राजनीति
राहुल और प्रियंका का काफिला हाथरस के लिए निकला, डीएनडी पर लगा लंबा जाम

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अन्य कांग्रेस नेताओं के काफिले के साथ शनिवार की दोपहर उत्तर प्रदेश की हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए निकले तो दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम देखने को मिला। हाथरस की 19 साल की लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद राजनीति गर्मा गई है। पीड़िता ने चार दिन पहले दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिसके बाद विपक्षी नेता खासकर कांग्रेस के नेता हाथरस जाने की कोशिशों में लगे हैं।
राहुल और प्रियंका के काफिले को रोकने के लिए पुलिस ने डीएनडी के सभी निकास द्वार बंद कर दिए। इस क्रम में यह आठ लेन का फ्लाईवे लगभग बंद पड़ गया। हाथरस जाने के लिए राहुल और प्रियंका दोनों भाई-बहनों का यह दूसरा प्रयास है।
लोग डेढ़ घंटे से अधिक समय तक फ्लाईवे पर रुके रहे, क्योंकि पुलिस द्वारा यह प्रत्येक वाहन की जांच की गई।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर मंगलवार को मारी गई हाथरस की लड़की के परिवार से मिलेंगी।
टाटा सफारी गाड़ी में राहुल गांधी के साथ यहां कांग्रेस मुख्यालय छोड़ने के बाद उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं किसी भी कीमत पर हाथरस का दौरा करूंगी, भले ही पुलिस हमें अनुमति न दे।”
प्रियंका ने खुद टाटा सफारी गाड़ी चलाई, जिसमें उनके भाई और पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी आगे की सीट पर उनके साथ बैठे दिखे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह एक भयानक घटना है और हमें लड़की के प्रति अपना सम्मान दिखाना होगा। जो कुछ भी हुआ है, इस देश में इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता।”
हाथरस में कांग्रेस नेताओं के दौरे की योजना के बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने यहां दिल्ली-नोएडा-डायरेक्टवे (डीएनडी) पर पर्याप्त व्यवस्था की है।
सुबह से ही कांग्रेस नेताओं को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने से रोकने के लिए भारी पुलिस तैनाती की गई है।
प्रियंका गांधी शुक्रवार को सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर गईं।
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में मंगलवार को हाथरस की दुष्कर्म पीड़िता जिंदगी से जंग हार गई थी।
प्रियंका ने कहा है कि पीड़िता के परिवार को इस समय अकेले महसूस नहीं करना चाहिए।
राहुल गांधी गुरुवार को भी हाथरस के लिए निकले थे, मगर उन्हें बीच में ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोक दिया था। गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में यमुना एक्सप्रेस-वे पर उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था और राहुल को रोकने के दौरान पुलिस के साथ ही हल्की धक्का-मुक्की में राहुल जमीन पर जा गिरे थे।
राहुल को अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ हिरासत में लिया गया था, जिसके कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया। अन्य कांग्रेस के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया गया।
कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जब उन्होंने हाथरस की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज का सहारा लिया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 19 वर्षीय लड़की की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके अलावा शुक्रवार शाम को कई अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों ने पिछले दो दिनों से किसी भी मीडियाकर्मी के प्रवेश पर रोक लगाने वाले गांव को सील कर दिया था। हालांकि शनिवार को मीडिया को पीड़िता के गांव में प्रवेश करने और उसके परिजनों से मिलने की अनुमति दे दी गई है।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को दम तोड़ने वाली दुष्कर्म पीड़िता के साथ कथित तौर पर बर्बर हमले किए गए थे, जिससे उसे फ्रैक्च र, लकवा और रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी।
महाराष्ट्र
मेडिकल इमरजेंसी के चलते वर्जिन अटलांटिक फ्लाइट तुर्की में डायवर्ट, 200 से अधिक यात्री सैन्य एयरबेस पर 22 घंटे से फंसे

मुंबई, 8 अप्रैल: लंदन से मुंबई जा रही वर्जिन अटलांटिक की फ्लाइट VS358 को विमान में मेडिकल इमरजेंसी के चलते तुर्की के एक सुदूर सैन्य एयरबेस, दियारबाकिर हवाई अड्डे पर आपातकालीन रूप से उतारा गया। इस घटना के चलते फ्लाइट में सवार 200 से अधिक यात्री पिछले 22 घंटे से अधिक समय से वहां फंसे हुए हैं।
यह फ्लाइट बुधवार सुबह 11:40 बजे लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए रवाना हुई थी। रास्ते में एक यात्री को घबराहट का दौरा पड़ा, जिसके बाद फ्लाइट को तुर्की के दियारबाकिर एयरपोर्ट की ओर मोड़ना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, विमान को तुर्की एयरबेस पर उतारने के बाद यात्रियों को लगभग पांच घंटे तक विमान में ही इंतजार करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें विमान से बाहर आने की अनुमति दी गई। हालांकि, दियारबाकिर एयरपोर्ट मुख्यतः एक सैन्य एयरबेस होने के कारण, न तो यह वाइड-बॉडी विमानों को संभालने में सक्षम है और न ही यात्रियों को बाहर निकलने की अनुमति दी गई।
फंसे हुए यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा साझा की है। उनका कहना है कि न तो उन्हें कोई आवास दिया गया है और न ही खाने-पीने जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। एक यात्री सतीश कप्सिकर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “लंदन से मुंबई जा रही फ्लाइट VS358 की डायवर्जेंसी के चलते मैं और 270 अन्य भारतीय यात्री दियारबाकिर एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। बुजुर्ग, बच्चे परेशान हैं और हमें वर्जिन अटलांटिक से कोई सहायता नहीं मिल रही। कृपया मदद करें।”
एक अन्य पोस्ट में शेरिलिन फर्नांडिस ने लिखा, “एक गर्भवती महिला सहित 200 से अधिक यात्री बिना पानी और जरूरी सुविधाओं के फंसे हुए हैं। एयरपोर्ट स्टाफ, जो इस अनचाहे लैंडिंग से नाराज है, यात्रियों से पासपोर्ट मांग रहा है।”
एयरलाइन ने यात्रियों को सूचित किया कि वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की जा रही है। इस घटनाक्रम के चलते गुरुवार को लंदन से मुंबई रवाना होने वाली उसी फ्लाइट को रद्द कर दिया गया।
घटना के बाद अंकारा स्थित भारतीय दूतावास सक्रिय हुआ है और उसने फंसे यात्रियों की मदद के लिए तुर्की अधिकारियों से संपर्क साधा है। दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया “अंकारा स्थित भारतीय दूतावास दियारबाकिर एयरपोर्ट निदेशालय और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। फंसे हुए यात्रियों की देखभाल के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मुंबई प्रेस ने वर्जिन अटलांटिक से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन एयरलाइन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
वहीं, यात्री और उनके परिजन लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं, क्योंकि 22 घंटे बाद भी स्थिति का कोई स्पष्ट समाधान नहीं निकल पाया है।
राजनीति
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ अधिनियम को लेकर हंगामा, कार्यवाही स्थगित

श्रीनगर, 8 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को वक्फ अधिनियम के मुद्दे पर सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तथा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामे के कारण स्पीकर अब्दुल रहीम राथर को सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पीडीपी विधायक वहीद पारा और पीसी विधायक सज्जाद गनी लोन अपनी सीटों से खड़े हो गए और वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग करने लगे। इस दौरान एनसी विधायक सलमान सागर और सज्जाद गनी लोन के बीच मौखिक झड़प हुई। दोनों ने एक-दूसरे पर ‘भाजपा के हाथों में खेलने’ का आरोप लगाया।
स्पीकर ने बार-बार हंगामा कर रहे विधायकों से अपनी सीटों पर लौटने की अपील की, लेकिन स्थिति नियंत्रण में नहीं आई। अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के विधायक खुर्शीद अहमद भी एनसी विधायकों के साथ सज्जाद लोन और वहीद पारा के साथ बहस में शामिल हो गए।
इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी और वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर दिया तथा कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इस पर सदन में बहस नहीं की जा सकती।
विधानसभा के बाहर वहीद पारा ने संवाददाताओं से कहा कि देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर उमर अब्दुल्ला को वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा कराने के लिए सदन में उपस्थित रहना चाहिए था।
पारा ने कहा, “मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के साथ ट्यूलिप गार्डन में टहलने का विकल्प चुना। जिन्होंने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था।”
इससे पहले, एनसी प्रवक्ता और विधायक तनवीर सादिक ने वहीद पारा पर ‘भाजपा का खेल’ खेलने का आरोप लगाया था। तनवीर सादिक ने कहा, ‘‘वह उनकी गोद में बैठे हैं।’’
सज्जाद लोन ने कहा, “अगर एनसी को लगता है कि स्पीकर वास्तविक मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव की अनुमति नहीं दे रहे हैं तो उन्हें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए, अन्यथा यह एक ड्रामा लगेगा।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का 40 दिवसीय बजट सत्र 11 अप्रैल को समाप्त होगा।
महाराष्ट्र
मैलोनी रामनवमी: जामा मस्जिद पर हिंसा,पुलिस से कार्रवाई की मांग, माहौल खराब करने का प्रयास

मुंबई: मुंबई में रामनवमी का जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. जुलूस के मद्देनजर पुलिस ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी। इसके साथ ही पुलिस ने मलाड मालोनी समेत संवेदनशील इलाकों में हाई अलर्ट भी जारी कर दिया था। देर रात तक जुलूस में कोई अप्रिय घटना या सांप्रदायिक हिंसा की शिकायत नहीं मिली और रामनवमी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। रामनवमी मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक पनसलकर के लिए एक चुनौती थी, लेकिन पुलिस कमिश्नर ने अपना कर्तव्य बखूबी निभाया और इसे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया।
मुंबई में रामनवमी जुलूस के दौरान मालोनी में उपद्रवियों ने अंजुमन जामा मस्जिद के गेट नंबर 7 पर 40 मिनट तक शरारती नारे लगाकर उत्पात मचाया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया, लेकिन मुसलमानों ने धैर्य और संयम का परिचय देते हुए शांति और व्यवस्था बनाए रखी। मस्जिद के बाहर हुई इस शरारत के बाद अब मुसलमानों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है और पुलिस से भी शिकायत की है। स्थानीय मुसलमानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि पुलिस की मौजूदगी में रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक नारे के साथ-साथ जहरीले नारे भी लगाए गए। इतना ही नहीं, जुलूस को जानबूझकर मस्जिद के बाहर रोक दिया गया और डीजे बजाया गया। यह डीजे एक घंटे 40 मिनट तक बजाया गया, लेकिन पुलिस ने इन उपद्रवियों को यहां से नहीं हटाया।
मुसलमानों ने इस मामले में धैर्य और संयम दिखाकर व्यवस्था बनाए रखी। मुसलमानों ने आरोप लगाया कि जब जुलूस को मस्जिद मार्ग पर लाया गया, तो मस्जिद में नमाज चल रही थी और उपद्रवियों ने मस्जिद में जुलूस को रोककर मुसलमानों और नमाजियों को भड़काने और गुमराह करने की कोशिश की। हालाँकि, पुलिस ने पहले ही मस्जिद समिति की बैठक कर ली थी और जुलूस के दौरान किसी को भी मस्जिद से बाहर आने पर रोक लगा दी थी, इसलिए मुसलमानों ने इसका पालन किया। स्थानीय मुसलमानों ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्व इलाके का माहौल खराब करना चाहते हैं, इसीलिए मस्जिदों के बाहर इस तरह की शरारतें की जा रही हैं।
पुलिस ने पहले भी उपद्रवियों को धार्मिक स्थलों और मस्जिदों के बाहर शोरगुल व अन्य चीजें न करने के लिए समझाया था, लेकिन जानबूझकर विश्व हिंदू परिषद बजरंग के इस जुलूस में मस्जिदों के बाहर खुलेआम उपद्रव का प्रदर्शन किया गया। इसलिए अब अंजुमन जामिया मस्जिद ने इस बारे में पुलिस में शिकायत करने का फैसला किया है और पुलिस से इस मामले में जुलूस समिति के खिलाफ मामला दर्ज करने का भी अनुरोध किया है क्योंकि इसने परमिट का उल्लंघन किया है और शांति भंग करने की भी कोशिश की है। मुसलमानों ने कहा है कि मलाड मालोनी में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए सांप्रदायिक संगठनों द्वारा इस तरह की रणनीति अपनाई जा रही है, जबकि इस क्षेत्र में हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते हैं।
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