानी ने कहा, वीईपीएल को हमारे प्रधानमंत्री की प्रमुख स्वच्छ गंगा परियोजना में योगदान करने पर गर्व है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो एनएमसीजी एचएएम परियोजना में यूरोपीय डीएफआई द्वारा पहली प्रत्यक्ष ऋण प्रदान करती है। हम पर विश्वास करने के लिए हम केएमडीए और एनएमसीजी को धन्यवाद देते हैं। हमें विश्वास है कि यह उपलब्धि जल ईएसजी परियोजना क्षेत्र में डीएफआई की और भागीदारी का मार्ग प्रशस्त करेगी।
इस अवसर पर सिद्धार्थ लखानी, ईडी, वीईपीएल ने कहा, हम ओईईबी, एनएमसीजी और केएमडीए को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं। वीईपीएल में हम भारत सरकार एसडीजी लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम एनएमसीजी के तहत पीपीपी/एचएएम तथा अमृत 2.0 की परियोजनाओं के लिए तत्पर हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग’ को बढ़ावा देने के लिए नौ देशों में चार प्रोजेक्ट्स शुरू

नई दिल्ली, 2 अगस्त। ‘साउथ-साउथ कोऑपरेशन’ यानी दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए भारत और संयुक्त राष्ट्र ने नौ साझेदार देशों में चार कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स के पहले चरण की शुरुआत की है। यह पहल ‘इंडिया-यूएन ग्लोबल कैपेसिटी बिल्डिंग इनिशिएटिव’ के तहत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजीएस) को हासिल करने में देशों की मदद करना है।
इस पहल का शुभारंभ शुक्रवार को विदेश मंत्रालय (एमईए) के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने किया।
इन नौ सहयोगी देशों में जाम्बिया, लाओस, नेपाल, बारबाडोस, बेलीज, सेंट किट्स एंड नेविस, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो और दक्षिण सूडान शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के मिशनों के प्रमुख, संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शॉम्बी शार्प, राजनयिक, भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (आईटीईसी) की कार्यान्वयन संस्थाओं के अधिकारी, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां और अन्य साझेदार संगठनों ने भी हिस्सा लिया।
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर लिखा, “एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग’ को बढ़ावा! ‘इंडिया-यूएन ग्लोबल कैपेसिटी बिल्डिंग इनिशिएटिव’ के तहत नौ साझेदार देशों में चार परियोजनाओं के पहले चरण की सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने शुरुआत की। मिशनों के प्रमुख, यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शॉम्बी शार्प, राजनयिक, आईटीईसी संस्थाओं के अधिकारी, यूएन एजेंसियां और अन्य साझेदार संगठन कार्यक्रम में शामिल हुए। ये परियोजनाएं खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, व्यावसायिक प्रशिक्षण और जनगणना की तैयारियों पर केंद्रित हैं।”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तन्मय लाल ने कहा कि “एसडीजी-17 और प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भावना में, वैश्विक क्षमता निर्माण के लिए यह नई भारत-संयुक्त राष्ट्र पहल और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। इसका उद्देश्य एसडीजी से संबंधित प्रमुख क्षेत्रों में अनुभव साझा करना और वैश्विक दक्षिण साझेदारों को सशक्त बनाना है।”
‘इंडिया-यूएन ग्लोबल कैपेसिटी बिल्डिंग इनिशिएटिव’ के तहत, संयुक्त राष्ट्र अपनी वैश्विक पहुंच का उपयोग करते हुए भारत की श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों और संस्थानों को अन्य देशों से जोड़ने में मदद करेगा, ताकि सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजीएस) को हासिल करने की गति तेज की जा सके। इस पहल में स्किल्स ट्रेनिंग, नॉलेज एक्सचेंज, और साझेदार देशों में पायलट प्रोजेक्ट्स जैसी कई गतिविधियां शामिल हैं, जिन्हें नए ‘यूएन इंडिया एसडीजी कंट्री फंड’ और आईटीईसी कार्यक्रम के जरिए लागू किया जाएगा।
यूएन रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शॉम्बी शार्प ने कहा, “वसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया एक परिवार है) की भावना के तहत, भारत एसडीजी को गति देने के लिए ‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग’ में अपनी लंबे समय से चली आ रही नेतृत्वकारी भूमिका को विस्तार दे रहा है, जिसमें भारतीय संस्थानों और यूएन प्रणाली की नवाचार और साझेदारी क्षमता का भरपूर उपयोग किया जा रहा है।”
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को टाला, जानें नई तारीख

TRUMP
वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 1 अगस्त। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया है। अब यह टैरिफ 1 अगस्त की बजाय 7 अगस्त से प्रभावी होगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 92 देशों पर नए टैरिफ लगा दिए हैं। ये 7 अगस्त से लागू होंगे। इसमें भारत पर 25 फीसदी और पाकिस्तान पर 19 फीसदी टैरिफ लगाया गया है। साउथ एशिया में सबसे कम टैरिफ पाकिस्तान पर लगाया गया है; पहले ये 29 फीसदी था।
वहीं दुनियाभर में सबसे ज्यादा टैरिफ सीरिया पर लगाया गया है, जो 41 प्रतिशत है। लिस्ट में चीन का नाम शामिल नहीं है।
ट्रंप ने 2 अप्रैल को दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, लेकिन 7 दिन बाद ही इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया था। कुछ दिनों बाद 31 जुलाई तक का समय दिया था। फिर 90 दिनों में 90 सौदे कराने का टारगेट रखा गया था। हालांकि इस बीच अमेरिका का महज 7 देशों से समझौता हो पाया।
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को नए टैरिफ की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में लिखा, “भारत हमेशा से रूस से अधिकांश सैन्य आपूर्ति खरीदता आया है और अब चीन के साथ मिलकर रूस से ऊर्जा का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध के समाप्त होने की उम्मीद कर रही है, भारत का यह रुख उचित नहीं है। ये चीजें अच्छी नहीं हैं।”
ट्रंप ने आगे कहा कि इसलिए भारत को 25 प्रतिशत टैरिफ देना होगा और इन कारणों को लेकर उसे एक अतिरिक्त जुर्माना भी भुगतना होगा। वहीं, ट्रंप के इस ऐलान पर भारत ने कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए गए इस टैरिफ पर विपक्ष ने सवाल उठाया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारत पर 25 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ के बाद सरकार की पॉलिसी पर सवाल उठाए। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा को देश चलाना नहीं आता है। इस सरकार ने देश की पूरी इकॉनमी को खत्म कर दिया है।
पहले यह टैरिफ 1 अगस्त, शुक्रवार से लागू होने थे, लेकिन ट्रंप ने इस निर्णय को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। ‘पारस्परिक टैरिफ दरों में और संशोधन’ नामक एक कार्यकारी आदेश में राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया भर के लगभग 70 देशों के लिए टैरिफ दरों की घोषणा की थी। भारत इनमें से एक प्रमुख देश है।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने को लेकर भारत में काफी उत्साह : अरविंद पनगढ़िया

नई दिल्ली, 26 जुलाई। 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर भारत में काफी उत्सुकता और उत्साह है, जिससे भारतीय उद्योगों को एक बड़े निर्यात बाजार तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
सीएसआईएस चेयर ऑन इंडिया एंड इमर्जिंग एशिया इकोनॉमिक्स द्वारा न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में पनगढ़िया ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता देश के वैश्विक निवेश परिदृश्य के लिए एक बड़ी सफलता ला सकता है।
उन्होंने इस सप्ताह आयोजित कार्यक्रम में ‘राइजिंग इंडिया’ के लिए अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा, “व्यापक हित में, विशेष रूप से वर्तमान व्यापार शुल्क के संदर्भ में अर्थव्यवस्था को अधिक मुक्त बनाने की आवश्यकता है और जब आप व्यापार समझौते करते हैं तो आपको अपने निर्यात के लिए बड़े बाजारों तक भी पहुंच मिलती है।”
संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने के वर्तमान संदर्भ ने दुनिया में एक अलग व्यापार गतिशीलता पैदा कर दी है।
उन्होंने कहा, “मुझे जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे लगता है कि अमेरिकी व्यापार समझौते को लेकर काफी उत्सुकता है। मुझे इस समझौते के साथ-साथ यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ भविष्य में होने वाले समझौते को लेकर भी काफी उत्साह दिखाई दे रहा है।”
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के सफल समापन के बाद, अब सभी की निगाहें यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ होने वाले व्यापार समझौते पर टिकी हैं।
भारत और यूरोपीय संघ जून 2022 से एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं और 12 दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है, जिसमें आखिरी दौर जुलाई 2025 में होगा। भारत और यूरोपीय संघ 2025 के अंत तक एक मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अमेरिका भारत के साथ एक व्यापार समझौते के करीब है । वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय वार्ता दल ने इसी महीने वाशिंगटन का दौरा किया था।
पनगढ़िया ने कहा, “मैं अपने वर्तमान पद पर रहते हुए सरकार का हिस्सा नहीं हूं, लेकिन अमेरिका और अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने में हमारी गहरी रुचि है।”
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र1 month ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय11 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार5 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा