राजनीति
बिहार : गरीब कल्याण योजना के जरिये प्रवासी श्रमिकों को भुनाने में जुटी भाजपा-जेडीयू गठबंधन

कोरोना काल में बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों को तत्काल रोजगार मुहैया कराने के लिए राज्य और केन्द्र सरकार की कोशिशें जारी है। बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुये इन कोशिशों में तेजी लायी जा रही है। इसी रणनीति के तहत पहले केन्द्र ने बिहार के खगड़िया से गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की और राज्य के 23 जिलों को इस योजना के अंर्तगत लाया गया।
अब राज्य सरकार ने राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने और प्रवासी श्रमिकों को लुभाने के लिये नई औद्योगिक नीति का एलान किया है।
बिहार सरकार के आंकड़े के मुताबिक, कोरोना वायरस की वजह से 25 लाख से अधिक प्रवासी बिहारी मजदूरों की घर वापसी हुई है। ये संख्या आगामी विधानसभा चुनाव के हिसाब से किसी भी राजनीतिक पार्टी की जीत हार के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में जेडीयू और भाजपा गठबंधन दोनों ही, इन योजनाओं के प्रचार और प्रसार में जोर शोर से लग गयी है।
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार के खगड़िया से ‘गरीब कल्याण योजना’ की शुरुआत और योजना पर 50 हजार करोड़ के फंड की व्यवस्था करने को भुनाया जा रहा है। प्रदेश भाजपा ने बूथ स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं को इस योजना के बारे में प्रचार करने को कहा है। पार्टी ने इस सबंध में उन सभी 23 जिलों के नेता और कार्यकर्ताओं को विशेष निर्देश दिया हैं, जहां यह योजना लागू की जा रही है।
बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक नितिन नवीन कहते हैं, “बिहार सरकार की उद्योग नीति, आत्मनिर्भर भारत और प्रधानमंत्री के ‘लोकल से वोकल’ योजनाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। हम लोकल उत्पादों को ही आगे बढ़ाकर और स्थानीय प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग कर आगे बढ़ सकते हैं। सरकार ने सभी श्रमिकों की स्किल मैपिंग की है और हम सबको उनके हुनर के मुताबिक काम भी दे रहे है, ऐसे में इसको चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है।”
उधर विपक्ष भी इन दो बड़ी योजनाओं पर सजग हो गयी है। विपक्ष एक ओर केन्द्र की योजना पर अल्पकालिक कहकर सवाल उठा रही है, वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार की औद्योगिक नीति के औचित्य पर सवाल खड़े कर रही है। रालोसपा के प्रधान महासचिव माधव आंनद कहते हैं, “बिहार जैसे सीमित संसाधन वाले राज्य में कोई भी निवेशक क्यों आयेगा, जब तक उनको टैक्स होलीडे का छूट नहीं मिलता और जब तक कानून व्यवस्था यहां ठीक नहीं होती है।”
इस बीच आरजेडी ने भी प्रवासी श्रमिकों के सवाल पर राज्य सरकार को नये सिरे से घेरना शुरू कर दिया है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने तो ट्वीट कर कहा है, “राज्य में श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रमिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। कहीं कोई रोजगार नहीं है। जो प्रवासी आये थे, अब रोजगार के आभाव में लौट रहे हैं।”
ऐसे में जेडीयू-भाजपा सरकार लगातार इस कोशिश में लग गयी है कि ऐसी घोषणाओं से प्रवासी मजूदरो में विश्वास की भावना जगे और इसका आगामी विधानसभा चुनाव पर सकारात्मक असर पड़े।
राजनीति
दिल्ली में आम लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे है : आम आदमी पार्टी

नई दिल्ली, 30 अगस्त। दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर सियासत तेज हो गई है। शुक्रवार रात कालकाजी मंदिर में सेवादार योगेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई। वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर हमला बोला है।
इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, ”अब मंदिर के अंदर भी हत्या होने लगी है। छह-सात महीने में भाजपा की चारों इंजन की सरकारों ने दिल्ली का क्या हाल कर दिया है? कालकाजी मंदिर के अंदर सेवादार की निर्मम हत्या करने से पहले क्या बदमाशों के हाथ नहीं कांपे? क्या दिल्ली में कोई सुरक्षित है भी या नहीं?”
दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सेवादार को सिर्फ प्रसाद में चुन्नी नहीं देने पर मौत के घाट उतार दिया गया।
उन्होंने कहा, ”दिल्ली में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पुलिस सिर्फ राजनीतिक कामों में व्यस्त है और चोर-गुंडे, गैंगस्टर पुलिस से बिल्कुल नहीं डरते। हम पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर इस मामले पर जवाब मांगेंगे।”
वहीं, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भी भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, ”कालकाजी मंदिर में सेवादार योगेंद्र सिंह की हत्या ने साफ कर दिया है कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। अपराधियों को न पुलिस का डर है, न कानून का। आज दिल्ली जंगलराज में बदल चुकी है, जहां आम लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे है।”
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) लंबे समय से दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि सरेआम हत्या, लूट, छिनतई, अपहरण और दुष्कर्म जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन, सरकार और दिल्ली पुलिस की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
महाराष्ट्र
मुंबई मराठा मोर्चा के दौरान अमित शाह ने किए लालबाग के राजा के दर्शन, दूसरे दिन भी मुंबई शहर ठप, दुकानें-होटल बंद होने की खबरें निराधार: भाजपा

मुंबई मराठा मोर्चा और मनोज जरांजे की भूख हड़ताल के कारण दूसरे दिन भी सामान्य नागरिक व्यवस्था बाधित रही। मराठा मोर्चा के प्रदर्शनकारियों के कारण फोर्ट और अन्य सड़कों पर यातायात व्यवस्था प्रभावित होने से दक्षिण मुंबई की ओर यात्रा करना मुश्किल रहा। सीएसटी रेलवे स्टेशनों पर मराठा समुदाय के प्रदर्शनकारियों की भीड़ है। ऐसे में यह आम खबर है कि मुंबई में मराठा प्रदर्शनकारियों के लिए भोजन और पानी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और यहाँ खाने के स्टॉल और होटल बंद कर दिए गए हैं, लेकिन यह खबर झूठी और निराधार है क्योंकि मुंबई एसटीएस पर सभी स्टॉल और होटल खुले हैं और प्रदर्शनकारियों के लिए भोजन उपलब्ध है। दूसरी ओर, बीएमसी ने प्रदर्शनकारियों के लिए साफ-सफाई और अन्य सुविधाओं और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करने का दावा किया है। बारिश के दौरान कीचड़ को साफ किया गया है, इतना ही नहीं, एक अस्थायी शौचालय वैन भी तैनात की गई है। मुंबई पुलिस और अतिरिक्त बल भी आज़ाद मैदान में तैनात हैं।
भाजपा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस खबर को निराधार बताया है कि मराठा मोर्चा के कारण दुकानें और होटल बंद कर दिए गए हैं। इस बीच, भाजपा के आधिकारिक हैंडल से तस्वीरें और वीडियो भी जारी किए गए हैं। इसके साथ ही, बीएमसी ने सफाई अभियान के वीडियो और तस्वीरें भी जारी की हैं और कहा है कि उसने मराठा प्रदर्शनकारियों को सुविधाएँ प्रदान की हैं।
मुंबई सीएसटी के आसपास के सभी खाने-पीने के स्टॉल खुले हैं। स्टॉल बंद होने की खबर झूठी और निराधार है। मराठा समुदाय के लोग इन स्टॉल से चाय-नाश्ता लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार कितनी मराठा विरोधी है, यह साबित करने के लिए आरक्षण की मांग करने वाले और जिन्होंने 50 सालों से आरक्षण नहीं दिया, वे अपना गुप्त एजेंडा चला रहे हैं। मुंबई में धरना प्रदर्शन के दूसरे दिन भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई के कई इलाकों में सड़कें मराठा समुदाय से भरी हैं। ऐसे में मुंबई में ट्रैफिक जाम है और मोर्चे का असर मुंबई शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों पर भी पड़ा है। ट्रेन सेवाएं प्रभावित हैं और सेंट्रल लाइनों पर ट्रेनें 10 से 15 मिनट देरी से चल रही हैं।
मराठा मोर्चा के प्रदर्शनकारियों ने सीएसटी रेलवे स्टेशन पर भी डेरा डाल दिया है। ऐसे में सीएसटी पर काफी भीड़ है और इसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल भी तैनात किया गया है। इसके साथ ही आज भी प्रदर्शनकारियों ने कुछ सड़कों पर बैठने की कोशिश की, जिन्हें बाद में हटा दिया गया ताकि सड़क और यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो। आज गृह मंत्री अमित शाह ने भी लालबाग के राजा के महल का दौरा किया है। इसके साथ ही गणपति विसर्जन गणेश उत्सव और मराठा मोर्चा पुलिस के लिए चुनौती है। पुलिस स्थिति को बखूबी संभाल रही है और ऐसे में पुलिस ने मुंबई में सुरक्षा कड़ी कर दी है। मुंबई पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच अमित शाह ने लालबाग के राजा के दर्शन किए हैं। इस दौरान भाजपा नेता और मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार भी मौजूद रहे। अमित शाह ने अपनी पत्नी के साथ लालबाग के राजा के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया।
महाराष्ट्र
मुंबई के छात्रों की शिक्षा छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की तिथि 1 सितंबर तक बढ़ाई जानी चाहिए: अबू आसिम आज़मी

ABU ASIM AZMI
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक विभाग और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के माध्यम से छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति 2025-26 के लिए आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग की है। अंतिम तिथि 28 अगस्त, 2025 है। आज़मी ने 1 सितंबर तक विस्तार की मांग की है। उन्होंने कहा कि गणपति उत्सव और अन्य त्योहारों के मद्देनजर महाराष्ट्र में तीन दिन की छुट्टी है, इसलिए छात्रों को आवेदन जमा करने में कठिनाई होगी। इसलिए छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आवेदन जमा करने की तिथि 1 सितंबर तक बढ़ाई जानी चाहिए और सरकार को इस पर सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए।
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