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Saturday,11-October-2025
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व्यापार

कमजोर वैश्विक संकेतों से 34500 से नीचे टूटा सेंसेक्स, निफ्टी 100 अंक गिरा

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Stock-Market

कोरोना के कहर से वैश्विक बाजार में आई कमजोरी के चलते भारतीय शेयर बाजार में भी गुरुवार को कारोबारी रुझान कमजोर रहा। आरंभिक कारोबार के दौरान सेंसेक्स 350 अंकों से ज्यादा टूटकर 34500 से नीचे चला गया और निफ्टी में भी 100 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई। हालांकि बाद में थोड़ी रिकवरी आने पर सेंसेक्स सुबह 9.29 बजे पिछले सत्र से 212.36 अंकों यानी 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 34656.62 पर बना हुआ था। निफ्टी भी पिछले सत्र से 64.50 अंकों यानी 0.63 फीसदी की गिरावट के साथ 10,240.80 पर कारोबार कर रहा था।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज ;बीएसई के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र से 343.59 अंक फिसलकर 34525.39 पर खुला और 34499.78 तक लुढ़का, हालांकि बाद में रिकवरी आने पर 34674.43 तक चढ़ा।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ; एनएसई के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी भी पिछले सत्र से 69.75 अंकों की गिरावट के साथ 10235.55 पर खुला और 10194.50 तक फिसला जबकि बाद में थोड़ी रिकवरी आने पर निफ्टी 10251.60 तक चढ़ा।

बाजार के जानकार बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर को लेकर निराशाजनक तस्वीर पेश करने से शेयर बाजार में कारोबारी रुझान कमजोर है। उधर, कोरोना का प्रकोप दोबारा गहराने से वैश्विक बाजारों, खासतौर से एशिया के अन्य बाजारों में भी कमजोरी आने का असर भारतीय बाजार पर भी दिखा।

व्यापार

भारत का पूर्णतः स्वदेशी 4जी टेक्नोलॉजी स्टैक लगभग 1 लाख बीएसएनएल टावरों पर स्थापित, वैश्विक निर्यात के लिए तैयार

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नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का पूर्णतः स्वदेशी 4जी टेक्नोलॉजी स्टैक लगभग 1 लाख बीएसएनएल टावरों पर स्थापित किया गया है और यह वैश्विक निर्यात के लिए तैयार साबित हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह तकनीक विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकती है और भारत के तकनीकी निर्यात पोर्टफोलियो को बढ़ा सकती है।

भारत का 4जी टेक्नोलॉजी स्टैक तेज और अधिक विश्वसनीय इंटरनेट स्पीड, निर्बाध कनेक्टिविटी और बेहतर नेटवर्क का वादा करता है।

यह उपलब्धि देश को संपूर्ण दूरसंचार स्टैक क्षमता वाले पांच देशों की लिस्ट में शामिल करती है और विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता कम कर डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करती है। साथ ही, साइबर सुरक्षा जोखिमों को कम करती है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह सिस्टम सी-डॉट की कोर नेटवर्क टेक्नोलॉजी, तेजस नेटवर्क्स के रेडियो इक्विप्मेंट और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) द्वारा प्राप्त सिस्टम इंटीग्रेशन का इस्तेमाल करती है। इसे 5जी में अपग्रेड किया जा सकता है, जिससे भविष्य में दूरसंचार क्षेत्र में होने वाली प्रगति के लिए भारत की तैयारी बेहतर होगी और साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बल मिलेगा।

4जी स्टैक के परिचालन से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर हुई है, जिससे ब्रॉडबैंड कवरेज और समावेशन बढ़ा है।

इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर एक पूर्ण 4जी स्टैक विकसित करना एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि है क्योंकि टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पारंपरिक रूप से विदेशी टेक्नोलॉजी सप्लायर्स, आमतौर पर अमेरिका, चीन, यूरोप और दक्षिण कोरिया पर बहुत अधिक निर्भर करता है।

इस कॉम्प्लेक्स टेक्नोलॉजी में महारत हासिल कर देश एक महत्वपूर्ण निर्भरता अंतराल को पाटता है और टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त करता है जो इसके अधिकांश डिजिटल इकोसिस्टम का आधार है।

इस सिस्टम की 5जी में अपग्रेड करने की क्षमता और 6जी की योजनाएं टेलीकॉम टेक्नोलॉजी में भारत के निरंतर नेतृत्व के लिए एक रोडमैप प्रदान करती हैं।

सरकार और उद्योग जगत को उम्मीद है कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन जैसी योजनाओं द्वारा समर्थित दूरसंचार उपकरण निर्माण क्षेत्र अधिक निवेश आकर्षित करेगा, उच्च-कौशल वाली नौकरियों को प्रोत्साहित करेगा और एक उच्च-मूल्य वाले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देगा।

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर : जिनपिंग ने उत्पादों पर एक्सपोर्ट कंट्रोल लगाया तो ट्रंप ने 100 फीसदी टैरिफ किया लागू

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नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर से ट्रेड वॉर छिड़ता नजर आ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से काफी नाराज हैं। उन्होंने चीन के ऊपर 100 फीसदी टैरिफ लगाया है।

दरअसल, चीन ने अपने प्रोडक्ट्स पर एक्सपोर्ट कंट्रोल लागू करने का ऐलान किया है। चीन की इसी घोषणा से अमेरिकी राष्ट्रपति भड़क उठे।

ट्रूथ पर पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा, “अभी-अभी पता चला है कि चीन ने व्यापार के मामले में बेहद आक्रामक रुख अपनाते हुए दुनिया को एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि वे 1 नवंबर, 2025 से अपने लगभग हर उत्पाद पर, यहां तक कि कुछ उत्पादों पर जो उनके द्वारा बनाए भी नहीं गए हैं, बड़े पैमाने पर निर्यात नियंत्रण लागू करेंगे। इसका असर सभी देशों पर पड़ेगा और जाहिर है कि यह योजना उन्होंने सालों पहले ही बना ली थी। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ है और दूसरे देशों के साथ व्यवहार करना एक नैतिक अपमान है।”

चीन पर 100 फीसदी अन्य टैरिफ लगाने का ऐलान करते हुए उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा, जो वर्तमान में चीन द्वारा चुकाए जा रहे किसी भी टैरिफ के अतिरिक्त होगा। इसके अलावा, 1 नवंबर से, हम सभी महत्वपूर्ण सॉफ़्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लगा देंगे। यह विश्वास करना असंभव है कि चीन ने ऐसा कोई कदम उठाया होगा, लेकिन उन्होंने उठाया है, और बाकी सब इतिहास है। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!

बता दें, चीन पर पहले से 30 फीसदी टैरिफ लागू है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ने 100 फीसदी अलग से टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है।

इससे पहले एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, “चीन में कुछ बहुत ही अजीबोगरीब चीजें हो रही हैं! वे बहुत आक्रामक हो रहे हैं और दुनिया भर के देशों को पत्र भेज रहे हैं कि वे रेयर अर्थ्स से जुड़े हर उत्पादन तत्व पर निर्यात नियंत्रण लगाना चाहते हैं, भले ही वह चीन में निर्मित न हो। किसी ने भी ऐसा पहले कभी नहीं देखा है, लेकिन असल में, इससे बाजार “अवरुद्ध” हो जाएंगे और दुनिया के लगभग हर देश, खासकर चीन, का जीना मुश्किल हो जाएगा। हमसे कुछ अन्य देशों ने संपर्क किया है जो इस व्यापारिक दुश्मनी से बेहद नाराज हैं, जो अचानक शुरू हुई है।”

उन्होंने कहा, “पिछले छह महीनों में चीन के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे रहे हैं, जिससे व्यापार के मामले में यह कदम और भी आश्चर्यजनक हो गया है। मुझे हमेशा लगता था कि वे घात लगाए बैठे हैं, और अब, हमेशा की तरह, मैं सही साबित हुआ! ऐसा कोई तरीका नहीं है कि चीन को दुनिया को “बंदी” बनाने की अनुमति दी जाए, लेकिन ऐसा लगता है कि यह उनकी काफी समय से योजना थी। यह एक भयावह और शत्रुतापूर्ण कदम है। लेकिन अमेरिका के पास भी एकाधिकार की स्थिति है, जो चीन की तुलना में कहीं अधिक मजबूत और दूरगामी है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि चीन ने जो पत्र भेजा है वह कई पृष्ठों का है। जो चीजें पहले नियमित थीं, वे अब बिल्कुल भी नियमित नहीं रहीं। मैंने राष्ट्रपति शी से बात नहीं की है क्योंकि ऐसा करने का कोई कारण नहीं था।

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व्यापार

सेंसेक्स आज: विदेशी निवेश से बाजार में तेजी, आईटी और रिलायंस ने बढ़त का नेतृत्व किया

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मुंबई: विदेशी पूंजी प्रवाह के बीच आईटी कंपनियों और ब्लू-चिप रिलायंस इंडस्ट्रीज में लिवाली से शेयर बाजारों में गुरुवार को तेजी आई और बेंचमार्क सेंसेक्स 398 अंक चढ़ गया।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 398.44 अंक या 0.49 प्रतिशत चढ़कर 82,172.10 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 474.07 अंक या 0.57 प्रतिशत बढ़कर 82,247.73 अंक पर पहुंच गया।

50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 135.65 अंक या 0.54 प्रतिशत बढ़कर 25,181.80 अंक पर पहुंच गया।

तिमाही आय से पहले एचसीएल टेक, टीसीएस, इंफोसिस और टेक महिंद्रा जैसे आईटी शेयरों में तेजी दर्ज की गई। आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टीसीएस ने बाजार बंद होने के बाद वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में समेकित शुद्ध लाभ में 1.39 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12,075 करोड़ रुपये और राजस्व में 2.39 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 65,799 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की।

सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील में सबसे ज़्यादा 2.65 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, क्योंकि कंपनी ने घरेलू कच्चे इस्पात उत्पादन में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। एचसीएल टेक, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, सन फार्मा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ के शेयरों में सबसे ज़्यादा बढ़त दर्ज की गई।

इंफोसिस में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज में 0.78 प्रतिशत की बढ़त हुई, जिससे पिछले दिन की गिरावट के बाद प्रमुख सूचकांकों में सुधार को समर्थन मिला।

हालांकि, एक्सिस बैंक, टाइटन, मारुति और टाटा मोटर्स पिछड़ने वालों में शामिल रहे।

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, “घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों ने गुरुवार को शानदार रिकवरी दर्ज की, जिससे पिछले सत्र की गिरावट की भरपाई हो गई, क्योंकि सभी क्षेत्रों में जोखिम उठाने की क्षमता वापस लौट आई। निफ्टी-50 ने सत्र का समापन मज़बूती के साथ किया और प्रमुख क्षेत्रों में निरंतर खरीदारी के दम पर 25,200 के स्तर से बस कुछ ही दूर रहा।”

उन्होंने कहा कि सकारात्मक वैश्विक संकेतों और संस्थागत खरीद के रुझान से बाजार को समर्थन मिला।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “दूसरी तिमाही के नतीजों के बीच घरेलू बाजार में बढ़त देखी गई, जबकि बेस मेटल की कीमतों में तेजी के कारण धातु सूचकांकों ने बेहतर प्रदर्शन किया।”

नायर ने कहा कि आय की उम्मीद कम होने के बावजूद आईटी सूचकांक में तेजी आई, क्योंकि निवेशकों को आकर्षक मूल्यांकन में राहत मिली – जो फिलहाल दीर्घावधि औसत से नीचे है।

बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.75 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 0.18 प्रतिशत चढ़ गया।

सभी क्षेत्रीय सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। धातु में 2.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, इसके बाद कमोडिटी (1.34 प्रतिशत), बीएसई फोकस्ड आईटी (1.13 प्रतिशत), आईटी (1.02 प्रतिशत), सेवाएं (0.87 प्रतिशत), स्वास्थ्य सेवा (0.84 प्रतिशत) और पूंजीगत वस्तुएं (0.78 प्रतिशत) का स्थान रहा।

बीएसई पर 2,099 शेयरों में तेजी रही, जबकि 2,080 में गिरावट रही तथा 171 शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे।

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 81.28 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

एशियाई बाजारों में, जापान का निक्केई 225 सूचकांक और शंघाई का एसएसई कम्पोजिट सूचकांक काफी ऊपर बंद हुआ, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक नीचे बंद हुआ।

यूरोप के बाज़ारों में मिला-जुला रुख रहा। बुधवार को अमेरिकी बाज़ार ज़्यादातर बढ़त के साथ बंद हुए।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.23 प्रतिशत गिरकर 66.08 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

बुधवार को सेंसेक्स 153.09 अंक या 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,773.66 पर बंद हुआ, जिससे चार दिनों से जारी तेजी का सिलसिला थम गया। निफ्टी 62.15 अंक या 0.25 प्रतिशत गिरकर 25,046.15 पर बंद हुआ।

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