अंतरराष्ट्रीय
लॉस एंजिल्स के जंगलों में लगी आग को बुझाने में मुश्किलें पैदा कर सकता है मौसम

लॉस एंजिल्स, 15 जनवरी। लॉस एंजिल्स में जंगल की आग को बुझाने के लिए अग्निशमन कर्मी रात भर काम करते रहे, लेकिन अभी भी उस पर काबू नहीं पाया जा सका है। बुधवार को विकराल होने की आशंका जताई जा रही है। मौसम विभाग ने तेज हवाओं के कारण रेड फ्लैग चेतावनी जारी की है।
यूएस नेशनल वेदर सर्विस (एनडब्ल्यूएस) ने मंगलवार को कहा कि लॉस एंजिल्स काउंटी में जंगल की आग वाले क्षेत्रों सहित तटीय दक्षिणी कैलिफोर्निया के लिए खतरनाक मौसम की चेतावनी जारी की गई है।
मीडिया ने बताया, एनडब्ल्यूएस के अनुसार जारी की गई मौसम की चेतावनी का असर मंगलवार को भी नजर आया। वहीं तेज सांता एना हवाएं लॉस एंजिल्स और वेंचुरा काउंटी के क्षेत्रों में बुधवार दोपहर तक जारी रहेंगी।
लॉस एंजिल्स क्षेत्र में भीषण जंगल की आग ने कम से कम 25 लोगों की जान ली है, 12,300 से अधिक इमारतें नष्ट हो गईं। वहीं इस आग से 40,600 एकड़ से अधिक क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया है।
वहीं पैलिसेड्स के जंगल में लगी आग पर 17 प्रतिशत और ईटन की आग पर 34 प्रतिशत तक काबू पा लिया गया है।
अधिकारियों को इस बात की चिंता सता रही है कि तेज हवाओं के कारण दक्षिणी कैलिफोर्निया में नई आग लग सकती है या मौजूदा आग और फैल सकती है।
लॉस एंजिल्स काउंटी में लगभग 88,000 लोगों को मंगलवार सुबह यहां से जाने को कहा गया। शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक पैलिसेड्स और ईटन जंगल की आग वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू है।
लॉस एंजिल्स की मेयर करेन बास ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने एक दिन पहले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका उद्देश्य जंगल की आग के बाद पुनर्निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाना है।
महापौर कार्यालय के अनुसार, यह आदेश मलबे को हटाने और अनुमति देने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा और साथ ही विस्थापित निवासियों के लिए 1,400 आवास इकाइयों को तुरंत उपलब्ध कराएगा।
कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजॉम ने मंगलवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें जंगल की आग से प्रभावित विस्थापित छात्रों और स्कूलों को यथाशीघ्र मदद देने की योजना बनाई गई है।
अमेरिकी संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि कैलिफोर्निया में 8.4 मिलियन डॉलर से अधिक की आपदा सहायता स्वीकृत की गई है।
राष्ट्रीय समाचार
कोयला आयात कम करना, घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर मुख्य फोकस : मंत्री

नई दिल्ली, 8 फरवरी। भारत सरकार ने एक बार फिर दोहराया है कि कोयले के आयात को कम करना और घरेलू उत्पादन बढ़ाना उसकी प्राथमिकता है। कोयला क्षेत्र भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार है और देश के औद्योगिक व आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।
भारत के पास दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार है और यह कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। देश की कुल ऊर्जा जरूरतों का 55 प्रतिशत कोयले से पूरा होता है।
देश में लगभग 74 प्रतिशत बिजली उत्पादन ताप विद्युत संयंत्रों (थर्मल पावर प्लांट) पर निर्भर है। इसलिए एक मजबूत और टिकाऊ कोयला क्षेत्र की जरूरत बनी रहती है, यह बात कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कही। उन्होंने यह भी बताया कि कोयला मंत्रालय इस क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सरकार के प्रयासों से आयातित कोयले पर निर्भरता कम हुई है। अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच कोयला आयात में 5.35 प्रतिशत की कमी आई, जिससे लगभग 3.91 अरब डॉलर (30,007.26 करोड़ रुपये) की बचत हुई। खासकर, घरेलू बिजली संयंत्रों में उपयोग होने वाले कोयले का आयात 23.56 प्रतिशत घटा है।
मंत्रालय की ‘मिशन कोकिंग कोल’ योजना का लक्ष्य 2029-30 तक देश में कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाकर 140 मिलियन टन (एमटी) करना है, जिससे इस्पात क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम हो सके।
भारत का कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 में 997.82 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2014-15 में 609.18 मिलियन टन था। पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वृद्धि दर 5.64 प्रतिशत रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 11.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जनवरी 2025 तक कोयला मंत्रालय ने 184 खदानों का आवंटन किया, जिनमें से 65 को खनन शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। इन खदानों से कुल 136.59 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34.20 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में उत्पादन 170 मिलियन टन से अधिक होने की उम्मीद है।
आठ कोर उद्योगों में कोयला क्षेत्र ने सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है, दिसंबर 2024 में इसमें 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इसके अलावा, भारतीय रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली कुल आय का लगभग 50 प्रतिशत कोयला परिवहन से आता है। साथ ही, कोयला क्षेत्र में लगभग 4.78 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।
व्यापार
वैश्विक स्तर पर चैटजीपीटी हुआ डाउन, यूजर्स को लॉगइन करने में हो रही परेशानी

नई दिल्ली, 6 फरवरी। दुनिया में सबसे अधिक चर्चित चैटबॉट ओपनएआई का चैटजीपीटी वैश्विक स्तर पर डाउन हो गया है। यूजर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे एक्स पर शिकायत की है कि चैटजीपीटी काम नहीं कर रहा है।
चैटजीपीटी को लेकर यूजर्स अलग-अलग देशों से शिकायत दर्ज करा रहे हैं और ऐसा लगता है कि करीब पूरी दुनिया में यूजर्स को चैटजीपीटी का इस्तेमाल करने में समस्या आ रही है।
जानकारी के मुताबिक, ऐप किसी भी कमांड का जवाब नहीं दे रहा है और कुछ यूजर्स को लॉगइन करने में भी समस्या आ रही है। वहीं, कुछ यूजर्स द्वारा चैट रिक्वेस्ट भेजने पर ओपनएआई का चैटबॉट “इंटरनल सर्वर एरर” दिखा रहा है।
ऑनलाइन आउटेज ट्रैक करने वाले प्लेटफॉर्म डाउनडिटेक्टर के अनुसार, इससे हजारों यूजर्स प्रभावित हुए हैं। हालांकि, ओपनएआई ने अभी तक आउटेज के कारण या इसके दायरे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
डाउनडिटेक्टर पर पिछले 24 घंटों में चैटजीपीटी आउटेज के ग्राफ में उछाल आया और जैसे-जैसे अधिक लोग इस समस्या की रिपोर्ट कर रहे हैं, यह ग्राफ बढ़ता जा रहा है।
डाउनडिटेक्टर पर कोई भी अपनी समस्या रिपोर्ट कर सकता है, लेकिन जब भी किसी विशेष ऐप या वेबसाइट पर यूजर्स को समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो शिकायतों के आधार पर तैयार ग्राफ तेजी से बढ़ता है।
यूजर्स ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की।
एक यूजर ने लिखा कि चैटजीपीटी करीब 20 मिनट से जवाब नहीं दे रहा है। मुझे 2015 की तरह महसूस हो रहा है, जब गूगल सर्च कई घंटों के लिए ऑफलाइन हो जाता था।
एक अन्य यूजर ने लिखा कि चैटजीपीटी डाउन हो गया है और कोई भी चैट रिक्वेस्ट भेजने पर “इंटरनल सर्वर एरर” लिखा आ रहा है।
चैटजीपीटी की यह पहली आउटेज नहीं है। इससे पहले 23 जनवरी को यूजर्स चैटजीपीटी के वेब और ऐप को पूरी दुनिया में एक्सेस नहीं कर पा रहे थे। इस दौरान डाउनडिटेक्टर पर हजार से भी ज्यादा शिकायतें रिपोर्ट की गई थीं।
पिछले वर्ष क्रिसमस के एक दिन बाद भी ओपनएआई का चैटबॉट काम नहीं कर रहा था। इस दौरान कई यूजर्स ने शिकायत की थी कि चैटजीपीटी काम नहीं कर रहा है।
व्यापार
सैमसंग की गैलेक्सी एस25 सीरीज ने दक्षिण कोरिया में बनाया प्री-ऑर्डर का नया रिकॉर्ड

सियोल/नई दिल्ली, 4 फरवरी। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने मंगलवार को बताया कि उसके नए गैलेक्सी एस25 स्मार्टफोन ने दक्षिण कोरिया में प्री-ऑर्डर में 1.3 मिलियन यूनिट्स बेचे हैं, जो उसकी एस सीरीज मॉडल्स का अब तक का सबसे बड़ा प्री-सेल रिकॉर्ड है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सैमसंग ने गैलेक्सी एस25 सीरीज को 22 जनवरी को लॉन्च किया था। इसके बाद इस सीरीज के लिए प्री-ऑर्डर बुकिंग 24 जनवरी से शुरू हुई। कंपनी के अनुसार, 3 फरवरी तक एस25 सीरीज के 1.3 मिलियन यूनिट्स बिक गए हैं। इससे पहले इसी सीरीज के पुराने मॉडल की 1.21 मिलियन से अधिक यूनिट्स बेची गई थीं।
सैमसंग के सबसे महंगे एस25 अल्ट्रा मॉडल ने सबसे अधिक लोकप्रियता हासिल की है, जिसकी कुल प्री ऑर्डर में 52 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। इसके बाद गैलेक्सी एस25 की 26 प्रतिशत और गैलेक्सी एस25 प्लस की 22 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है।
नई गैलेक्सी एस25 सीरीज अधिक उन्नत ऑन-डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के साथ आती है, जिसमें मल्टीमॉडल क्षमताएं और व्यक्तिगत सहायता फंक्शन्स शामिल हैं। यह यूजर्स को अधिक स्मार्ट और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करती है। हालांकि, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने गैलेक्सी एस25 सीरीज की कीमतों को अपने पुराने मॉडल के समान ही रखा है।
नई गैलेक्सी एस25 सीरीज को शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर दुनिया भर में लॉन्च किया जाएगा।
भारत में सैमसंग ने अपने फ्लैगशिप गैलेक्सी एस25 सीरीज स्मार्टफोन की डिलीवरी शुरू कर दी है, ये डिलीवरी उन ग्राहकों के लिए है, जिन्होंने इन डिवाइसों को प्री-ऑर्डर किया था।
बता दें कि सैमसंग ने 23 जनवरी को गैलेक्सी एस25 सीरीज के लिए प्री-ऑर्डर लेना शुरू किया था। गैलेक्सी एस25 के 12Gजीबी/256जीबी वेरिएंट की शुरुआती कीमत 80,999 रुपये है, जबकि गैलेक्सी एस25+ की शुरुआती कीमत 99,999 रुपये और गैलेक्सी एस25 अल्ट्रा की शुरुआती कीमत 129,999 रुपये है।
गैलेक्सी एस25 अल्ट्रा को प्री-ऑर्डर करने वाले ग्राहकों को 21,000 रुपये के प्री-ऑर्डर लाभ भी मिलेंगे।
इसके अलावा गैलेक्सी एस25+ को प्री-ऑर्डर करने वाले ग्राहकों को 12,000 रुपये का फायदा मिलेगा। इस बीच, गैलेक्सी एस25 को प्री-ऑर्डर करने वाले ग्राहकों को अपग्रेड बोनस के रूप में 11,000 रुपये का लाभ होगा।
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