राजनीति
बुधवार को भारत में कोरोना के 2.08 लाख नए मामले, 24 घंटे में 4,157 लोगों की मौत

भारत में कोविड के दो लाख से कम मामले आने के एक दिन बाद ही बुधवार को एक बार फिर नए 2,08,921 मामले सामने आए, जबकि बीते 24 घंटों में कोरोना से 4,157 लोगों की मौत हो गई। इसकी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने साझा की है।
सोमवार को भारत ने कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण हुई मौतों का तीन लाख का आकड़ा पार कर लिया, इससे अमेरिका और ब्राजील के बाद तीन लाख मौतों को पार करने वाला भारत दुनिया का तीसरा देश बन गया है।
पिछले 15 दिनों में भारत में 60,000 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं।
भारत में कोविड-19 मामलों की कुल संख्या अब 27,11,57,795 है, जिसमें 24,95,591 सक्रिय मामले हैं और अब तक 3,11,388 मौतें हुई हैं। मंगलवार को, भारत ने 1,96,427 मामले दर्ज किए जो 14 अप्रैल के बाद का सबसे कम आंकड़ा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुल 2,95,955 लोगों को छुट्टी दे दी गई है, जिनमें से 2,43,50,816 अब तक कोविड से ठीक हो चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कुल 20,06,62,456 लोगों को टीका लगाया गया है, जिनमें 20,39,087 लोगों को पिछले 24 घंटों में टीका लगाया गया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, कोविड के लिए 25 मई तक 33,48,11,496 नमूनों का परीक्षण किया गया है। इनमें से 22,17,320 नमूनों की मंगलवार को जांच की गई।
भारत ने ठीक एक हफ्ते पहले 4,529 मौतों के साथ कोविड के कारण रिकॉर्ड मौतें दर्ज कीं। जो दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में कोरोनोवायरस के प्रकोप के बाद से किसी भी देश में कोविड संक्रमण से सबसे ज्यादा मौतें हुईं।
यह 12 जनवरी को अमेरिका में 4,468 और इससे पहले ब्राजील में 6 अप्रैल को 4,211 मौतों के आंकड़े को पार कर गया। ये तीनों महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
हफ्तों तक घातक महामारी की दूसरी लहर से जूझने के बाद, ताजा कोविड मामले 17 मई को पहली बार तीन लाख अंक से नीचे आ गए थे। 7 मई को 4,14,188 के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छूने के बाद ये गिरावट सामने आई थी।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली दंगा मामले में आरोपी शरजील इमाम ने वापस ली अपनी अंतरिम जमानत याचिका

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: 2020 के दिल्ली दंगा मामले में आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने मंगलवार को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट से अपनी अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली। उन्होंने यह याचिका बिहार चुनाव में भाग लेने के लिए दायर की थी।
शरजील इमाम ने अदालत से 14 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी ताकि वे बहादुरगंज विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकें। हालांकि, सुनवाई के दौरान उनके वकील ने याचिका वापस लेने का निर्णय किया।
शरजील इमाम के वकील ने कहा कि उनकी नियमित जमानत याचिका फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए अंतरिम जमानत के लिए आवेदन करने का उचित मंच सुप्रीम कोर्ट ही होगा न कि ट्रायल कोर्ट। इस आधार पर कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल अंतरिम जमानत याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगी गई।
शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं। उन पर देशद्रोह, आपराधिक साजिश और राजद्रोह से संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने शाहीन बाग और जामिया इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध के दौरान उकसाने वाले भाषण दिए थे, जिनसे हिंसा भड़की।
शरजील को जनवरी 2020 में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था और तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं।
शरजील इमाम ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बहादुरगंज सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरने का ऐलान किया था। उन्होंने इसके लिए अदालत से दो सप्ताह की अस्थायी रिहाई मांगी थी ताकि नामांकन और प्रचार में हिस्सा ले सकें।
शरजील के चुनाव लड़ने के इरादे ने बिहार की सियासत में नई चर्चा छेड़ दी है।
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
राष्ट्रीय समाचार
इस वर्ष सितंबर में थोक मंहगाई दर घट कर 0.13 प्रतिशत रह गई

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर सितंबर में 0.13 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो कि इससे पिछले महीने अगस्त में 0.52 प्रतिशत थी।
मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, अन्य मैन्युफैक्चरिंग, गैर-खाद्य वस्तुओं, अन्य परिवहन उपकरणों और वस्त्रों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।
आंकड़ों के अनुसार, फसल की अधिक पैदावार और गेहूं व चावल के पर्याप्त बफर स्टॉक के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में इस महीने 1.38 प्रतिशत की गिरावट आई।
फूड इंडेक्स में सितंबर में सालाना आधार पर 1.99 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
सितंबर के दौरान पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस जैसे ईंधनों की कीमतों में भी गिरावट जारी रही और ईंधन मुद्रास्फीति नकारात्मक क्षेत्र में -2.58 प्रतिशत पर रही।
सितंबर महीने के लिए थोक मूल्य सूचकांक में मासिक आधार पर बदलाव अगस्त की तुलना में -0.19 प्रतिशत रहा।
इस बीच, सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित देश की मुद्रास्फीति दर पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में इस वर्ष सितंबर में घटकर आठ साल के निचले स्तर 1.54 प्रतिशत पर आ गई है, क्योंकि इस महीने के दौरान खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतें सस्ती हुईं।
यह जून 2017 के बाद सालाना आधार पर सबसे कम मुद्रास्फीति है और अगस्त की 2.05 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर से भी कम है।
आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने नकारात्मक क्षेत्र में रही और सितंबर के दौरान -2.28 प्रतिशत दर्ज की गई।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, “सितंबर के दौरान हेडलाइन मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से अनुकूल आधार प्रभाव और सब्जियों, खाद्य तेलों फल, दालें, अनाज और अंडा की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है।”
अच्छे दक्षिण-पश्चिम मानसून, अच्छी खरीफ बुवाई, पर्याप्त जलाशय स्तर और खाद्यान्नों के पर्याप्त बफर स्टॉक के साथ बड़े अनुकूल आधार प्रभावों के कारण 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति का दृष्टिकोण अधिक सौम्य हो गया है।
22 सितंबर से शुरू हुई जीएसटी दरों में कटौती से सभी वस्तुओं की कीमतें कम हो रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में कमी आएगी।
मुद्रास्फीति दर में गिरावट आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती और विकास को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था में अधिक धन डालकर नरम मुद्रा नीति जारी रखने के लिए अधिक गुंजाइश देती है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 1 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की मुद्रास्फीति दर के अपने पूर्वानुमान को अगस्त के 3.1 प्रतिशत से घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जिसका मुख्य कारण जीएसटी रेट कट और खाद्य कीमतों में नरमी है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “हाल ही में लागू जीएसटी रेट्स को रेशनलाइज बनाने से सीपीआई बास्केट की कई वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी। कुल मिलाकर, मुद्रास्फीति का परिणाम अगस्त की मौद्रिक नीति समिति के प्रस्ताव में अनुमानित से कम रहने की उम्मीद है।”
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई में टीआईएसएस के 12 से ज्यादा छात्रों पर मामला दर्ज, जीएन साईबाबा की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप

FIR
मुंबई, 14 अक्टूबर: टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) के 12 से अधिक छात्रों पर दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि कुछ छात्रों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है, जबकि कई छात्रों के लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं।
यह घटना रविवार शाम की है, जब टीआईएसएस के कुछ छात्रों ने कैंपस परिसर में इकट्ठा होकर मोमबत्तियां जलाईं और साईबाबा के पोस्टर लगाए। बताया जा रहा है कि यह आयोजन उनकी ‘मृत्यु वर्षगांठ’ की स्मृति में किया गया था।
घटना के बाद ट्रोम्बे पुलिस स्टेशन ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ कैंपस में बिना अनुमति सभा आयोजित की, बल्कि इस दौरान कुछ छात्रों ने उमर खालिद और शरजील इमाम के समर्थन में नारे भी लगाए।
दोनों 2020 दिल्ली हिंसा की साजिश के मामले में पिछले पांच वर्षों से जेल में बंद हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिन छात्रों के नाम सामने आए हैं, उनमें कुछ वर्तमान छात्र हैं, जबकि कुछ पूर्व छात्र भी शामिल हो सकते हैं।
पुलिस ने इस कार्यक्रम के दौरान मौजूद मोबाइल और कैमरा फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया है। जांच टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि कार्यक्रम की योजना किसने बनाई थी और क्या इसका किसी बड़े संगठन से कोई संबंध है।
उधर, सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बता रहे हैं, जबकि कई लोग इसे कानून व्यवस्था का उल्लंघन कह रहे हैं।
फिलहाल, ट्रोम्बे पुलिस की टीम जांच में जुटी है और कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और छात्रों से पूछताछ की जा सकती है।
यह मामला अब मुंबई के शैक्षणिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का प्रमुख विषय बन गया है।
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