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Saturday,20-December-2025
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राजनीति

मरने के बाद मुझे दफनाया नहीं जाए, मेरा हो दाह-संस्कार : वसीम रिजवी

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उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी विवादों में हैं। उन्होंने अब एक वीडियो-रिकॉर्डेड संदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि मरने के बाद हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उनका दाह संस्कार किया जाए और दफन नहीं किया जाए। रविवार को जारी वीडियो में, रिजवी ने उल्लेख किया कि उनका शरीर उनके हिंदू मित्र, डासना मंदिर के महंत नरसिम्हा नंदा सरस्वती को सौंप दिया जाना चाहिए, और उन्हें उनकी चिता को जलाने देना चाहिए।

वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को चुनौती दी है और फिर एक नया कुरान लिखने का दावा किया है, जिसके बाद वह काफी विवादों में रहे हैं।

कथित तौर पर उन्हें मुस्लिम समूहों से कुरान से छंदों को हटाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका दायर करने के लिए मौत की धमकी मिली है, जिस पर उनका आरोप है कि ये छंद ‘हिंसा सिखाते हैं।’

राजनीति

पप्पू यादव ने पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर उठाए सवाल, पूछा-पहले के वादे पूरे हुए?

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पूर्णिया, 20 दिसंबर : पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वो कई बार पश्चिम बंगाल जा चुके हैं, तब क्या हुआ?

पप्पू यादव ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि जब कभी इस देश में किसी राज्य में चुनावी बिगुल बजता है तो ये राजनेता चले जाते हैं। बिहार में भी इन लोगों ने कई तरह के लोकलुभावने वादे किए थे। उन वादों का क्या हुआ? क्या वे वादे पूरे हुए? बिहार का चुनाव पूरी तरह से नीतीश कुमार को जिताने के लिए ही था। इससे पहले ये लोग जम्मू-कश्मीर भी गए थे। क्या वहां पर किए गए वादे पूरे हुए?

निर्दलीय सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले पश्चिम बंगाल गए थे, जहां उन्होंने रविंद्रनाथ का रूप धारण कर लिया था। इससे पहले जब ये पंजाब गए थे, तो इन लोगों ने सिख का रूप धारण कर लिया था। जब ओडिशा गए थे, तो नवीन पटनायक के ही राजनीतिक अस्तित्व पर संकट आ गया था।

पप्पू यादव ने दावा किया कि बंकिम चटर्जी को ये लोग दादा बोल रहे हैं, जबकि इनके मंत्री इनका नाम भी नहीं ले पा रहे हैं। ये लोग कुछ भी टिप्पणी कर दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल तो महात्मा गांधी को मानने वाली भूमि है। वहां पर लोग काली माता को मानते हैं। वहां पर सभी पापियों का नरसंहार करते हैं। रविंद्र नाथ टैगोर और महात्मा गांधी शांति के प्रतीक हैं। पश्चिम बंगाल में नफरत का कोई आधार नहीं है। ऐसी स्थिति में इन लोगों का पश्चिम बंगाल में कुछ नहीं होने वाला है। विवेकानंद ने वसुधैव कुटुंबकम की बात की। भाजपा ने सुभाष चंद बोस को कभी सम्मान नहीं दिया। ऐसी स्थिति में यही कहना है कि भाजपा का वहां पर क्या काम है।

पप्पू यादव ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अप्रैल में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसी स्थिति में इस बात की पूरी प्रबल संभावना है कि आगामी दिनों में केंद्र सरकार की ओर से बजट में भी बंगाल ही बंगाल किया जाएगा। मैं समझता हूं कि इन लोगों को पश्चिम बंगाल के हितों से कोई लेना देना नहीं है।

वहीं, विकसित भारत-जी राम जी योजना पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राम जी प्रेम और मानवता के प्रतीक थे, लेकिन इन लोगों को कुछ पता नहीं है। इन लोगों ने मनरेगा की हत्या कर दी। इन लोगों ने आज तक किसी को रोजगार नहीं दिया। अगर मनरेगा की योजना नहीं होती, तो मजदूरों का कोरोना काल में बुरा हाल हो जाता। जिन लोगों ने आज तक अपने शासनकाल में 60 दिनों तक किसी को रोजगार नहीं दिया, वो लोग भला 125 दिनों तक किसी को कैसे रोजगार दे सकते हैं।

पप्पू यादव ने जी राम जी योजना में राज्य सरकार की ओर से 40 फीसदी योगदान देने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कौन सा बीमारू राज्य इन्हें 40 फीसदी का योगदान देगा। अब सभी राज्यों की हालत महाराष्ट्र या कर्नाटक की तरह तो नहीं है। ऐसी स्थिति में 40 फीसदी योगदान देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

उन्होंने दावा किया कि मनरेगा की योजना में बदलाव करके इन लोगों ने गरीबों के पेट में लात मार दी। आप लोग आरक्षण को खत्म नहीं कर सकते थे, तो आपने नौकरियों को ही खत्म कर दिया। आप लोग दलित आदिवासियों का भला नहीं करना चाहते थे, तो आप लोगों ने एसआईआर का सहारा लेकर उनके अस्तित्व को ही खत्म करने का विचार कर लिया, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

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राजनीति

भारत से महात्मा गांधी का नाम कभी नहीं मिट सकता : भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर : विपक्ष की ओर से जी राम जी बिल को लेकर किए जा रहे विरोध पर भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि इस देश से महात्मा गांधी का नाम नहीं मिट सकता है।

नई दिल्ली में आईएएनएस से बातचीत के दौरान भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष के पास कोई काम और असली मुद्दे नहीं हैं। क्या वे यह नहीं समझते कि कोई भी इस देश से महात्मा गांधी का नाम नहीं मिटा सकता? गांधी जी की भारत पर एक अमिट छाप है। विपक्ष ने तो बार-बार उन्हीं पर हमला किया है। क्या पश्चिम बंगाल में जो तुष्टीकरण हो रहा था, वह गांधी के सिद्धांतों के मुताबिक था? क्या पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति वैसी है जैसा गांधी ने सोचा था? ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए।

बंगाल में एसआईआर को लेकर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि इतने सारे फर्जी नाम कैसे जोड़े गए और इसके लिए कौन जिम्मेदार था। बिहार में 6.5 मिलियन नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए। अगर नाम गलत तरीके से हटाए गए थे, तो दावे किए जाने चाहिए थे। कोई भी दावा करने के लिए आगे क्यों नहीं आया? ये लोग कहां गायब हो गए? ये सवाल भी उठाए जाने चाहिए।

पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मकसद नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम बंगाल को देश का एक मजबूत और ज़रूरी हिस्सा बनाना है, और यह कदम उसी विज़न के हिसाब से है। मेरा मानना है कि नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम बंगाल में कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का इतना शानदार स्तर पहले कभी नहीं देखा गया है। वहां एक रैली और भाषण होंगे। लोग प्रधानमंत्री को सुनने के लिए बेताब हैं। यह दिखाता है कि लोगों को उनसे कितना प्यार और लगाव है।

आप सांसद संजय सिंह के बयान पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संजय सिंह ने संसद में बहुत आपत्तिजनक और नफरत भरी बात कही है। उन्हें अपने बयान के लिए नतीजे भुगतने होंगे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर अजय आलोक ने कहा कि राहुल गांधी अपने साथियों के साथ घूम रहे हैं। जॉर्ज सोरोस उनके मेंटर हैं, इसलिए वह सोरोस के फॉलोअर्स के साथ यात्रा कर रहे हैं। इसमें क्या दिक्कत है? पूरा देश, बल्कि पूरी दुनिया जानती है कि कांग्रेस की फंडिंग, मोदी सरकार को गिराने की योजना, और इसके पीछे जो पैसा और संसाधन हैं, वे जॉर्ज सोरोस से जुड़े हैं। राहुल गांधी को जॉर्ज सोरोस के मोहरे के तौर पर दिखाया जा रहा है। अगर सोरोस कहते हैं कि दाएं जाओ, तो राहुल दाएं जाते हैं। अगर वह कहते हैं कि बाएं जाओ, तो राहुल बाएं जाते हैं और अगर वह कहते हैं कि कूदो, तो राहुल कूदने लगेंगे।

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अंतरराष्ट्रीय

बांग्लादेश का माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अच्छा संकेत नहीं: शशि थरूर

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नई दिल्ली, 20 दिसंबर : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में जाने-माने मीडिया हाउस पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जताई। साथ ही, बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच खुलना और राजशाही में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन में वीजा सेवाओं को जबरन बंद करने की भी निंदा की।

कट्टरपंथी इस्लामी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में अशांति की एक नई लहर देखने को मिली है। हादी 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे, जिसके कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था।

इस हत्या के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। ढाका समेत देश के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें सामने आई हैं।

इंकलाब मंचो नेता हादी की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं और भीड़ ने प्रमुख मीडिया संगठनों और बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष विरासत से जुड़ी जगहों को निशाना बनाया है। मीडिया संस्थानों में आगजनी और तोड़फोड़ की खबरों ने देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है।

इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रेस पर हमले लोकतांत्रिक मूल्यों की बुनियाद पर हमला हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “बांग्लादेश से आ रही खबरों से मैं बहुत चिंतित हूं। प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों पर टारगेट करके भीड़ के हमले और आगजनी सिर्फ दो मीडिया हाउस पर हमला नहीं हैं। ये प्रेस की आजादी और एक बहुलवादी समाज की नींव पर हमला हैं।”

कांग्रेस सांसद ने सीनियर एडिटर्स समेत पत्रकारों की सुरक्षा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वे एडिटर महफूज अनम और बढ़ते मुश्किल हालात में काम कर रहे दूसरे मीडिया प्रोफेशनल्स की भलाई को लेकर चिंतित हैं।

अशांति के बीच, भारत को सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए बांग्लादेश में दो वीजा एप्लीकेशन सेंटर बंद करने पड़े। राजशाही में ‘जुलाई 36 मंच’ नाम के एक ग्रुप ने भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन की ओर मार्च निकाला। जुलूस डिप्लोमैटिक मिशन की ओर बढ़ा, लेकिन पुलिस के दखल के बाद उसे बीच में ही रोक दिया गया।

खुलना में भी इसी तरह के प्रदर्शनों की खबरें आईं, जिसके बाद अधिकारियों ने दोनों जगहों पर वीजा से जुड़े काम रोक दिए। थरूर ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि सेवाओं को रोकने के दूरगामी परिणाम होंगे।

उन्होंने कहा कि बढ़ते सुरक्षा खतरों के कारण खुलना और राजशाही में भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन में वीजा सेवाओं को जबरन बंद करना एक बड़ा झटका है। इस रुकावट का सीधा असर उन छात्रों, मरीजों और परिवारों पर पड़ रहा है, जिन्हें आखिरकार सीमा पार आने-जाने में सामान्य स्थिति की झलक दिख रही थी।

बांग्लादेश में 12 फरवरी, 2026 को राष्ट्रीय चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में थरूर ने चेतावनी दी कि हिंसा और असहिष्णुता का यह माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

कांग्रेस नेता ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के लिए देश में स्थिरता और लोकतांत्रिक निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए कदम भी बताए। निर्णायक कार्रवाई की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “पत्रकारों की सुरक्षा: पत्रकारों को अपने दफ़्तर जलते समय अपनी जान बचाने के लिए घबराए हुए मैसेज पोस्ट नहीं करने चाहिए। भीड़तंत्र को हावी नहीं होने देना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा कि लोगों के बीच अहम संबंधों को बनाए रखने के लिए डिप्लोमैटिक सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। निशाना बनाई गई एम्बेसी और कॉन्सुलेट को अतिरिक्त सुरक्षा दी जानी चाहिए।

शांति बहाल करने की जरूरत पर जोर देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर देश को लोकतंत्र की किसी भी झलक के साथ इस बदलाव से बचना है, तो भीड़तंत्र की जगह रचनात्मक बातचीत होनी चाहिए। अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस को यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व करना चाहिए।

थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश में शांति का महत्व उसकी सीमाओं से कहीं ज्यादा है। पूरे दक्षिण एशिया के लिए देश में स्थिरता बहुत जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि हम शांति की वापसी और एक सुरक्षित माहौल की उम्मीद करते हैं, जहां लोगों की आवाज हिंसा और धमकी से नहीं, बल्कि वोट के जरिए सुनी जाए।

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