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Friday,11-April-2025
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खेल

हॉकी 5 एस टूर्नामेंट के लिए हम तैयार : कप्तान गुरिंदर

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भारतीय हॉकी टीम के कप्तान गुरिंदर सिंह ने शनिवार को मेजबान स्विट्जरलैंड के खिलाफ एफआईएच हॉकी 5एस के शुरुआती मैच से पहले कहा है कि इस खेल के प्रारूप के लिए परिस्थितियों के अनुकूल होना बेहद जरूरी होगा। साथ ही कहा कि यहां प्रशिक्षण सत्रों से टीम को मदद मिली है। एफआईएच हॉकी 5एस के पहले सीजन में भारतीय पुरुष टीम खेल के सबसे छोटे प्रारूप में एक छाप छोड़ने के लिए तैयार है। पहले दिन मेजबान स्विट्जरलैंड और पाकिस्तान से खेलने के बाद भारत का सामना 5 जून को क्रमश: मलेशिया और पोलैंड से होगा।

गुरिंदर ने कहा, “हम यहां लुसाने में आकर वास्तव में उत्साहित हैं। यहां बहुत अच्छा माहौल है। हमारे पास अच्छे प्रशिक्षण सत्र भी थे और हम टूर्नामेंट के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”

उन्होंने कहा, “हम कुछ गुणवत्ता टीमों के खिलाफ खेलेंगे और चूंकि प्रारूप नया है, यह हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण काम होगा। यह तेज गति वाला प्रारूप है और हमें जितनी जल्दी हो सके परिस्थितियों के अनुकूल होने की आवश्यकता होगी।”

नौ सदस्यीय टीम में पवन, संजय और रबीचंद्र सिंह मोइरंगथेम शामिल हैं, जो 2018 युवा ओलंपिक खेलों में हॉकी 5एस में रजत पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे।

टीम की तैयारियों और संतुलन के बारे में बात करते हुए गुरिंदर ने कहा, “इसके लिए बहुत अधिक गति और कौशल की आवश्यकता होगी। हमने शॉर्ट पास, 3डी कौशल और संरचना पर भी काम किया है। परिधि बोर्ड का उपयोग इस प्रारूप में एक नया तत्व है और हम इसका फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। हमारे पास टीम में तीन खिलाड़ी हैं, जो पहले भी इस प्रारूप में खेल चुके हैं, इसलिए उनके अनुभव वास्तव में हमारी तैयारियों में मददगार रहे हैं।”

उपकप्तान सुमित ने कहा, “यह हमारे लिए एक नया प्रारूप है और हम खेल के इस संस्करण को खेलने के लिए बहुत उत्साहित हैं। इसमें हाई-स्कोरिंग और नेक टू नेक गेम खेलने होंगे, इसलिए हमारा ध्यान सीधे शुरुआत से ही आक्रमणकारी हॉकी खेलने पर होगा।”

अंतरराष्ट्रीय

स्लोवाकिया ने भारतीय समुदाय की कड़ी मेहनत को दी मान्यता : राष्ट्रपति मुर्मू

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ब्रातिस्लावा, 11 अप्रैल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत-स्लोवाकिया संबंधों को मजबूत बनाने में भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की। उन्होंने गुरुवार को ब्रातिस्लावा में आयोजित सामुदायिक स्वागत समारोह में यह बात कही।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “स्लोवाक नेताओं के साथ बातचीत में मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि उन्होंने भारतीय समुदाय की कड़ी मेहनत को मान्यता दी। स्लोवाकिया के विकास और प्रगति में भारतीय समुदाय के बहुमूल्य योगदान के प्रति बहुत सम्मान की भावना रही है।”

उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “यह देखकर खुशी होती है कि भारत की विरासत और परंपराएं हमारे स्लोवाक मित्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। योग और आयुर्वेद से लेकर भारतीय व्यंजनों तक, स्लोवाकिया में भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम दोनों देशों के लोगों के बीच बढ़ते मजबूत संबंधों का प्रमाण है।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उपनिषदों का स्लोवाक भाषा में अनुवाद यहां के लोगों को भारत की प्राचीन शिक्षाओं से जुड़ने का एक और अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि के रूप में भारतीय समुदाय की भूमिका भारत-स्लोवाकिया संबंधों को मजबूत करने में अमूल्य है।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के अपने राजदूत हैं जो दोनों देशों को जोड़ने के लिए पुल का काम करते हैं। लेकिन भारतीय समुदाय भी उन राजदूतों में से एक है क्योंकि वे भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, भारत को गौरव दिलाते हैं और बढ़ाते हैं।”

गुरुवार को, राष्ट्रपति मुर्मू और स्लोवाकिया के प्रेसिडेंट पीटर पेलेग्रिनी ने संयुक्त रूप से स्लोवाकिया के नित्रा के सिहोट स्थित सिटी पार्क में स्लोवाकिया के राष्ट्रीय वृक्ष लिंडेन को लगाया।

यह लगभग तीन दशकों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की स्लोवाकिया की पहली यात्रा है।

राष्ट्रपति मुर्मू की स्लोवाकिया की दो दिवसीय यात्रा इस बात का संकेत देती है कि भारत स्लोवाक गणराज्य के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को कितना महत्व देता है। इससे रक्षा, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में गहन सहयोग और नई पहलों के शुरू होने की उम्मीद है।

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अंतरराष्ट्रीय

26/11 हमले के आतंकियों को मिले पाकिस्तान का ‘निशान-ए-हैदर’ सम्मान, तहव्वुर राणा की थी ख्वाहिश

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नई दिल्ली, 11 अप्रैल। मुंबई पर 26/11 के आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा चाहता था कि अटैक को अंजाम देने वाले ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के आतंकवादियों को ‘निशान-ए-हैदर’ से सम्मानित किया जाए। अमेरिकी न्याय विभाग ने उसे लेकर एक बयान जारी किया है। इसके अलावा राणा और डेविड कोलमैन हेडली के बीच बातचीत के कुछ हिस्से भी जारी किया।

राणा 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है।

बयान में कहा गया, “हमले के बाद, राणा ने कथित तौर पर हेडली से कहा कि भारतीय ‘इसके लायक थे’। हेडली के साथ एक इंटरसेप्टेड बातचीत में, राणा ने कथित तौर पर हमले में मारे गए नौ लश्कर आतंकियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें ‘निशान-ए-हैदर’ दिया जाना चाहिए।”

‘निशान-ए-हैदर’ पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य वीरता पुरस्कार है और केवल सशस्त्र बलों के सदस्यों को दिया जाता है। यह हवा, जमीन या समुद्र में दुश्मन का सामना करते हुए असाधारण बहादुरी के सर्वोच्च कार्यों को मान्यता देता है। 1947 में पाकिस्तान की आजादी के बाद से इसे केवल 11 बार ही प्रदान किया गया है।

अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार (9 अप्रैल) को दोषी ठहराए गए आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा, जो एक कनाडाई नागरिक और पाकिस्तान का मूल निवासी है, को भारत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया। राणा का प्रत्यर्पण जघन्य हमलों में मारे गए छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

बयान के मुताबिक, “राणा के खिलाफ भारत की लंबित कार्यवाही पहली कार्यवाही नहीं है जिसमें राणा पर आतंकवाद के हिंसक कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप लगा। 2013 में, राणा को इलिनोइस के उत्तरी जिले में लश्कर को भौतिक सहायता प्रदान करने और डेनमार्क के कोपेनहेगन में लश्कर की एक नाकाम आतंकी कार्रवाई के लिए साजिश रचने के आरोप में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। उसी आपराधिक कार्यवाही के एक भाग के रूप में, हेडली को 12 संघीय आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराया गया, जिसमें मुंबई में छह अमेरिकियों की हत्या में सहायता करना और बाद में एक डेनिश समाचार पत्र पर हमला करने की योजना बनाना शामिल था, उसे 35 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई।”

राणा को लंबी कानूनी और कूटनीतिक लड़ाई के बाद भारत लाया जा सका।

अमेरिका से प्रत्यर्पित तहव्वुर राणा को गुरुवार को नई दिल्ली लाया गया जहां नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। इसके बाद राना को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे एनआईए की 18 दिनों की कस्टडी में भेज दिया।

26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था। 26/11 हमले में 164 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए। आतंकवादियों ने भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों की हत्या की।

नौ आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया जबकि एक अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया जिसे बाद में फांसी की सजा हुई।

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खेल

आईपीएल 2025 : पंजाब किंग्स के ऑलराउंडर मैक्सवेल पर लगा मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना

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चंडीगढ़, 9 अप्रैल। पंजाब किंग्स के ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल पर आईपीएल आचार संहिता के उल्लंघन के लिए मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। मंगलवार रात चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ हुए मैच के दौरान उन्होंने आईपीएल आचार संहिता का उल्लंघन किया। जुर्माने के साथ ही उन्हें एक डिमेरिट पॉइंट भी दिया गया है।

दरअसल, प्रियांश आर्य के शतक और गेंदबाजी की बदौलत पंजाब किंग्स ने न्यू पीसीए स्टेडियम में खेले गए मैच में चेन्नई सुपर किंग्स को 18 रनों से मात दी।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “ग्लेन मैक्सवेल ने अनुच्छेद 2.2 (मैच के दौरान फिक्सचर और फिटिंग्स का दुरुपयोग) के तहत लेवल 1 अपराध को स्वीकार किया और मैच रेफरी की सजा को माना। हालांकि, आचार संहिता के लेवल 1 के उल्लंघन के लिए मैच रेफरी का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है।”

आईपीएल आचार संहिता के अनुसार, अनुच्छेद 2.2 मैच के दौरान क्रिकेट उपकरण या कपड़ों, मैदान के उपकरणों या फिक्सचर और फिटिंग्स के दुरुपयोग से संबंधित है।

अनुच्छेद 2.2 में सामान्य क्रिकेट गतिविधियों के अलावा कोई भी कार्य शामिल है, जैसे विकेट को मारना या लात मारना और ऐसी कोई भी हरकत जो जानबूझकर (यानी इरादतन), लापरवाही से या असावधानी से (किसी भी स्थिति में, भले ही यह अनजाने में हो) विज्ञापन बोर्ड, बाउंड्री फेंस, ड्रेसिंग रूम के दरवाजे, शीशे, खिड़कियां और अन्य फिक्सचर और फिटिंग्स को नुकसान पहुंचाती है।

नियम में लिखा है, “उदाहरण के लिए यह अपराध बिना किसी सीमा के तब किया जा सकता है, जब कोई खिलाड़ी हताशा में अपने बल्ले को जोर से घुमाता है और विज्ञापन बोर्ड को नुकसान पहुंचाता है।”

बता दें कि कप्तान श्रेयस अय्यर ने टॉस जीतकर चेन्नई के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। पारी की शुरुआत 22 साल के प्रियांश आर्या ने की, जिन्होंने सिर्फ 42 गेंदों में शानदार 103 रन बनाए।

दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने आईपीएल इतिहास में किसी अनकैप्ड खिलाड़ी के रूप में सबसे तेज शतक बनाया, उन्होंने सिर्फ 39 गेंदों में यह उपलब्धि हासिल की। ​​

वहीं, शशांक सिंह 50 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने आर्या के आउट होने के बाद टीम का मोमेंटम बनाए रखा, जिससे पंजाब किंग्स ने 219/6 का स्कोर खड़ा किया।

इसके जवाब में चेन्नई सुपर किंग्स 201/5 पर सिमट गई। डेवोन कॉनवे ने 69 रन बनाए और फिर रिटायर्ड आउट हुए। शिवम दुबे ने 42 रन का योगदान दिया, जबकि एमएस धोनी 27 रन बनाकर नाबाद रहे। हालांकि, पंजाब के गेंदबाजों ने अंतिम ओवरों में संयम बनाए रखा और 18 रन से जीत हासिल की।

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