Connect with us
Tuesday,02-September-2025
ताज़ा खबर

अनन्य

बिहार : बाढ़ का पानी उतरा, अब दिखने लगा बर्बादी का मंजर

Published

on

Bihar-Flood

बिहार के मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मधुबनी, दरभंगा सहित कई जिलों में विभिन्न नदियों के उफान से आई बाढ़ का पानी उतरने के बाद गांवों में बर्बादी का मंजर दिखने लगा है।

बाढ़ प्रभावित इलाकों के गांव के कच्चे मकान टूट गए हैं। बाढ़ का पानी उतरने के बाद करीब 35 दिन से ज्यादा समय तक बांध या सड़कों के किनारे जिंदगी गुजार रहे लोग अब अपने घरों में लौटने लगे हैं लेकिन अपने गांवों की तबाही देख उनका कलेजा फट रहा है। लोगों के तिनका-तिनका जोड़कर बसाई गृहस्थी बिखर गई है। लोग अब आगे की जिंदगी को पटरी पर लाने को लेकर चिंतित हैं।

घरों में कीचड़ भरे हुए और उसमें से निकलने वाले बदबू ने जीना मुहाल कर दिया है। गांवों में हैंडपंपों से दूषित पानी निकल रहा है।

बरौली प्रखंड के पिपरा गांव के रहने वाले नवल यादव सारण बांध पर 35 दिन गुजारने के बाद घर लौटे हैं। घर की एक तरफ की दीवारें गिर गई हैं तो ईंट बिखर और बह गया है। यादव का परिवार बाढ़ के कारण जब गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान के लिए निकले थे, तब कई जरूरी सामान साथ ले गए थे, लेकिन जो बचा था वह अब नहीं है। बाढ़ के पानी में सबकुछ बह गया। घर लौटे नवल के परिवार इस मंजर को देखकर भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

नवल की पत्नी कहती है, “सबकुछ तो बर्बाद हो गया। कहीं कुछ नहीं बचा। किसी तरह यह आशियाना बना था। अभाव में जिंदगी गुजार कर सबकुछ इकट्ठा किया था, लेकिन अब कुछ नहीं बचा। बांध पर थे, तो किसी तरह खाना-पीना मिल जाता था अब तो गांव में खाने के भी लाले पड़ गए हैं।”

कई गांवों के ऊंचे स्थानों से बाढ़ का पानी तो निकल गया है, लेकिन निचले इलाकों में अभी भी पानी है। कई इलाकों के खेतों में लगी फसलों को बर्बाद कर बाढ़ का पानी उतर गया है लेकिन अब खेतों में बालू भर गए हैं। गांव के लोगों का कहना है कि अब बालू के कारण उनकी खेत भी बर्बाद हो गई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गोपालगंज के चार प्रखंडों में करीब 2000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। ऐसे लोगों के सामने अब ना केवल अपने आशियानों को फिर से बनाने की चिंता है बल्कि दो समय की रोटी का जुगाड़ करना भी समस्या बन गई है।

मधुबनी जिले के कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी उतरने के बाद भी जिदगी पटरी पर नहीं लौट पाई है। विनाशकारी बाढ़ से खंड-खंड में टूटी सड़क, धाराशाई हुए घर, परेशान जिदगी का मंजर दिखने लगा है। बाढ़ का पानी हटने के बाद गांवों में अथाह पीड़ा है। बाढ़ ने गरीबों के घर उजाड़कर बेघर करते हुए सड़क पर ला दिया है।

बेनीपट्टी प्रखंड के गुलरिया टोल गांव में बाढ़ से रामाशीष सहनी, उर्मिला देवी की घर क्षतिग्रस्त हो गया है। एक माह तक घर में पानी था। बाढ़ से विस्थापित होकर पड़ोसी सुखदेवी सहनी के घर में खाना बनाते हैं और अपने पड़ोसी जगदीश सहनी के दरवाजे पर रात गुजारते हैं।

मुजफ्फरपुर के कई प्रखंडों में भी बाढ़ का पानी उतर गया है, लेकिन यहां के भी लोगों की परेशानियां अभी कम नहीं हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार के 16 जिले के 130 प्रखंडों के 1333 पंचायतों में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में छह राहत शिविर चलाए जा रहे हैं तथा 174 सामुदायिक रसोईघर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि अब तक बाढ़ प्रभावित 10 लाख 48 हजार 614 परिवारों के बैंक खाते में प्रति परिवार 6,000 रूपये की दर से कुल 629़17 करोड़ रुपये ग्रेचुट्स रिलीफ (जीआर) की राशि भेजी जा चुकी है। लाभान्वित परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है।

अनन्य

बिहार एसआईआर मामला: सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की समय सीमा बढ़ाने से इनकार

Published

on

नई दिल्ली, 1 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार एसआईआर (में विशेष गहन पुनरीक्षण) मामले में विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावे और आपत्ति दर्ज करने की समय सीमा 1 सितंबर से आगे बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया कि 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी लोग अपनी आपत्तियां और दावे दर्ज कर सकेंगे।

आयोग ने स्पष्ट किया कि नामांकन की अंतिम तारीख तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने का काम जारी रहेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।

चुनाव आयोग के वकील एकलव्य द्विवेदी ने कहा, “आज की सुनवाई में दो याचिकाएं दायर की गईं। मुख्य मांग थी कि आधार कवरेज को 65 प्रतिशत की बजाय सभी 7.2 करोड़ मतदाताओं तक बढ़ाया जाए और समयसीमा को भी बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मांगों को खारिज कर दिया है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई का डाटा नोट किया है कि 99.5 प्रतिशत लोगों का आवेदन हो चुका है और कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया है कि 1 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर लोग अपनी आपत्ति या दावा पेश कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आधार की मांग को भी नकारा है। कोर्ट ने माना है कि आधार का उद्देश्य नागरिकता को साबित करने का नहीं बल्कि पहचान को साबित करने का है। आधार कार्ड को ‘डेट ऑफ बर्थ’ का आधार माना जा सकता है।”

चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है। समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। आयोग ने कहा कि 1 सितंबर से 25 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए पर्याप्त समय है और इसके बाद भी कोई रोक नहीं है।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 30 सितंबर के बाद भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और सही दावों को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ‘बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी’ के चेयरमैन को निर्देश दिया कि वे पैरा-लीगल वॉलेंटियर्स को मतदाताओं की मदद के लिए नोटिफिकेशन जारी करें, ताकि दावे और आपत्तियां दर्ज करने में सहायता मिल सके।

याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि आधार कार्ड को स्वीकार करने का आदेश केवल 65 लाख लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि आधार कार्ड के कारण किसी का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ, तो उनकी सूची 8 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।

इससे पहले, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि 22 अगस्त को कोर्ट ने आधार कार्ड को दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का आदेश दिया था, लेकिन चुनाव आयोग पारदर्शिता के अपने निर्देशों का पालन नहीं कर रहा।

उन्होंने आशंका जताई कि कई ‘रिन्यूमेरेशन फॉर्म’ ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) द्वारा भरे गए हैं। भूषण ने यह भी कहा कि आयोग कुछ मतदाताओं को नोटिस जारी कर रहा है, जिसमें दस्तावेजों में कमी का हवाला दिया जा रहा है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में छूट गए लोग आधार कार्ड के साथ दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि, आधार की अहमियत को मौजूदा कानूनी प्रावधानों से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि आयोग को कानून के तहत आधार की वैधानिकता को स्वीकार करना होगा।

इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी, जिसमें कोर्ट आधार कार्ड के आधार पर मतदाता सूची में शामिल न किए गए लोगों की सूची पर विचार करेगा।

Continue Reading

अनन्य

सीबीआई, मुंबई पुलिस ने बड़े ड्रग मामले में इंटरपोल के जरिए कुब्बावाला मुस्तफा को यूएई से वापस लाया

Published

on

मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इंटरपोल के माध्यम से कुब्बावाला मुस्तफा की यूएई से वापसी में सफलतापूर्वक समन्वय किया है। कुब्बावाला मुस्तफा मुंबई पुलिस का वांछित अपराधी है।

सीबीआई की अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) ने एनसीबी-अबू धाबी के सहयोग से रेड नोटिस के तहत वांछित कुब्बावाला मुस्तफा को 11.07.2025 को सफलतापूर्वक भारत वापस लाया। मुंबई पुलिस की चार सदस्यीय टीम कुब्बावाला मुस्तफा को वापस लाने के लिए 07.07.2025 को दुबई, संयुक्त अरब अमीरात गई। यह टीम 11.07.2025 को संयुक्त अरब अमीरात से छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, मुंबई पहुँची। सीबीआई द्वारा इंटरपोल के माध्यम से एनसीबी-अबू धाबी के साथ गहन अनुवर्तन के माध्यम से पहले ही संयुक्त अरब अमीरात में मुस्तफा की भौगोलिक स्थिति का पता लगा लिया गया था।

मुंबई पुलिस को कुर्ला पुलिस स्टेशन, मुंबई में दर्ज एफआईआर संख्या 67/2024 के तहत कुब्बावाला मुस्तफा की तलाश है। उस पर विदेश से सांगली में एक सिंथेटिक ड्रग निर्माण फैक्ट्री चलाने का आरोप है। कुब्बावाला मुस्तफा और अन्य से जुड़ी उक्त फैक्ट्री से 2.522 मिलियन रुपये मूल्य की कुल 126.141 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स बरामद और जब्त की गई। कुब्बावाला मुस्तफा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है और माननीय न्यायालय ने उसके खिलाफ खुली तारीख का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

मुंबई पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने इस मामले में 25.11.2024 को इंटरपोल के माध्यम से रेड नोटिस प्रकाशित करवाया। एनसीबी-अबू धाबी ने 19.06.2025 को सूचित किया कि उनके अधिकारियों ने इस व्यक्ति को भारत वापस लाने के लिए यूएई में एक सुरक्षा मिशन भेजने का अनुरोध किया है। इसके बाद, यूएई से इस व्यक्ति को वापस लाने के लिए मुंबई पुलिस की एक टीम का गठन किया गया।

इंटरपोल द्वारा प्रकाशित रेड नोटिस वांछित अपराधियों पर नज़र रखने के लिए विश्व भर की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजे जाते हैं।

भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में सीबीआई, इंटरपोल चैनलों के माध्यम से सहायता के लिए भारतपोल के माध्यम से भारत में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करती है। पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल चैनलों के माध्यम से समन्वय करके 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।

Continue Reading

अनन्य

झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और सरकार की नियमावली पर किया जवाब तलब

Published

on

रांची, 16 जून। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के मामले में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और यूपीएससी सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।

चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसके पहले इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई की थी और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए 16 जून तक जवाब देने को कहा था। मरांडी ने अपनी याचिका में कहा है कि डीजीपी के पद पर गुप्ता की नियुक्ति में यूपीएससी की गाइडलाइन्स और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की गई है।

याचिका में झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीजीपी चयन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा, समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने बिना किसी गंभीर आरोप के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को कार्यकाल पूरा किए बगैर डीजीपी के पद से हटाकर इस पद पर अनुराग गुप्ता को नियुक्त कर दिया, जबकि उनका कार्यकाल 14 फरवरी 2025 तक था।

मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के पैनल से यूपीएससी तीन बेहतर छवि और कार्यकाल वाले नामों का चयन करता है और इसके बाद राज्य की सरकार इनमें से किसी एक को कम से कम दो वर्ष के लिए डीजीपी पद पर नियुक्त करती है।

इसी नियम के तहत राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह को डीजीपी बनाया था, लेकिन उन्हें बिना किसी आरोप के कार्यकाल पूरा होने के पहले ही पद से हटा दिया गया। याचिका में प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश को दरकिनार करने और कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए जो चयन समिति बनाई है, उसमें एक संघ लोक सेवा आयोग और एक झारखंड लोक सेवा आयोग का नामित सदस्य रखना अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने अपने ही इस नियम का अनुपालन नहीं किया। जिस चयन समिति ने डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए अनुराग गुप्ता के नाम की अनुशंसा की, उसकी बैठक में यूपीएससी और जेपीएससी का कोई सदस्य नहीं था।

Continue Reading
Advertisement
महाराष्ट्र30 mins ago

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों को 3 बजे तक स्थल खाली करने का निर्देश दिया

अपराध56 mins ago

सीबीआई ने आयुध निर्माणी, नागपुर के पूर्व उप महाप्रबंधक पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया

राष्ट्रीय समाचार3 hours ago

गुरुग्राम में भारी बारिश के बाद जलभराव, स्कूलों में ऑनलाइन क्लास और दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम लागू

Sanjay Raut (1)
महाराष्ट्र22 hours ago

बिहार की तर्ज पर देशभर में निकाली जाएगी ‘वोटर अधिकार यात्रा’: संजय राउत

अनन्य23 hours ago

बिहार एसआईआर मामला: सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की समय सीमा बढ़ाने से इनकार

राष्ट्रीय24 hours ago

जालंधर में भारी बारिश के चलते दुकानदारों को लाखों का नुकसान, करंट लगने से रेलकर्मी की मौत

अंतरराष्ट्रीय समाचार1 day ago

आईटी शेयरों में तेजी से सेंसेक्स 330 अंक चढ़ा, निफ्टी 24,500 स्तर के ऊपर

राजनीति3 days ago

दिल्ली में आम लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे है : आम आदमी पार्टी

महाराष्ट्र3 days ago

मुंबई मराठा मोर्चा के दौरान अमित शाह ने किए लालबाग के राजा के दर्शन, दूसरे दिन भी मुंबई शहर ठप, दुकानें-होटल बंद होने की खबरें निराधार: भाजपा

महाराष्ट्र3 days ago

मुंबई के छात्रों की शिक्षा छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की तिथि 1 सितंबर तक बढ़ाई जानी चाहिए: अबू आसिम आज़मी

महाराष्ट्र4 weeks ago

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में विधायक रईस शेख का पत्ता कटा, यूसुफ अब्राहनी ने ली जगह

राष्ट्रीय समाचार4 days ago

मुंबई: मराठा क्रांति मोर्चा के प्रदर्शनकारियों के विशाल जनसैलाब के कारण सीएसएमटी और फोर्ट क्षेत्र जाम में डूबा, आजाद मैदान में आंदोलन से पहले सड़कों पर कब्जा | वीडियो

महाराष्ट्र4 weeks ago

मुंबई कबूतरखाना विवाद सुलझा, देवेंद्र फडणवीस का बड़ा फैसला

महाराष्ट्र2 weeks ago

मुंबई: अगले 2 घंटों के लिए शहर रेड अलर्ट पर, लोकल ट्रेनें देरी से चल रही हैं; वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर ट्रैफिक जाम

राष्ट्रीय समाचार4 weeks ago

ठाणे: कल्याण के पास डकैती की कोशिश में चलती तपोवन एक्सप्रेस ट्रेन से गिरकर यात्री का पैर कटा; चोर फोन छीनकर भाग गया

राष्ट्रीय समाचार1 week ago

मुंबई कबूतरखाना विवाद: पेटा इंडिया ने सीएम देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र, एसी, ह्यूमिडिफायर और धूल कबूतरों की बीट से भी ज़्यादा चिंताजनक

महाराष्ट्र4 weeks ago

उर्दू पत्रकारों के लिए पेंशन की मांग, विधायक अबू आसिम आज़मी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र

राष्ट्रीय समाचार4 weeks ago

‘हे आमचा महाराष्ट्र आहे’: मुंबई लोकल ट्रेन में महिला ने सह-यात्री को मराठी बोलने के लिए मजबूर किया;

महाराष्ट्र3 weeks ago

स्वतंत्रता दिवस पर मुंबई पुलिस पूरी तरह सतर्क

महाराष्ट्र2 weeks ago

मुंबई में बारिश: मीठी नदी खतरे के निशान से ऊपर, निचले इलाकों में दहशत और लोगों को निकाला गया

रुझान