राजनीति
मध्य प्रदेश कांग्रेस में फिर बन रहे टकराव के हालात

मध्य प्रदेश में सत्ता से बाहर कांग्रेस में एक बार फिर भीतरी टकराव बढ़ने के आसार बनने लगे हैं क्योंकि हिंदू महासभा के बाबूलाल चौरसिया को पार्टी की सदस्यता दिलाने पर हमलावर हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल को छह साल के लिए निष्कासित किया गया है।
राज्य में कांग्रेस की हमेशा पहचान गुटों के कारण रही है, मगर विधानसभा के चुनाव से पहले पार्टी की कमान कमलनाथ को सौंपे जाने के बाद स्थितियां बदली थी और यही कारण था कि कांग्रेस ने विधानसभा के चुनाव में जीत दर्ज कर सत्ता हासिल की थी। महज 15 माह में ही हालात बिगड़े और कमलनाथ सरकार की विदाई हो गई, ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर अपने तत्कालीन 22 विधायकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया था।
सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस अपनी जमीनी स्थिति को लगातार मजबूत करने में लगी है मगर इसी बीच हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाने के बाद विरोध में आवाजें उठने लगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, विधायक लक्ष्मण सिंह, पूर्व मंत्री सुभाष कुमार सोजतिया सहित अनेक नेताओं ने चौरसिया को पार्टी में शामिल किए जाने पर सवाल उठाए। सभी ने गांधी की रीति नीति पर चलने वाली कांग्रेस में गेाडसे समर्थक का अपरोक्ष रूप से विरोध किया था, वही पूर्व मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के करीबी मानक अग्रवाल ने सीधे तौर पर कमल नाथ पर हमला बोला। यह मामला अनुशासन समिति में गया और अग्रवाल को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिए गए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मानक अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई कर पार्टी ने उन नेताओं को संकेत दिया है जो सवाल उठाते हैं और उन्हें अनुशासन के दायरे में रहने की हिदायत भी दी है, तो वही इससे पार्टी के अंदर असंतोष गहरा जाए तो अचरज नहीं होगा, क्योंकि अग्रवाल की पहचान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के करीबी के तौर पर है। ऐसे में दिग्विजय समर्थक और कमलनाथ समर्थक आमने सामने तक हो सकते हैं।
राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने मानक अग्रवाल को पार्टी से निष्कासित किए जाने पर चुटकी ली है और कहा, “गोडसे मामले में कांग्रेस नेता माणक अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें ‘अमानक’ बना दिया गया। लेकिन इसी मुददे पर मुखर विरोध करने वाले ‘समरथ’ अरुण यादव के खिलाफ कुछ कहने की भी हिम्मत नहीं हुई। लगता है कांग्रेस में अब गोडसे की घुट्टी सख्ती से पिलाई जा रही है।”
पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि मानक अग्रवाल ने सीधे तौर पर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ पर हमला किया था, उन्हें इससे बचना चाहिए था, वहीं पार्टी को कार्रवाई करने से पहले उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए था। इस कार्रवाई से यही संदेश गया है कि पार्टी ने एकतरफा फैसला लिया है। यह स्थिति पार्टी के लिए अच्छी नहीं है क्योंकि आने वाले समय में नगरी निकाय और पंचायत के चुनाव होने वाले हैं। इससे पार्टी में बिखराव ही बढ़ेगा न कि एकजुटता आएगी।
महाराष्ट्र
बीर मक्का मस्जिद बम विस्फोट यूएपीए का कार्यान्वयन

मुंबई: पुलिस ने बीर अर्द मसला मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में यूएपीए एक्ट लागू कर दिया है। 30 मार्च की मध्य रात्रि को विजय अगोन और श्री राम अशोक ने मस्जिद में बम रखा और उसमें विस्फोट कर दिया। यह विस्फोट जेटलाइनर और डेटोनेटर की मदद से किया गया। इस मामले में पुलिस ने पहले आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन उसके बाद मुस्लिम संगठनों ने आरोपियों पर यूएपीए एक्ट और एनएसए के तहत मुकदमा चलाने की मांग की थी।
बीड विस्फोट की जांच स्थानीय अपराध शाखा द्वारा की गई थी, जिसमें अपराध शाखा ने पाया कि विस्फोट बहुत शक्तिशाली था और इसमें जेटलाइनर छड़ों के साथ डेटोनेटर का भी इस्तेमाल किया गया था। इसी आधार पर क्राइम ब्रांच की सिफारिश पर यूएपीए एक्ट लागू किया गया है। पुलिस ने दोनों आतंकवादियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है। बीड विस्फोट के बाद से महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) पुलिस के साथ मिलकर इसकी जांच कर रहा है। एटीएस इस मामले में आतंकवादियों से संबंध और वित्तपोषण की जांच कर रही है, जिसमें यह भी शामिल है कि आरोपियों को जेटलाइनर की छड़ें कैसे उपलब्ध कराई गईं और बिना लाइसेंस या परमिट के उन्हें जेटलाइनर की छड़ें किसने उपलब्ध कराईं। इसके साथ ही यह भी पता लगाने के लिए जांच जारी है कि इस मामले में और कितने लोग और साजिशकर्ता शामिल हैं।
एटीएस ने कहा कि बीड बम विस्फोट के हर पहलू और बिंदु पर जांच जारी है, हालांकि, एटीएस ने अब तक इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की है, जिनमें आरोपियों के परिवार के सदस्य और शुभचिंतक के साथ-साथ उनके दोस्त और परिचित भी शामिल हैं। एटीएस बीड मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में विस्फोट से पहले की साजिश को उजागर करने की कोशिश कर रही है क्योंकि विस्फोट से पहले आरोपी विजय अगोन ने एक वीडियो जारी कर स्टेटस पर अपलोड कर मुसलमानों को मस्जिद हटाने की धमकी दी थी और उसके बाद ही यहां विस्फोट हुआ था। स्थानीय पुलिस ने एक दिन पहले ही आरोपियों के खिलाफ धार्मिक नफरत फैलाने का मामला भी दर्ज किया था और अगले दिन मस्जिद में विस्फोट कर दिया गया।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
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