अंतरराष्ट्रीय
हॉकी इंडिया ने बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले मैचों के लिए टीम की घोषणा की

हॉकी इंडिया ने गुरुवार को 20 सदस्यीय भारतीय हॉकी टीम का ऐलान किया, जो एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2021-22 सीजन के अंतिम चरण में मेजबान बेल्जियम और नीदरलैंड से भिड़ेगी। मौजूदा अंक तालिका में शीर्ष पर विराजमान भारत 11 और 12 जून को एंटवर्प में बेल्जियम से खेलेगा। इसके बाद, 18 और 19 जून को रॉटरडैम में नीदरलैंड के खिलाफ मैच होगा। टीम की कप्तानी अमित रोहिदास करेंगे और उपकप्तान हरमनप्रीत सिंह होंगे।
20 सदस्यीय टीम में गोलकीपर सूरज करकेरा, श्रीजेश परट्ट रवींद्रन, डिफेंडर सुरेंद्र कुमार, हरमनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, अमित रोहिदास, जुगराज सिंह और जरमनप्रीत सिंह शामिल हैं।
मिडफील्ड में अनुभवी मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, शमशेर सिंह, विवेक सागर प्रसाद, आकाशदीप सिंह और नीलकांत शर्मा हैं, जबकि फॉरवर्ड लाइन में गुरजंत सिंह, मनदीप सिंह, शिलानंद लाकड़ा, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय और अभिषेक शामिल हैं।
टीम के बारे में बोलते हुए मुख्य कोच ग्राहम रीड ने कहा, “यह एफआईएच हॉकी प्रो लीग का सबसे महत्वपूर्ण चरण है, जिसमें दुनिया की शीर्ष टीमों के खिलाफ उनके घरेलू मैदान पर मैच होते हैं। भारत में योजना घरेलू मैचों से हमारी गति को आगे बढ़ाने की है।”
उन्होंने आगे कहा, “साई बेंगलुरु में हमारे राष्ट्रीय शिविर के दौरान हमारे पास लीग के लिए तैयारी करने का समय था और हम यूरोप में बेहतर प्रदर्शन करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। टीम कमोबेश वैसी ही बनी हुई है कोई बड़ा बदलाव नहीं। उनमें से प्रत्येक को प्रो लीग खेलने का पूर्व अनुभव है और बेल्जियम और नीदरलैंड के खिलाफ मैचों में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित हैं।”
मैच स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क और डिज्नी प्सल हॉटस्टार पर लाइव प्रसारित होंगे।
भारतीय हॉकी टीम:
गोलकीपर: सूरज करकेरा और श्रीजेश परट्ट रवींद्रन।
डिफेंडर: सुरेंद्र कुमार, हरमनप्रीत सिंह (उपकप्तान), वरुण कुमार, अमित रोहिदास (कप्तान), जुगराज सिंह और जरमनप्रीत सिंह।
मिडफील्डर: मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, शमशेर सिंह, विवेक सागर प्रसाद, आकाशदीप सिंह और नीलकांत शर्मा।
फॉरवर्ड : गुरजंत सिंह, मनदीप सिंह, शिलानंद लकड़ा, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय और अभिषेक।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी ड्रग ऑपरेशन में ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति को मिली आजीवन कारावास की सजा

सिडनी, 12 जून। अमेरिकी मादक पदार्थ तस्करी में कथित संलिप्तता के आरोप में ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति को संघीय अधिकारियों ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस (एएफपी) और ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल (एबीएफ) ने गुरुवार को कहा कि सिडनी के 38 वर्षीय व्यक्ति पर अमेरिकी अभियान में उसकी कथित संलिप्तता से संबंधित पांच अपराधों के आरोप लगाए गए हैं, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया में 48 किलोग्राम अवैध ड्रग्स का आयात किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2023 में शुरू हुई जांच के बाद मंगलवार को इस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जब एबीएफ अधिकारियों ने तीन महीने की अवधि में अमेरिका से अवैध दवाओं से भरी 24 अलग-अलग खेपों को रोका था।
एएफपी और एबीएफ ने एक संयुक्त बयान में कहा कि इन खेपों में कुल मिलाकर 18 किलोग्राम मेथेम्फेटामाइन और 30 किलोग्राम कोकीन था।
उन्होंने बताया कि 38 वर्षीय व्यक्ति ने खेपों की निगरानी की और ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर उन्हें लेने के लिए तैयार था। उस पर संदिग्ध अपराध की आय में 125,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (81,113.5 अमेरिकी डॉलर) प्राप्त करने और दो व्यक्तियों की ओर से इसे लूटने का भी आरोप है।
एएफपी अधिकारियों ने मंगलवार को पश्चिमी सिडनी की दो संपत्तियों पर तलाशी ली और नकदी, 1 किलो कोकीन, गोला-बारूद और चार पिस्तौल जब्त किए। गिरफ्तारी के समय व्यक्ति के पास मौजूद तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए।
उन पर सीमा-नियंत्रित दवा की व्यावसायिक मात्रा के आयात में सहायता करने और उसे बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था, जिसके लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है, साथ ही उन पर आग्नेयास्त्र, नशीली दवाओं की आपूर्ति और आपराधिक अपराधों की आय से निपटने का भी आरोप लगाया गया था।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के साथ तनाव के बीच मध्य पूर्व से अमेरिकी लोगों की वापसी, राष्ट्रपति ट्रंप कहा- क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है

वाशिंगटन, 12 जून। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु वार्ता के रुक जाने और बढ़ते क्षेत्रीय तनाव को देखते हुए व्हाइट हाउस ने कुछ मध्य पूर्वी देशों से अपने कुछ कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह फैसला एहतियात के तौर पर लिया गया है, क्योंकि यह इलाका अब संभावित रूप से “खतरनाक” बन गया है।
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका अपने सैनिकों को मध्य पूर्व से हटाने की योजना बना रहा है, तो उन्होंने मीडिया से कहा, “हम अपने लोगों को वहां से हटा रहे हैं, क्योंकि वह इलाका खतरनाक हो सकता है। हम देखेंगे आगे क्या होता है। हमने वहां से हटने का नोटिस दे दिया है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या तनाव कम करने के लिए कोई कदम उठाए जा सकते हैं, तो राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपना सख्त रुख दोहराया।
ट्रंप ने ईरान को लेकर कहा, “उनके पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए। यह बहुत सीधी बात है। हम उन्हें परमाणु हथियार बनाने की इजाजत नहीं देंगे।”
ट्रंप का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि अमेरिका इराक में अपने दूतावास को आंशिक रूप से खाली करने की तैयारी कर रहा है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को एक बयान में कहा, “हमारे हालिया विश्लेषण के आधार पर हमने इराक में अपने मिशन की उपस्थिति को कम करने का फैसला किया है।”
बयान में कहा गया है, “हम अपने सभी दूतावासों में कर्मचारियों की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।”
बुधवार को ही अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने मध्य पूर्व में तैनात अमेरिकी सैनिकों के परिवारों को वहां से स्वेच्छा से लौटने की मंजूरी दे दी। इराक से कर्मचारियों को हटाने के पीछे की सुरक्षा चिंताएं अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं।
तनाव को और बढ़ाते हुए अर्कांसस के अमेरिकी सीनेटर टॉम कॉटन ने गुरुवार को कहा कि रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने यह पुष्टि की है कि ईरान सक्रिय रूप से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को दोबारा शुरू करने की बातचीत लंबे समय से रुकी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय
दक्षिण कोरियाई सेना ने किया उत्तर कोरिया के खिलाफ ‘लाउडस्पीकर प्रसारण’ स्थगित

सियोल, 11 जून। दक्षिण कोरिया की सेना ने बुधवार को उत्तर कोरिया के खिलाफ सीमा पर अपने लाउडस्पीकर प्रसारण स्थगित कर दिए। ऐसी संभावना है कि नई सरकार प्योंगयांग के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की कोशिश करेगी।
उत्तर कोरिया कचरे से भरे गुब्बारों को बार-बार सीमा पार भेज रहा है, जिसके जवाब में पिछले साल जून में लाउडस्पीकर प्रसारण शुरू किया गया था। अब करीब एक साल बाद इस पर रोक लगाई गई है।
ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) के एक अधिकारी ने कहा, “कोरियाई प्रायद्वीप पर इंटर-कोरियाई ट्रस्ट और शांति बहाल करने के वादे को पूरा करने की कोशिशों के तहत यह फैसला लिया गया है।”
ली जे-म्यांग ने हाल ही में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला है। उन्होंने उत्तर कोरिया के खिलाफ प्योंगयांग विरोधी पर्चे अभियान और लाउडस्पीकर प्रसारण को निलंबित करने की कसम खाई है। ली जे-म्यांग का कहना है कि वह पड़ोसी देश से खराब संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले 9 जून को दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा था कि सीमा पर प्योंगयांग विरोधी लाउडस्पीकर प्रसारण को निलंबित करना उत्तर कोरिया की कार्रवाइयों पर निर्भर करेगा।
दक्षिण कोरिया ने एक साल पहले उत्तर कोरिया के सीमा पार कचरा ले जाने वाले गुब्बारे बार-बार छोड़े जाने के जवाब में भारी किलेबंद सीमा के पास लाउडस्पीकर प्रसारण फिर से शुरू किया था। लाउडस्पीकर प्रसारण तेज होने से सीमा पर रहने वाले लोगों को असुविधा हो रही थी।
ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) के प्रवक्ता कर्नल ली सुंग-जून ने कहा, “हमारी सेना ने पिछले साल जून में लाउडस्पीकर प्रसारण को फिर से शुरू करने का फैसला किया था। हम स्ट्रेटेजिक और ऑपरेशनल सिचुएशन के साथ फ्लेक्सिबल तरीके से इसका संचालन कर रहे हैं।”
जेसीएस अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि लाउडस्पीकर प्रसारण को निलंबित करना उत्तर कोरिया के व्यवहार पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, “सुरक्षा स्थिति को मद्देनजर रखते हुए एक व्यापक, सरकारी स्तर की समीक्षा जरूरी है।”
जेसीएस अधिकारी ने कहा कि उत्तर कोरिया ने सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ ‘पीला सागर’ में भी दिन-रात दक्षिण की ओर लाउडस्पीकर प्रसारण जारी रखा है।
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