अनन्य
गर्भधारण से पहले जहरीली हवा में सांस लेना बच्चे के लिए खतरनाक, हो सकता है मोटापे का शिकार: शोध

नई दिल्ली, 16 जनवरी। एक शोध में यह बात सामने आई कि गर्भधारण से पहले तीन महीने पहले वायु प्रदूषण पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5, पीएम 10) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ 2) के अधिक संपर्क में रहने से जन्म के दो साल बाद तक बच्चे में मोटापे का खतरा बना रह सकता है।
प्रदूषण के दुष्प्रभाव को लेकर पहले भी शोध हुए थे। उनमें गर्भावस्था के दौरान की चुनौतियों का जिक्र था, लेकिन इस बार गर्भाधारण से पहले की स्थितियों पर रिसर्च की गई है।
अमेरिका और चीन के शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा किए गए नए अध्ययन में गर्भधारण से पहले की अवधि पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें विशेष तौर पर गर्भावस्था के पहले की बात की गई है।
पत्रिका एनवायरन्मेंटल रिसर्च में प्रकाशित शोध के अनुसार इस समय सीमा (गर्भाधारण से तीन महीने पहले) के दौरान प्रदूषण का असर शुक्राणु और अंडों की हेल्थ पर पड़ता है।
अध्ययन में शंघाई के प्रसूति क्लीनिकों में भर्ती किए गए 5,834 मां-बच्चे के जोड़े शामिल थे।
निष्कर्ष से पता चला कि गर्भावस्था से पहले पीएम 2.5, पीएम 10 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के संपर्क में वृद्धि से बीएमआई या बीएमआईजेड बढ़ सकता है।
दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूएससी) के कैक स्कूल ऑफ मेडिसिन में पोस्टडॉक्टरल अनुसंधान सहयोगी जियावेन लियाओ ने कहा, “हमने पाया कि गर्भधारण से पहले के तीन महीने महत्वपूर्ण होते हैं, और जो भी बच्चा प्लान कर रहे हैं, उन्हें अपने बच्चे में मोटापे के खतरे को कम करने के लिए प्रदूषित हवा से बचना चाहिए।”
शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भधारण से पहले की अवधि के दौरान पीएम2.5 के संपर्क का उच्च स्तर दो साल की उम्र में बच्चे के बीएमआईजेड में 0.078 की वृद्धि के साथ जुड़ा था, जबकि पीएम10 के संपर्क का उच्च स्तर बीएमआई में 0.093 किग्रा/एम2 की वृद्धि के साथ जुड़ा था।
पाया गया कि पैदा होने के छह महीने बाद ही बच्चे का वजन बढ़ गया था। ये वही बच्चे थे जिनकी मां गर्भधारण से पहले जहरीली हवा में सांस ले रही थीं।
कैक स्कूल में सहायक प्रोफेसर झांगहुआ चेन ने कहा, “हालांकि यह परिमाण छोटा है, लेकिन हर कोई आज वायु प्रदूषण के संपर्क में है। बच्चों के मोटापे का जोखिम काफी बड़ा हो सकता है और यह उनकी माताओं की गर्भावस्था से पहले शुरू हो सकता है।”
शोधकर्ताओं ने कहा, “यह एक अवलोकनात्मक शोध है। इसके जोखिम का पता लगाने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। निष्कर्ष बताते हैं कि लोग खुद को और अपने बच्चों को इस संभावित नुकसान से बचाने पर काम कर सकते हैं।”
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झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और सरकार की नियमावली पर किया जवाब तलब

रांची, 16 जून। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के मामले में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और यूपीएससी सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।
चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसके पहले इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई की थी और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए 16 जून तक जवाब देने को कहा था। मरांडी ने अपनी याचिका में कहा है कि डीजीपी के पद पर गुप्ता की नियुक्ति में यूपीएससी की गाइडलाइन्स और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की गई है।
याचिका में झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीजीपी चयन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा, समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने बिना किसी गंभीर आरोप के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को कार्यकाल पूरा किए बगैर डीजीपी के पद से हटाकर इस पद पर अनुराग गुप्ता को नियुक्त कर दिया, जबकि उनका कार्यकाल 14 फरवरी 2025 तक था।
मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के पैनल से यूपीएससी तीन बेहतर छवि और कार्यकाल वाले नामों का चयन करता है और इसके बाद राज्य की सरकार इनमें से किसी एक को कम से कम दो वर्ष के लिए डीजीपी पद पर नियुक्त करती है।
इसी नियम के तहत राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह को डीजीपी बनाया था, लेकिन उन्हें बिना किसी आरोप के कार्यकाल पूरा होने के पहले ही पद से हटा दिया गया। याचिका में प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश को दरकिनार करने और कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए जो चयन समिति बनाई है, उसमें एक संघ लोक सेवा आयोग और एक झारखंड लोक सेवा आयोग का नामित सदस्य रखना अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने अपने ही इस नियम का अनुपालन नहीं किया। जिस चयन समिति ने डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए अनुराग गुप्ता के नाम की अनुशंसा की, उसकी बैठक में यूपीएससी और जेपीएससी का कोई सदस्य नहीं था।
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तमिलनाडु: पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार बारिश से बांधों का जलस्तर बढ़ा

तिरुनेलवेली, 16 जून। दक्षिण-पश्चिम मानसून के तेज होने से तमिलनाडु के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। खासकर पश्चिमी घाट क्षेत्र में बारिश ने परेशानी बढ़ा दी है। इसके कारण तिरुनेलवेली जिले के बांधों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण इन बांधों में जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में पापनासम डैम का जलस्तर 6 फीट बढ़कर 130.20 फीट पर पहुंच गया है। बांध में प्रति सेकंड 5222 क्यूबिक फीट पानी आ रहा है और सिंचाई के लिए प्रति सेकंड 1400 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है।
पिछले तीन दिनों में सर्वलार डैम का जलस्तर 10 फीट बढ़कर 142.12 फीट पर पहुंच गया। मणिमुथर डैम का जलस्तर 94 फीट पर है, जिसमें 619 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का इनफ्लो और सिंचाई के लिए 75 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का आउटफ्लो है।
इसके पहले बारिश के चलते तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित होने वाला लोकप्रिय इकोटूरिज्म कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। ये कार्यक्रम हर शनिवार, रविवार और त्यौहारी छुट्टियों पर आयोजित होता है, जिसके लिए पर्यटकों को पहले से बुकिंग करानी पड़ती है।
कोयंबटूर जिले के मेट्टुपलायम में भवनिया नदी पर स्थित पिल्लूर डैम के जलाशय क्षेत्र परालीकाड में 2007 से लगातार इकोटूरिज्म कार्यक्रम रखा जाता है, जो 14 जून को रद्द कर दिया गया। मौसम विभाग ने कोयंबटूर और नीलगिरी जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी। मौसम का ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद वन विभाग ने कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लिया।
इकोटूरिज्म का मुख्य आकर्षण डैम के जलाशय में स्थानीय नावों से की जाने वाली यात्रा है, जो जंगल के बीच झील जैसा दृश्य पेश करती है। पर्वतीय चोटियों और घने जंगलों के बीच बसे इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को खूब लुभाती है। हालांकि, भारी बारिश की संभावना के चलते एहतियातन 14 और 15 जून को इकोटूरिज्म कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की गई।
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मुंबई पुलिस के डीसीपी का आंतरिक तबादला: दत्ता नलावडे को जोन 10 और असलम शेख को जोन 6 में तैनात किया गया

मुंबई: मुंबई पुलिस में आंतरिक तबादले किए गए हैं, जिसके तहत कृष्णकांत उपाध्याय को जोन 3 में स्थानांतरित किया गया है, वे पहले पुलिस मुख्यालय 1 में थे। डीसीपी डिटेक्शन दत्ता नलावड़े को जोन 10 और सचिन गंजाल को प्रिवेंटिव में स्थानांतरित किया गया है। महेश चामटे को प्रोटेक्शन से जोन 12, जोन 6 नुनाथ धुले को एंटी नारकोटिक्स सेल, जोन 7 विजय कांत सागर को सी प्रोटेक्शन पोर्ट जोन, प्रशांत परदेसी मंत्रालय से ट्रैफिक साउथ, निमित गोयल को एलए से एसटीएफ ईओडब्ल्यू, जोन 3 दत्तात्रे कांबले को एसबी 1, पुरुषोत्तम कराड साइबर क्राइम, असलम शेख को जोन 6 में स्थानांतरित किया गया है। राकेश ओला को जोन 7, राज तिलक रोशन को डिटेक्शन क्राइम ब्रांच, डीसीपी.
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