राजनीति
हम पीएम आवास तक चलकर महंगाई दिखाना चाहते हैं : प्रियंका गांधी
कांग्रेस शुक्रवार को देश भर में महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। प्रदर्शन कर रही प्रियंका गांधी गांधी वाड्रा को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें वैन में बिठा दिया गया। वैन में बैठने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा, इन्हें महंगाई नहीं दिख रही है तो हम प्रधानमंत्री आवास तक चल कर महंगाई दिखाना चाहते हैं और गैस का सिलेंडर दिखाना चाहते हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित कुल 64 सांसदों और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
प्रियंका गांधी ने महंगाई के मसले पर केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा, सरकार को यह लगता है कि इनके खिलाफ विपक्ष कुछ कहता है तो यह दबा सकते हैं और हम इनके दबाव में आकर चुपचाप समझौता करने बैठ जाएंगे, हम एक मकसद से यहां हैं। इनके मंत्री कह रहे हैं कि, इन्हें महंगाई नहीं दिख रही, तो हम प्रधानमंत्री आवास तक चल कर महंगाई दिखाना चाहते हैं।
गैस आज कोई खरीद नहीं पा रहा है, महंगाई से गरीब और मध्यमवर्गीय लोग सब परेशान हैं और कोई कुछ ना बोले। मोदी जी ने पूरे देश की संपत्ति अपने दोस्तों को दे दी है, उन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। दो चार लोग अमीर हो गए हैं, उनके महल बड़े हुए। लेकिन आम जनता तरस रही है, क्या यह ठीक है?
दिल्ली में देश के प्रदर्शन के अलावा देश भर के अलग-अलग राज्यों में प्रदर्शन हुआ और राज भवनों का घेराव भी किया गया है। कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पूरे इलाके में धारा 144 लगा रखी है और जिन कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया या इकट्ठा होने की कोशिश की उन्हें हिरासत में ले लिया है।
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र में भाषा विवाद: 19 वर्षीय किशोर ने की खुदकुशी, तहसीन पूनावाला ने की कार्रवाई की मांग

पुणे, 21 नवंबर: महाराष्ट्र के कल्याण पूर्व के तिसगांव नाका इलाके में भाषा विवाद के चलते 19 साल के छात्र अर्णव खैरे ने आत्महत्या कर ली। आरोप है कि लोकल ट्रेन में वह मराठी में बात नहीं कर रहा था और इसी बात पर कुछ लोगों ने उसे पीट दिया और अपमानित किया। इस घटना के बाद वह इतना तनाव में आ गया कि घर लौटकर उसने आत्महत्या कर ली। इस घटना पर इंटरनेट पर्सनालिटी तहसीन पूनावाला ने गहरी संवेदना जताई।
तहसीन पूनावाला ने कहा कि जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक अर्णव को सिर्फ इसलिए मारा-पीटा गया क्योंकि वह हिंदी में बात कर रहा था। पूनावाला ने कहा कि जरा सोचिए, एक 19 साल के लड़के ने ऐसी स्थिति में क्या झेला होगा और उसके परिवार पर इस वक्त क्या बीत रही होगी?
पूनावाला ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भाषा को लेकर जो माहौल बन रहा है, वह खतरनाक होता जा रहा है। उन्होंने इस माहौल के लिए राज ठाकरे और मनसे को जिम्मेदार बताया। उनका कहना है कि भाषा के नाम पर नफरत फैलाने से समाज में हिंसा बढ़ती है और इसका परिणाम आज अर्णव की मौत जैसे मामले के रूप में सामने आया है।
उन्होंने एक पुराने केस का भी जिक्र किया और कहा कि कुछ महीने पहले जावेद शेख के बेटे राहिल शेख पर एक मराठी लड़की से छेड़छाड़ का आरोप लगा था, लेकिन उस मामले में क्या कार्रवाई हुई?
पूनावाला ने ठाकरे परिवार पर भी कई राजनीतिक आरोप लगाए। उनका कहना है कि उनके बेटे महंगी गाड़ियों में घूमते हैं, बड़े-बड़े अस्पतालों में इलाज करवाते हैं और इसलिए आम मराठी मानूस की परेशानियों को नहीं समझते।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ठाकरे परिवार की राजनीति आम जनता से ज्यादा बीएमसी के बजट पर केंद्रित रहती है, जो 70,000 करोड़ रुपए से ज्यादा है। यही वजह है कि ठाकरे परिवार के दोनों भाई कभी साथ आते हैं, कभी अलग होते हैं, क्योंकि असली लड़ाई सत्ता और कंट्रोल की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाषा के नाम पर हिंसा न फैलाई जाए और समाज को बांटने वाले कदमों पर रोक लगनी चाहिए।
कर्नाटक की राजनीति पर बात करते हुए तहसीन पूनावाला ने कहा कि डी.के. शिवकुमार कांग्रेस के बेहद वफादार नेता हैं और उनकी अध्यक्षता में पार्टी ने कर्नाटक चुनाव जीता था।
उन्होंने सलाह दी कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसी गलतियां फिर न हों, इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार दोनों से बैठकर बातचीत करनी चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
भारत व श्रीलंका के बीच सैन्य वार्ता, बॉर्डर डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूती

नई दिल्ली, 21 नवंबर: भारत व श्रीलंका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता हुई है। इस वार्ता में सैन्य कमांडर्स ने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करने व क्षेत्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने पर विस्तृत चर्चा की।
यह भारत और श्रीलंका के बीच आर्मी-टू-आर्मी स्टाफ वार्ता थी। भारतीय सेना के मुताबिक यह तीन दिवसीय सैन्य वार्ता बोधगया में आयोजित की गई। तीन दिनों तक चली इन बैठकों में दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को और मजबूत करने, इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने, तथा क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने पर विस्तृत चर्चा की है।
बैठक में श्रीलंका की ओर से छह-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इस सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रीलंकाई आर्मी के मेजर जनरल रवी पथिराविथाना, डायरेक्टर जनरल जनरल स्टाफ ने किया। वहीं भारतीय पक्ष की ओर से संबंधित सैन्य शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस वार्ता में प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, तकनीकी सहयोग और आधुनिक सैन्य क्षमताओं के विकास पर कमांडर्स ने अपने अनुभव व प्रस्ताव साझा किए। वार्ता के दौरान दोनों देशों ने कई प्रमुख क्षेत्रों पर गहन विचार-विमर्श किया। इनमें संयुक्त सैन्य अभ्यासों की संख्या और दायरा बढ़ाना, आतंकवाद-रोधी अभ्यास और मानवीय सहायता एवं आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
सैनिकों के पेशेवर प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु कोर्स एक्सचेंज और ट्रेनिंग प्रोग्राम विस्तार पर भी चर्चा की गई। लॉजिस्टिक्स, संचार और तकनीकी सहयोग को और मजबूत करने की बात भी वार्ता में रखी गई। ऐसा होने पर दोनों सैन्य बल वास्तविक परिस्थितियों में बेहतर समन्वय कर सकेंगे। दोनों देशों द्वारा रक्षा साझेदारी के नए अवसरों की पहचान, विशेषकर सीमा सुरक्षा, समुद्री सहयोग और नई तकनीक अपनाने पर जोर दिया गया।
भारत और श्रीलंका के प्रतिनिधियों ने इस दौरान यह भी रेखांकित किया कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों की विरासत, रक्षा सहयोग को एक नई दिशा प्रदान करती है। वार्ता के अंत में दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
बोधगया में संपन्न हुई यह वार्ता न केवल सैन्य संबंधों को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुई, बल्कि भारत व श्रीलंका के व्यापक रक्षा संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला मंच भी रही। अगले चरण की वार्ताएं अब 2026 में आयोजित की जाएंगी, जिसमें अब तक तय हुए सहयोगात्मक एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
गौरतलब है कि फिलहाल भारत और श्रीलंका की सेनाएं एक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास को भी अंजाम दे रही हैं। इस युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के जवानों ने कई महत्वपूर्ण ड्रिल किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत में आईएसआई के धमाके की साजिश का पर्दाफाश, केमिकल अटैक की थी प्लानिंग

नई दिल्ली, 21 नवंबर: उत्तर प्रदेश की पुलिस ने फरीदाबाद मॉड्यूल और राइसिन आतंकी षड्यंत्र का भंडाफोड़ किया। दक्षिण भारत में आईएसआई राइसिन केमिकल अटैक प्लान कर रहा था। इससे पाकिस्तान भी बेनकाब हुआ है।
फरीदाबाद मॉड्यूल और राइसिन टेरर प्लॉट का पर्दाफाश होने से एक बात तो साफ हो गई है कि पाकिस्तान भारत के अंदर किस तरह से गहराई तक घुसपैठ करने की कोशिशों में जुटा हुआ है।
बता दें, दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ब्लास्ट करने वाले फरीदाबाद मॉड्यूल ने करीब 3,000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जमा कर लिया था। इससे साफ जाहिर है कि भारत में तबाही मचाने के लिए कितने बड़े स्तर पर हमलों की प्लानिंग की जा रही थी।
वहीं, दूसरी ओर दक्षिण भारत में भी एक खतरनाक आतंकी साजिश रची जा रही थी। गुजरात एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) ने हैदराबाद के रहने वाले 35 साल के अहमद मोहियुद्दीन सैयद को राइसिन आतंकी हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया।
पुलिस ने खुलासा किया है कि फरीदाबाद मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है। वहीं राइसिन की साजिश इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) की बनाई योजना का हिस्सा है।
ये दोनों आतंकी समूह आईएसआई के इशारे पर काम करते हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने कहा कि अगर दोनों मामलों की गहराई से जांच की जाए, तो यह साफ है कि आईएसआई सिर्फ उत्तर भारत में ही नहीं, बल्कि दक्षिण में भी तबाही मचाने की योजना बना रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान का गेम प्लान फॉल्ट लाइन का फायदा उठाना है। पाकिस्तान उत्तर भारत में विक्टिम कार्ड और दक्षिण में भाषा कार्ड खेलकर भारत में विभाजन की स्थिति पैदा करने की साजिश रच रहा है। आईएसकेपी ने साउथ को नॉर्थ से अलग करने के इरादे से एक राइसिन टेरर अटैक करने का प्लान बनाया था।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों प्लान बड़े थे। अगर उनकी साजिश कामयाब हो जाती, तो इसका नतीजा हमारी सोच से भी परे हो सकता था। फरीदाबाद केस में, पूरे नॉर्थ इंडिया में ब्लास्ट करने का प्लान था।
काउंटर-टेररिज्म अधिकारियों ने कहा कि इससे भी ज्यादा खतरनाक राइसिन प्लान होता, जिसे साउथ इंडिया को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा था। गुजरात एटीएस की जांच में पता चला कि खदीजा ने सैयद और उसके साथियों को ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने का निर्देश दिया था।
सैयद ने 10 किलोग्राम अरंडी के बीज खरीदे। उसने तेल निकालने के लिए कोल्ड-प्रेस मशीन का इस्तेमाल किया। उसने जांच करने वालों को बताया और फिर उसे एसीटोन के साथ मिलाया। उसके बाद उसने राइसिन जहर को एक ड्रम में स्टोर कर लिया।
सैयद और उसका हैंडलर कई महीनों से इस ऑपरेशन की प्लानिंग कर रहे थे। भारत में मुसलमानों पर तथाकथित ज़ुल्म के बारे में बात करने के साथ-साथ, उन्होंने भाषा के झगड़े पर भी चर्चा की। यह एक वजह हो सकती है कि सैयद के प्लान में साउथ इंडिया को शेष भारत से अलग करना शामिल था।
मामले में अब इस बात की जा रही है कि क्या सैयद ने पानी की जगहों, खासकर पीने के पानी में जहर मिलाने का प्लान बनाया था। यह बहुत असरदार है, और अगर इसे पी लिया जाए, तो इंसान को या तो लंबी बीमारी हो सकती है या मल्टीपल ऑर्गन फेलियर से उसकी मौत हो सकती है।
एक्सपर्ट्स ने कहा कि जानलेवा डोज से मौत 36 से 72 घंटों के अंदर हो सकती है। इससे भी खतरनाक बात यह है कि इसका कोई खास एंटीडोट नहीं है, और इससे प्रभावित इंसान को सपोर्टिव मेडिकल केयर की जरूरत होगी। वहीं इससे बचने की उम्मीद भी काफी कम होगी।
यह लंबे समय से आईएसकेपी के प्लान का हिस्सा रहा है, और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने बार-बार चेतावनी दी है कि ऐसे ग्रुप इंडिया में बायोटेरर लॉन्च करने की कोशिश करेंगे।
इन्वेस्टिगेटर पाकिस्तान लिंक की भी गहराई से जांच कर रहे हैं। रिसिन टेरर मॉड्यूल और फरीदाबाद मॉड्यूल जैसे बड़े प्लॉट, इतने बड़े पैमाने पर प्लान किए गए ऑपरेशन नहीं हो सकते थे, अगर उन्हें पाकिस्तान से इंस्टीट्यूशनल सपोर्ट न मिला होता।
एक अधिकारी ने कहा कि यह साफ़ है कि पाकिस्तान ने उत्तर और दक्षिण भारत के लिए दो अलग-अलग टेरर मॉड्यूल तैनात किए थे और वे इतने बड़े पैमाने पर हमले करना चाहते थे कि पूरा देश डर जाए।
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