अंतरराष्ट्रीय समाचार
वीचैट प्रतिबंध: चीन में आईफोन के शिपमेंट में 30 फीसदी गिरावट की आशंका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा एप्पल के ऐप स्टोर में लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप वीचैट पर प्रतिबंध लगाने पर चीनी बाजार में आईफोन शिपमेंट में 25-30 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। यह भविष्यवाणी प्रसिद्ध विश्लेषक मिंग-ची कू ने की है। मैक रयूमर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल के विश्लेषक ने यह भी अनुमान लगाया है कि इससे आईपैड, एप्पल वॉच, और मैक सहित अन्य एप्पल हार्डवेयर उपकरणों के वार्षिक शिपमेंट में 15 से 25 प्रतिशत तक फर्क आएगा।
कू के हवाले से लिखा गया है, “क्योंकि वीचैट चीन में एक दैनिक आवश्यकता बन गया है, संदेश, भुगतान, ई-कॉमर्स, सोशल नेटवकिर्ंग, समाचार पढ़ने जैसे कई काम इसके जरिए होते हैं। यदि ऐसा मामला है तो हम मानते हैं कि चीनी बाजार में एप्पल के हार्डवेयर उत्पादों के शिपमेंट में काफी गिरावट आएगी।”
यदि अमेरिकी सरकार एप्पल को केवल यूएस ऐप स्टोर से वीचैट को हटाने के लिए मजबूर करती है, तो वैश्विक आईफोन शिपमेंट में 3 से 6 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
एप्पल के लिए चीनी बाजार की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके जून तिमाही के राजस्व का लगभग 15 फीसदी हिस्सा 144 करोड़ की आबादी वाले चीन से आया है।
ऐसे में यहां के लोकप्रिय चीनी मैसेजिंग ऐप पर वैश्विक प्रतिबंध लगाना एप्पल के लिए विनाशकारी साबित होगा।
चीनी शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध के आदेश के बाद ट्रम्प ने वीचैट के लिए भी ऐसा ही कार्यकारी आदेश जारी किया है। वीचैट की मालिक चीनी कंपनी टेंसेंट होल्डिंग्स लिमिटेड ने कहा है कि वह “चीजों को पूरी तरह समझने के लिए कार्यकारी आदेश की समीक्षा कर रही थी।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत ने ट्रंप-पुतिन की बैठक का किया स्वागत, कहा- संवाद और कूटनीति से ही शांति की राह संभव

नई दिल्ली, 16 अगस्त। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बैठक पर भारत की पहली प्रतिक्रिया आई। भारत ने कहा कि संवाद और कूटनीति से ही शांति की राह बनेगी।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि भारत अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन का स्वागत करता है। शांति की दिशा में उनका नेतृत्व अत्यंत सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि भारत शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है। आगे का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति से ही निकल सकता है। दुनिया यूक्रेन में संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहती है।
अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच करीब तीन घंटे तक बैठक चली। इसके बाद यूएस राष्ट्रपति वाशिंगटन लौट गए। इससे पहले ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि वह नाटो नेताओं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अन्य संबंधित अधिकारियों को बैठक में हुई चर्चाओं के बारे में जानकारी देने की योजना बना रहे हैं।
वहीं, अलास्का के एंकोरेज से मास्को रवाना होने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोर्ट रिचर्डसन मेमोरियल कब्रिस्तान का दौरा किया, जहां उन्होंने सोवियत संघ के सैनिकों की कब्रों पर फूल चढ़ाए। ये कब्रें उन सोवियत पायलटों और नाविकों को श्रद्धांजलि हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे।
ट्रंप के साथ हुई बैठक को लेकर पुतिन ने कहा कि हमारी बातचीत रचनात्मक और परस्पर सम्मान के माहौल में हुई। उन्होंने एक पड़ोसी के रूप में ट्रंप का स्वागत किया और उनके साथ बहुत अच्छे सीधे संपर्क स्थापित किए। साथ ही उन्होंने ट्रंप को साथ मिलकर काम करने और बातचीत में एक दोस्ताना और भरोसेमंद माहौल बनाए रखने के लिए धन्यवाद दिया। खास बात यह है कि दोनों पक्ष परिणाम हासिल करने के लिए दृढ़ थे। हमारी बातचीत सकारात्मक रही।
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ट्रंप, पुतिन ने यूक्रेन पर तीन घंटे की बातचीत के बाद बड़ी सफलता की घोषणा की

न्यूयॉर्क, 16 अगस्त। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को अलास्का के एंकोरेज में तीन घंटे की वार्ता के बाद बड़ी सफलता की घोषणा की।
ट्रंप ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि हम जिस समझौते पर पहुंचे हैं, वह हमें उस लक्ष्य (समाधान खोजने) के और करीब लाने में मदद करेगा और यूक्रेन में शांति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मुझे लगता है कि हमारी बैठक बहुत ही उपयोगी रही। ऐसे कई मुद्दे थे जिन पर हम (राष्ट्रपति पुतिन और मैं) सहमत हुए।”
यह समझौता भारत के लिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यूएस ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क की घोषणा की है।
हालांकि, अभी किसी भी नेता ने समझौते का कोई विवरण नहीं दिया और न ही यह बताया कि युद्धविराम होगा या नहीं।
ट्रंप ने रहस्यमय ढंग से कहा, “कुछ बड़े समझौते ऐसे हैं जिन तक हम अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं, लेकिन हमने कुछ प्रगति की है। एक समझौता शायद सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारे पास उस तक पहुंचने की बहुत अच्छी संभावना है। हम वहां तक नहीं पहुंच पाए, लेकिन हमारे पास वहां पहुंचने की बहुत अच्छी संभावना है।”
उन्होंने कहा, “मैं नाटो और उन सभी लोगों को फोन करूंगा जिन्हें मैं उपयुक्त समझता हूं, और निश्चित रूप से, राष्ट्रपति (वोलोदिमिर) जेलेंस्की को फोन करके उन्हें आज की बैठक के बारे में बताऊंगा।”
शिखर सम्मेलन में जाते हुए, ट्रंप ने कहा कि वह यूक्रेन की ओर से बातचीत नहीं करेंगे, और समझौता करना जेलेंस्की पर निर्भर है।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “इसलिए जब तक समझौता नहीं हो जाता, तब तक कोई समझौता नहीं है।”
दोनों राष्ट्रपतियों ने पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दिए।
पुतिन ने कहा, “हमें टकराव से बातचीत की ओर बढ़ने के लिए स्थिति में सुधार करना होगा।”
उन्होंने कहा, “इन परिस्थितियों में यह कितना भी अजीब लगे, हमारी (रूस और यूक्रेन की) जड़ें एक ही हैं और जो कुछ भी हो रहा है वह हमारे लिए एक त्रासदी और एक भयानक घाव है। इसलिए, देश ईमानदारी से इसे समाप्त करने में रुचि रखता है।”
शिखर सम्मेलन की शुरुआत में पहले से तय तीन चरणों को बदलकर, वे सीधे दूसरे चरण में चले गए। इस चरण में ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, और पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूडी उषाकोवा, रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव, और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हिस्सा लिया।
ऐसा नहीं लग रहा था कि अधिकारियों के साथ तीसरे चरण का लंच हो रहा था। ट्रंप ने पुतिन का रेड कार्पेट पर स्वागत किया और लिमोजीन में बैठते ही उन्होंने दोस्ताना अंदाज में बातचीत जारी रखी।
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भारत-सिंगापुर संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम, तीसरी मंत्रीस्तरीय बैठक आयोजित

नई दिल्ली, 13 अगस्त। दिल्ली में बुधवार को भारत और सिंगापुर के बीच तीसरी मंत्रीस्तरीय बैठक (भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय राउंड टेबल सम्मेलन – आईएसएमआर) का आयोजन हुआ। यह बैठक दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।
भारत की तरफ से इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हिस्सा लिया।
वहीं, सिंगापुर की तरफ से उपप्रधानमंत्री गन किम योंग, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गृह मामलों के समन्वय मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जो टियो, श्रम मंत्री डॉ. टैन सी लेंग और परिवहन मामलों के कार्यवाहक मंत्री जेफरी सिओ ने भाग लिया।
बैठक में दोनों देशों के बीच सहयोग को 6 मुख्य क्षेत्रों में मजबूत करने पर चर्चा हुई, जिसमें डिजिटलाइजेशन, स्किल डेवलपमेंट, सस्टेनेबिलिटी, स्वास्थ्य सेवा, कनेक्टिविटी और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग शामिल थे।
इस बात की जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी।
वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नई दिल्ली में तीसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन आईएसएमआर में भाग लेकर प्रसन्नता हुई। उपप्रधानमंत्री गन किम योंग, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गृह मामलों के समन्वय मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जो टियो, श्रम मंत्री डॉ. टैन सी लेंग और कार्यवाहक परिवहन मंत्री जेफरी सिओ को हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद।”
उन्होंने लिखा, “आईएसएमआर की भारत-सिंगापुर व्यापार गोलमेज सम्मेलन में आईएसबीआर प्रतिनिधिमंडल के साथ एक सार्थक बातचीत हुई। सरकार और उद्योग के बीच तालमेल भारत-सिंगापुर संबंधों के अगले चरण को गति देने की कुंजी है।”
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