राजनीति
बिहार : उद्घाटन के 1 महीने में रामजानकी पथ टूटने पर तेजस्वी, कांग्रेस ने कसा तंज

बिहार के गोपालगंज जिले में एक महीने पूर्व बना रामजानकी पथ के टूट जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि खबरदार, किसी ने इसे नीतीश कुमार का भ्रष्टाचार कहा तो।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इस मामले में एक शब्द भी नहीं बोलेंगे।
तेजस्वी ने अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पुलिया और पहुंच पथ की तस्वीर और वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “263 करोड़ रुपये की लागत से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कटाक्ष करते हुए लिखा, “8 वर्ष में 263.47 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ रुपये तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं।”
इधर, कांग्रेस ने भी नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि भाजपा और जदयू सरकार की यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है। सृजन घोटाला के अभी जांच पूरी हो भी नहीं पाई की रामजानकी पथ पर इतना बड़ा घोटाला सामने आ गया।
उन्होंने कहा कि अब इसकी मरम्मत के नाम पर मंत्री और अधिकारी मालामाल होंगे। उन्होंने का कि बाढ़ के दौरान मरम्मत के नाम पर यहां प्रतिवर्ष करोड़ों खर्च होता है। बाढ़ यहां के सत्तापक्ष के नेताओं और अधिकारियों के लिए पर्व-त्योहार के सामन है।
उल्लेखनीय है कि बिहार के गोपालगंज जिले में गंडक नदी के तेज बहाव का दबाव एक महीने पूर्व बना रामजानकी पथ नहीं झेल सका और टूट गया, जिससे इस सड़क पर आवगमन बाधित हो गया।
बैकुंठपुर प्रखंड के खोम्हारीपुर में पुलिया के पास सड़क टूटने से उत्तर बिहार के कई जिलों का संपर्क टूट गया।
यह सड़क मुख्य रूप से पूर्वी चंपारण के केसरिया तथा बैकुंठपुर को जोड़ता है। पुल, पुलिया और संपर्क पथ के निर्माण में लगभग 263 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई थी।
अपराध
मुंबई अपराध: गोरेगांव स्टेशन पर 26 वर्षीय महिला ने महिला टिकट चेकर पर कथित तौर पर हमला किया; मामला दर्ज

CRIME
मुंबई: बोरीवली रेलवे पुलिस ने बुधवार को टिकट दिखाने को लेकर हुए विवाद के बाद एक महिला टिकट चेकर पर कथित तौर पर हमला करने के आरोप में 26 वर्षीय एक महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपी की पहचान 26 वर्षीय सोनी चौहान के रूप में हुई है। मामला 20 अगस्त को दर्ज किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को नोटिस जारी किया।
पुलिस के अनुसार, घटना बुधवार दोपहर 3:25 बजे गोरेगांव रेलवे स्टेशन स्थित टिकट चेकर कार्यालय में हुई। शिकायतकर्ता, 52 वर्षीय गीता पंडोरिया, रेलवे में टिकट चेकर के रूप में कार्यरत हैं और अंधेरी पूर्व में रहती हैं। वह अंधेरी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 से अंधेरी से बोरीवली जाने वाली एक धीमी लोकल ट्रेन में सवार हुई थीं।
ट्रेन के गोरेगांव स्टेशन पहुँचने से पहले, पंडोरिया ने यात्री सोनी चौहान से उसका टिकट दिखाने को कहा। चौहान टिकट नहीं दिखा सकीं क्योंकि उन्होंने टिकट खरीदा ही नहीं था। फिर टिकट चेकर उन्हें गोरेगांव रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 पर लेकर उतरा और टिकट चेकर के ऑफिस ले गया।
वहाँ, चौहान ने कथित तौर पर पंडोरिया से बहस शुरू कर दी, उसे गालियाँ दीं, उसे नुकसान पहुँचाने की धमकी दी, उसके बाएँ हाथ को पीटकर और मरोड़कर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, और उसे अपना आधिकारिक कर्तव्य निभाने से रोका। टिकट चेकर के बाएँ हाथ की मध्यमा उंगली में चोट आई है।
शिकायत के बाद, बोरीवली रेलवे पुलिस ने चौहान के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), 352 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) और 351 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया। आरोपी अंधेरी पूर्व में रहता है।
राजनीति
‘बंगाल में हिंसा पर लोगों को करना चाहिए विचार’, आरएसएस ने हालात को लेकर जताई चिंता

नई दिल्ली, 22 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई। संघ ने कहा कि बंगाल में हिंसा क्यों होती है, लोगों को इस पर विचार करना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, संघ ने देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी कड़े कदम उठाने पर जोर दिया। संघ के अनुसार, भारत में जनसंख्या नियंत्रण नहीं, बल्कि एक समग्र जनसंख्या नीति की जरूरत है, जो सभी भारतीयों पर लागू हो।
सूत्रों ने यह भी बताया कि संघ ने अक्टूबर तक देशभर में 1 लाख शाखाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में 2018 शाखाएं सक्रिय हैं।
सूत्रों के मुताबिक, संघ ने पश्चिम बंगाल में हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं संरक्षण के कारण होती हैं। उन्होंने लोगों से इस पर विचार करने की अपील की।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरएसएस का कोई संविधान नहीं है, जिसमें 75 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति का नियम हो। इसलिए, यह नियम किसी पर थोपा नहीं जा सकता। प्रत्येक संगठन को अपनी स्वायत्तता के साथ काम करना चाहिए। राज्य सरकार हमें भागवत की सभा की अनुमति नहीं देती। हमें यह अदालत से मिली है।
उन्होंने बंगाल में भाजपा की सीटों की संख्या (72-75) को उल्लेखनीय वृद्धि बताया, लेकिन सत्ता में आने की संभावना को अलग मुद्दा करार दिया। सूत्रों के अनुसार, उनका मानना है कि किसी ने नहीं सोचा था कि भाजपा 72-75 से जीतेगी। निश्चित रूप से यह विकास है। क्या वे बंगाल में सत्ता में आएंगे, यह अलग बात है।
आरएसएस का यह भी मानना है कि सभी को स्वतंत्रता के साथ जीने का अधिकार है, लेकिन देश के प्रति निष्ठा पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि न तो भारत में गैर-हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाना चाहिए और न ही बांग्लादेश में हिंदुओं को।
भाषा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि संपर्क भाषा एक हो सकती है, लेकिन राष्ट्रीय भाषाएं अनेक हो सकती हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में ‘राजधर्म’ की कमी पर असंतोष जताया और कहा कि वे ममता बनर्जी की सरकार से खुश नहीं हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें एक-दूसरे की दुश्मन नहीं हैं। हम कांग्रेस के साथ भी नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करते थे। हम प्रणब दा से बांग्लादेश और नेपाल पर बात करते थे।
चीन के साथ संबंधों पर संघ का मानना है कि आरएसएस कभी भी किसी देश से स्थायी दुश्मनी की बात नहीं करता। सभी के साथ संबंध रखने चाहिए, लेकिन राष्ट्र की सर्वोच्चता सर्वोपरि है।
राजनीति
इंडिया गठबंधन को मजबूत करने के बहाने यूपी की चौसर सजाने में जुटे अखिलेश

लखनऊ, 22 अगस्त। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन को मजबूत करने के बहाने उत्तर प्रदेश की राजनीति की चौसर बिछाने में जुट गए हैं। वे राष्ट्रीय राजनीति में विपक्ष के तौर पर अपनी जगह बनाने के साथ-साथ यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा को मजबूत विकल्प बनाने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि एसआईआर के मुद्दे पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव विपक्षी नेताओं को लामबंद कर रहे हैं।
अखिलेश यादव भी उनका साथ दे रहे हैं। वह 2027 के पहले यूपी में हर स्तर से अपनी जमीन को मजबूत करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी सपा मुखिया अखिलेश के बिहार जाने से इंडिया गठबंधन और वोट चोरी के खिलाफ चल रहे अभियान को भी नई ताकत मिलेगी।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजीव श्रीवास्तव बताते हैं कि सपा मुखिया अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के साथ अपनी पार्टी को 2027 से पहले मजबूत करने में जुटे हुए हैं। विधानसभा चुनाव में कोई भी पार्टी जो कि एक प्लेयर हो सकती है, उसके रहने से कुछ भी वोट घटने बढ़ने की उम्मीद हो सकती है। ऐसी पार्टी के साथ कोई भी ऐसा काम नहीं करेंगे कि चुनाव के समय जब बार्गेनिंग हो तो कोई दिक्कत आए। बिहार में जहां भी कांग्रेस मजबूत है, तो सपा एक सहायक की भूमिका में नजर आए और यूपी में जहां सपा मजबूत है, तो उनकी अपेक्षा रहेगी कि कांग्रेस उनका सहयोग करे।
उन्होंने कहा कि वे बिहार जाकर राहुल गांधी की मुहिम में शामिल होकर यूपी को साधने की कवायद कर रहे हैं। साथ ही यह संदेश दे रहे हैं कि वे इंडिया गठबंधन को मजबूत कर रहे हैं और जब हमें जरूरत हो तो आप भी हमारा साथ दें।
एक अन्य वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि जिस प्रकार से संसद सत्र के दौरान विपक्षी एकता नजर आई, पुनरीक्षण के मुद्दे पर सभी विपक्षी एकजुट रहे, उस लय को बरकरार रखने के लिए बिहार में चल रही वोटर अधिकार यात्रा में भी राहुल, तेजस्वी के साथ अखिलेश नजर आएंगे। यह तिकड़ी एनडीए के लिए चुनौतियां बढ़ाने का काम कर रही है।
17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा और नालंदा होते हुए शेखपुरा के बाद एक दिन के ब्रेक के बाद ये यात्रा शेखपुरा से आगे बढ़ी है। अखिलेश यादव का ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल होना इंडिया गठबंधन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
सपा अखिलेश यादव ने एसआईआर के मुद्दे पर दिल्ली में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। अब वह 28 अगस्त को बिहार के सीतामढ़ी में शामिल होंगे। वह यहां से यूपी को साधने की कवायद में लगे हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता डाक्टर आशुतोष वर्मा का कहना है कि ‘वोट चोरी’ वाली बात की शुरुआत सबसे पहले सपा ने ही की थी। 18 हजार एफिडेविड के साथ सपा ने दिया था। लोकतंत्र को मजबूत और इंडिया गठबंधन की मजबूती के लिए हमारे मुखिया वहां जा रही है। आम जनता में भाजपा के प्रति रोष है। उसके बावजूद ये लोग चुनाव जीत रहे हैं। इससे लगता है कहीं न कहीं इन लोगों ने सिस्टम को हाईजैक कर रखा है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुधांशु बाजपेई का कहना है कि इंडिया गठबंधन की समाजवादी पार्टी हिस्सा है, इसलिए वह बिहार में हिस्सा लेने जा रहे हैं। आज पूरे देश में सामने आया है कि यह सरकार वोट चोरी के माध्यम से बनी है। यह साझी लड़ाई है; उसके हिस्सेदार अखिलेश बनने जा रहे हैं, क्योंकि यह लड़ाई अकेले नहीं लड़ी जा सकती है। इस कारण वह शामिल हो रहे हैं। उनके शामिल होने से इस अभियान को बल मिलेगा।
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