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भारतीय यूनिकॉर्न कंपनियों में 5.8 प्रतिशत बोर्ड सीट्स महिलाओं के पास: रिपोर्ट
बेंगलुरु, 8 मार्च।116 भारतीय यूनिकॉर्न कंपनियों की 1,314 बोर्ड सीटों में से 76 सीटें महिलाओं के पास हैं, जो कि कुल सीटों का 5.8 प्रतिशत भाग है। शनिवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। यह रिपोर्ट देश में यूनिकॉर्न इकोसिस्टम में जेंडर डायवर्सिटी को बेहतर बनाने के अवसर पर प्रकाश डालती है।
इसके विपरीत, हाल ही में डेलॉइट की ‘वूमन इन द बेडरूम: ए ग्लोबल परस्पेक्टिव’ रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारतीय इंक में महिलाओं के पास 18.3 प्रतिशत बोर्ड सीटें थीं, जबकि वैश्विक औसत 23.3 प्रतिशत है।
एक प्राइवेट मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म, प्राइवेट सर्किल रिसर्च के अनुसार, कंपनी लेवल पर 116 यूनिकॉर्न कंपनियों में से 48 प्रतिशत के बोर्ड में कम से कम एक महिला निदेशक थीं, जबकि उनमें से केवल 11 प्रतिशत के पास एक से अधिक महिला निदेशक थीं।
यह भारतीय यूनिकॉर्न द्वारा बोर्डरूम में जेंडर गैप को पाटने के निरंतर प्रयासों का संकेत है।
प्राइवेटसर्किल रिसर्च के शोध निदेशक मुरली लोगनाथन ने कहा, “यह लंबे समय से चला आ रहा है कि वे कंपनियां जिनके पास ज्यादा डायवर्स बोर्ड है, वे वित्तीय रूप से बेहतर प्रदर्शन करती हैं। मैकिन्से की 2023 डायवर्सिटी मैटर्स इवन मोर रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि ज्यादा डायवर्स बोर्ड वाली कंपनियां बेहतर वित्तीय प्रदर्शन हासिल करती हैं।”
विश्लेषण के अनुसार, दूसरे क्षेत्र के यूनिकॉर्न की तुलना में वित्त यूनिकॉर्न में महिला निदेशकों (16) का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक था। इसके बाद सॉफ्टवेयर (8), खुदरा (7), बीमा (5), यात्रा और आतिथ्य (5), और उभरती हुई टेक्नोलॉजी (4) यूनिकॉर्न का स्थान रहा।
कई यूनिकॉर्न अपने बोर्ड में एक से अधिक महिला निदेशकों के साथ बोर्डरूम डायवर्सिटी के प्रति अपने कमिटमेंट के लिए आगे आए हैं।
उनके बोर्ड में कई महिलाओं की मौजूदगी ब्रॉडर इकोसिस्टम के लिए एक सकारात्मक उदाहरण स्थापित करती है, जो दर्शाती है कि जेंडर-इंक्लूसिव लीडरशिप संभव है और व्यवसाय के विकास के लिए फायदेमंद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बोर्डरूम में महिलाओं की रिपोर्ट के मार्च 2024 एडिशन के अनुसार, 2022 से बोर्डरूम में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 3.6 प्रतिशत बढ़ा है और जेंडर पैरिटी प्राप्त करने की अनुमानित समयसीमा भी सात साल कम हो गई है।
व्यापार
1 किलोग्राम चांदी की कीमत 1.62 लाख रुपए के पार, सोने के भी बढ़े दाम

मुंबई, 13 नवंबर: सोना-चांदी की कीमतों में गुरुवार के कारोबारी दिन तेजी दर्ज की गई है। 1 किलोग्राम चांदी के दाम 1.62 लाख रुपए के पार हो गए हैं। वहीं, 24 कैरेट सोने का रेट भी 1.26 लाख रुपए से अधिक हो गया है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 1,26,554 रुपए दर्ज की गई है, जो कि इससे पहले कारोबारी दिन बुधवार को 1,23,913 रुपए प्रति 10 ग्राम बनी हुई थी। बीते 24 घंटों में सोने के दाम में 2,641 रुपए प्रति 10 ग्राम की तेजी देखी गई है। इसी तरह, 22 कैरेट सोना भी 2,419 रुपए प्रति 10 ग्राम बढ़कर 1,15,923 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। 18 कैरेट सोने के दाम की बात करें तो यह भी 1,981 रुपए प्रति 10 ग्राम बढ़कर 94,916 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।
वहीं, एक किलोग्राम चांदी का भाव बढ़कर 1,62,730 रुपए पर आ गया है, जो कि इससे पहले 1,56,705 रुपए प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया था। चांदी की कीमत में 6025 रुपए प्रति किलोग्राम की तेजी दर्ज की गई है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.91 प्रतिशत बढ़कर 1,27,610 रुपए पर पहुंच गया है, जबकि चांदी के 05 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1.31 प्रतिशत की तेजी के बाद 1,64,214 रुपए पर पहुंच गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। कॉमेक्स पर सोने का दाम 0.51 प्रतिशत बढ़कर 4,235.30 डॉलर प्रति औंस और चांदी का दाम 0.64 प्रतिशत की तेजी के बाद 53.80 डॉलर प्रति औंस हो गया है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, “अमेरिकी शटडाउन और इसके बाद इसके फिर से खुलने को लेकर बनी अनिश्चितता ने लगभग पूरे महीने ही वोलैटिलिटी को उच्च बनाए रखा। इसी के साथ सोने की कीमतें 1,100 की तेजी के बाद 1,27,600 पर कारोबार कर रही थीं।”
उन्होंने कहा कि निवेशकों को अमेरिकी सीपीआई डेटा का इंतजार है, यह फेडरल रिजर्व के लिए अगली ब्याज कटौती का संकेत बन सकता है। सोने की कीमतों में 1,24,500 रुपए से 1,29,500 रुपए के रेंज में उतार-चढ़ाव को लेकर उम्मीद की जा रही है।
व्यापार
सेंसेक्स सपाट बंद, निफ्टी बैंक ने बनाया नया ऑल-टाइम हाई

SHARE MARKET
मुंबई, 13 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबार सत्र में सपाट बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 12.16 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 84,478.67 और निफ्टी 3.35 अंक की मामूली तेजी के साथ 25,879.15 पर बंद हुआ।
दिन के दौरान बैंकिंग शेयरों में तेजी देखने को मिली और निफ्टी बैंक ने नया ऑल-टाइम हाई 58,615.95 बनाया। हालांकि, बाद में इसमें गिरावट देखने को मिली और यह 107.30 अंक या 0.18 प्रतिशत की मजबूती के साथ 58,381.95 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, पावर ग्रिड, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, सन फार्मा, मारुति सुजुकी, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचसीएल टेक गेनर्स थे। इटरनल (जोमैटो), एमएंडएम, टाटा स्टील, बीईएल, टीसीएस, एचयूएल, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा और एसबीआई लूजर्स थे।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में कमजोरी देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 210.25 अंक या 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,692.05 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 66.80 अंक या 0.37 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 18,183.65 पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजारों में वैश्विक और घरेलू बाजार कारकों के कारण तेजी देखने को मिली थी, लेकिन मुनाफावसूली के कारण यह सपाट बंद हुआ है। अक्टूबर में महंगाई दर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के कारण मेटल और रियल्टी में तेजी देखी गई।
आने वाले समय में निवेशकों की निगाहें बिहार चुनाव के नतीजों और भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर होंगी।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई थी। सुबह 9:24 पर सेंसेक्स 116 अंक या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,349 और 34 अंक या 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,851 पर था।
इसके अतिरिक्त, दिन के दौरान रुपए ने भी एक सीमित दायरे में काम किया और यह डॉलर के मुकाबले 88.67 के स्तर के करीब बना रहा।
व्यापार
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन से एमएसएमई को मिलेगा बढ़ावा, देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी : पीएम मोदी

PM MODI
नई दिल्ली, 13 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बढ़ावा मिलेगा और इससे देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, “केंद्रीय कैबिनेट ने एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) को एप्रूव किया है, जो देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाएगा और एमएसएमई, फर्स्ट-टाइम एक्सपोर्ट्स और अधिक लेबर उपयोग वाले सेक्टर्स को मदद करेगा। यह प्रमुख पक्षकारों को एक साथ लाकर एक ऐसा सिस्टम तैयार करता है जो परिणाम आधारित और प्रभावी हो।”
उन्होंने पोस्ट में कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि ‘मेड इन इंडिया’ की गूंज विश्व बाजार में और भी अधिक सुनाई दे।
यह मिशन एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए कॉम्प्रिहेंसिव, फ्लेक्सिबल और डिजिटल संचालित फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगा। यह योजना पांच वर्ष के लिए वित्त वर्ष 2025-26 से लेकर वित्त वर्ष 2030-31 है और इसका परिव्यय 25,060 करोड़ रुपए था।
निर्यातकों के लिए लाई गई क्रेडिट गारंटी स्कीम पर पीएम मोदी ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम, जिसे कैबिनेट द्वारा एप्रूव किया गया है, वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी, सुचारू व्यावसायिक संचालन सुनिश्चित करेगी और आत्मनिर्भर भारत के हमारे सपने को साकार करने में मदद करेगी।
क्रेडिट गारंटी स्कीम को मंजूरी मिलने से नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा सदस्य क्रेडिट संस्थानों (एमएलआई) को 100 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान किया जा सकेगा, जिससे पात्र निर्यातकों, जिनमें एमएसएमई भी शामिल हैं, को 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं प्रदान की जा सकेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि कैबिनेट के इन फैसलों से स्थिरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। इससे आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत होंगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
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