राजनीति
मोदी से नफरत करते-करते राहुल गांधी अब भारत के खिलाफ ही बयान देने लगे हैं – भाजपा का पलटवार
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के सेमिनार में देश की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा है कि राहुल गांधी और गांधी परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत करते-करते अब भारत माता के खिलाफ ही बयान देने लगे हैं। भाजपा ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के ट्वीट को लेकर भी निशाना साधा है।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि भारत का अपमान करना राहुल गांधी और गांधी परिवार की आदत हो गई है। उन्होंने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि एक हताश कांग्रेस और उसके विफल नेता राहुल गांधी जब भी विदेश की धरती पर जाते हैं, चाहे वो लंदन हो, अमेरिका हो, सिंगापुर हो उनके वक्तव्य कहीं न कहीं ये दर्शाते हैं कि आज की कांग्रेस पार्टी 1984 से लेकर अब तक, देश में आग लगाने, सौहार्द बिगाड़ने में लगी है।
भाटिया ने आगे कहा कि, लंदन में राहुल गांधी कहते हैं कि भाजपा ने देश में मिट्टी का तेल छिड़का है। जबकि मिट्टी का तेल तो कांग्रेस पार्टी छिड़कती है।1984 का जो नरसंहार हुआ, कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने कत्लेआम करवाया, उस मिट्टी के तेल को डालने वाले कांग्रेस पार्टी के ही नेता थे।
भारत की तुलना पाकिस्तान से करने की तीखी आलोचना करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि, राहुल गांधी ने कहा है कि भारत में पाकिस्तान जैसे हालात हैं। जब से भारत आजाद हुआ, सरकार किसी भी पार्टी की रही हो लेकिन लोकतंत्र का राज भारत में रहा और पकिस्तान वो मुल्क है जहां आजादी के 75 वर्ष में आधे समय तानाशाह हुकूमत ही रही है। राहुल गांधी आतंकिस्तान ( पाकिस्तान) से भारत की तुलना कर रहे हैं।
लद्दाख में यूक्रेन जैसे हालात होने के बयान को लेकर भी भाजपा ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने शहीदों के बलिदान का अपमान किया है और इस तरह के बयान देश के साथ गद्दारी है।
राहुल गांधी के बयानों का पुरजोर विरोध करते हुए भाटिया ने कहा कि भाजपा का विरोध करना, स्वस्थ राजनीति का हिस्सा है लेकिन देश के लिए अपशब्दों और बेबुनियाद आरोपों का भाजपा पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने दावा किया कि देश के नागरिक भी देश की छवि खराब करने वाले इन बयानों का विरोध करेंगे।
राष्ट्रीय समाचार
एलआईसी-अदाणी रिपोर्ट के समय पर विशेषज्ञों ने उठाए सवाल, कहा- बिहार चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: अदाणी ग्रुप में एलआईसी के निवेश को लेकर हाल ही में आई ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश है।
जानकारों ने आगे कहा कि यह रिपोर्ट राजनीतिक रूप से प्रेरित लगती है,क्योंकि यह ऐसे समय पर आई है, जब भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
इस मुद्दे पर कमेंट करते हुए, इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने मिडिया को बताया कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी द्वारा निवेश निर्णयों का राजनीतिकरण निवेशकों या व्यापक अर्थव्यवस्था के हितों में नहीं है।
उन्होंने पूछा, “जब विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं, तो एलआईसी ऐसा क्यों नहीं कर सकती?”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने एलआईसी पर अदाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर निवेश करने का दबाव बनाया, जिसमें मई 2025 में किया गया 568 मिलियन डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) का भी निवेश शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों से लगातार लाभ कमा रहे हैं, इसलिए एलआईसी के निवेश पर सवाल उठाना तर्कसंगत नहीं लगता है और इसका उद्देश्य संभवतः घरेलू संस्थानों को कमजोर करना है।
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के विदेशी नैरेटिव की आलोचना की। उन्होंने आगे कहा कि कुछ समय पहले इस तरह के हमले शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की ओर से किए गए थे, जो बाद में आधारहीन साबित हुए।
उन्होंने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा, “भारतीय कंपनियों को हिट एंड रन करने की विदेशी नीति, देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकती है।”
पूनावाला ने कहा कि एलआईसी 57 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियों को मैनेज करता है, जिसमें से 14.5 लाख करोड़ रुपए इक्विटी में लगे हुए हैं।
वहीं, अदाणी ग्रुप में एलआईसी का एक्सपोजर करीब 56,000 करोड़ रुपए का है, जो कि उसके कुल पोर्टफोलियो का 1 प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप के निवेश से एलआईसी को अब तक केवल फायदा हुआ है।
एलआईसी ने पहले ही वाशिंगटन पोस्ट के लेख का आधिकारिक खंडन जारी कर दिया है और स्पष्ट रूप से इसे “झूठा, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर” बताया है।
राजनीति
चुनाव आयोग ने एसआईआर के दूसरे फेज की घोषणा की, पश्चिम बंगाल समेत इन 12 राज्यों के नाम

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: चुनाव आयोग ने सोमवार को देश में दूसरे चरण में होने वाले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है। दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों को एसआईआर के अंदर कवर किया जाएगा।
दूसरे चरण के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर प्रस्तावित है।
इन 12 राज्यों में एसआईआर होने की घोषणा भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होंने यह भी साफ किया कि सोमवार रात इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा।
उन्होंने एसआईआर कराने की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि पिछली बार 2000 से 2004 के बीच एसआईआर हुई थी, ऐसे में करीब दो दशक बाद मतदाता सूची में अशुद्धियों को दूर करने के लिए विशेष इंटेसिंव रिवीजन जरूरी है।
उन्होंने कहा, ”हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन जरूरी है। विगत कुछ वर्षों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है। इससे पहले आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में एसआईआर हुई। इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है। चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर करवाई जाएगी, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीईसी ने बिहार में हुई एसआईआर की तारीफ की। उन्होंने साफ किया कि इस दौरान राजनीतिक दलों ने शून्य आपत्तियां दर्ज कराई, जो दिखाता है कि बिहार की मतदाता सूची अब तक की सबसे शुद्ध मतदाता सूची है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “एसआईआर का फेज वन समाप्त हुआ, जिसकी सबसे बड़ी खूबी यह रही है कि बिहार के सभी 7.5 करोड़ मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान जीरो अपील आई, जिसका मतलब है कि बिहार मतदाता सूची बेहद उचित मानी जाएगी। अब फेज 2 की तैयारी चल रही है।“
राष्ट्रीय समाचार
कांग्रेस ने चारा घोटाला जांच को प्र भावित करने की कोशिश की थी : शाहनवाज हुसैन

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को पूर्व सीबीआई अधिकारी यूएन विश्वास के उस बयान को सही ठहराया, जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि कांग्रेस की तरफ से चारा घोटाला जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी।
भाजपा प्रवक्ता ने मिडिया से बातचीत में कहा कि सीबीआई के पूर्व अधिकारी बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। निसंदेह कांग्रेस ने चारा घोटाले से संबंधित जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इस घोटाले में संलिप्त आरोपियों को बचाने के लिए कांग्रेस की तरफ से भरसक प्रयास किए गए थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए दुर्भाग्य की बात यह रही कि इस मामले में कई सबूत थे। इस वजह से कांग्रेस का एक भी पैंतरा सफल नहीं हो पाया, हालांकि उस वक्त यूएन विश्वास पर शीर्ष स्तर की तरफ से कई तरह के दबाव बनाए गए थे, लेकिन कोई भी दबाव सफल नहीं हो पाया।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने मतदाता पुनरीक्षण का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हम एसआईआर का पिछले लंबे समय से समर्थन करते हुए आ रहे हैं। हम लगातार इस बात पर जोर देते हुए आ रहे हैं कि एसआईआर होना चाहिए। इसे जमीन पर उतारा जाना चाहिए ताकि मौजूदा वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी साफ हो सके।
उन्होंने कहा, “वोट का वेरिफिकेशन होना चाहिए। साथ ही मैं कहना चाहूंगा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह बहुत ही जरूरी प्रक्रिया बन गई थी, जिसे संपन्न करना चुनाव आयोग के लिए जरूरी हो चुका था।”
उन्होंने कहा कि हम लोग वैसे भी शुरू से ही बिहार में एसआईआर की पैरवी करते हुए आ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे प्रदेश में फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा सकेगा, जो कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है।
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