राजनीति
योगी सरकार की उपलब्धि मीडिया प्रचार से ज्यादा कुछ नहीं-अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार किया है और कहा कि यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि सरकारी खर्च पर मीडिया की धमा चौकड़ी है। उन्होंने कहा, “इस सरकार ने पोस्टर और होडिर्ंग के माध्यम से झूठा प्रचार करने की कला में महारत हासिल की है। वे प्रचार करने पर पैसा खर्च करते हैं, ताकि जमीनी हकीकत से ध्यान भटकाया जा सके। वे आपको यूएसए का एक भवन और कोलकाता से एक फ्लाईओवर दिखाएंगे और इसे अपना बताएंगे।”
यहां एक न्यूज कॉन्क्लेव में बोलते हुए, अखिलेश ने कहा कि उनके होडिर्ंग उनके नेताओं को ‘दमदार’ बताते हैं, लेकिन वे उन ‘दमदार’ (पूंछ वाले जानवर) के बारे में कभी बात नहीं करते हैं, जो किसान की फसल को नष्ट कर देते हैं।”
उन्होंने यह भी पूछा, “क्या वे कभी गोरखपुर के बारे में बात करते हैं, जहां एक व्यापारी को पुलिस द्वारा पीट-पीट कर मार डाला जाता है? या सड़कों पर गड्ढों के बारे में? गंगा की सफाई पर कितना पैसा खर्च किया गया है और यह अभी तक साफ क्यों नहीं है?”
अखिलेश ने कहा कि “बीजेपी ने सच की हत्या की है। कमल का फूल झूठ का फूल बन गया है। उनके दावे 100 प्रतिशत हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर सब गायब है।”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब वह सत्ता में लौटेंगे, तो किसानों, बुनकरों और लोगों को सस्ती बिजली देंगे।
साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि “मुख्यमंत्री गोरखपुर का विकास क्यों नहीं करते हैं, जहां लोग इस महीने की शुरूआत में जलभराव के कारण नावों का इस्तेमाल कर रहे थे?।”
अखिलेश ने कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर पर भी आपत्ति जताई और कहा, “आपको नेताओं की तस्वीर और कहां मिलती है? अमेरिका, यूरोप और अन्य सभी देशों के प्रमाण पत्र पर अपना राष्ट्रीय ध्वज है, लेकिन हमारे यहां प्रधानमंत्री की तस्वीर है। अगर सरकार हमारे राष्ट्रीय ध्वज की तस्वीर लगाती है, तो मैं भी वैक्सीन लूंगा।”
आगामी विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए, अखिलेश ने दोहराया कि कांग्रेस और बसपा जैसी बड़ी पार्टियों के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।
“हम छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे और अपने दम पर एक पूर्ण बहुमत हासिल करेंगे। लोगों ने भाजपा को वोट ना देने का मन बना लिया है, क्योंकि वे कोरोना मौतों, सामूहिक दाह संस्कार, ऑक्सीजन की कमी, प्रवास, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को याद करते हैं।”
उन्होंने कहा कि हवा में बदलाव पहले से ही साफ था। “इस साल मेरे जन्मदिन पर कई अधिकारियों ने मुझे शुभकामनाएं दीं।”
अपराध
दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 38 बांग्लादेशी घुसपैठियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 30 मई। अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए और राजधानी दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों पर दिल्ली पुलिस ने एक्शन तेज कर दिया है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के अभियान को सफलता भी मिल रही है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 38 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, दिल्ली पुलिस की नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट इकाई ने एक विशेष अभियान के तहत दिल्ली के विभिन्न इलाकों से 38 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, यह सभी घुसपैठिए बिहार के रास्ते दिल्ली पहुंचे थे। दिल्ली में गिरफ्तार हुए घुसपैठिए दिल्ली में रहने से पहले हरियाणा के नूंह में भी रहे और वहां काम कर काफी समय गुजारा। इसके बाद ये लोग दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये लोग अवैध रूप से शहर में रह रहे थे और इनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई, जिसमें पुलिस ने दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी कर इन लोगों को हिरासत में लिया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान और उनके ठिकानों की जांच की जा रही है। पकड़े गए 38 बांग्लादेशियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
दिल्ली में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त, अपराध शाखा, देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। पिछले छह महीनों में, भारत सरकार की चल रही “पुश-बैक” रणनीति के तहत दिल्ली में लगभग 700 अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजा गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के आंकड़ों के अनुसार, निर्वासित व्यक्तियों की संख्या के मामले में दिल्ली सभी राज्यों में सबसे ऊपर है। कई राज्यों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गोवा में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए जाने के बाद, उन्हें निर्वासित करने के लिए सौंप दिया गया है।
महाराष्ट्र
मुंबई: सीबीआई ने फर्जी पासपोर्ट रैकेट मामले में लोअर परेल कार्यालय के अधिकारी समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया

मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वत के बदले फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने से संबंधित एक मामले में पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके), लोअर परेल मुंबई में कार्यरत कार्यालय सहायक/सत्यापन अधिकारी और एक एजेंट (निजी व्यक्ति) सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में अक्षय कुमार मीना, जूनियर पासपोर्ट सहायक और भावेश शांतिलाल शाह, एजेंट शामिल हैं
मामले के बारे में
सीबीआई ने लोअर परेल, मुंबई के पीएसके के कार्यालय सहायक/वीओ तथा पासपोर्ट एजेंट के रूप में काम करने वाले अन्य निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2023-2024 के दौरान उक्त आरोपी लोक सेवक ने अन्य निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची तथा उक्त आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाते हुए पासपोर्ट संबंधी कार्य करने के लिए अनुचित लाभ प्राप्त किया।
एजेंट (निजी व्यक्ति) और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ साजिश को आगे बढ़ाते हुए, आरोपी लोक सेवक ने जाली दस्तावेजों के आधार पर अज्ञात आवेदकों के फर्जी पासपोर्ट जारी करवाए हैं। आगे यह भी पता चला कि सात अज्ञात व्यक्तियों ने खुद को आवेदक बताकर पासपोर्ट कार्यालय में अपने पते और पहचान के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड की प्रति, पैन कार्ड की प्रति, बैंक खाता विवरण और जन्म प्रमाण पत्र जैसे जाली दस्तावेज जमा करवाए थे। जांच के दौरान, उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेज भी जाली पाए गए हैं।
इसके अलावा, आरोपी सरकारी कर्मचारी और एजेंट (निजी व्यक्ति) के बीच संचार चैट से इन फर्जी पासपोर्ट आवेदकों के संबंध में अनुचित लाभ के भुगतान के बारे में चर्चा का पता चला। जांच से यह भी पता चला कि पासपोर्ट आवेदनों में आवेदकों द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर सेवा में नहीं हैं। तत्काल योजना (जिनके लिए पहले पासपोर्ट जारी करने के दौरान छूट दी गई थी) के तहत उन पासपोर्टों को जारी करने के बाद की गई पुलिस सत्यापन रिपोर्ट प्रतिकूल पाई गई है, क्योंकि पासपोर्ट आवेदनों पर दिए गए पते फर्जी थे।
चूंकि आरोपी टालमटोल कर रहे थे और जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें विशेष सीबीआई अदालत, मुंबई के समक्ष पेश किया गया और उन्हें 05 दिनों के लिए यानी 02.6.2025 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
जांच जारी है.
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र एटीएस की कार्रवाई: पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार

ARREST
मुंबई: महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने के आरोप में पीआईओ के संपर्क में रहने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने का दावा किया है। जांच में पता चला है कि संदिग्ध नवंबर 2024 से फेसबुक पर पीआईओ के संपर्क में था। नवंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच उसने व्हाट्सएप के जरिए भारत सरकार के प्रतिबंधित और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की तस्वीरें भेजीं। इस मामले में एटीएस ने उसके दो संपर्कों की भी पहचान की है, जिनके साथ वह संपर्क में था। इस मामले में एटीएस ने तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। संदिग्ध दो पाकिस्तानी लोगों के संपर्क में था। उसने भारत की किस तरह की खुफिया जानकारी दी और किन जगहों की तस्वीरें भेजीं? इसकी भी जांच चल रही है। आरोपी के खिलाफ खुफिया जानकारी देने और भारत सरकार की जगहों की तस्वीरें लेने और जासूसी करने का मामला दर्ज किया गया है और पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे पहले एटीएस ने एक पीआईओ जासूस को गिरफ्तार किया था. इस मामले में भी एटीएस ने संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में मामला दर्ज किया है. मामला दर्ज किया गया और अब एटीएस ने पीआईओ मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
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