राष्ट्रीय
थोक महंगाई दर मई में 14 महीने के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर रही

नई दिल्ली, 16 जून। भारत में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में 14 महीनों के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इससे पहले अप्रैल में यह 0.85 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
यह लगातार तीसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में कमी देखने को मिली है। इससे पहले मई 2024 में थोक महंगाई दर 2.74 प्रतिशत थी।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मई 2025 में खाद्य, ईंधन और प्राथमिक वस्तुओं सहित ज्यादातर श्रेणियों में महंगाई कम हुई है।
बीते महीने खाद्य वस्तुओं में थोक महंगाई दर कम होकर 1.72 प्रतिशत हो गई है, जो कि अप्रैल में 2.55 प्रतिशत थी। यह ट्रेंड दिखाता है कि देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आ रही है।
खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में सब्जियों की महंगाई दर मई में घटकर -21.62 प्रतिशत रह गई, जो अप्रैल में -18.26 प्रतिशत थी। मई महीने में दालों में महंगाई दर -10.41 प्रतिशत रही, जबकि गेहूं की महंगाई दर 5.75 प्रतिशत रही। अंडे, मांस और मछली की महंगाई दर अप्रैल में -0.29 प्रतिशत से घटकर मई में -1.01 प्रतिशत रह गई। आलू और प्याज की महंगाई दर क्रमशः -29.42 प्रतिशत और -14.41 प्रतिशत रही।
मई में ईंधन और ऊर्जा पर महंगाई दर (-)2.27 प्रतिशत रही है, जो कि अप्रैल में (-) 2.18 प्रतिशत थी।
प्राथमिक वस्तुओं के लिए महंगाई दर मई में कम होकर (-) 2.02 प्रतिशत रह गई है, जो कि अप्रैल में (-) 1.44 प्रतिशत थी। डब्ल्यूपीआई मुख्य महंगाई दर, जिसमें फूड और फ्यूल नहीं शामिल होता है, घटकर 0.9 प्रतिशत हो गई है, जो कि अप्रैल में 1.5 प्रतिशत थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स पर महंगाई दर मई में 2.04 प्रतिशत रही है, जो कि अप्रैल में 2.62 प्रतिशत थी।
दुर्घटना
पुणे पुल हादसा: प्रशासन ने महाराष्ट्र सरकार को सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट

पुणे, 16 जून। महाराष्ट्र सरकार को पुणे जिला प्रशासन ने पुल हादसे को लेकर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में रविवार को इंद्रायणी नदी पर बने 33 साल पुराने पुल के ढहने से चार लोगों की मौत और 51 के घायल होने की पुष्टि की गई है।
यह घटना दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई, जब करीब 125 पर्यटक पुणे जिले की मावल तहसील के कुंडमाला में एकत्र हुए थे। इस घटना में चार मृतकों में से तीन की पहचान हो गई है जबकि एक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। मृतकों के नाम चंद्रकांत साठले, रोहित माने, विहान माने (पहचान हो गई है) हैं जबकि एक की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है।
लगातार बारिश के कारण रविवार रात को रोका गया राहत एवं बचाव कार्य सोमवार सुबह फिर से शुरू किया गया।
महाराष्ट्र के पुनर्वास राज्य मंत्री मकरंद पाटिल ने कहा, “पुल 30 साल से ज्यादा पुराना था और इसका निर्माण पुणे जिला परिषद ने करवाया था। प्रशासन ने दोनों तरफ बोर्ड लगाकर लोगों से इसका इस्तेमाल न करने की अपील की थी, लेकिन बारिश के दिन मौज-मस्ती करने आए कुछ लोगों ने इसका इस्तेमाल किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह हादसा हुआ। प्रशासन बचाव और राहत कार्यों में लगा हुआ है।”
घटनास्थल पर मौजूद राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने पहले ही घोषणा कर दी है कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देगी।
पुणे जिला प्रशासन के अनुसार कुंडमाला पुल का काम 1990 में शुरू हुआ था और इसे 1993 में उपयोग के लिए खोल दिया गया था।
हालांकि, प्रशासन ने 2023 में पाया कि लगभग 30 वर्षों तक इस्तेमाल हुए पुल अब उपयोग योग्य नहीं है। लोगों को इसका उपयोग न करने को कहा गया था।
प्रशासन ने 8 करोड़ रुपये की लागत से एक नए पुल के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। लोक निर्माण विभाग ने टेंडर जारी कर निर्देश जारी कर दिया है। बारिश के बाद काम शुरू होना प्रस्तावित है।
अपराध
नोएडा : एक ही दिन में एक ही गांव के दो युवकों ने की आत्महत्या

नोएडा, 14 जून। नोएडा के थाना सेक्टर-20 क्षेत्र के निठारी इलाके में शुक्रवार को आत्महत्या की दो अलग-अलग घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी।
दोनों ही मामलों में युवकों ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस ने दोनों घटनाओं में जांच शुरू कर दी है। पहली घटना में अजय नामक 23 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली।
अजय मूल रूप से बुलंदशहर जिले के तोल बिजरू गांव का रहने वाला था। वह वर्तमान में निठारी गांव की गली नंबर 4 में किराए पर रह रहा था। वह पेशे से डिलीवरी बॉय के रूप में कार्यरत था। अजय ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, थाना सेक्टर-20 की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है।
पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर किसी तरह की कोई अप्राकृतिक गतिविधि नहीं पाई गई और स्थिति सामान्य बनी हुई है।
दूसरी घटना में राहुल शर्मा नामक 30 वर्षीय युवक ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। राहुल निठारी की गली नंबर 7 का निवासी था। उसने कथित रूप से पारिवारिक कलह के चलते यह कदम उठाया।
पुलिस को जैसे ही सूचना प्राप्त हुई, वह तत्काल मौके पर पहुंची और जांच की। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की वजह पारिवारिक तनाव मानी जा रही है। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने दोनों ही मामलों में किसी भी प्रकार की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका से इनकार किया है। घटनास्थलों पर किसी प्रकार की हिंसा या झगड़े के कोई संकेत नहीं मिले हैं। फिलहाल दोनों ही मामलों में विस्तृत जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
दुर्घटना
अहमदाबाद विमान हादसा: प्रत्यक्षदर्शी आकाश पटनी ने कहा, ‘जो देखा वो खौफनाक था’

अहमदाबाद, 14 जून। गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर प्रत्यक्षदर्शी आकाश पटनी ने कहा कि वह मंजर बहुत ही भयावह था, जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
शनिवार को मिडिया से बातचीत के दौरान प्रत्यक्षदर्शी आकाश पटनी ने कहा, “गुजरात हाउसिंग बोर्ड के एक नंबर ब्लॉक में रहता हूं। जो घटना हुई है उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। वो एक भयानक मंजर था। मैं उस दिन घर पर था। कपड़े उतारने के लिए पत्नी के साथ छत पर गया था। इस दौरान हमने देखा कि एक प्लेन हमारी तरफ आ रहा है। हमारा शरीर कांपने लगा। प्लेन सबसे पहले एक पेड़ से टकराया। इसके बाद हॉस्टल की बिल्डिंग पर गिरा। चारों तरफ फैले धुएं के कारण हमें कुछ देर के लिए दिखना तक बंद हो गया था। जैसे-तैसे हम छत से नीचे की ओर आए। धमाका इतना जोरदार था कि आस-पास की बिल्डिंग में रहने वाले लोग भी घर से बाहर एक सुरक्षित जगह पर जमा हुए।”
पटनी ने उस मेस की भी बात की जिस पर विमान गिरा था। बोले, “रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हम भी वहां गए थे। खाने की प्लेट में खाना वैसा का वैसा ही था। इसके बाद लोगों ने यह समझा कि छात्र खाना ही खाने वाले थे। लेकिन, खाना खाने से पहले यह भयावह हादसा हो गया।”
अहमदाबाद विमान हादसे में शनिवार को घटना स्थल पर एनडीआरएफ, सीआईएसएफ और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं।
राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा, “फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में कई अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई, जिसमें विशेष रूप से गुजरात के फोरेंसिक वैज्ञानिकों की टीम पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो पिछले दो रातों से बिना आराम किए दिन-रात अथक परिश्रम कर रहे हैं ताकि परिवारों के लिए डीएनए मिलान में तेजी लाई जा सके। राज्य के प्रयासों के अलावा, भारत सरकार द्वारा भी बड़ी संख्या में फोरेंसिक विशेषज्ञों को सहायता के लिए भेजा गया है। वर्तमान में, गुजरात सरकार द्वारा तैनात 36 फोरेंसिक विशेषज्ञ काम कर रहे हैं।”
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