राजनीति
मायावती बोलीं, गुप्त ‘चुनावी बॉण्ड स्कीम’ से धनबल के खेल को और भी ज्यादा मिल रही हवा

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने चुनाव में राजनीतिक दलों के चंदे की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के दावे के साथ लागू किए गए चुनावी बॉण्ड पर चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई शुरू होने को लेकर उम्मीद भी जताई है। मायावती ने कहा है कि चुनावी बॉण्ड से धनबल के खेल को और ज्यादा हवा मिल रही है।
बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट करके लिखा कि कारपोरेट जगत व धन्नासेठों के धनबल के प्रभाव ने देश में चुनावी संघर्षों में गहरी अनैतिकता व असमानता की खाई तथा लेवल प्लेइंग फील्ड खत्म करके यहाँ लोकतंत्र एवं लोगों का बहुत उपहास बनाया हुआ है। गुप्त चुनावी बॉण्ड स्कीम से इस धनबल के खेल को और भी ज्यादा हवा मिल रही है।
उन्होंने आगे लिखा कि किन्तु अब काफी समय बाद सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉण्ड से सम्बन्धित याचिका पर सुनवाई शुरू करेगी, उम्मीद की जानी चाहिए कि धनबल पर आधारित देश की चुनावी व्यवस्था में आगे चलकर कुछ बेहतरी हो व चुनिन्दा पार्टियों के बजाय गरीब-समर्थक पार्टियों को खर्चीले चुनावों की मार से कुछ राहत मिले।
गौरतलब है कि चुनावी बॉण्ड योजना के प्रविधानों के अनुसार, यह बांड किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा खरीदा जा सकता है, जो भारत का नागरिक है या यहां पर रहता है। जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टी ही चुनावी बांड के जरिये चंदा ले सकती है। हालांकि, इसके लिए पार्टी को पिछले राज्य विधानसभा चुनाव में कम-से-कम एक प्रतिशत वोट मिलना अनिवार्य शर्त है। पार्टी को किसी आधिकारिक बैंक में खातों के जरिये ही बॉण्ड का भुगतान किया जा सकता है।
देश में चुनावी बॉण्ड की शुरूआत राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ाने के घोषित उद्देश्य के साथ की गई थी। कहा गया था कि इससे दलों के पास साफ-सुथरा धन आएगा और काले धन पर रोक लगेगी लेकिन कई राजनीतिक दल और नेता चुनावी बॉण्ड को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं। उनका आरोप है कि चुनावी बॉण्डों की वजह से पारदर्शिता बढ़ने के बजाए गरीब-समर्थक और संसाधनों के लिहाज से कमजोर पार्टियों के लिए मुश्किल हो रही है। चुनाव दिन ब दिन और खर्चीले होते जा रहे हैं।
हाल में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। पिछले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह चुनावी बॉण्ड जारी करने वाले कानून को चुनौती देने सम्बन्धी याचिका की सुनवाई करेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सीजेआई एन वी रमन्ना के सामने इस मामले को उल्लेख किया था। चुनावी बॉण्ड पर रोक लगाने की मांग एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स सहित कई एनजीओ करते रहे हैं।
अपराध
दहिसर पश्चिम में 2 परिवारों के बीच हिंसक झड़प में 3 की मौत

मुंबई: रविवार को दहिसर पश्चिम में दो परिवारों के बीच झगड़े के दौरान तीन लोगों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान हामिद शेख (49), राम गुप्ता (50) और अरविंद गुप्ता (23) के रूप में हुई है। घटना दहिसर पश्चिम के गणपत पाटिल नगर में हुई। शेख और गुप्ता परिवार एक ही इलाके में रहते हैं और उनके बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। रविवार को एक बार फिर दोनों परिवारों के बीच हथियारों से मारपीट हुई, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई।
एमएचबी पुलिस क्रॉस-मर्डर केस दर्ज करने की प्रक्रिया में है। मुख्य आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि वह फिलहाल घायल है।
पुलिस के मुताबिक, गणपत पाटिल नगर एक झुग्गी बस्ती है, जहां शेख और गुप्ता दोनों परिवार रहते हैं। 2022 में अमित शेख और राम गुप्ता ने एक-दूसरे के खिलाफ मारपीट का क्रॉस केस दर्ज कराया था। तब से दोनों परिवारों के बीच दुश्मनी चल रही है।
रविवार को शाम करीब साढ़े चार बजे गणपत पाटिल नगर की गली नंबर 14 के पास सड़क पर विवाद हो गया, जहां राम गुप्ता नारियल की दुकान चलाते हैं। कथित तौर पर शराब के नशे में धुत हामिद शेख मौके पर पहुंचा और राम से बहस करने लगा। इसके बाद दोनों पक्षों ने अपने बेटों को बुला लिया।
गुप्ता अपने बेटों अमर गुप्ता, अरविंद गुप्ता और अमित गुप्ता के साथ तथा हामिद नसीरुद्दीन शेख अपने बेटों अरमान हामिद शेख और हसन हामिद शेख के साथ मिलकर हाथापाई और धारदार हथियारों से हिंसक झड़प में शामिल हो गए। झड़प में राम गुप्ता और अरविंद गुप्ता की मौत हो गई, जबकि अमर गुप्ता और अमित गुप्ता घायल हो गए। हामिद शेख की भी मौत हो गई और उनके बेटे अरमान और हसन शेख घायल हो गए।
शवों को कांदिवली पश्चिम के शताब्दी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस क्रॉस-मर्डर केस दर्ज करने की प्रक्रिया जारी रखे हुए है। घायल होने के कारण आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
राजनीति
प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा, यह सरकार का नहीं बल्कि पार्टी का होना चाहिए फैसला : अभिषेक बनर्जी

कोलकाता, 19 मई। केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने के फैसले को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस के बाद अब टीएमसी ने भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों के चुने जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हमारी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह हमारी पार्टी का फैसला है। केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं कर सकती है।
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से सोमवार को कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया ने सवाल पूछा कि क्या टीएमसी ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से केंद्र के बहुदलीय राजनयिक मिशन से बाहर निकलने का विकल्प चुना है। इसका जवाब देते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आपको यह जानकारी कहां से मिली। मैं यह बहुत स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी, जिसका उद्देश्य देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आतंकवाद का मुकाबला करना है, टीएमसी केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी। हमें किसी भी प्रतिनिधिमंडल के जाने से कोई समस्या नहीं है। हालांकि, हमारी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह हमारी पार्टी का फैसला है। केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं कर सकती कि किस पार्टी से कौन जाएगा।”
उन्होंने कहा, “अगर कोई प्रतिनिधिमंडल जा रहा है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। जिस तरह से पाकिस्तान भारत में शांति को बाधित करने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। इसे वैश्विक मंच पर उठाया जाना चाहिए। लेकिन, हमारी पार्टी से कौन जाएगा, यह तय करना हमारी पार्टी का काम है। मैं आज विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली जा रहा हूं। मुझे पार्टी ने उस समिति में नामित किया था। जैसे भाजपा तय कर सकती है कि उनकी तरफ से कौन जाएगा, वैसे ही तृणमूल तय करेगी कि हमारी तरफ से कौन जाएगा। इसके अलावा डीएमके, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी का कौन सदस्य प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, यह पार्टी को ही तय करना चाहिए।”
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार को इस मुद्दे पर सभी पार्टियों से बात करनी चाहिए थी और उसके बाद ही प्रतिनिधिमंडल को तय करना चाहिए था। हालांकि, मैं साफ कर देना चाहता हूं कि टीएमसी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित किसी भी तरह के विषय का कोई बायकॉट नहीं किया है। मेरा मानना है कि जब देश की बात आती है तो वहां राजनीति नहीं होनी चाहिए।
केंद्र सरकार ने विदेश जाने वाले सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सभी सदस्यों के नाम तय कर दिए हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान को भी जगह मिली है।
सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों की कमान सात अलग-अलग नेताओं को दी गई है, ये प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों और अन्य प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और देश की आतंकवाद विरोधी नीति, सैन्य कार्रवाइयों और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देंगे।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने ड्रग तस्कर गिरोह पर कार्रवाई करते हुए मुंबई और नवी मुंबई से ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया, 13 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स जब्त की गई

मुंबई: मुंबई आरसीएफ पुलिस स्टेशन के एंटी-नारकोटिक्स सेल और आतंकवाद विरोधी दस्ते (एएनटीएस) ने एक संयुक्त अभियान चलाकर आरसीएफ से एक ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान पुलिस ने उसके पास से 45 ग्राम एमडी बरामद किया। आरसीएफ पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद मुंबई पुलिस ने जांच की और ड्रग तस्करों का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने नवी मुंबई और मुंबई से पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 6 किलोग्राम एमडी जब्त किया, जिसकी कुल कीमत 13.37 करोड़ रुपये बताई गई है। यह एक बड़ा ड्रग रैकेट था जिसका पुलिस ने पर्दाफाश किया और अब आरोपियों से पूछताछ की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि वे और कितने लोगों के संपर्क में थे और मुंबई में ड्रग्स कहां से लाए जाते थे। यह कार्रवाई मुंबई पुलिस आयुक्त देविन भारती, संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और डीसीपी नुनाथ ढोले के निर्देश पर की गई। मुंबई पुलिस ने ड्रग तस्करों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है।
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