अंतरराष्ट्रीय
दक्षिण अफ्रीका : अवैध खदान में फंसे 246 श्रमिकों को बचाया गया , 78 शव बरामद

जोहान्सबर्ग, 16 जनवरी। तीन दिनों के बचाव अभियान के दौरान दक्षिण अफ्रीका में एक बंद पड़ी सोने की खदान से 246 को जीवित बाहर निकाला गया है। वहीं 78 शवों बरामद किए गए हैं।
मीडिया ने बताया, बुधवार रात 8:00 बजे जारी एक बयान में दक्षिण अफ्रीकी पुलिस सेवा (एसएपीएस) ने कहा कि उत्तर पश्चिमी प्रांत में स्टिलफोंटेन खदान में सोमवार को बचाव अभियान शुरू होने के बाद से 246 अवैध खनिकों को जमीन से जीवित निकाला गया है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है। वहीं 78 शवों को बरामद किया गया है।
एसएपीएस की राष्ट्रीय प्रवक्ता एथलेंडा मैथे ने सिन्हुआ को बताया, “हम निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि इस अभियान को बंद कर दिया गया है।”
उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब बचाव अभियान में शामिल कर्मियों ने मीडिया को बताया कि जमीन के नीचे कोई और जीवित व्यक्ति या शव नहीं बचा है।
मैथे ने कहा कि स्टिलफोंटेन में अभियान के लिए जिम्मेदार माइन रेस्क्यू सर्विस गुरुवार की सुबह एक पिंजरा जमीन के नीचे भेजेगी, ताकि यह देखा जा सके कि कोई अवैध खनिक पिंजरे के साथ फिर से बाहर तो नहीं आया है।
उन्होंने स्पष्ट किया, “हम अपने अत्याधुनिक उपकरणों से इसकी पुष्टि करने के लिए माइन रेस्क्यू सर्विस पर निर्भर रहेंगे। उम्मीद है कि इससे हमें पता चल पाएगा कि आखिर अंदर क्या हो रहा है।”
प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस गुरुवार को बचाव अभियान के बारे में और जानकारी देगी।
स्टिलफोंटेन में बंद खदान शाफ्ट की स्थिति अगस्त 2024 से विकसित हो रही है, जब अवैध खननकर्ताओं के छोटे समूह शाफ्ट से बाहर निकलने लगे थे। तब से कम से कम 1,576 अवैध खननकर्ता सतह पर आ चुके हैं और उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि पुलिस के बयान के अनुसार इनमें से अधिकांश पड़ोसी देशों के विदेशी नागरिक थे।
दक्षिण अफ्रीका में उत्पादन में गिरावट के कारण दशकों से बंद कई सोने की खदानों पर अवैध विदेशी खननकर्ताओं ने कब्जा कर लिया है, जो अब सोने की तलाश में उन्हें फिर से खोल रहे हैं।
राष्ट्रीय समाचार
कोयला आयात कम करना, घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर मुख्य फोकस : मंत्री

नई दिल्ली, 8 फरवरी। भारत सरकार ने एक बार फिर दोहराया है कि कोयले के आयात को कम करना और घरेलू उत्पादन बढ़ाना उसकी प्राथमिकता है। कोयला क्षेत्र भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार है और देश के औद्योगिक व आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।
भारत के पास दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार है और यह कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। देश की कुल ऊर्जा जरूरतों का 55 प्रतिशत कोयले से पूरा होता है।
देश में लगभग 74 प्रतिशत बिजली उत्पादन ताप विद्युत संयंत्रों (थर्मल पावर प्लांट) पर निर्भर है। इसलिए एक मजबूत और टिकाऊ कोयला क्षेत्र की जरूरत बनी रहती है, यह बात कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कही। उन्होंने यह भी बताया कि कोयला मंत्रालय इस क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सरकार के प्रयासों से आयातित कोयले पर निर्भरता कम हुई है। अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच कोयला आयात में 5.35 प्रतिशत की कमी आई, जिससे लगभग 3.91 अरब डॉलर (30,007.26 करोड़ रुपये) की बचत हुई। खासकर, घरेलू बिजली संयंत्रों में उपयोग होने वाले कोयले का आयात 23.56 प्रतिशत घटा है।
मंत्रालय की ‘मिशन कोकिंग कोल’ योजना का लक्ष्य 2029-30 तक देश में कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाकर 140 मिलियन टन (एमटी) करना है, जिससे इस्पात क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम हो सके।
भारत का कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 में 997.82 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2014-15 में 609.18 मिलियन टन था। पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वृद्धि दर 5.64 प्रतिशत रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 11.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जनवरी 2025 तक कोयला मंत्रालय ने 184 खदानों का आवंटन किया, जिनमें से 65 को खनन शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। इन खदानों से कुल 136.59 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34.20 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में उत्पादन 170 मिलियन टन से अधिक होने की उम्मीद है।
आठ कोर उद्योगों में कोयला क्षेत्र ने सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है, दिसंबर 2024 में इसमें 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इसके अलावा, भारतीय रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली कुल आय का लगभग 50 प्रतिशत कोयला परिवहन से आता है। साथ ही, कोयला क्षेत्र में लगभग 4.78 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।
व्यापार
वैश्विक स्तर पर चैटजीपीटी हुआ डाउन, यूजर्स को लॉगइन करने में हो रही परेशानी

नई दिल्ली, 6 फरवरी। दुनिया में सबसे अधिक चर्चित चैटबॉट ओपनएआई का चैटजीपीटी वैश्विक स्तर पर डाउन हो गया है। यूजर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे एक्स पर शिकायत की है कि चैटजीपीटी काम नहीं कर रहा है।
चैटजीपीटी को लेकर यूजर्स अलग-अलग देशों से शिकायत दर्ज करा रहे हैं और ऐसा लगता है कि करीब पूरी दुनिया में यूजर्स को चैटजीपीटी का इस्तेमाल करने में समस्या आ रही है।
जानकारी के मुताबिक, ऐप किसी भी कमांड का जवाब नहीं दे रहा है और कुछ यूजर्स को लॉगइन करने में भी समस्या आ रही है। वहीं, कुछ यूजर्स द्वारा चैट रिक्वेस्ट भेजने पर ओपनएआई का चैटबॉट “इंटरनल सर्वर एरर” दिखा रहा है।
ऑनलाइन आउटेज ट्रैक करने वाले प्लेटफॉर्म डाउनडिटेक्टर के अनुसार, इससे हजारों यूजर्स प्रभावित हुए हैं। हालांकि, ओपनएआई ने अभी तक आउटेज के कारण या इसके दायरे के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
डाउनडिटेक्टर पर पिछले 24 घंटों में चैटजीपीटी आउटेज के ग्राफ में उछाल आया और जैसे-जैसे अधिक लोग इस समस्या की रिपोर्ट कर रहे हैं, यह ग्राफ बढ़ता जा रहा है।
डाउनडिटेक्टर पर कोई भी अपनी समस्या रिपोर्ट कर सकता है, लेकिन जब भी किसी विशेष ऐप या वेबसाइट पर यूजर्स को समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो शिकायतों के आधार पर तैयार ग्राफ तेजी से बढ़ता है।
यूजर्स ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की।
एक यूजर ने लिखा कि चैटजीपीटी करीब 20 मिनट से जवाब नहीं दे रहा है। मुझे 2015 की तरह महसूस हो रहा है, जब गूगल सर्च कई घंटों के लिए ऑफलाइन हो जाता था।
एक अन्य यूजर ने लिखा कि चैटजीपीटी डाउन हो गया है और कोई भी चैट रिक्वेस्ट भेजने पर “इंटरनल सर्वर एरर” लिखा आ रहा है।
चैटजीपीटी की यह पहली आउटेज नहीं है। इससे पहले 23 जनवरी को यूजर्स चैटजीपीटी के वेब और ऐप को पूरी दुनिया में एक्सेस नहीं कर पा रहे थे। इस दौरान डाउनडिटेक्टर पर हजार से भी ज्यादा शिकायतें रिपोर्ट की गई थीं।
पिछले वर्ष क्रिसमस के एक दिन बाद भी ओपनएआई का चैटबॉट काम नहीं कर रहा था। इस दौरान कई यूजर्स ने शिकायत की थी कि चैटजीपीटी काम नहीं कर रहा है।
व्यापार
सैमसंग की गैलेक्सी एस25 सीरीज ने दक्षिण कोरिया में बनाया प्री-ऑर्डर का नया रिकॉर्ड

सियोल/नई दिल्ली, 4 फरवरी। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने मंगलवार को बताया कि उसके नए गैलेक्सी एस25 स्मार्टफोन ने दक्षिण कोरिया में प्री-ऑर्डर में 1.3 मिलियन यूनिट्स बेचे हैं, जो उसकी एस सीरीज मॉडल्स का अब तक का सबसे बड़ा प्री-सेल रिकॉर्ड है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सैमसंग ने गैलेक्सी एस25 सीरीज को 22 जनवरी को लॉन्च किया था। इसके बाद इस सीरीज के लिए प्री-ऑर्डर बुकिंग 24 जनवरी से शुरू हुई। कंपनी के अनुसार, 3 फरवरी तक एस25 सीरीज के 1.3 मिलियन यूनिट्स बिक गए हैं। इससे पहले इसी सीरीज के पुराने मॉडल की 1.21 मिलियन से अधिक यूनिट्स बेची गई थीं।
सैमसंग के सबसे महंगे एस25 अल्ट्रा मॉडल ने सबसे अधिक लोकप्रियता हासिल की है, जिसकी कुल प्री ऑर्डर में 52 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। इसके बाद गैलेक्सी एस25 की 26 प्रतिशत और गैलेक्सी एस25 प्लस की 22 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है।
नई गैलेक्सी एस25 सीरीज अधिक उन्नत ऑन-डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के साथ आती है, जिसमें मल्टीमॉडल क्षमताएं और व्यक्तिगत सहायता फंक्शन्स शामिल हैं। यह यूजर्स को अधिक स्मार्ट और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करती है। हालांकि, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने गैलेक्सी एस25 सीरीज की कीमतों को अपने पुराने मॉडल के समान ही रखा है।
नई गैलेक्सी एस25 सीरीज को शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर दुनिया भर में लॉन्च किया जाएगा।
भारत में सैमसंग ने अपने फ्लैगशिप गैलेक्सी एस25 सीरीज स्मार्टफोन की डिलीवरी शुरू कर दी है, ये डिलीवरी उन ग्राहकों के लिए है, जिन्होंने इन डिवाइसों को प्री-ऑर्डर किया था।
बता दें कि सैमसंग ने 23 जनवरी को गैलेक्सी एस25 सीरीज के लिए प्री-ऑर्डर लेना शुरू किया था। गैलेक्सी एस25 के 12Gजीबी/256जीबी वेरिएंट की शुरुआती कीमत 80,999 रुपये है, जबकि गैलेक्सी एस25+ की शुरुआती कीमत 99,999 रुपये और गैलेक्सी एस25 अल्ट्रा की शुरुआती कीमत 129,999 रुपये है।
गैलेक्सी एस25 अल्ट्रा को प्री-ऑर्डर करने वाले ग्राहकों को 21,000 रुपये के प्री-ऑर्डर लाभ भी मिलेंगे।
इसके अलावा गैलेक्सी एस25+ को प्री-ऑर्डर करने वाले ग्राहकों को 12,000 रुपये का फायदा मिलेगा। इस बीच, गैलेक्सी एस25 को प्री-ऑर्डर करने वाले ग्राहकों को अपग्रेड बोनस के रूप में 11,000 रुपये का लाभ होगा।
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