राजनीति
स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने को आगे आएं प्राइवेट सेक्टर: पीएम मोदी

स्कूल और कॉलेज फिर से खुलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसन्नता जाहिर की है। छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डेढ़ 2 सालों में पहली बार छात्रों के चेहरे पर अलग सी चमक दिख रही है। यह चमक संभवत स्कूल खुलने की लगती है। प्रधानमंत्री ने प्राइवेट सेक्टर से कहा कि वे आगे आएं और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में योगदान दे। प्रधानमंत्री ने छात्रों समेत सभी लोगों से कहा कि कोरोना नियमों का पालन भी पूरी कड़ाई से करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) की नई पहल के अन्तर्गत मंगलवार को यूडीएल आधारित 10,000 शब्दों की आईएसएल डिक्शनरी, टॉकिंग बुक्स, निष्ठा 3.0, विद्यांजलि 2.0 और एसक्यूएएएफ को लॉन्च किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षक पर्व के अवसर पर देशभर के शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों एवं अन्य हित धारकों को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज जो योजनाएं शुरू हुई हैं वह भविष्य के भारत को आकार देने में भूमिका निभाएंगी। मुझे पूरा भरोसा है यह न केवल हमारे एजुकेशन सिस्टम को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी बल्कि हमारे युवाओं को भी भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “ऑनलाइन क्लासेस, ग्रुप वीडियो कॉल, ऑनलाइन प्रोजेक्ट, ऑनलाइन एग्जाम पहले ऐसे शब्द बहुत लोगों ने सुने भी नहीं थे। लेकिन हमारे शिक्षकों ने अभिभावकों ने हमारे युवाओं ने इन्हें सहजता से दैनिक जीवन का हिस्सा बना दिया। अब समय है अपनी क्षमताओं को हम आगे बढ़ाएं।”
पीएम मोदी ने कहा, “विद्या सभी संपत्तियों में सबसे बड़ी संपत्ति है क्योंकि विद्या ही ऐसी संपत्ति है जो दूसरों को दान में देने से बढ़ती है। विद्यांजलि 2.0 इसी पुरातन परंपरा को अब एक नए कलेवर में मजबूत करेगी। देश ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सब का प्रयास का जो संकल्प लिया है इस कड़ी में विद्यांजलि 2.0 उसके लिए एक जीवंत प्लेटफार्म की तरह है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे समाज को हमारे प्राइवेट सेक्टर को आगे आना है और सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अपना योगदान देना है। उन्होंने कहा,साथियों अनादि काल से भारत में समाज की सामूहिक शक्ति पर भरोसा किया गया है। यह अर्से तक हमारी सामाजिक परंपरा का हिस्सा रहा है। जब समाज मिलकर कुछ करता है तो निश्चित परिणाम हम अवश्य मिलते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जन भागीदारी के जरिए स्वच्छता आंदोलन हो, हर गरीब के घर में गैस का कनेक्शन पहुंचाना हो हर क्षेत्र में भारत की प्रगति हुई है। अब विद्यांजलि भी इसी कड़ी में एक सुनहरा अध्याय बनने जा रही है। विद्यांजलि देश के हर नागरिक के लिए आह्वान है कि वह इसमें भागीदार बने देश के भविष्य गढ़ने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए दो कदम आगे आए।
प्रधानमंत्री ने आवाहन करते हुए कहा, “आप एक इंजीनियर हो सकते हैं, एक डॉक्टर हो सकते हैं, एक रिसर्च साइंटिस्ट हो सकते हैं या फिर आईएएस अफसर, आप किसी स्कूल में जाकर बच्चों को कितना कुछ सिखा सकते हैं। आप के जरिए उन बच्चों को जो सीखने को मिलेगा उससे उनके सपनों को नई दिशा मिल सकती है।”
पीएम मोदी ने कहा कि आप और हम ऐसे कितने ही लोगों के बारे में जानते हैं जो ऐसा कर भी रहे हैं। कोई बैंक का रिटायर्ड मैनेजर है लेकिन उत्तराखंड के दूरदराज पहाड़ी क्षेत्रों में बच्चों को पढ़ा रहा है। कोई मेडिकल फील्ड से जुड़ा है लेकिन गरीब बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज दे रहा है। उनके लिए संसाधन उपलब्ध करा रहा है, यानी आप चाहे समाज में किसी भी भूमिका में हो सफलता की किसी भी श्रेणी पर हों, युवाओं के भविष्य निर्माण में आपकी भूमिका भी है और भागीदारी भी है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि आधुनिक बनाने में शिक्षा को आधुनिक बनाने में नेशनल डिजिटल एजुकेशनल आर्कीटेक्चर की भी बड़ी भूमिका होने वाली है। जैसे यूपीआई इंटरफेस है, बैंकिंग सेक्टर में क्रांति ला दी है, वैसे ही नेशनल डिजिटल एजुकेशनल आर्कीटेक्चर सभी शैक्षणिक गतिविधियों के गतिविधियों के बीच एक सुपर कनेक्टर की भूमिका अदा करेगा। यह सभी बदलाव हमारी आधुनिक शिक्षा का चेहरा भी बनेंगे और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में भेदभाव को भी खत्म करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज देश टॉकिंग बुक और ऑडियोबुक जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है। ऐसा इसलिए ताकि सबको समान शिक्षा के अवसर मिल सके 10,000 शब्दों की इंडियन साइन लैंग्वेज डिक्शनरी को भी लॉन्च किया गया है। असम के बिहू से लेकर भारतनाट्यम तक सांकेतिक भाषा हमारे यहां सदियों से कला और संस्कृति का हिस्सा रही है। अब देश पहली बार साइन लैंग्वेज एक सब्जेक्ट के रूप में पाठ्यक्रम का हिस्सा बन रहा है। यह तकनीक दिव्यांगों की भी मदद करेगी। निपुण भारत के अंतर्गत 3 वर्ष से 8 साल तक के बच्चों के लिए एक मिशन लॉन्च किया गया है। 3 साल की उम्र से ही सभी बच्चे अनिवार्य तौर पर प्री स्कूल शिक्षा प्राप्त करेंगे। इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है पूरे ब्रह्मांड में गुरु की कोई उपमा नहीं होती। कोई बराबरी नहीं होती, जो काम गुरु कर सकता है वह कोई नहीं कर सकता। इसलिए आज देश अपने युवाओं के लिए शिक्षा से जुड़े जो भी प्रयास कर रहा है उसकी बागडोर हमारे शिक्षक भाई-बहनों के ही हाथ में है। तेजी से बदलते इस दौर में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में तेजी से सीखना होता है। निष्ठा ट्रेनिंग प्रोग्राम से जरिए शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है। निष्ठा 3.0 अब इस दिशा में एक और अगला कदम है। मैं इसे बहुत महत्वपूर्ण कदम मानता हूं। हमारे शिक्षक नए तौर-तरीकों से परिचित होंगे तो भविष्य के लिए युवाओं को और सहजता से गढ़ पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय छात्रों की विशेष पूंजी उनके भीतर के भारतीय संस्कार है। भूटान का राज परिवार हो या वहां के शासक, भारतीय शिक्षकों के बारे में बात करते हुए बड़े गर्व महसूस करते हैं। जब मैं सऊदी अरबिया के किंग से बात कर रहा था वह मुझे इतने गौरव से बता रहे थे कि उन्हें भारत के शिक्षक ने पढ़ाया है। शिक्षक के प्रति, कोई भी व्यक्ति कहीं भी पहुंचे, उसके मन में विशेष भाव होता है। हमारे शिक्षक अपने काम को एक पवित्र नैतिक कर्तव्य मानते हैं। इसलिए हमारे यहां शिक्षक और छात्र के बीच एक प्रोफेशनल रिश्ता नहीं होता बल्कि एक पारिवारिक रिश्ता होता है। यह रिश्ता व सम्मान पूरे जीवन का होता है।
अपराध
आईआईएम-कलकत्ता की छात्रा ने छात्रावास में बलात्कार का आरोप लगाया, एक हिरासत में

कोलकाता, 12 जुलाई। प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान-कलकत्ता (आईआईएम-सी) की द्वितीय वर्ष की एक छात्रा के साथ शैक्षणिक संस्थान के पुरुष छात्रावास में कथित तौर पर बलात्कार किया गया।
आईआईएम की छात्रा ने शुक्रवार रात हरिदेवपुर पुलिस स्टेशन में बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि उसे नौकरी संबंधी परामर्श पर चर्चा के लिए एक पुरुष छात्रावास में बुलाया गया और उसे पिज्जा और कोल्ड ड्रिंक दी गई, जिसके बाद वह बेहोश हो गई।
शिकायत के अनुसार, “होश में आने के बाद, उसे यौन उत्पीड़न का अहसास हुआ। वह तुरंत संस्थान परिसर से बाहर निकली, एक दोस्त से संपर्क किया, स्थानीय हरिदेवपुर पुलिस स्टेशन पहुँची और एक साथी छात्र पर पुरुष छात्रावास में उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।”
पीड़िता ने दावा किया कि बेहोश होने से पहले उसने आरोपी को यौन उत्पीड़न करने से रोकने की कोशिश की। हालाँकि, पीड़िता ने कहा कि आरोपी ने उसकी पिटाई की, जिसके बाद वह बेहोश हो गई।
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने शनिवार सुबह एक छात्र को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ कर रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़िता की मेडिकल जाँच के बाद बलात्कार की पुष्टि होगी।
अपनी शिकायत में, पीड़िता ने दावा किया है कि वह लड़कों के छात्रावास में आगंतुक रजिस्टर पर हस्ताक्षर करना चाहती थी, लेकिन आरोपी ने उसे ऐसा करने नहीं दिया।
पुलिस ने अभी तक आरोपी छात्र की पहचान उजागर नहीं की है। मामले की पूरी जाँच शुरू हो चुकी है।
पिछले महीने कस्बा लॉ कॉलेज और आईआईएम-सी में हुए बलात्कार की घटनाओं में एक समानता है। कस्बा मामले में, पीड़िता को कथित तौर पर छात्र संघ में एक महत्वपूर्ण पद देने की पेशकश पर चर्चा करने के लिए कॉलेज परिसर के भीतर स्थित यूनियन रूम में बुलाया गया था।
आईआईएम-सी मामले में, पीड़िता को कथित तौर पर नौकरी-परामर्श प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए लड़कों के छात्रावास में बुलाया गया था।
राष्ट्रीय समाचार
एएआईबी द्वारा प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट जारी करने पर एयर इंडिया और बोइंग ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया

नई दिल्ली, 12 जुलाई। विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा अहमदाबाद में हुए दुखद एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी करने के कुछ ही घंटों बाद, एयर इंडिया और बोइंग दोनों ने बयान जारी कर जारी जाँच में सहयोग करने और पीड़ितों व उनके परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
एएआईबी के प्रारंभिक निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि एयर इंडिया बोइंग 787-8 विमान के इंजन ईंधन नियंत्रण स्विच उड़ान भरने के तीन सेकंड के भीतर ही ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में बदल गए, जिसके परिणामस्वरूप एक भयावह विफलता हुई।
12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के मात्र 34 सेकंड बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें यात्रियों, चालक दल और ज़मीन पर मौजूद लोगों सहित 275 लोगों की मौत हो गई। विमान एक भीड़भाड़ वाले इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और आग के गोले में तब्दील होने से पहले एक डॉक्टर्स हॉस्टल की इमारत से टकराया।
एयर इंडिया ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हम AI171 दुर्घटना से प्रभावित परिवारों और लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। हम इस क्षति पर शोक व्यक्त करते हैं और इस कठिन समय में सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”
एयरलाइन ने AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त होने की पुष्टि की और कहा, “एयर इंडिया नियामकों सहित हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है। हम AAIB और अन्य अधिकारियों के साथ उनकी जाँच में पूर्ण सहयोग जारी रखेंगे।”
जाँच की प्रक्रिया जारी रहने के कारण, एयरलाइन ने दुर्घटना के विशिष्ट विवरणों पर टिप्पणी करने से परहेज किया और आगे की पूछताछ AAIB को निर्देशित की।
बोइंग ने भी शोक व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया।
कंपनी ने कहा, “एयर इंडिया की उड़ान 171 में सवार यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के प्रियजनों के साथ-साथ अहमदाबाद में ज़मीन पर प्रभावित सभी लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएँ हैं। हम जाँच और अपने ग्राहकों का समर्थन जारी रखेंगे।”
इसमें आगे कहा गया है कि वह विस्तृत जानकारी के लिए AAIB से संपर्क करेगा, क्योंकि वह संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के अनुबंध 13 के पालन का हवाला देता है।
AAIB की 15-पृष्ठ की रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया की उड़ान 171 के इंजनों को ईंधन की आपूर्ति करने वाले दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच एक के बाद एक अचानक बंद हो गए, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि उसने ईंधन क्यों बंद कर दिया, जिस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया, “मैंने ऐसा नहीं किया।”
15-पृष्ठ की रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान के उड़ान भरने और क्रैश होने के बीच लगभग 30 सेकंड का समय लगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय, बोइंग 787-8 विमान और GE GEnx-1B इंजन के संचालकों के लिए कोई अनुशंसित कार्रवाई नहीं है।
प्रारंभिक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) ने 2018 में “ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग सुविधा के संभावित विघटन” के संबंध में एक विशेष उड़ान योग्यता सूचना बुलेटिन (SAIB) जारी किया था।
हालांकि, एयर इंडिया ने निरीक्षण नहीं किया क्योंकि SAIB केवल एक परामर्श था और अनिवार्य नहीं था।
रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान में मौसम संबंधी कोई समस्या नहीं थी, और विमान का टेक-ऑफ भार दी गई परिस्थितियों के लिए स्वीकार्य सीमा के भीतर था।
इस हवाई दुर्घटना में लगभग 270 लोग मारे गए – विमान में सवार 242 लोगों में से 241 और बाकी ज़मीन पर।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने मालवणी मदरसे से लापता हुए 4 नाबालिग लड़कों को अजमेर तक ढूंढ निकाला, सभी सुरक्षित मिले

मुंबई: मुंबई पुलिस ने मालवणी के एक मदरसे से लापता हुए चार नाबालिग लड़कों को राजस्थान के अजमेर में सफलतापूर्वक ढूंढ निकाला। 12, 13, 15 और 16 साल के ये लड़के अजमेर पुलिस की मदद से सुरक्षित मिल गए और फिलहाल सुरक्षा हिरासत में हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उनके लापता होने की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आगे की पूछताछ की जाएगी।
चारों लड़के एक साल से ज़्यादा समय से मालवणी स्थित मदरसे में रहकर धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। मंगलवार, 8 जुलाई की शाम को उनके अचानक लापता होने की सूचना मिली, जब वे शाम 7:30 बजे तक परिसर में वापस नहीं लौटे। मदरसे के एक चिंतित शिक्षक (मौलवी) ने स्थानीय पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद मालवणी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की गई।
मुंबई पुलिस ने तुरंत कई टीमों की जाँच शुरू की। मदरसे और आस-पास के रास्तों पर लगे 100 से ज़्यादा सीसीटीवी कैमरों की जाँच की गई ताकि लड़कों की गतिविधियों का पता लगाया जा सके। फुटेज और तकनीकी जानकारी के आधार पर, अधिकारी एक संभावित यात्रा मार्ग का पता लगाने में कामयाब रहे जो अंततः उन्हें अजमेर ले गया।
जाँच के दौरान, पुलिस टीमों ने शहर और आसपास के रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और धार्मिक स्थलों पर भी गहन तलाशी ली। पुलिस ने मदरसे के कर्मचारियों, सहपाठियों, परिवार के सदस्यों और दोस्तों से पूछताछ की ताकि लड़कों के भागने के बारे में कोई सुराग जुटाया जा सके।
अधिकारियों ने बताया है कि लड़के मदरसे से अपनी मर्ज़ी से निकले थे, हालाँकि उनका असली मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं है। अभी तक किसी गड़बड़ी या अपहरण का कोई सबूत नहीं मिला है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह कदम अचानक उठाया गया था या किसी बाहरी स्रोत से प्रेरित होकर उठाया गया था।
मुंबई पुलिस और अजमेर पुलिस के बीच त्वरित समन्वय को नाबालिगों की सुरक्षित बरामदगी का श्रेय दिया जा रहा है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि लड़कों को उचित देखभाल और परामर्श प्रदान किया जाएगा, और उनके परिवारों को उनकी सुरक्षा के बारे में सूचित कर दिया गया है।
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