राजनीति
सूरत को जल्द ही ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी’ के रूप में जाना जाएगा : पीएम मोदी

सूरत, जिसकी ‘सोनानी मूरत’, ‘टेक्सटाइल सिटी’, ‘डायमंड सिटी’, ‘सेतु सिटी’ जैसी कई पहचान है, जल्द ही एक और ‘इलेक्ट्रिक वाहन शहर’ के रूप में भी पहचाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां अपने संबोधन में यह बात कही।
यहां एक सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस शहर को पहले से ही कई खिताब मिले हुए हैं, उसे जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या और सार्वजनिक चार्जिग स्टेशनों को देखते हुए ‘इलेक्ट्रिक वाहन शहर’ कहा जाएगा।
उन्होंने 25 सार्वजनिक चार्जिग स्टेशनों को समर्पित किया और 24 और के लिए आधारशिला रखी और आशा व्यक्त की कि यह संख्या आगे बढ़कर 500 हो जाएगी।
गुरुवार से अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान पीएम मोदी हजारों करोड़ की परियोजनाओं को समर्पित और शिलान्यास करने वाले हैं। इसमें डायमंड सेक्टर का ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट, समर्पित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा अन्य कई परियोजनाएं शामिल हैं।
उन्होंने एक टन तक की कार्गो क्षमता के साथ सूरत से काशी के लिए एक ट्रेन शुरू करने का वादा किया, जिससे कपड़ा उद्योगों को कपड़ा कार्गो को पूर्वी उत्तर प्रदेश में ले जाने में मदद मिलेगी। वर्तमान में, माल का परिवहन सड़कों के माध्यम से किया जाता है।
केंद्र ने सूरत के लिए पावरलूम मेगा क्लस्टर परियोजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार यह काम करने के बाद, ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए हाई स्पीड पावर लूम चालू हो जाएंगे।
उन्होंने सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात को घोघा-हजीरा मार्गो से जोड़ने वाली रो-रो फेरी सेवा में बेड़े को बढ़ाने का भी वादा किया।
महाराष्ट्र
सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद 17 साल बाद नागपुर जेल से बाहर आए अरुण गवली

नागपुर, 3 सितंबर 2025: गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद बुधवार दोपहर नागपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। गवली ने 2007 में शिवसेना कॉरपोरेटर कमलाकर जामसंदेकर की हत्या के मामले में 17 साल से अधिक समय जेल में बिताया था।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह माना कि गवली अब 76 वर्ष के हो चुके हैं और 17 साल से अधिक समय से जेल में हैं, जबकि उनकी अपील अभी तक लंबित है। इस आधार पर अदालत ने उन्हें ज़मानत दी, हालांकि शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा।
गवली को 2012 में मकोका के तहत दोषी ठहराया गया था और उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी। 2019 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इस सज़ा को बरकरार रखा। कई बार ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने लम्बे कारावास और बढ़ती उम्र को देखते हुए राहत दी है।
नागपुर जेल से उनकी रिहाई के समय परिवार और समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई थी।
अरुण गवली ने 80 और 90 के दशक में मुंबई अंडरवर्ल्ड में अपना दबदबा बनाया और बाद में राजनीति में आकर अखिल भारतीय सेना की स्थापना की। वे 2004 से 2009 तक चिंचपोकली से विधायक भी रहे। जेल में रहते हुए भी वे चर्चा में बने रहे, खासकर 2018 में जब उन्होंने गांधी दर्शन की परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त किए।
हालांकि उन्हें ज़मानत मिल गई है, लेकिन मुकदमे की सुनवाई अभी बाकी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपील की अंतिम सुनवाई फरवरी 2026 के लिए निर्धारित की है।
अपराध
दिल्ली पुलिस ने सीमा पार मोबाइल तस्करी रैकेट का किया भंडाफोड़, सरगना सहित तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली, 3 सितंबर। दिल्ली पुलिस की एसटीएफ ने राष्ट्रीय राजधानी से लूटे गए मोबाइल के मामले में अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, यह कार्रवाई दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने की है। एसटीएफ ने 2 सितंबर को दिल्ली के सराय काले खां स्थित वेस्ट टू वंडर पार्क के पास से इस गिरोह के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सरगना भी शामिल है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहतार शेख, मोहम्मद गुलू शेख और अब्दुल शमीम के रूप में हुई है, जो सभी पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के निवासी हैं।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि मंगलवार को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि चोरी किए गए या छीने गए मोबाइल फोनों का मुख्य खरीदार मोहतार शेख अपने दो साथियों के साथ दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के इलाके में घूम रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ ने एक विशेष टीम गठित की और सराय काले खां के वेस्ट टू वंडर पार्क के पास जाल बिछाया। मंगलवार शाम करीब 7:15 बजे पुलिस ने आईएसबीटी की ओर से आ रहे मोहतार शेख और उसके दो साथियों की पहचान की। इसके बाद टीम ने तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान उनके पास से तीन देसी पिस्तौल, छह जिंदा कारतूस और 228 महंगे मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली से लूटे गए मोबाइल को पश्चिम बंगाल के रास्ते सीमा पार नेपाल और बांग्लादेश भेजा जाता था। पूछताछ में पता चला कि मोहतार शेख इस गिरोह का मुख्य सरगना है। वह अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर स्थानीय चोरों से कम कीमत पर चोरी के मोबाइल फोन खरीदता था। इसके बाद ये फोन वाहकों और बिचौलियों के नेटवर्क के माध्यम से नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भेजे जाते थे, जहां इन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जाता था।
इन गिरफ्तारियों ने एक बड़े सीमा पार नेटवर्क का खुलासा किया है, जो न केवल दिल्ली में सड़क अपराधों को बढ़ावा देता है, बल्कि चोरी के उपकरणों का अवैध विदेशी व्यापार भी करता है।
पुलिस अन्य नेटवर्क सदस्यों, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं और विदेशी खरीदारों की पहचान के लिए जांच कर रही है।
राष्ट्रीय समाचार
मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद मुंबई पुलिस का एक्शन, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कई थानों में एफआईआर दर्ज

मुंबई, 3 सितंबर। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में हुए प्रदर्शन के दौरान अवैध रूप से इकट्ठा होने और अशांति फैलाने के आरोप में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुंबई पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं। मुंबई पुलिस के मुताबिक, मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन समेत अलग-अलग थानों में मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। अवैध रूप से इकट्ठा होने और हिंसा फैलाने के आरोप में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार, मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में तीन एफआईआर, एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर और जेजे पुलिस स्टेशन, कोलाबा पुलिस स्टेशन और आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में भी मामले दर्ज किए गए हैं।
बता दें कि मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को अपनी ज्यादातर मांगें मान लिए जाने के बाद आमरण अनशन समाप्त कर दिया था। इसके बाद हजारों मराठा कार्यकर्ता मुंबई से अपने गांवों को लौट गए, जिसके चलते अब शहर में स्थिति सामान्य हो रही है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए टिप्पणी की थी। चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने सुनवाई के दौरान आंदोलन से उत्पन्न स्थिति पर नाराजगी जताई थी।
चीफ जस्टिस ने कहा था, “सड़कों पर जज के चलने की भी जगह नहीं है। हालात सामान्य करें, वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि सड़कों से गाड़ियां हटाई जाएं और भीड़ नियंत्रित की जाए।
बता दें कि मनोज जरांगे मराठा समाज आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन के बीच मुंबई में जगह-जगह जाम की स्थिति देखी गई। इस स्थिति में मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे के प्रदर्शन को अनुमति देने से इनकार करते हुए आजाद मैदान खाली करने का नोटिस भेजा था।
हालांकि, मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल ने मंगलवार को सरकार से मांगें माने जाने के बाद अपना पांच दिन का अनशन समाप्त कर दिया था। उन्होंने जल संसाधन मंत्री व मंत्रिमंडलीय उपसमिति अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटिल के हाथों नींबू पानी पीकर अनशन तोड़ा था।
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