व्यापार
वित्त वर्ष 26 का दूसरी तिमाही का अर्निंग सीजन उम्मीद से बेहतर, मिड कैप का अच्छा रहा प्रदर्शन
मुंबई, 6 नवंबर : भारतीय कंपनियों का वित्त वर्ष 26 का दूसरी तिमाही का अर्निंग सीजन उम्मीद से बेहतर रहा। इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, अधिकतर मिड कैप कंपनियों का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। हालांकि, स्मॉलकैप सेगमेंट में कुछ कमजोरी भी दर्ज की गई।
ब्रोकरेज मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में दी जानकारी अनुसार, जिन कंपनियों द्वारा अभी तक तिमाही नतीजे जारी किए जा चुके हैं, उनके प्रदर्शन को लेकर अब तक सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि उम्मीद के अनुसार रहे।
लार्ज कैप की अर्निंग में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, मिड कैप सेगमेंट ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज करवाई है, जिसे टेक्नोलॉजी, सीमेंट, मेटल, पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और नॉन-लीडिंग एनबीएफसी का समर्थन मिला।
डेटा के अनुसार, स्मॉलकैप सेगमेंट के प्रदर्शन में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्राइवेट बैंक, नॉन-लीडिंग एनबीएफसी, टेक्नोलॉजी, रिटेल और मीडिया की वजह से सेगमेंट का परफॉर्मेंस प्रभावित रहा। 69 प्रतिशत स्मॉल कैप कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा। वहीं, दूसरी ओर लार्जकैप में 84 प्रतिशत कंपनियों और मिडकैप में 77 प्रतिशत कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार रहा।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस की बात करें तो ऑयल और गैस सेक्टर में सबसे तेज बढ़त दर्ज की गई। सरकारी फ्यूल रिटेलर्स ने अपने मुनाफे में लगभग नौ गुना बढ़ोतरी दर्ज की, जिसके कारण सेक्टर में 79 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। सीमेंट में 17 प्रतिशत और कैपिटल गुड्म में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी में 8 प्रतिशत और मेटल्स में 7 प्रतिशत की वृद्धि रही। सभी ने मिलकर कुल प्रॉफिट ग्रोथ में 86 प्रतिशत का योगदान दर्ज करवाया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक निफ्टी की 27 कंपनियों ने अपनी तिमाही नतीजों की घोषणा की है, जिनमें से एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, जेएसडब्ल्यू स्टील और इंफोसिस आदि की वजह से अर्निंग में बीते वर्ष के मुकाबले 5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसके अलावा, कुल 7 निफ्टी कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कम रहे, पांच कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर और पंद्रह कंपनियों के नतीजे उम्मीद जितने रहे।
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डाटा लीक माम ले में कूपैंग का बड़ा कदम, 1.17 अरब डॉलर मुआवजे का ऐलान

सोल, 29 दिसंबर: दक्षिण कोरिया की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी कूपैंग ने बड़े पैमाने पर हुए डेटा लीक के बाद 1.68 ट्रिलियन वॉन (करीब 1.17 अरब डॉलर) का मुआवजा प्लान घोषित किया है। यह जानकारी कंपनी ने सोमवार को दी।
यह फैसला कूपैंग के संस्थापक किम बोम-सुक द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के एक दिन बाद आया। इस डेटा लीक से दक्षिण कोरिया की लगभग दो-तिहाई आबादी प्रभावित हुई थी।
कंपनी के अनुसार, कूपैंग अपने 3.37 करोड़ ग्राहकों में से प्रत्येक को 50,000 वॉन (करीब 3,000 रुपए) के कूपन और छूट देगी। इसमें कूपैंग वाउ के पेड मेंबर, सामान्य यूजर और वे पुराने ग्राहक भी शामिल हैं जिन्होंने अपना अकाउंट बंद कर दिया है।
कंपनी ने बताया कि मुआवजा 15 जनवरी से दिया जाएगा।
कूपैंग के अंतरिम सीईओ हैरोल्ड रोजर्स ने कहा कि इस घटना को सीख के रूप में लेते हुए कंपनी ग्राहकों को सबसे ऊपर रखेगी और उनका भरोसा जीतने के लिए पूरी जिम्मेदारी निभाएगी।
हर ग्राहक को मिलने वाले 50,000 वॉन के मुआवजे में अलग-अलग सेवाओं के लिए कूपन शामिल हैं। इसमें कूपैंग की शॉपिंग सेवा के लिए 5,000 वॉन, फूड डिलीवरी कूपैंग ईट्स के लिए 5,000 वॉन, यात्रा सेवाओं के लिए 20,000 वॉन और आर.लक्स नाम की लग्जरी ब्यूटी व फैशन सेवाओं के लिए 20,000 वॉन शामिल हैं।
पिछले हफ्ते कूपैंग ने कहा था कि जांच में एक पूर्व कर्मचारी को डाटा लीक के लिए जिम्मेदार पाया गया है। कंपनी ने बताया कि हैकिंग में इस्तेमाल किए गए उपकरण भी बरामद कर लिए गए हैं और आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। कंपनी का दावा है कि आरोपी ने करीब 3,000 खातों का डाटा सेव किया था, जिसे बाद में हटा दिया गया।
हालांकि, सरकार ने कूपैंग के इस दावे को एकतरफा बताया है। सरकार ने कहा है कि इस मामले में चल रही सरकारी और निजी जांच की रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई है।
29 नवंबर को कूपैंग ने पुष्टि की थी कि 3.37 करोड़ ग्राहकों की निजी जानकारी लीक हुई है। यह संख्या 20 नवंबर को अधिकारियों को बताई गई शुरुआती 4,500 खातों की संख्या से कहीं ज्यादा है।
कंपनी के अनुसार, सितंबर तिमाही में कूपैंग के सक्रिय यूजर 2.47 करोड़ थे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि लगभग सभी यूजर इस डाटा लीक से प्रभावित हो सकते हैं।
लीक हुई जानकारी में ग्राहकों के नाम, फोन नंबर, ईमेल आईडी और डिलीवरी पते शामिल थे।
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सिल्वर ने बनाया एक और नया रिकॉर्ड, छुआ 2.54 लाख रुपए का उच्चतम स्तर

gold
मुंबई, 29 दिसंबर: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को घरेलू स्तर पर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मार्च डिलीवरी वाली चांदी ने एक और रिकॉर्ड बना लिया है। चांदी के दाम 4 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल के साथ 2,54,174 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है। वहीं सोने की कीमतों में मामूली गिरावट देखने को मिली।
खबर लिखे जाने तक (सुबह 10:47 बजे) मार्च डिलीवरी वाली चांदी 3.72 प्रतिशत यानी 8,931 रुपए की तेजी के साथ 2,48,718 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी। तो वहीं फरवरी डिलीवरी वाला सोना 24 रुपए यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 1,39,849 रुपए प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था।
हालांकि वैश्विक बाजार में चांदी की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई। इससे पहले चांदी ने स्पॉट मार्केट में 84 डॉलर प्रति औंस से ऊपर का नया रिकॉर्ड बनाया था।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने मुनाफा कमाने के लिए बिकवाली की, जिससे चांदी अपने ऊंचे स्तर से करीब 8 प्रतिशत तक गिर गई। इस गिरावट के चलते चांदी में लगातार सातवें दिन बढ़त दर्ज करने का सिलसिला टूट गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी के फ्यूचर्स रेट शुरुआती कारोबार में 82.67 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचे, जो एक दिन में 7 प्रतिशत की तेजी थी। इससे पहले शुक्रवार को इसमें 11 प्रतिशत की बड़ी तेजी आई थी, जो 2008 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त थी।
इन ऊंची कीमतों पर चांदी की तेजी अक्टूबर में आई सप्लाई की कमी से भी ज्यादा तेज मानी जा रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि छुट्टियों के कारण बाजार में कम खरीद-बिक्री हुई, जिससे कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बाजार में चांदी की उपलब्धता कम है और पैसा जल्दी बाहर निकल सकता है, जिससे कीमतों में तेजी बनी हुई है।
एक्सपर्ट्स ने यह भी बताया कि सोने की तरह चांदी के पास कोई बड़ा भंडार नहीं है। लंदन गोल्ड मार्केट में करीब 700 अरब डॉलर का सोना मौजूद है, जिसे जरूरत पड़ने पर बाजार में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन चांदी के साथ ऐसा नहीं है।
2025 में अब तक चांदी की कीमतों में करीब 180 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस साल के अभी तीन कारोबारी दिन बाकी हैं और अगर यही रफ्तार रही, तो यह 1979 के बाद चांदी का सबसे अच्छा साल साबित हो सकता है, जब कीमतें 200 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी थीं।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में कमजोरी, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और दुनिया में बढ़ते तनाव से चांदी की कीमतों को सहारा मिला है। डॉलर इंडेक्स लगातार पांचवें हफ्ते गिरा है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच नए तनाव से निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में कीमती धातुओं (सोने और चांदी) की ओर रुख कर रहे हैं।
चीन द्वारा जनवरी 2026 से चांदी के निर्यात पर रोक लगाने के प्रस्ताव से भी कीमतों में तेजी आई है। दुनिया में अनिश्चितता के कारण लोग कीमती धातुओं में निवेश कर रहे हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार, चांदी को 2,38,810 से 2,37,170 रुपए के स्तर पर सपोर्ट मिल सकता है, जबकि ऊपर की ओर 2,41,810 से 2,43,470 रुपए का स्तर रेजिस्टेंस के रूप में काम कर सकता है।
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भारतीय शेयर बाजार हल्की तेजी के साथ सपाट खुला, मेटल और आईटी शेयरों में दिखी बढ़त

मुंबई, 29 दिसंबर: घरेलू और वैश्विक संकेतों में नरमी के बीच सप्ताह के पहले कारोबारी दिन, सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक हल्की बढ़त के साथ सपाट खुले। वहीं मेटल और आईटी शेयरों ने बढ़त का नेतृत्व किया।
शुरुआती सत्र में खबर लिखे जाने तक (करीब 9.22 बजे) 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 20 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली उछाल के साथ 85,056 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। जबकि एनएसई निफ्टी 13.30 अंकों यानी 0.05 प्रतिशत की उछाल के साथ 26,058 पर ट्रेड करता नजर आया।
आज सेंसेक्स के टॉप गेनर्स में टाटा स्टील, टीएमपीवी, बीईएल, इटरनल, कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस और एनटीपीसी शामिल रहे, जिनमें 1.12 प्रतिशत तक की तेजी देखी गई। वहीं, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और एचसीएल टेक के शेयरों में गिरावट रही।
व्यापक बाजार में निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
सेक्टर के हिसाब से देखें तो निफ्टी मेटल सबसे ज्यादा 1.1 प्रतिशत चढ़ा। इसके बाद आईटी और पीएसयू बैंक सेक्टर में भी बढ़त रही। दूसरी ओर, निफ्टी मीडिया, एफएमसीजी और रियल्टी सेक्टर के शेयरों में कमजोरी देखने को मिली।
आज से इस साल 2025 के शेष बचे आखिरी तीन ट्रेडिंग सेशन शुरू हो रहे हैं। वहीं घरेलू मोर्चे पर आज सरकार नवंबर महीने के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े जारी करेगी, जिस पर निवेशकों की नजर रहेगी।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि साल 2025 की सबसे खास बात यह रही है कि भारतीय शेयर बाजार ज्यादातर विकसित और उभरते हुए देशों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन करता दिखा, लेकिन 2026 में इसमें बदलाव आने की उम्मीद है, क्योंकि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है। देश की अर्थव्यवस्था अच्छी रफ्तार से बढ़ रही है और वित्तीय ढांचा भी स्थिर है।
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार के लिए सबसे अहम चीज कंपनियों की कमाई (अर्निंग्स) में भी सुधार की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2026 के तीसरी तिमाही से दिखाई दे सकता है।
हालांकि ये सभी बातें सकारात्मक हैं, फिर भी इतनी जल्दी बाजार में तेजी आने के लिए ये काफी नहीं हैं। बाजार में मजबूत उछाल के लिए किसी बड़े ट्रिगर की जरूरत होगी, जैसे अमेरिका और भारत के बीच कोई फायदेमंद ट्रेड डील।
उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल इस पर तस्वीर साफ नहीं है कि ऐसा कब होगा। इसलिए निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ स्थिरता (कंसोलिडेशन) बनी रह सकती है। निवेशक इस समय का इस्तेमाल धीरे-धीरे अच्छी और मजबूत कंपनियों के शेयर खरीदने में कर सकते हैं, खासतौर पर बड़ी कंपनियों (लार्जकैप) पर ध्यान देना बेहतर रहेगा।
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