राजनीति
किसानों को रसायन मुक्त उर्वरकों के उपयोग के प्रति जागरूक करने का प्रधानमंत्री का आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं से बातचीत की और किसानों को रसायन मुक्त उर्वरकों के उपयोग के बारे में जागरूक करने का उनसे आग्रह किया।
प्रधान मंत्री ने भाजपा बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ एक ऑडियो बातचीत में विकास के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से काशी विश्वनाथ धाम गलियारे की बहाली, महिला सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य विकास और अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
श्री मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं में से एक के साथ बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें किसानों तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच का विस्तार करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ”उन्हें (कार्यकर्ताओं को) किसानों को रसायन मुक्त उर्वरकों के उपयोग के बारे में जागरूक करना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने कई केंद्रीय योजनाओं के बारे में भी चर्चा की जो काशी के लोगों को बड़े पैमाने पर लाभान्वित कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने लोगों से उनके नमो ऐप में कमल पुष्प में योगदान देने का आग्रह किया, जिसकी कुछ विशेषताएं पार्टी सदस्यों को प्रेरित कर रही हैं।
उन्होंने कहा, नमो ऐप में ‘कमल पुष्प’ के नाम से एक बहुत ही दिलचस्प सेक्शन है जो आपको प्रेरक पार्टी कार्यकर्ताओं के बारे में जानने और अपने विचारों को साझा करने का अवसर देता है।
प्रधान मंत्री ने भाजपा के विशेष लघुदान अभियान के बारे में बात की, जिसमें पार्टी सदस्यों और अन्य लोगों से लघु योगदान के माध्यम से धन जुटाने का आग्रह किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 10,000 भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस बातचीत में हिस्सा लिया। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री का यह पहला संवाद कार्यक्रम है।
केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए 15 जनवरी तक रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगाने के बाद यह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पहला ऐसा आभासी संबोधन है। आयोग ने 15 जनवरी को रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च में सात चरणों में 10 फरवरी से शुरू होंगे। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।
अपराध
वसई स्कूली छात्रा की मौत का मामला: 13 साल की बच्ची के लिए 100 स्क्वाट की सजा जानलेवा साबित होने पर शिक्षक गिरफ्तार

CRIME
वसई: वसई स्थित श्री हनुमंत विद्या मंदिर स्कूल में 13 वर्षीय छात्रा की मौत के मामले में शिक्षिका ममता यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि शिक्षिका द्वारा दी गई सजा के कारण छात्रा की तबीयत बिगड़ गई और अंततः उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद मामला दर्ज कर बुधवार को शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया।
छात्रा काजल गौंड, वसई पूर्व के सातीवली स्थित श्री हनुमंत विद्या मंदिर स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ती थी। 8 नवंबर को कुछ बच्चे स्कूल देर से पहुँचे। कक्षा शिक्षिका ममता यादव ने काजल समेत सभी बच्चों को स्कूल बैग कंधे पर लादकर 100 उठक-बैठक करने की सज़ा दी।
स्कूल से घर लौटने के बाद काजल की तबीयत बिगड़ गई। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना के गंभीर परिणाम हुए। मंगलवार को पुलिस को जेजे अस्पताल से पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली।
नतीजतन, वालिव पुलिस ने आखिरकार शिक्षिका ममता यादव पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और किशोर न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम की धारा 75 के तहत मौत के लिए ज़िम्मेदार होने का मामला दर्ज किया। शिक्षिका को बुधवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया।
वालिव पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दिलीप घुगे ने बताया, “शुरुआत में इस मामले में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, जांच और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर शिक्षिका के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है और उसे कल शाम गिरफ्तार कर लिया गया।”
राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र: वसई में 100 सिट-अप्स की सजा के बाद स्टूडेंट की मौत, एसआईटी जांच की मांग

HIGH COURT
मुंबई, 20 नवंबर: वसई की 13 साल की बच्ची काजल गौड़ की मौत ने पूरे महाराष्ट्र को हिलाकर रख दिया है। स्कूल में 10 मिनट देर से आने पर टीचर ने उसे 100 सिट-अप्स करने की सजा दी। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ती गई और जेजे हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस पूरे मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक पिटीशन दायर की गई है, जिसमें कोर्ट से खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
यह पिटीशन वकील स्वप्ना प्रमोद कोडे ने चीफ जस्टिस चंद्रशेखर को संबोधित करते हुए फाइल की है। उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि इस मामले की जांच तेजी से करवाई जाए, क्योंकि यह सिर्फ एक बच्ची की मौत का मामला नहीं, बल्कि एक इंसानी और संवैधानिक मुद्दा है।
पिटीशन में मांग की गई है कि एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई जाए, जो स्कूल के गैरकानूनी कामकाज और इस मौत के पीछे की सभी परिस्थितियों की जांच करे। साथ ही स्कूल मैनेजमेंट और आरोपी टीचर के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए।
पिटीशन के मुताबिक, 8 नवंबर 2025 को क्लास 6 की स्टूडेंट काजल गौड़ को देर से आने पर 100 सिट-अप्स करने को कहा गया। काजल की हालत स्कूल से घर लौटने के बाद बिगड़ने लगी। उसे पहले वसई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर हालात खराब होने पर जेजे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई।
वालिव पुलिस ने अभी तक सिर्फ एक्सीडेंटल डेथ की रिपोर्ट दर्ज की है और एफआईआर दर्ज करने के लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट के नतीजों का इंतजार कर रही है।
वहीं, स्कूल की तरफ से दावा किया गया कि उन्हें काजल की खराब सेहत के बारे में पता था और उन्होंने उसके माता-पिता से मेडिकल मदद लेने को कहा था, लेकिन सजा देने वाली टीचर ममता यादव को पता नहीं था कि काजल सजा पाने वाले बच्चों के समूह में है। प्रिंसिपल का कहना है कि टीचर उसे पहचान नहीं पाई क्योंकि उसकी हाइट छोटी थी, हालांकि जांच पूरी होने तक टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है।
पिटीशन में बताया गया है कि हर नागरिक को जीवन और गरिमा से जीने का हक है। किसी भी इंसान की जान कानून के बिना नहीं ली जा सकती। यहां एक नाबालिग बच्ची को ऐसी सजा दी गई जो उसकी जान ले बैठी। यह न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है और एक बड़े अपराध की ओर इशारा करता है।
वकील स्वप्ना कोडे ने कोर्ट से मांग की है कि एसआईटी गठित की जाए जो पूरी घटना की तेजी से जांच करे और स्कूल प्रबंधन व आरोपी टीचर के खिलाफ मामला दर्ज करे। स्कूल के अवैध संचालन की जांच हो और जरूरत पड़े तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाए। पूरे राज्य में शारीरिक सजा पर रोक लगाने के लिए निर्देश जारी किए जाएं। काजल के भाई समेत प्रभावित स्टूडेंट्स की पढ़ाई का भविष्य सुरक्षित किया जाए।
राष्ट्रीय समाचार
मंडल रेल यात्री परामर्शदात्री समिति की हुई बैठक, कई नई ट्रेन चलाने का फैसला

समस्तीपुर, 20 नवंबर: बिहार के समस्तीपुर स्थित रेल मंडल मुख्यालय स्थित मंथन सभागार में बुधवार को मंडल रेल यात्री परामर्शदात्री समिति की द्वितीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें कई ट्रेनों को चलाने का फैसला लिया गया।
बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें रेलवे यात्रियों की सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता को प्रमुखता दी गई। बैठक की अध्यक्षता मंडल रेल प्रबंधक ज्योति प्रकाश मिश्रा और संचालन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनन्या स्मृति ने की।
समस्तीपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल तक चलने वाली स्पेशल ट्रेन को फिर से नियमित रूप से चलाने की मांग भी उठाई गई। इसके साथ ही कैंसर मरीजों और अन्य जरूरतमंद यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की भी मांग की गई।
इसके अतिरिक्त, हायाघाट स्टेशन पर कंप्यूटरीकृत आरक्षण केंद्र खोलने और समस्तीपुर स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 2-3 और 4-5 के पास महिला और पुरुष शौचालयों के निर्माण की भी मांग की गई, जिससे यात्रियों की समस्याएं दूर हो सकें।
जेडआरयूसीसी सदस्य कृष्ण कुमार ने विशेष रूप से जयनगर से मनिहारी तक चलने वाली जानकी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव मंडल के महत्वपूर्ण स्टेशनों हायाघाट और किशनपुर पर करने की मांग उठाई। इसके अलावा, मुजफ्फरपुर से आनंद विहार के बीच चलने वाली सप्तक्रांति और गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन के मार्ग विस्तार की मांग की गई, ताकि ये ट्रेनें समस्तीपुर या कर्पूरी ग्राम स्टेशन से चल सकें।
बैठक में जेडआरयूसीसी और डीआरयूसीसी के कई सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में यात्री सुविधाओं के विकास के लिए सुझाव और मांगें प्रस्तुत किए। इन सदस्यों में पारस जैन, राजीव सिंह, कृष्ण देव प्रसाद सिंह, राजेश सिंह, मनोज झा, शैलेंद्र कुमार मिश्रा और अन्य प्रमुख सदस्य शामिल थे।
रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि हमें दो और पत्र और परामर्श मिले हैं, जल्द ही उस पर विचार कर शुरू किया जाएगा, जिससे यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा मिल सके। बैठक में अपर मंडल रेल प्रबंधक सन्नी सिन्हा, डीसीएम आरके सिन्हा, एसीएम राजेश कुमार और अन्य रेलवे अधिकारी भी मौजूद थे। इन अधिकारियों ने सभी प्रस्तुत मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
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