राष्ट्रीय समाचार
राष्ट्रवादी के नवसंकल्प शिविर में ‘सीमित’ पदाधिकारियों को बुलावा, विदर्भ में नाराजगी चरम पर

मुंबई प्रतिनिधि : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शिर्डी में आयोजित दो दिवसीय नवसंकल्प शिविर में विदर्भ के चुनिंदा पदाधिकारियों को बुलावा मिलने के कारण पार्टी में नाराजगी बढ़ गई है। विदर्भ के कई वरिष्ठ नेताओं को शिविर में आमंत्रित नहीं किए जाने से असंतोष का माहौल बन गया है।
विदर्भ से सिर्फ चार पदाधिकारी आमंत्रित
नागपुर जिले से केवल चार पदाधिकारियों—प्रशांत पवार (नागपुर शहर अध्यक्ष), बाबा गुजर (जिला अध्यक्ष), श्रीकांत शिवणकर (शहर कार्याध्यक्ष), और अनिल अहीरकर (प्रदेश उपाध्यक्ष)—को इस शिविर के लिए बुलावा भेजा गया है। बाकी पदाधिकारियों को इस शिविर में शामिल न होने के निर्देश दिए गए हैं। इस निर्णय से अन्य नेताओं में गहरी नाराजगी है।
नाराज नेताओं के सवाल
विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस ने विदर्भ में शानदार प्रदर्शन किया था। सात में से छह उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। इन पदाधिकारियों का कहना है कि चुनाव में मेहनत करने के बाद अब उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। “चुनाव के बाद हमारी जरूरत खत्म हो गई क्या?” ऐसा सवाल इन नेताओं ने खड़ा किया है।
अजित पवार से की नाराजगी की शिकायत
कुछ नाराज नेताओं ने उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार से सीधे संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, बताया जा रहा है कि पवार ने कुछ नेताओं को मौखिक रूप से शिविर में शामिल होने की अनुमति दी है। बावजूद इसके, शिविर में अधिकृत आमंत्रण के बिना शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई है।
विदर्भ में गुटबाजी की आशंका
विदर्भ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पहले ही संगठनात्मक रूप से कमजोर है। लेकिन अब इस तरह के फैसलों से गुटबाजी बढ़ने की आशंका है। कुछ नेताओं का आरोप है कि पूर्व विदर्भ के एक वरिष्ठ नेता ने केवल अपने करीबी सहयोगियों को शिविर में शामिल होने का मौका दिया है।
निकाय चुनावों पर प्रभाव पड़ने की संभावना
निकाय और जिला परिषद चुनाव निकट हैं। ऐसे में पार्टी के भीतर बढ़ती नाराजगी और गुटबाजी संगठन की मजबूती को कमजोर कर सकती है। नाराज कार्यकर्ताओं का यह भी मानना है कि उन्हें दरकिनार करना पार्टी के आगामी चुनावी प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
शिविर में उठ सकता है नाराजगी का मुद्दा
शिर्डी में हो रहे इस नवसंकल्प शिविर में विदर्भ के असंतोष का मुद्दा उठने की संभावना है। अगर नेतृत्व इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाता है, तो यह नाराजगी पार्टी के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकती है।
राजनीति
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर शाइना एनसी बोलीं, ‘यूएस ने माना हमारा महत्व’

मुंबई, 17 सितंबर। भारत-अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता को लेकर रिश्ते सुधर रहे हैं। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने पर शिवसेना नेता शाइना एनसी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यह मान लिया है कि व्यापारिक भागीदार के तौर पर भारत कितना महत्वपूर्ण है।
शिवसेना नेता शाइना एनसी ने ट्रंप के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है और मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों महान देशों के लिए किसी सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अपना ‘महान मित्र’ बताते हुए कहा कि वह उनसे बात करेंगे।
शिवसेना नेता शाइना एनसी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “अमेरिका ने भारत को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार के रूप में मान्यता दी है और यह समझा है कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल केवल भारत या अमेरिका तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अन्य देशों तक भी विस्तारित हो सकती है। जितनी जल्दी वे इसे समझेंगे, उतना ही बेहतर होगा।”
शाइना एनसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 75वें जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री ने देश के लिए अपने खून की आखिरी बूंद तक समर्पित कर दी है। तेरापंथ युवक परिषद, दक्षिण मुंबई, जायंट्स वेलफेयर फाउंडेशन और शिवसेना कार्यकर्ताओं की ओर से हमने मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन किया है, जो भारत के लिए अपना योगदान देने वाले व्यक्ति (प्रधानमंत्री) को समर्पित है।”
कांग्रेस सांसद प्रणिता शिंदे के बयान पर शाइना एनसी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “हम उन लोगों का स्वागत करते हैं जिन्होंने अपनी शुभकामनाएं दीं, क्योंकि ये दिल से दी गई प्रार्थनाएं हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी के सदस्य घटिया बयान देते हैं, उन्हें गंभीरता से आत्ममंथन करना चाहिए, क्योंकि भारत की 140 करोड़ की आबादी पीएम मोदी के सम्मान में खड़ी है।”
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी द्वारा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की तारीफ करने पर शिवसेना नेता ने कहा, “भारत को पाकिस्तान या किसी पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर से कोई सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। हमारे पास 140 करोड़ नागरिकों का समर्थन है, जो काफी है।”
राजनीति
‘मोदी जी में दिखता था भविष्य का नेता, पहले ही समझ गए थे राजनाथ सिंह’, रक्षा मंत्री ने बताया पुराना किस्सा

नई दिल्ली, 17 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘मोदी स्टोरी’ के तहत उनके साथ अपनी राजनीतिक यात्रा, उनके विचारों, अनुशासन, गहन ज्ञान और चुनौतियों को स्वीकार करने के साहस पर विस्तार से बात की। राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी के नेतृत्व, संगठनात्मक कौशल और उनकी संवेदनशीलता की जमकर सराहना की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि जब मुरली मनोहर जोशी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब नरेंद्र मोदी ने भारत यात्रा के दौरान कन्वीनर की जिम्मेदारी निभाई थी। झांसी में उनकी मुलाकात मोदीज जी से हुई। मोदी जी की भाषण शैली और विषय प्रस्तुति ने उन्हें प्रभावित किया। राजनाथ सिंह ने कहा, “उस समय मेरे मन में यह भाव आया कि अगर भाजपा की लीडरशिप में कोई एक फ्यूचर है तो मोदी जी हैं।”
2006 में जब राजनाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब भी उनकी पीएम नरेंद्र मोदी के साथ कई मुलाकातें हुईं। ‘मोदी स्टोरी’ में रक्षा मंत्री ने बताया, “राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उनके सुझाव बहुत उपयोगी और सटीक होते थे। संगठन के दृष्टिकोण से उनके विचार हमेशा प्रासंगिक रहे।”
उन्होंने पीएम मोदी के अनुशासन की सराहना करते हुए एक घटना का जिक्र किया, जब चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद मोदी जी अशोका रोड स्थित उनके आवास पर आए और कहा, “अध्यक्ष जी, मैं अपना रिपोर्ट कार्ड देने आया हूं। मैंने आपके दिए कैंपेन का काम पूरा कर लिया है।”
राजनाथ सिंह ने बताया कि मोदी जी ने मुख्यमंत्री बनने से पहले ही एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कई विदेशी यात्राएं कीं और विश्व को समझने की उनकी ललक बचपन से थी।
उन्होंने कहा, “मुझे यह बाद में पता चला था कि उन्होंने कई विदेशी यात्राएं मुख्यमंत्री बनने से पहले ही कर ली थीं। तब वे संगठन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। एक सामान्य व्यक्ति के रूप में उन्होंने दुनिया के कई देशों का दौरा किया। समाज और दुनिया को समझने की उनकी ललक, मुझे लगता है कि ये बचपन से रही है।”
रक्षा मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी के साहस और संवेदनशीलता की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें कभी किसी चुनौती से घबराते या डरते नहीं देखा। उनकी काल्पनिक क्षमता और संवेदनशीलता अद्भुत है। किसी दर्दनाक घटना पर उनकी आंखों में आज भी आंसू आ जाते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि मोदी जी की अथक परिश्रम की क्षमता और नेतृत्व ‘दैवीय कृपा’ का परिणाम है।
राजनाथ ने कहा, “उन्हें किसी चुनौती से घबराते हुए मैंने कभी नहीं देखा है। मुझे लगता है कि उनके ऊपर ‘दैवीय कृपा’ है। बिना ईश्वर की कृपा से यह क्षमता ऐसे ही नहीं आती है। घबराते हुए और डरते हुए मैंने कभी मोदी जी को नहीं देखा है। वे काल्पनिक क्षमता के भी अद्भुत धनी हैं। उतने ही संवेदनशील हैं।”
रक्षा मंत्री ने ‘मोदी स्टोरी’ में बताया कि 2013 में जब नरेंद्र मोदी जी को चुनाव समिति का अध्यक्ष और बाद में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया, तब 17-18 राज्यों में उनके साथ मेरे दौरे हुए। उनके सुझावों ने चुनाव प्रचार को प्रभावी और सफल बनाया। राजनाथ सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि मोदी की कहानियां और किस्से सुनकर आज भी आनंद की अनुभूति होती है।
आखिर में राजनाथ सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि भगवान ने सोच-समझकर उन्हें इस धरती पर भेजा है। उनकी अथक परिश्रम की क्षमता, संवेदनशीलता और नेतृत्व बिना ईश्वरीय कृपा के संभव नहीं है।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
पीएम मोदी को वैश्विक नेताओं और राजदूतों ने दी बधाई, भारत के साथ साझेदारी को सराहा

PM MODI
नई दिल्ली, 17 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर विश्व के विभिन्न देशों के नेताओं और राजदूतों ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इन संदेशों में भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की इच्छा व्यक्त की गई।
न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और रूस के प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया और आधिकारिक बयानों के माध्यम से पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश साझा कर पीएम मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा, “मेरे मित्र पीएम मोदी को नमस्कार। न्यूजीलैंड के सभी मित्रों की ओर से आपको 75वें जन्मदिन की बधाई। इस तरह की उपलब्धि आपके नेतृत्व की बुद्धिमत्ता को दर्शाती है, क्योंकि आप 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मार्गदर्शन करना चाहते हैं। मैं न्यूजीलैंड के भारत के साथ और अधिक साझेदारी करने के लिए उत्साहित हूं।”
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “मेरे मित्र प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। ऑस्ट्रेलिया को भारत के साथ इतनी गहरी दोस्ती पर गर्व है। हम ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के अविश्वसनीय योगदान के लिए हर दिन आभारी हैं। मैं जल्द ही आपसे मिलने की आशा करता हूं।”
इजरायल के भारत राजदूत रूवेन आजार ने हिंदी और अंग्रेजी में संदेश देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इजरायल और हमारे नई दिल्ली स्थित दूतावास की ओर से जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं। भारत-इजरायल मित्रता और मजबूत हो।”
इजरायल के पूर्व मिडवेस्ट इंडिया कौंसल जनरल कोबी शोशानी ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी को 75वें जन्मदिन की बधाई, जो 17 सितंबर 1950 को पैदा हुए, उसी दिन जब भारत ने इजरायल को मान्यता दी।”
यूएई के भारत राजदूत अब्दुल नासिर अलशाली ने अपने संदेश में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आपके उत्तम स्वास्थ्य और निरंतर सफलता की कामना करता हूं। विश्वास है कि यूएई-भारत की साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी।”
रूस के भारत राजदूत डेनिस अलीपोव ने ‘एक्स’ पर हिंदी में पोस्ट कर कहा, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। रूस-भारत की दशकों पुरानी मैत्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में उनके अमूल्य योगदान के लिए हम आभारी हैं। कामना है कि देश और दुनिया की भलाई करने वाले हर काम में उनको सफलता मिलती रहे।”
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