राजनीति
जेपी नड्डा ने की पार्टी महासचिवों के साथ बैठक – चुनावी तैयारियों पर हुई चर्चा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। कुछ महीनों बाद, अगले वर्ष की शुरूआत में 5 राज्यों में होने जा रहे चुनाव के मद्देनजर यह बैठक बुलाई गई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा द्वारा पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में बुलाई गई इस बैठक में पार्टी के संगठन महासचिव बी एल संतोष के अलावा महासचिव – अरुण सिंह, कैलाश विजयवर्गीय , दुष्यंत कुमार गौतम, तरुण चुग, सी टी रवि और डी पुरुदेश्वरी शामिल हुए।
भाजपा के एक नेता ने बताया कि चुनाव को लेकर संगठन की तैयारियों के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी। बैठक में चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ संगठनात्मक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
दरअसल , अगले वर्ष की शुरूआत में देश में 5 राज्यों – उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड, पंजाब , मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें पंजाब को छोड़कर बाकी चारों राज्यों में भाजपा सत्ता में है। इसलिए इन चारों राज्यों में फिर से जीत कर सरकार बनाना भाजपा का लक्ष्य है, वहीं इसके साथ ही भाजपा पंजाब में भी अपने दम पर कामयाबी हासिल करना चाहती है।
इन पांचों राज्यों में उत्तर प्रदेश भी शामिल है , जो देश की लोकसभा में सबसे ज्यादा 80 सांसद भेजता है और जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं भी सांसद हैं। 2017 में 14 वर्षों के वनवास को खत्म कर भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई थी। उत्तराखंड में भी भाजपा दोबारा सरकार बना कर रिकॉर्ड बनाना चाहती है और इसलिए जीत की संभावना को पुख्ता करने के लिए भाजपा ने प्रदेश में 2-2 मुख्यमंत्री बदल दिए। गोवा और मणिपुर जीतकर भाजपा एक बार फिर से अपनी अखिल भारतीय लोकप्रियता पर मुहर लगाना चाहती है।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक के बाद मणिपुर विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी अलग से भाजपा कार्यालय में एक बैठक हुई।
राजनीति
विपक्षी दलों ने की थी मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत तो अब एसआईआर का विरोध क्यों : संजय निरुपम

मुंबई, 2 दिसंबर: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष एसआईआर का विरोध कर रहा है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय निरुपम ने एसआईआर के विरोध को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत की थी। अब इस विरोध का क्या मतलब है।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय निरुपम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एसआईआर के खिलाफ विपक्ष का विरोध पूरी तरह से गलत है। यह एक सही और जरूरी काम है जिसके जरिए वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों, नकली वोटरों और गैरकानूनी एंट्री की पहचान करके उन्हें हटाया जाता है। विपक्ष ने खुद भी वोटर लिस्ट में गलतियों के बारे में बार-बार शिकायतें की हैं और इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा भी बनाया है।
कभी कहते हैं जरूरत से ज्यादा वोट हैं तो कभी कहते हैं कि एक ही व्यक्ति के कई जगह वोट हैं और इसके आधार पर कहते हैं कि वोट चोरी हो रहे हैं।इसको बड़ा मुद्दा बनाते हुए वोटर अधिकार यात्राएं की जा रही हैं। जब आपको लगता है कि मतदाता सूची में अनियमितताएं हैं तो ऐसे में चुनाव आयोग को अधिकार है कि वह सूची का शुद्धीकरण करे।
इस दौरान सभी राजनीतिक दलों का कर्तव्य बनता है कि चुनाव आयोग का समर्थन करें। जिस तरह से संसद में विपक्ष एसआईआर का विरोध कर रहा है, ऐसे में वह अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार रहा है, क्योंकि जन सामान्य को यह विरोध नागवार गुजरेगा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के कांग्रेस मीटिंग में शामिल न होने पर संजय निरुपम ने कहा कि शशि थरूर के कांग्रेस की एक स्ट्रेटेजिक मीटिंग में शामिल न होने पर बेवजह हंगामा किया गया। थरूर ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह शामिल नहीं हो सकते क्योंकि उन्हें उस समय अपनी मां के साथ रहना था।
थरूर कांग्रेस के काम करने के तरीके से नाखुश हैं और जब वह सत्ताधारी सरकार के अच्छे फैसलों की तारीफ करते हैं तो पार्टी अक्सर असहज महसूस करती है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी बैठक में नहीं जाना कोई बड़ा मुद्दा है। हालांकि यह शशि थरूर और कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी विषय है, इस बारे में वहीं ठीक से समझ सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने प्रशासनिक ढांचा बदलने का दिया प्रस्ताव, खर्चों में बड़ी कटौती का लक्ष्य

संयुक्त राष्ट्र, 2 दिसंबर: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कामकाज को अधिक कुशल और कम खर्चीला बनाने के लिए एक बड़े प्रशासनिक सुधार की घोषणा की है। उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की विभिन्न इकाइयों को अलग-अलग तरीके से मिलने वाली प्रशासनिक सेवाओं को अब एक कॉमन एडमिनिस्ट्रेटिव प्लेटफॉर्म के तहत जोड़ा जाए। इससे काम की गति बढ़ेगी और खर्चों में भारी कटौती होगी।
गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की पांचवीं समिति को बताया कि इसे न्यूयॉर्क और बैंकॉक स्टेशनों से शुरू किया जाएगा। उन्होंने 2026 के लिए प्रस्तावित प्रोग्राम बजट और 2025/26 की अवधि के लिए पीसकीपिंग ऑपरेशन के सपोर्ट अकाउंट से जुड़ी एक रिवाइज्ड एस्टिमेट रिपोर्ट पेश की
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि अभी अलग-अलग इकाइयां एक जैसा काम करती हैं, जिससे समय और धन दोनों की अधिक खपत होती है। ये नया मॉडल हमारी दक्षता को काफी बढ़ाएगा।
यूएन प्रमुख ने पूरे यूएन सिस्टम की पेरोल प्रोसेसिंग को एक ग्लोबल टीम के तहत लाने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह टीम तीन प्रमुख केंद्रों से काम करेगी, जिनमें यूएन मुख्यालय (न्यूयॉर्क), रीजनल सर्विस सेंटर, एंटेब्बे (युगांडा) यूएन ऑफिस, नैरोबी (केन्या) शामिल हैं। इससे प्रक्रिया सरल होगी और खर्च भी कम होगा।
उन्होंने पेरोल प्रोसेसिंग को एक सिंगल ग्लोबल टीम में कंसॉलिडेट करने का भी प्रस्ताव रखा, जो तीन सेंटर्स — UN हेडक्वार्टर, एंटेबे में रीजनल सर्विस सेंटर और नैरोबी में यूनाइटेड नेशंस ऑफिस में काम करेगी।
इसके अलावा, गुटेरेस ने न्यूयॉर्क और जिनेवा में एंटिटीज द्वारा उन कामों की की व्यवस्थित समीक्षा करने का प्रस्ताव रखा, जिन्हें कम लागत वाले ड्यूटी स्टेशनों में प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह हमारे कमर्शियल फुटप्रिंट को कम करने और लंबे समय में लागत में कमी लाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है।
यूएन प्रमुख के अनुसार, 2017 से न्यूयॉर्क में व्यावसायिक लीज खत्म करने और दफ्तरों के समेकन के जरिए यूएन सचिवालय ने 126 मिलियन डॉलर की बचत की है।
अब दो और इमारतों की लीज 2027 तक समाप्त की जाएगी, जिससे 2028 से हर साल 24.5 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त बचत होने का अनुमान है।
गुटेरेस द्वारा पेश रिपोर्ट के अनुसार, यूएन का 2026 का नियमित बजट 3.238 बिलियन डॉलर प्रस्तावित है, जो 2025 की तुलना में 15.1 प्रतिशत कम है।
राजनीति
राज्यसभा में एसआईआर पर चर्चा को लेकर भारी हंगामा, सदन की कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली, 2 दिसंबर: मंगलवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्षी दलों ने एसआईआर के मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराए जाने की मांग रखी। विपक्ष ने अपनी इस मांग को लेकर सदन में जमकर विरोध किया और जोरदार नारेबाजी की।
विपक्ष के इस हंगामे के बीच कुछ देर सदन की कार्यवाही चली, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहने पर सभापति ने सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दरअसल, विपक्ष के कई सदस्यों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए नोटिस दिया था।
सदन में बोलते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कई सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। संसदीय परंपरा के मुताबिक नोटिस देने वाले इन सदस्यों के नाम तथा उनके मुद्दों को सदन में बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम एसआईआर पर एक गंभीर चर्चा चाहते हैं। लोग मर रहे हैं, स्थिति गंभीर है।
खड़गे ने कहा कि लगभग 28 लोगों की मौत हो चुकी है। यह अत्यंत जरूरी विषय है। सदन में इस विषय पर अविलंब चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने राज्यसभा के सभापति से आग्रह किया कि लोकतंत्र, जनता और देशहित में इस विषय पर तुरंत चर्चा की अनुमति दी जाए।
वहीं, सदन में हो रहे हंगामे पर राज्यसभा के सभापति ने कहा कि जब तक सदन सुव्यवस्थित नहीं होगा, वे सभी सदस्यों को नहीं सुन सकते। उन्होंने कहा कि खड़गे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उन्होंने तुरंत संसदीय कार्य मंत्री से प्रतिक्रिया मांगी थी और मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए समय मांगा है।
सभापति ने नेता प्रतिपक्ष से कहा, “कल भी संसदीय कार्य मंत्री ने आपकी मांग पर सकारात्मक रुख अपनाया था, इसलिए हमें उन्हें कुछ समय देना चाहिए।”
वहीं विपक्ष की इस मांग पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वे विपक्ष के नेताओं से औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरीकों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि समस्या तब शुरू होती है जब समय सीमा तय की जाती है। लोकतंत्र में संवाद आवश्यक है। देश में कई मुद्दे हैं और वे सभी महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील की।
सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने भी कहा कि विपक्ष ने चर्चा की मांग रखी गई है और संसदीय कार्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही विपक्षी नेताओं के साथ बैठक होगी। वहीं सदन में विपक्षी सांसद एसआईआर के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे और सदन में इस विषय पर शोरगुल जारी रहा। अंत में हंगामे के चलते सभापति ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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