राजनीति
50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे सिनेमा हॉल : जावडेकर

देश भर के सिनेमा हॉलों को खुलने में महज नौ दिन शेष हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मंगलवार को मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) की घोषणा करते हुए कहा कि हॉल केवल 50 प्रतिशत लोगों के बैठने की क्षमता के साथ खुलेंगे। सिनेमा हॉल 15 अक्टूबर से खुलने के लिए तैयार हैं।
जावडेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “मंत्रालय ने आज सभी मल्टीप्लेक्सों और सिंगल थिएटर सिनेमाघरों को एसओपी जारी किए हैं। ऑडिटोरियम के अंदर केवल 50 प्रतिशत सीटों पर ही लोगों को बैठने दिया जाएगा और खाली रहने वाली सीटों को ठीक से चिह्न्ति किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, कंटेन्मेंट जोन में फिल्मों के प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी।
जावडेकर ने कहा कि ऑडिटोरियम के बाहर, कॉमन एरिया और वेटिंग एरिया में कम से कम छह फीट की पर्याप्त फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
मंत्री ने कहा कि मल्टीप्लेक्स या सिनेमाघरों में ‘थूकना’ सख्त वर्जित होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की सुविधा के लिए थिएटरों को टिकटों की बुकिंग के समय मोबाइल नंबर नोट करना होगा।
जावडेकर ने कहा कि सिनेमाघरों को डिजिटल बुकिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जबकि सिंगल स्क्रीन थिएटरों को भीड़ से बचने के लिए अधिक बुकिंग विंडो खोलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “बुकिंग काउंटरों को पूरे दिन खुला रखना होगा और बॉक्स ऑफिस पर भीड़भाड़ से बचने के लिए एडवांस बुकिंग की अनुमति दी जानी चाहिए।”
दिशा-निर्देश देते हुए, मंत्री ने कहा कि केवल पैकेज्ड फूड और पेय पदार्थो की अनुमति होगी और ऑडिटोरियम में वितरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खाद्य और पेय पदार्थो के लिए कई काउंटर होने चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शो के पहले और बाद में एक मिनट की लघु फिल्म को दिखाने की जरूरत है। जावडेकर ने आगे कहा कि फेस मास्क पहनना अनिवार्य है और थिएटर के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल का प्रावधान होना चाहिए। थियेटर को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर शो के बाद उसे साफ किया जाए और स्टाफ के सदस्यों को उचित हैंड ग्लव्स, पीपीई किट और बूट दिए जाएं।
थिएटर के अंदर के तापमान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, तापमान को 23-30 डिग्री सेल्सियस के बीच बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि थिएटर में उचित वेंटिलेशन के इंतजाम किए जाने चाहिए।
कोविड-19 महामारी के कारण 22 मार्च से देश भर के सिनेमा हॉल बंद हैं। सिंगल स्क्रीन थिएटर और मल्टीप्लेक्स लगभग छह महीने के अंतराल के बाद खुल रहे हैं।
राजनीति
मिडिल क्लास की सवारी होगी बुलेट ट्रेन, पहले टिकट बुक करने की नहीं पड़ेगी जरूरत : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

मुंबई, 20 सितंबर। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर नया अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि घनसोली और शिलफाटा के बीच लगभग 5 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है। शनिवार सुबह मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह सुरंग बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स (बीकेसी) स्टेशन और शिलफाटा के बीच प्रस्तावित 21 किमी लंबी अंडरसी टनल का हिस्सा है, जिसमें 7 किमी हिस्सा ठाणे क्रीक के नीचे से होकर गुजरता है। समुद्र के नीचे बनाई जा रही इस सुरंग के महत्वपूर्ण सेक्शन में शनिवार को ब्रेकथ्रू (सुरंग का मिलन) हुआ है। यह 4.881 किमी लंबी सुरंग का एक खंड है।
उन्होंने बताया कि जापान की एक टीम ने शुक्रवार को पूरे प्रोजेक्ट का दौरा किया और समीक्षा की। सभी ने कंस्ट्रक्शन और काम की क्वालिटी के बारे में सराहना की।
अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इस प्रोजेक्ट में लगभग 320 किलोमीटर के पुल या पुल का हिस्सा पूरा हो चुका है। सारे स्टेशन पर बहुत अच्छा काम चल रहा है। नदियों पर बन रहे पुल भी तेजी से पूरे हो रहे हैं। साबरमती टर्मिनल लगभग पूरा हो गया है।
रेल मंत्री ने कहा, “मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद की यात्रा के समय को 2 घंटे 7 मिनट तक कम कर देगी। रास्ते में ठाणे, वापी, सूरत, बड़ौदा और आणद जैसे प्रमुख शहर हैं। इन सभी शहरों की अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी। इससे पूरे क्षेत्र को बहुत लाभ होगा।”
बुलेट ट्रेन की टाइमिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “सुबह और शाम के व्यस्त समय में हर आधे घंटे में ट्रेनें चलेंगी। शुरुआत में व्यस्त समय में हर आधे घंटे में ट्रेनें चलेंगी। बाद में जब पूरा नेटवर्क स्थिर हो जाएगा तो व्यस्त समय में हर 10 मिनट में सेवा उपलब्ध होगी।”
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा, “अगर आप मुंबई से अहमदाबाद जाना चाहते हैं, तो पहले से टिकट बुक करने की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। बस स्टेशन पहुंचें, 10 मिनट में ट्रेन पकड़ें और दो घंटे में अपने गंतव्य तक पहुंचें। इससे पूरी सेवा के लिए एक नया दृष्टिकोण तैयार होगा।”
उन्होंने कहा कि पहला चरण 2027 में चालू हो जाएगा। यह सूरत से बिलिमोरा के बीच चालू होगा। 2028 में ठाणे तक बुलेट ट्रेन का सफर शुरू होगा और उसके बाद 2029 तक यह प्रोजेक्ट बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स (बीकेसी) पहुंच जाएगा।
किराए को लेकर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बुलेट ट्रेन मिडिल क्लास की सवारी होगी। पूरा फेयर स्ट्रक्चर मिडिल क्लास का फेयर स्ट्रक्चर रहेगा।
राजनीति
महायुति सरकार ने नासिक कुंभ मेले की निगरानी के लिए मंत्रिस्तरीय समिति बनाई, पालकमंत्री विवाद सुलझा

EKNATH SHINDE & DEVENDR FADNVIS
मुंबई: महायुति सरकार ने नासिक के संरक्षक मंत्री की नियुक्ति पर विवाद से बचने का एक अनूठा तरीका निकाला है। उसने 2027-28 में वहाँ आयोजित होने वाले कुंभ मेले के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए सभी दावेदारों की एक मंत्रिस्तरीय समिति गठित करने का फैसला किया है, जिसकी तैयारियाँ अगले साल से शुरू होंगी। शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार, समिति में भाजपा के तीन और शिवसेना व राकांपा के दो-दो मंत्री शामिल हैं, जिनका नेतृत्व क्रमशः उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार कर रहे हैं।
जिला संरक्षक मंत्री पद के इच्छुक भाजपा मंत्री गिरीश महाजन, अन्य उम्मीदवारों – छगन भुजबल, दादा भुसे और माणिकराव कोकाटे (जो नासिक से हैं) के साथ समिति का नेतृत्व करेंगे। दिलचस्प बात यह है कि महाजन जलगाँव से हैं, लेकिन भाजपा विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों से उन्हें इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त करने के लिए उत्सुक है।
अन्य मंत्री उदय सामंत, जयकुमार रावल और शिवेंद्र राजे भोसले हैं। समिति का गठन नासिक-त्र्यंबकेश्वर कुंभ मेला प्राधिकरण के प्रावधानों के अनुसार किया गया है, जिसके लिए जुलाई में कानून पारित किया गया था।
यह समिति नासिक कुंभ की योजना और कार्यान्वयन की देखरेख करेगी, जहाँ लाखों श्रद्धालुओं के गोदावरी नदी में पवित्र स्नान के लिए आने की उम्मीद है। समिति से बुनियादी ढाँचे, जल आपूर्ति, आवास और चिकित्सा सुविधाओं के विकास में सहायता करने की अपेक्षा की जाती है।
जनवरी में जब नासिक के संरक्षक मंत्री के रूप में महाजन के नाम की घोषणा हुई, तो शिवसेना ने कड़ी आपत्ति जताई थी। शिंदे की पार्टी ने रायगढ़ के संरक्षक मंत्री के रूप में अदिति तटकरे का भी विरोध किया था, जिसके कारण गतिरोध पैदा हो गया था और अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया है। शिवसेना ‘दादा भुसे और भरत गोगावाले को नासिक और रायगढ़ का संरक्षक मंत्री बनाना चाहती है।’
इस बीच, राकांपा ने नासिक पर अपना दावा ठोक दिया है, जहाँ से दो मंत्री हैं – भुजबल और कोकाटे। हालाँकि, भाजपा नासिक के धार्मिक और राजनीतिक महत्व और आसन्न स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए वहाँ अपना दावा छोड़ने के मूड में नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
ट्रंप ने एच-1बी वीजा नियमों को सख्त किया, अब 100,000 डॉलर सालाना फीस लगेगी

TRUMP
वाशिंगटन, 20 सितंबर। अमेरिका में काम कर रहे भारतीय टेक्नोलॉजी पेशेवरों और बड़ी कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम में बड़े बदलाव करने के लिए एक घोषणा पत्र पर साइन किए हैं।
इस घोषणापत्र के अनुसार, अब प्रत्येक आवेदन के लिए प्रति वर्ष 1,00,000 डॉलर का शुल्क देना होगा। ट्रंप का कहना है कि इसका मकसद विदेशी कामगारों की बजाय अमेरिकी लोगों को नौकरी देना है।
व्हाइट हाउस में आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारी नौकरियां हमारे नागरिकों को मिलें। हमें अच्छे कामगार चाहिए और यह कदम उसी दिशा में है।”
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लूटनिक ने भी इस फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि अब बड़ी कंपनियां विदेशी लोगों को सस्ते में काम पर नहीं रखेंगी, क्योंकि पहले सरकार को 1 लाख डॉलर देने होंगे और फिर कर्मचारी को वेतन देना होगा। तो, यह आर्थिक रूप से ठीक नहीं है। आप किसी को प्रशिक्षित करेंगे। आप हमारे देश के किसी अच्छे विश्वविद्यालय से हाल ही में स्नातक हुए किसी व्यक्ति को प्रशिक्षित करेंगे, अमेरिकियों को प्रशिक्षित करेंगे। हमारी नौकरियां छीनने के लिए लोगों को लाना बंद करें। यही यहां की नीति है।
नए नियम के अनुसार, एच-1बी वीज़ा अधिकतम छह साल के लिए ही मान्य रहेगा, चाहे नया आवेदन हो या नवीनीकरण। आदेश में कहा गया है कि इस वीज़ा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे अमेरिकी कामगारों को नुकसान हो रहा था और यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था व सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है।
ट्रंप और लुटनिक दोनों ने ज़ोर देकर कहा कि सभी प्रमुख तकनीकी कंपनियां “इसमें शामिल” हैं।
ट्रंप ने एक नया “गोल्ड कार्ड प्रोग्राम” भी शुरू किया है। इसमें कोई व्यक्ति 10 लाख डॉलर देकर वीज़ा ले सकता है, जबकि कंपनियों को 20 लाख डॉलर देने होंगे।
अभी हर साल करीब 85 हजार नए एच-1बी वीजा दिए जाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा हिस्सा भारतीयों को मिलता है। प्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में लगभग 73 प्रतिशत एच-1बी वीजा भारतीयों को मिले थे, जबकि चीन के लोगों को 12 प्रतिशत मिले।
इस फैसले से अमेरिका में काम कर रहे हजारों भारतीय पेशेवरों और वहां की टेक्नोलॉजी कंपनियों पर गहरा असर पड़ सकता है।
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