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कमजोर वैश्विक संकेतों से 34500 से नीचे टूटा सेंसेक्स, निफ्टी 100 अंक गिरा
कोरोना के कहर से वैश्विक बाजार में आई कमजोरी के चलते भारतीय शेयर बाजार में भी गुरुवार को कारोबारी रुझान कमजोर रहा। आरंभिक कारोबार के दौरान सेंसेक्स 350 अंकों से ज्यादा टूटकर 34500 से नीचे चला गया और निफ्टी में भी 100 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई। हालांकि बाद में थोड़ी रिकवरी आने पर सेंसेक्स सुबह 9.29 बजे पिछले सत्र से 212.36 अंकों यानी 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 34656.62 पर बना हुआ था। निफ्टी भी पिछले सत्र से 64.50 अंकों यानी 0.63 फीसदी की गिरावट के साथ 10,240.80 पर कारोबार कर रहा था।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज ;बीएसई के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र से 343.59 अंक फिसलकर 34525.39 पर खुला और 34499.78 तक लुढ़का, हालांकि बाद में रिकवरी आने पर 34674.43 तक चढ़ा।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ; एनएसई के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी भी पिछले सत्र से 69.75 अंकों की गिरावट के साथ 10235.55 पर खुला और 10194.50 तक फिसला जबकि बाद में थोड़ी रिकवरी आने पर निफ्टी 10251.60 तक चढ़ा।
बाजार के जानकार बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर को लेकर निराशाजनक तस्वीर पेश करने से शेयर बाजार में कारोबारी रुझान कमजोर है। उधर, कोरोना का प्रकोप दोबारा गहराने से वैश्विक बाजारों, खासतौर से एशिया के अन्य बाजारों में भी कमजोरी आने का असर भारतीय बाजार पर भी दिखा।
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इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो नवंबर में 21 प्रतिशत बढ़कर 29,911 करोड़ रुपए रहा

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नई दिल्ली, 11 दिसंबर: इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो नवंबर में मजबूत रहा है और मासिक आधार पर यह 21 प्रतिशत बढ़कर 29,911 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि अक्टूबर में 24,690 करोड़ रुपए पर था। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से गुरुवार को जारी किए गए डेटा में दी गई।
हालांकि, बीते महीने सालाना आधार पर इनफ्लो में 17 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। नवंबर में यह 35,943 करोड़ रुपए पर था।
फ्लेक्सी कैप फंड्स ने नवंबर में सबसे अधिक इनफ्लो आकर्षित किया है और यह 8,135 करोड़ रुपए रहा है। हालांकि, अक्टूबर में यह 8,928 करोड़ रुपए पर था।
इनफ्लो आकर्षित करने के मामले में लार्ज एंड मिडकैप फंड्स कैटेगरी दूसरे नंबर पर रही है और इसने नवंबर में 4,503 करोड़ रुपए का फंड आकर्षित किया, जो कि पिछले महीने के मुकाबले 42 प्रतिशत अधिक है।
नवंबर में मिड-कैप फंडों को 4,486 करोड़ रुपए और स्मॉल-कैप फंडों को 4,406 करोड़ रुपए का इनफ्लो प्राप्त हुआ।
वैल्यू और कॉन्ट्रा फंडों में मासिक आधार पर सबसे अधिक निवेश वृद्धि देखी गई, जो अक्टूबर के 368 करोड़ रुपए की तुलना में 231 प्रतिशत बढ़कर 1,219 करोड़ रुपए हो गया।
वहीं, मल्टीकैप फंडों में इनफ्लो में मामूली 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
मनी मार्केट फंड में 11,104 करोड़ रुपए का इनफ्लो आया। इसके बाद अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स का स्थान रहा, जिसमें इनफ्लो 8,360 करोड़ रुपए रहा।
इस हफ्ते की शुरुआत में आए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के डेटा के मुताबिक, पिछले महीने म्यूचुअल फंड्स ने इक्विटी बाजार में 43,465 करोड़ रुपए निवेश किए हैं, जो कि अक्टूबर में दर्ज किए गए 20,718 करोड़ रुपए के निवेश से करीब दोगुना है।
बाजार नियामक के डेटा के मुताबिक, म्यूचुअल फंड्स ने पूरे महीने लगातार शेयर बाजार में इक्विटी में निवेश किया है। केवल दो दिन ही निकासी की है, जिसमें 2,473 करोड़ रुपए की बिक्री की गई थी।
म्यूचुअल फंड्स की ओर से मजबूत और स्थिर खरीदारी ने पूरे बाजार के सेंटीमेंट को बेहतर बनाने में मदद की और बेंचमार्क सूचकांकों में तेजी लाने में योगदान दिया।
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मिलजुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार सपाट खुला

मुंबई, 11 दिसंबर: मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को सपाट खुला। सुबह 9:18 पर सेंसेक्स 12 अंक की मामूली गिरावट के साथ 84,379 और निफ्टी 2 अंक की कमजोरी के साथ 25,762 पर था।
शुरुआती कारोबार में बाजार को ऊपर खींचने का काम आईटी, ऑटो, सरकारी बैंक और मेटल शेयर कर रहे थे। फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा में लाल निशान में कारोबार हो रहा था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी मिलाजुला कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 89 अंक या 0.15 प्रतिशत की मजबूती के साथ 59,097 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 35.15 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,055 पर था।
सेंसेक्स पैक में इन्फोसिस, टाटा स्टील, इटरनल, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, टीसीएस, एसबीआई, बीईएल, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक, ट्रेंट और कोटक महिंद्रा बैंक गेनर्स थे। टाइटन, पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स और सन फार्मा लूजर्स थे।
वैश्विक बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा था। टोक्यो, शंघाई, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि हांगकांग हरे निशान में था। अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती के साथ अमेरिकी शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुए थे।
पीएल कैपिटल के विक्रम कसात ने कहा कि फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिकी शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुआ। साथ ही कहा कि निफ्टी के लिए 25,750 से लेकर 25,800 एक अहम सोपर्ट जोन है।
कच्चे तेल में कमजोरी देखी जा रही है, हालांकि, यह मामूली है। ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 62.17 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई 0.03 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 58.43 डॉलर प्रति बैरल पर था।
दूसरी तरफ कीमती धातुओं में तेजी का दौर जारी है। कॉमेक्स पर सोना 0.42 प्रतिशत बढ़कर 4,242 डॉलर प्रति औंस और चांदी 2.32 प्रतिशत बढ़कर 62.43 डॉलर प्रति औंस पर थी।
व्यापार
हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 25,800 स्तर से ऊपर कर रहा कारोबार

मुंबई, 10 दिसंबर: भारतीय बेंचमार्क सूचकांक बुधवार को हरे निशान में खुले।शुरुआती कारोबार में निफ्टी ऑटो, आईटी, एफएमसीजी और मेटल सेक्टर में खरीदारी देखी जा रही थी।
सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर सेंसेक्स 203.31 अंक या 0.24 प्रतिशत की बढ़त के बाद 84,869.59 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 57.55 अंक या 0.22 प्रतिशत की तेजी के बाद 25,897.20 स्तर पर बना हुआ था।
निफ्टी बैंक 98.85 अंक या 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,321.20 स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 123.75 अंक या 0.21 प्रतिशत की बढ़त के बाद 59,799.95 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 13.35 अंक या 0.08 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,259.15 स्तर पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा, “जैसे-जैसे साल खत्म हो रहा है, मार्केट का स्ट्रक्चर मुश्किल होता जा रहा है। ब्रॉडर मार्केट में भारी बिकवाली देखी जा रही है क्योंकि वैल्यूएशन बहुत अधिक हो गया था और केवल लिक्विडिटी की वजह से ऊंचे बने हुए हैं। यह सस्टेनेबल नहीं होगा, लेकिन ओवरऑल मार्केट में वीकनेस और एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली थोड़ी निराशाजनक है।”
उन्होंने आगे कहा, “एक बड़ी चिंता भारत-अमेरिका की ट्रेड डील को फाइनल होने में देरी है। कल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणी कि अमेरिका में चावल डंप करने के लिए भारत पर कार्रवाई होनी चाहिए, इससे सेंटीमेंट प्रभावति हुए। हालांकि, फंडामेंटल भारत के पक्ष में बने हुए हैं। आने वाली तिमाही में हाई ग्रोथ और कॉरपोरेट अर्निंग हासिल की जा सकती है।”
इस बीच सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, टाटा स्टील, ट्रेंट, अदाणी पोर्ट्स, टीएमपीवी, एचसीएल टेक और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स थे। वहीं, बजाज फ़ाइनेंस, भारती एयरटेल, टाइटन, इटरनल और सनफार्मा टॉप लूजर्स थे।
एशियाई बाजारों में बैंकॉक, जकार्ता और सोल हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं, जापान, चीन और हांग कांग लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी सत्र में मिलेजुले रहे। डाउ जोंस 0.38 प्रतिशत या 179.03 अंक की गिरावट के बाद 47,560.29 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.09 प्रतिशत या 6.00 अंक के नुकसान के बाद 6,840.51 स्तर और नैस्डेक 0.13 प्रतिशत या 30.58 अंक की मामूली बढ़त के बाद 23,576.49 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 9 दिसंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 3,760.08 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इस कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 6,224.89 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
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