राजनीति
प्रधानमंत्री की राजस्थान के मुख्यमंत्री की तारीफ ‘दिलचस्प घटनाक्रम’: पायलट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मानगढ़ दौरे के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बुधवार को इसे एक ‘दिलचस्प घटनाक्रम’ करार दिया और कहा कि एक बार उन्होंने गुलाम नबी आजाद की जमकर तारीफ की थी। और हर कोई जानता है कि उसके बाद क्या हुआ। उन्होंने कहा कि इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। घटना के कुछ दिनों बाद आजाद ने अपनी पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी। पायलट ने पार्टी आलाकमान द्वारा बुलाई गई एक आधिकारिक बैठक के समानांतर विधायकों की एक अनौपचारिक बैठक बुलाने वाले तीनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है, हालांकि तीनों नेताओं को नोटिस दिया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने आगे कहा- हमारी पार्टी एक अनुशासित पार्टी है जहां सभी के लिए समान नियम और कानून लागू होते हैं। नोटिस पर भी त्वरित निर्णय लिया जाना चाहिए। खड़गे जी ने नए पार्टी प्रमुख के रूप में पदभार संभाला है। यह संभव नहीं है कि नियमों के उल्लंघन की घटना हो अनसुना कर दिया? पार्टी नेता के.सी. वेणुगोपाल ने कहा था कि जल्द ही तीनों नेताओं के भाग्य पर फैसला लिया जाएगा, उन्होंने कहा, हम सभी चुनाव में व्यस्त हैं, जल्द ही गुजरात चुनाव की भी घोषणा हो जाएगी।
आगामी विधानसभा चुनावों के संबंध में एक प्रश्न पर उन्होंने कहा, एआईसीसी जल्द ही पदों के आवंटन और जिम्मेदारियों पर निर्णय लेगी। चुनाव के लिए केवल 13 महीने शेष हैं इसलिए त्वरित निर्णय लेने होंगे। हम दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को जनता से भारी प्रतिक्रिया मिल रही है जो भाजपा को परेशान कर रही है। बहुत जल्द यह यात्रा महाराष्ट्र और वहां से राजस्थान में प्रवेश करेगी।
विशेष रूप से, मुख्यमंत्री गहलोत और पीएम मोदी ने मंगलवार को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में मंच साझा किया, इस दौरान मोदी ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की तारीफ की थी, दोनों नेताओं ने 10 मिनट तक निजी चर्चा भी की। पीएम मोदी ने कहा था, अशोक जी हमारे सबसे वरिष्ठ मुख्यमंत्री हैं। हमने साथ काम किया है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
‘ट्रंप ने यौन पीड़िता के साथ घंटों बिताए,’ डेमोक्रेट्स ने जारी किया ईमेल, व्हाइट हाउस ने आरोपों को किया खारिज

नई दिल्ली, 13 नवंबर: जेफरी एपस्टीन से दोस्ती अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारी पड़ रही है। बुधवार को एपस्टीन फाइल से जुड़े दस्तावेज को सार्वजनिक किया गया, जिसे लेकर अमेरिका के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
डेमोक्रेट्स ने यौन अपराधी जेफरी की ओर से भेजे गए ईमेल जारी किए। इस ईमेल में दावा किया गया है कि ट्रंप जेफरी के साथ काफी करीब से संपर्क में थे और उसके घर में यौन पीड़िता के साथ घंटों समय भी बिताया था। हालांकि, व्हाइट हाउस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, “ये ईमेल इस फैक्ट के अलावा कुछ भी साबित नहीं करते कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ भी गलत नहीं किया।” लेविट ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि ईमेल में एपस्टीन ने कहा था कि ट्रंप ने एक पीड़िता के साथ “मेरे घर पर घंटों बिताए।”
लेविट ने डेमोक्रेटिक पार्टी पर ट्रंप को बदनाम करने का आरोप लगाया। लेविट ने आगे कहा कि ट्रंप ने जेफरी एपस्टीन को अपने फ्लोरिडा क्लब से “पीडोफाइल (बाल यौन अपराधी)” और “घिनौना” कहकर बाहर निकाल दिया।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने आगे कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा यही कहते रहे हैं कि वे और जेफरी पाम बीच से थे। जेफरी एपस्टीन तब तक मार-ए-लागो के सदस्य थे जब तक कि राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें बाहर नहीं निकाल दिया, क्योंकि जेफरी एपस्टीन एक पीडोफाइल और घिनौना इंसान था।”
बता दें, यह मेल अप्रैल 2011 से जुड़ा है, जो जेफरी ने अपनी पुरानी सहयोगी गिस्लेन मैक्सवेल को भेजा था। इस मेल में एपस्टीन ने दावा किया कि ट्रंप ने एक महिला के साथ काफी समय बिताया, जिसकी पहचान बाद में व्हाइट हाउस ने एपस्टीन की मुख्य अभियुक्त वर्जीनिया गिफ्रे के रूप में की।
एपस्टीन ने मैक्सवेल को लिखा, “मैं चाहता हूं कि आप यह समझें कि यह पीड़िता मेरे घर में ट्रंप के साथ कई घंटे रही… लेकिन उनका नाम कभी सामने नहीं आया।”
इसपर एपस्टीन की मौत के बाद यौन तस्करी की दोषी ठहराए गई मैक्सवेल ने इसका जवाब दिया, “मैं इसके बारे में सोच रही थी।”
इसके अलावा, लेखक माइकल वोल्फ को 31 जनवरी, 2019 को लिखे एक अन्य ईमेल में, एपस्टीन ने कथित तौर पर लिखा, “बेशक उन्हें लड़कियों के बारे में पता था, इसलिए उन्होंने गिस्लेन को ऐसा करने से मना किया था।”
राजनीति
14 नवंबर को भारी बहुमत के साथ बिहार में बन रही एनडीए सरकार: दिलीप जायसवाल

पटना, 13 नवंबर: बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दावा किया है कि 14 नवंबर को भारी बहुमत के साथ एनडीए सरकार वापसी कर रही है।
बिहार भाजपा चीफ का यह बयान उस वक्त आया है, जब 243 विधानसभा सीटों पर मतदान दो चरण में संपन्न हो चुका है। शुक्रवार को चुनाव आयोग की ओर से परिणाम घोषित किए जाएंगे।
पटना में मीडिया से बातचीत में बिहार भाजपा चीफ ने कहा कि जनता ने अपना जनादेश दे दिया है और राज्यभर के मतदाताओं ने चुनाव के दौरान उत्साहपूर्वक भाग लिया है। बिहार सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास के परिणामस्वरूप एनडीए एक बार फिर भारी बहुमत से सरकार बना रहा है।
उन्होंने वोटिंग प्रतिशत का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के बाद बहुत कम देखने को मिलता है कि इतनी तादाद में वोटिंग हो। यह तस्वीर बिहार में देखने को मिली है। महिला मतदाताओं ने बढ़-चढ़ कर वोटिंग की। उन्होंने शांतिपूर्ण चुनाव का जिक्र किया। दिलीप जायसवाल ने कहा कि एक भी जगह दोबारा चुनाव कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। पूरे बिहार में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हुआ। यह दिखाता है कि सरकार के प्रति जनता को आस्था है। इसका मतलब है कि भारी बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी।
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि डिजिटल योद्धा बैठक में चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने वाले सभी डिजिटल योद्धाओं को सम्मानित किया। सभी ने सोशल मीडिया के माध्यम से जो जन जागरण व संगठन सशक्तीकरण का कार्य किया है, वो सराहनीय है।
एक्स पोस्ट में बिहार भाजपा चीफ ने बाबू वीर कुंवर सिंह जी की जयंती पर नमन करते हुए लिखा, “{स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानायक को नमन। 1857 की प्रथम स्वाधीनता क्रांति के अमर सेनानायक, बिहार की वीरभूमि भोजपुर के गौरव बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। भारत माता की रक्षा के लिए उनका बलिदान सदैव अमर रहेगा।
महाराष्ट्र
मझगांव कोर्ट में एसीबी की बड़ी कार्रवाई: कोर्ट ऑफिसर ₹15 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एजाजुद्दीन काज़ी फरार

मुंबई: ( कमर अंसारी ) मुंबई एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए मझगांव स्थित 14वीं मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के एक कोर्ट ऑफिसर को ₹15 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है, जबकि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एजाजुद्दीन सल्लाउद्दीन काज़ी मौके से फरार हो गए हैं और उनकी तलाश जारी है।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी की पहचान शशिकांत रामचंद्र नाइक (उम्र 40 वर्ष) के रूप में हुई है, जो मझगांव कोर्ट नंबर 14 में कोर्ट ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। वहीं, फरार आरोपी एजाजुद्दीन सल्लाउद्दीन काज़ी (उम्र 55 वर्ष)14वीं मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट, मझगांव, मुंबई में मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं।
जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपियों ने एक अधिवक्ता (वकील) से 2015 के एक पुराने न्यायालयीन मामले में पक्ष में निर्णय दिलाने के लिए ₹25 लाख की रिश्वत मांगी थी। बाद में यह रकम घटाकर ₹15 लाख पर तय की गई।
शिकायतकर्ता ने इस मामले की जानकारी एसीबी मुंबई को दी और लिखित शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत की जांच और पुष्टि के बाद, एसीबी ने 10 नवम्बर 2024 को मझगांव कोर्ट नंबर 14 में जाल बिछाया। कार्रवाई के दौरान, कोर्ट ऑफिसर शशिकांत नाइक को ₹15 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। यह राशि वह मजिस्ट्रेट एजाजुद्दीन काज़ी की ओर से स्वीकार कर रहे थे।
मौके से ₹15 लाख की नकदी बरामद की गई, जबकि मजिस्ट्रेट एजाजुद्दीन काज़ी फरार हो गए। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीबी ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7(ए) और 12 (संशोधित 2018) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो सरकारी अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगने या स्वीकार करने के अपराध को कवर करती हैं।
यह कार्रवाई निमिषा सोनी (अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, एसीबी मुंबई) के मार्गदर्शन में की गई। इस ट्रैप ऑपरेशन का नेतृत्व सहायक पुलिस आयुक्त शैलेश सावंत और पुलिस निरीक्षक सुनील राजे ने किया।
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