अपराध
मध्य प्रदेश में दलित किसान परिवार की पिटाई ने सियासी माहौल को गर्माया
मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक दलित परिवार के सदस्यों की पिटाई के मामले ने राज्य की सियासत को गर्मा दिया है। कांग्रेस हमलावर हो गई और राज्य में शिवराज सरकार के वापसी पर दलित और गरीबों पर अत्याचार होने के आरोप लगा रही है, वहीं सरकार ने ग्वालियर क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, गुना के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को हटा दिया है।
गुना के कैंट इलाके में एक महाविद्यालय की जमीन पर कब्जा कर खेती किए जाने को लेकर प्रशासन और पुलिस ने दलित परिवार पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की थी। इसी दौरान दलित दंपत्ति ने कीटनाशक पी लिया था। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इसके सहारे कांग्रेस ने भाजपा की प्रदेश सरकार को घेरा। मामले सियासी रंग लेने लगा और कांग्रेस ने जमकर हमला बोला। सरकार भी हरकत में आई और प्रशासनिक अमले पर कार्रवाई भी की और जांच के आदेश दिए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना उस इलाके से आती है जहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद रहे हैं और आगामी समय में ग्वालियर-चंबल संभाग में 16 स्थानों पर विधानसभा के उपचुनाव भी होने वाले हैं। इन स्थितियों में कांग्रेस केा बैठे बैठाए एक मुददा मिल गया है और कांंग्रेस इसे पूरे जोरशोर से उठाने में चूके भी नहीं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने दलित परिवार के साथ हुई ज्यादती पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों व रसूखदारों द्वारा कब्जा की गयी हजारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिये भी शिवराज सरकार दिखायेगी? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही हो, अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।’
साथ ही उन्होंने कांग्रेस के ट्वीट केा रिट्वीट भी किया है, जिसमें कहा गया है, कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही गरीबों और किसानों की लड़ाई में उनका साथ दिया है। शिवराज सरकार के इस अमानवीय कृत्य ने बीजेपी की तानाशाही को बेनकाब किया है।ये लड़ाई शिवराज सरकार के अंत का आरंभ है।
वहीं भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा गुना एसपी और कलेक्टर को हटा दिया गया है, और घटना की जांच की जा रही है। मुझे विश्वास है कि इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि मध्यप्रदेश में कानून का राज है, जो लापरवाही करेगा, उसे नाप दिया जाएगा। गुना में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी मिलते ही हमने त्वरित कार्रवाई की। ये राहुल गांधी की कांग्रेस की सरकार नहीं है, जहां अधिकारी प्रीपेड व्यवस्था से पोस्ट होते थे। यहां तो तत्काल कार्रवाई होती है। घटना की जानकारी आते ही आईजी, कलेक्टर व एसपी हटा दिए गए हैं।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंदीय मंत्री अरुण यादव का कहना है कि जिस प्रदेशा में बड़े-बड़े अपराधी खुलेआम घूमते हैं, वहां पर निहत्थे दलित किसानों पर पुलिस बेरहमी से लाठीचार्ज कर रही है। इन मासूमों की चीत्कार शिवराज सरकार को ले डूबेगी।
अपराध
मुंबई में चौंकाने वाली घटना: मलाड में 17 साल की लड़की से छेड़छाड़ और उसे चलती गाड़ी से धक्का देने के आरोप में ऑटो ड्राइवर गिरफ्तार

CRIME
मुंबई: मलाड पुलिस ने एक 54 वर्षीय ऑटोरिक्शा चालक को पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम और हत्या के प्रयास के तहत गिरफ्तार किया है। उसने कथित तौर पर अपने ऑटोरिक्शा में एक 17 वर्षीय कॉलेज छात्रा के साथ छेड़छाड़ की। जब वह मदद के लिए चिल्लाने लगी, तो उसने उसे चलती गाड़ी से धक्का दे दिया। घटना 8 दिसंबर की है। आरोपी की पहचान कांदिवली पश्चिम निवासी केशव यादव के रूप में हुई है।
मलाड पुलिस के अनुसार, पीड़िता मलाड पश्चिम के एक नामी कॉलेज की छात्रा है। कॉलेज के बाद, शाम करीब 4:30 बजे, वह एसवी रोड पर एक ऑटो रिक्शा ढूँढ रही थी। उसने एक ऑटो रुकवाया और ड्राइवर से मलाड पश्चिम के ओरलेम स्थित सुराना अस्पताल ले चलने को कहा। शुरुआत में वह ऑटो रिक्शा के दाईं ओर बैठी। ड्राइवर ने उसे बताया कि सड़क पर काम चल रहा है और चूँकि वह अकेली थी, इसलिए उसने उसे बीच वाली सीट पर बैठने के लिए कहा।
हालाँकि, उसने उसके बताए रास्ते से नहीं लिया। बल्कि, वह एक अलग रास्ते से चला गया। उसने रियर-व्यू मिरर से उसे देखा और कई बार अश्लील इशारे किए। वह डर गई और उसने ऑटोरिक्शा रोकने को कहा। इसके बजाय, उसने गति बढ़ा दी। डरकर, वह चिल्लाने लगी, लेकिन उसने उसे धमकाया। कुछ देर की खामोशी के बाद, वह फिर चिल्लाई। इस बार, उसने उसे ऑटोरिक्शा से धक्का दे दिया, कथित तौर पर उसे मारने के इरादे से, क्योंकि व्यस्त सड़क पर अन्य वाहन गुजर रहे थे।
लड़की घर लौटी और अपनी मां और बहन के साथ मलाड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने सोमवार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और 109 (हत्या का प्रयास) के साथ-साथ पीओसीएसओ अधिनियम की धारा 12 (बाल यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया।
मलाड पुलिस ने तुरंत जाँच शुरू कर दी। डिटेक्शन टीम के सहायक पुलिस निरीक्षक रायवाड़े और पुलिस उप-निरीक्षक तुषार सुखदेव ने घटनास्थल का दौरा किया और मामले की जाँच शुरू की। पुलिस ने आसपास के लगभग 30 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी और ऑटोरिक्शा का नंबर पहचाना। उन्होंने ऑटोरिक्शा की आखिरी लोकेशन कांदिवली पश्चिम में पाई। कुछ ही घंटों में, पुलिस को ऑटोरिक्शा कांदिवली पश्चिम के मथुरादास रोड पर मिल गया। आरोपी केशव यादव गाड़ी के अंदर सो रहा था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत ने उसे 11 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी अपने ऑटो-रिक्शा में ही रहता है। हालांकि वाहन किसी और के नाम पर पंजीकृत है, लेकिन आरोपी ही उसका वास्तविक मालिक है। उसके खिलाफ पहले कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
यह अभियान मलाड पुलिस स्टेशन के पुलिस उपायुक्त संदीप जाधव और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दुष्यंत चव्हाण की देखरेख में चलाया गया।
अपराध
दिल्ली: संगम विहार थाने की महिला उप-निरीक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार

crime
नई दिल्ली, 5 दिसंबर: दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ के तहत बड़ी कार्रवाई हुई है। विजिलेंस यूनिट ने संगम विहार थाना में तैनात महिला उप-निरीक्षक नमिता को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह अभियान दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोल्चा द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार-रोधी अभियान का हिस्सा है।
दिल्ली पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 4 दिसंबर को संगम विहार की एक महिला ने विजिलेंस यूनिट से शिकायत की कि उप-निरीक्षक नमिता, जो उसके दर्ज मामले की जांच अधिकारी थीं, ने केस को कमजोर करने की धमकी देते हुए 2 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस यूनिट ने तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई। इसके बाद, उसी दिन शाम को सतर्कता इकाई द्वारा संगम विहार थाने में एक ट्रैप ऑपरेशन आयोजित किया गया।
तय समय पर शिकायतकर्ता एसआई नमिता के दफ्तर पहुंची, जहां नमिता ने कथित रूप से रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 15 हजार रुपए की मांग की और उसे अपनी टेबल पर रखी एक फाइल में रखने को कहा। जैसे ही शिकायतकर्ता ने पैसे फाइल में रखे, विजिलेंस टीम ने दफ्तर में प्रवेश किया और एसआई नमिता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मौके से 15 हजार रुपए की राशि भी बरामद कर ली गई।
घटना के बाद विजिलेंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर संख्या 23/25, धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत दर्ज की गई है। आरोपी एसआई को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
विजिलेंस यूनिट ने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत मांगने की स्थिति में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। ऐसी शिकायतें विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर 1064 पर भी की जा सकती हैं।
अपराध
लखनऊ : एसटीएफ ने 80 लाख के ड्रग्स के साथ दो तस्करों को किया गिरफ्तार, कई राज्यों में करते थे सप्लाई

लखनऊ, 3 दिसंबर: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 80 लाख रुपए के ड्रग्स के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। दोनों तस्कर अंतर्राज्यीय नेटवर्क से जुड़े हुए थे।
मुखबिर से सूचना मिलने पर स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ के गोसाईगंज इलाके में सुल्तानपुर रोड पर स्थित गब्बर ढाबे के पास से एक टाटा सफारी कार में सवार दो तस्करों को पकड़ा। कार की तलाशी लेने पर उसमें 523 ग्राम एमडीएमए (मिथाइलेंडीऑक्सी-मेथाम्फेटामाइन) बरामद किया गया, जो एक प्रतिबंधित मादक पदार्थ है।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि उनकी टीम लंबे समय से नशे के तस्करी नेटवर्क पर नजर रखे हुए थी। उन्हें जानकारी मिली थी कि दो तस्कर भारी मात्रा में ड्रग्स लेकर गुजरने वाले हैं। इस पर एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गब्बर ढाबा के पास घेराबंदी की और दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान मोहम्मद मुजीब और मुकेश सिंह के रूप में हुई है। मुजीब लखनऊ के खंदारी बाजार का निवासी है, जबकि मुकेश भदोही के रविदासनगर का रहने वाला है। पूछताछ में इन दोनों ने बताया कि वे एक अंतर्राज्यीय ड्रग तस्करी गिरोह से जुड़े हुए हैं, जो उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई और बिहार तक एमडीएमए की सप्लाई करता था।
मुजीब ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने घर पर रसायन मिलाकर एमडीएमए तैयार करता था और उसे यह प्रक्रिया वाराणसी निवासी अभय सिंह ने सिखाई थी। अभय सिंह पहले मुंबई में एमडीएमए के साथ गिरफ्तार हो चुका है और हाल ही में जेल से रिहा हुआ है।
एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए तस्करों ने इस बात का भी खुलासा किया कि वे विभिन्न जिलों और राज्यों में एमडीएमए की सप्लाई कर रहे थे। इस मामले में गोसाईगंज थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इनके गिरोह में कितने लोग शामिल हैं और एमडीएमए किसे सप्लाई करने जा रहे थे, इन सवालों का जवाब भी पता किया जा रहा है।
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