राजनीति
पेट्रोलियम की तरह ऑक्सीजन के रणनीतिक भंडार की जरूरत : नेशनल टास्क फोर्स

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञों के राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) ने सुझाव दिया है कि देश में चल रही कोविड-19 महामारी के बीच सरकार को दो से तीन सप्ताह की खपत के लिए ऑक्सीजन गैस का अतिरिक्त भंडार रखना चाहिए। शीर्ष अदालत द्वारा गठित 12 सदस्यीय एनटीएफ यानी नेशनल टास्क फोर्स ने कहा, हमारे पास पेट्रोलियम उत्पादों के लिए की गई व्यवस्था के समान दो से तीन सप्ताह की खपत को कवर करने के लिए देश के लिए ऑक्सीजन का रणनीतिक भंडार होना चाहिए। इसी तरह, सभी अस्पतालों में आपात स्थितियों से निपटने के लिए अतिरिक्त भंडार होना चाहिए।
इसने सुझाव दिया कि बड़े शहरों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) का उत्पादन करने के लिए व्यवस्था बनानी चाहिए, ताकि उनकी मेडिकल ऑक्सीजन की 50 प्रतिशत मांग को तुरंत पूरा किया जा सके। क्योंकि देश का सड़क परिवहन कमजोर है, इसलिए इसने स्थानीय तौर पर या फिर अस्पतालों के पास में ही ऑक्सीजन के निर्माण की रणनीति बनाने की सलाह दी है।
पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, दिल्ली और मुंबई को उनकी जनसंख्या घनत्व के कारण प्राथमिकता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी 18 मेट्रो शहरों को कम से कम 100 मीट्रिक टन भंडारण के साथ ऑक्सीजन स्वतंत्र बनाया जाना चाहिए।
एनटीएफ ने देश के लिए ऑक्सीजन की जरूरतों को निर्धारित करने के लिए एक फॉर्मूला प्रस्तावित किया, जो महामारी के बीच देखभाल के सभी स्तरों पर विचार करता है।
एनटीएफ ने रिपोर्ट में उदाहरण देते हुए समझाया है कि 100 बिस्तरों वाला अस्पताल, जिसमें 25 प्रतिशत आईसीयू बेड हों, उसमें तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की आवश्यकता 1.5 मीट्रिक टन होगी। कार्य बल ने कहा है कि इसी फार्मूले का इस्तेमाल किया जा सकता है। पैनल ने कहा कि ऐसा फॉर्मूला एक गतिशील, विकसित प्रक्रिया का हिस्सा होगा।
पैनल ने सिफारिश करते हुए कहा, कोरोना के बढ़ते मामलों वाले राज्यों को मांग से अधिक आवंटन करने के लिए अपने यहां करीब 20 प्रतिशत भंडारण क्षमता बढ़ानी चाहिए।
एनटीएफ ने कहा है कि महामारी की अगली लहर से लड़ने की तैयारी में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन और बढ़ाने की कोशिशें की जानी चाहिए। मौजूदा वक्त में तत्काल मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन पांच प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार को ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले उद्योगों की मदद करनी चाहिए।
समिति ने कहा कि ऑक्सीजन के न्यायसंगत उपयोग के लिए अस्पतालों का ऑडिट किया जाना चाहिए, जिसमें उनकी पाइपलाइन प्रणाली को भी देखा जाए। इसने कहा कि इस तरह के ऑडिट से 10 से 20 प्रतिशत तक ऑक्सीजन की बचत होगी।
पैनल ने जोर देकर कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप राज्यवार ऑक्सीजन ऑडिट समितियों का गठन किया जाना चाहिए। इसके अलावा केंद्रीय स्तर पर सिलेंडरों की खरीद, ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाना, उपरोक्त सिद्धांत के आधार पर ऑक्सीजन की राज्यों की जरूरतों का आकलन करना, आपूर्ति श्रंखला की जरूरत को देखने जैसे कदम उठाने चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एनटीएफ के सदस्य वर्तमान महामारी के प्रबंधन में सरकार द्वारा की गई कड़ी मेहनत को पहचानते हैं।
एनटीएफ के सदस्य इस बात की सराहना करते हैं कि उनकी कई सिफारिशें पहले ही लागू हो चुकी हैं और अन्य पर काम भी शुरू हो चुका है।
पैनल ने सुझाव दिया कि ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बेड की संख्या के आधार पर प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर के अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता की गणना के लिए एक सूत्र विकसित करने की आवश्यकता है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में व्याप्त आक्सीजन संकट के मद्देनजर इस 12 सदस्यीय समिति का गठन किया था। शीर्ष अदालत ने छह मई को एनटीएफ का गठन किया था, ताकि कोविड मरीजों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन के आवंटन की पद्धति तैयार की जा सके।
राष्ट्रीय समाचार
करूर भगदड़ मामले की स्वतंत्र जांच पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली में हुई भगदड़ की स्वतंत्र जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। इस दर्दनाक घटना में 41 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित कॉज लिस्ट के अनुसार, जस्टिस जे. के. माहेश्वरी और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की पीठ 13 अक्टूबर को इस मामले में दायर याचिकाओं पर अपना निर्णय सुनाएगी। याचिकाओं में घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।
जहां अभिनेता-राजनीतिज्ञ विजय की पार्टी टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की है, वहीं भाजपा नेता उमा आनंदन सहित कई अन्य लोगों ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
यह त्रासदी हाल के वर्षों में तमिलनाडु में भीड़ नियंत्रण की सबसे गंभीर विफलताओं में से एक मानी जा रही है, जिसने राजनीतिक आयोजनों में सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी आसरा गर्ग की अगुवाई में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर जांच के आदेश दिए थे और सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर आगे सुनवाई से इनकार कर दिया था।
3 सितंबर को दिए आदेश में हाईकोर्ट ने टीवीके के राजनीतिक नेतृत्व की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि घटना के बाद नेताओं और आयोजकों ने अपने समर्थकों को घटनास्थल पर छोड़ दिया।
न्यायमूर्ति एन. सेंथिलकुमार की एकल पीठ ने कहा था, “चौंकाने वाली बात यह है कि कार्यक्रम आयोजक और पार्टी के नेता हादसे के बाद स्थल से फरार हो गए। न तो कोई पछतावा दिखा और न ही कोई जिम्मेदारी या खेद व्यक्त किया गया।”
हाईकोर्ट ने विजय, कार्यक्रम आयोजकों और पार्टी के सदस्यों के व्यवहार की “कड़ी निंदा” की थी और कहा था कि पार्टी को तत्काल राहत और बचाव कार्य में जुटना चाहिए था, क्योंकि भीड़ में कई बच्चे, महिलाएं और युवा फंस गए थे और अपनी जान गंवा बैठे।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई के कुर्ला इलाके में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने संभाला मोर्चा

मुंबई, 13 अक्टूबर: मुंबई के कुर्ला इलाके में रविवार देर रात करीब 3 बजे भीषण आग लग गई। आग लगने से इलाके में हड़कंप मच गया।
आग इतनी तेज थी कि इसकी लपटें और धुआं दूर-दूर तक दिखाई दे रहा था। घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 12 से अधिक गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने में जुट गईं। राहत की बात यह है कि इस हादसे में अभी तक किसी के घायल होने या जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।
यह आग कुर्ला के एक व्यावसायिक इलाके में लगी, जहां कई दुकानें और गोदाम मौजूद हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग की शुरुआत किसी गोदाम या दुकान से हुई, लेकिन इसका सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, लोगों का कहना है कि देर रात अचानक धमाके की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद आग की लपटें दिखने लगीं। देखते ही देखते आग ने आसपास के क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया।
फायर ब्रिगेड की टीमें आग बुझाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है, लेकिन पूरी तरह से इसे बुझाने में अभी समय लग सकता है। मौके पर पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी मौजूद है, जो स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों को सुरक्षित रखने में मदद कर रहा है। कई लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों पर जमा हो गए। प्रशासन ने आसपास के इलाकों को खाली करा लिया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आग के कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक अनुमान में शॉर्ट सर्किट या ज्वलनशील पदार्थों को इसका कारण माना जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
इससे पहले, 12 अक्टूबर को महाराष्ट्र के खारघर के सेक्टर-35 स्थित 19 मंजिला ट्राइसिटी सिम्फनी टॉवर में आग लग गई थी, जहां आग की लपटें इमारत की 19वीं मंजिल तक पहुंच गईं थीं।
महाराष्ट्र
एएनसी की कार्रवाई, करोड़ों का ड्रग्स जब्त, 6 गिरफ्तार

मुंबई: एंटी नारकोटिक्स सेल ने मुंबई में विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई के दौरान 7.01 करोड़ रुपये मूल्य की एमडी और नेट्रोपम टैबलेट सहित एक नाइजीरियाई समेत छह ड्रग तस्करों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मुंबई के वकोला में एक नाइजीरियाई से 5.23 करोड़ रुपये मूल्य की 523 ग्राम कोकीन जब्त की गई। घाटकोपर, कुर्ला सीएसटी, मजगांव, ताड देव, बोरीवली इलाकों में की गई छापेमारी में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से 54.65 लाख रुपये मूल्य की मेफेडोन एमडी जब्त की गई। ये पांच अंतरराज्यीय ड्रग गिरोह का हिस्सा हैं। इस ऑपरेशन में नेट्रोपम टैबलेट सहित अन्य ड्रग्स भी जब्त किए गए। मुंबई पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर डीसीपी नुनाथ धुळे ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
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