व्यापार
केंद्र ने सोना युक्त कीमती मिश्र धातुओं के आयात पर लगाया प्रतिबंध

नई दिल्ली, 20 जून। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संगठन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने वजन के हिसाब से 1 प्रतिशत से अधिक सोने वाले पैलेडियम, रोडियम और इरिडियम के मिश्रधातुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, यह उपाय प्लेटिनम के आयात पर मौजूदा प्रतिबंध का विस्तार करता है।
बयान में कहा गया है, “इसमें अब 4 अंकों के स्तर पर संपूर्ण कस्टम्स टैरिफ हेडिंग (सीटीएच) 7110 शामिल है, जिससे कीमती धातुओं और उनके मिश्र धातुओं को नियंत्रित करने वाली आयात नीति में एकरूपता सुनिश्चित होती है।”
बयान में आगे कहा गया है कि यह नीति 1 प्रतिशत से कम सोने वाले मिश्र धातुओं के मुफ्त आयात की अनुमति देकर व्यापार को सुविधाजनक बनाती है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो कंपोनेंट और स्पेशल केमिकल इंडस्ट्री सहित औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्रों के लिए बिना किसी व्यवधान के इनपुट की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित होती है।
यह कैलिब्रेटेड दृष्टिकोण व्यापार सुविधा को नियामक निगरानी की आवश्यकता के साथ संतुलित करता है।
इसके अलावा, डीजीएफटी ने सीटीएच 2843 के अंतर्गत आने वाले कोलाइडल मेटल और कंपाउंड के आयात को प्रतिबंधित करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
कैमिकल कंपाउंड की आड़ में सोने के आयात को विनियमित करने के लिए यह आवश्यक था।
डीजीएफटी ने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल और स्पेशल केमिकल इंडस्ट्री सहित औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्रों के लिए आयात प्राधिकरण के विरुद्ध आयात की अनुमति दी जाएगी, जिससे वास्तविक उपयोग के लिए बिना किसी व्यवधान के घरेलू उद्योग की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।”
इस बीच, सरकार ने हाल ही में अमेरिका द्वारा घोषित टैरिफ में वृद्धि के कारण उभरते व्यापार मुद्दों को नेविगेट करने में देश के निर्यातकों और आयातकों की सहायता के लिए एक डेडिकेटेड ‘ग्लोबल टैरिफ एंड ट्रेड हेल्पडेस्क’ शुरू किया है।
उभरते व्यापार परिदृश्य और विभिन्न टैरिफ और काउंटर-टैरिफ उपायों की शुरूआत को देखते हुए, नए निर्यात अवसर और विशिष्ट देशों या उत्पाद क्षेत्रों से आयात दबाव दोनों बढ़ सकते हैं।
‘ग्लोबल टैरिफ एंड ट्रेड हेल्पडेस्क’ आयात और निर्यात चुनौतियों, आयात में उछाल या डंपिंग, एक्जिम क्लीयरेंस, लॉजिस्टिक्स या सप्लाई चेन चुनौतियों, वित्तीय या बैंकिंग मुद्दों, विनियामक या अनुपालन मुद्दों और अन्य मुद्दों या सुझावों से संबंधित मुद्दों पर विचार करता है।
आपदा
कौशांबी में आकाशीय बिजली का कहर: चार बच्चों की मौत, पांच झुलसे

कौशांबी, 20 जून। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में आसमानी आफत ने कहर बरपाया है। अलग-अलग स्थानों में आकाशीय बिजली गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि 5 बच्चे झुलस गए। कौशांबी के एएसपी राजेश सिंह ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौशांबी जिले के अलग-अलग दो थाना क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं हुईं, जिसमें 4 बच्चों की मौत हो गई और 5 बच्चे झुलस गए।
जानकारी के मुताबिक, दोनों घटनाएं मंझनपुर तहसील क्षेत्र की हैं। पहली घटना सराय थाना क्षेत्र के जुगराजपुर गांव की है, जहां 4 बच्चे खेतों में पशु चरा रहे थे। अचानक मौसम बिगड़ा और बारिश शुरू हो गई। सभी बच्चे घर की ओर लौटने लगे, लेकिन इसी दौरान तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली गिरी। इसकी चपेट में आकर 13 वर्षीय सतीश कुमार और 13 वर्षीय मनी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 8 वर्षीय दिपांजलि और 10 वर्षीय पवन झुलस गए। दोनों का उपचार जिला अस्पताल में जारी है।
दूसरी घटना कौशांबी थाना क्षेत्र के तारा का पुरवा गांव में हुई, जहां पांच बच्चे खेत में पशु चरा रहे थे। बारिश शुरू होते ही वो सभी एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। तभी तेज चमक और धमाके के साथ बिजली पेड़ पर गिर गई। हादसे में 16 वर्षीय गोविंद निषाद और 15 वर्षीय रूपा देवी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 5 घायलों में से 2 ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि 3 का इलाज चल रहा है।
इसके पहले 15 जून को प्रयागराज में आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई थी। जिले के बारा थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव में आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी के अलावा दो बच्चियां शामिल थीं।
राजनीति
पीएम मोदी को ओडिशा के इलाकों में जाकर वास्तविक स्थिति का अध्ययन करना चाहिए : कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना

भुवनेश्वर, 20 जून। बिहार को हजारों करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ओडिशा की यात्रा पर रवाना होंगे। इस बीच, कांग्रेस ने पीएम मोदी के ओडिशा दौरे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सत्ता में एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है, लेकिन यहां की महिलाएं अत्याचारों का सामना कर रही हैं।
कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना ने प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर कहा, “राज्य सरकार के सत्ता में एक साल पूरा होने का आज जश्न मनाया जा रहा है और इसी के चलते प्रधानमंत्री ओडिशा दौरे पर आ रहे हैं। हालांकि, हम सरकार के खिलाफ यहां शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं। वे जश्न मना सकते हैं, लेकिन सच यह है कि लोग दुख झेल रहे हैं। खासकर महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं और हम उनके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।”
कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “लोगों को उनके घरों में पीटा गया और यह सबने देखा। लोग मर रहे हैं, उनकी आवाज दबाई जा रही है। यहां न्याय के लिए कोई जगह नहीं बची। उनकी पुकार भी नहीं सुनी जा रही। लोग बिना राहत के कष्ट झेल रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि ओडिशा को पिछले एक साल में क्या मिला है? इसलिए हम इन मुद्दों को उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि प्रधानमंत्री को जमीनी हकीकत का पता चले। पानी की कमी से लेकर सुरक्षा तक लोगों को मदद चाहिए। ओडिशा अभी भी सबसे गरीब राज्यों में से एक है। कम से कम अब महिलाओं की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। इसका जिम्मेदार कौन है? सरकार को जवाबदेही लेनी होगी। हम जवाब चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं मांग करता हूं कि प्रधानमंत्री को उन इलाकों में जाना चाहिए, वास्तविक स्थिति का अध्ययन करना चाहिए। विकास कार्य रुक गए हैं। इंजीनियर और अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं कर रहे। मशीनें भी सही से काम नहीं कर रही हैं। इसलिए हम यहां शांतिपूर्वक इन गंभीर मुद्दों की ओर ध्यान खींचने के लिए बैठे हैं और इसके लिए हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे।”
प्रधानमंत्री ओडिशा सरकार के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करेंगे। वह 18,600 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।
राष्ट्रीय
एयर इंडिया ने रखरखाव के चलते आठ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द किया

नई दिल्ली, 20 जून। एयर इंडिया ने रखरखाव के चलते आठ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया है।
एयरलाइन की ओर से जारी बयान में कहा गया, “रखरखाव और परिचालन कारणों से उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।”
12 जून को अहमदाबाद में हादसे के बाद एयर इंडिया लगातार मुश्किलों का सामना कर रही है और अपने परिचालन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठा रही है।
एयर इंडिया द्वारा जिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द किया गया है, उनमें दुबई से चेन्नई, दिल्ली से मेलबर्न, मेलबर्न से दिल्ली और दुबई से हैदराबाद की उड़ानें शामिल है। वहीं, एयरलाइन ने पुणे से दिल्ली, अहमदाबाद से दिल्ली, हैदराबाद से मुंबई और चेन्नई से मुंबई की उड़ान को रद्द कर दिया।
विमानन कंपनी ने यह भी कहा कि टिकट रद्द करने पर पूरा रिफंड देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इच्छुक यात्रियों को कॉम्पलीमेंट्री रीशेड्यूलेशन की सुविधा भी दी जा रही है।
एयर इंडिया ने कहा,”हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है। हमारे ग्राउंड सहयोगी उनके लिए जल्द से जल्द अपने गंतव्यों तक उड़ान भरने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं।”
इसके अलावा, एयरलाइन ने यात्रियों को हवाईअड्डों पर जाने से पहले उड़ानों की स्थिति की जांच करने की भी सलाह दी है।
एयर इंडिया ने आगे कहा कि विमानों की लगातार बढ़ती जांच, हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों और खराब मौसम के कारण कुछ व्यवधानों की आशंका है और जब भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी, यात्रियों को इसकी सूचना दी जाएगी।
अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद से, जिसमें 241 यात्रियों और जमीन पर 33 लोगों की जान चली गई, एयर इंडिया ने कई उड़ानें रद्द कर दी हैं जबकि तकनीकी खराबी की सूचना मिलने के बाद कई उड़ानों को रोक दिया गया है।
एयरलाइन शुक्रवार से अपने वाइड-बॉडी अंतरराष्ट्रीय शेड्यूल में लगभग 15 प्रतिशत की कटौती करने की भी घोषणा की थी।
बयान में कहा गया, “यह कटौती स्वैच्छिक रूप से उड़ान से पहले सुरक्षा जांच बढ़ाने के निर्णय के साथ-साथ मध्य पूर्व में हवाई क्षेत्र बंद होने से उत्पन्न अतिरिक्त उड़ान अवधि को समायोजित करने के निर्णय के कारण की गई है। इसका उद्देश्य शेड्यूल स्थिरता को बहाल करना और यात्रियों को अंतिम समय में होने वाली असुविधा को कम करना है।”
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