राजनीति
पीएम मोदी ने विश्व युवा कौशल दिवस पर किया युवाओं को संबोधित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर देशभर के युवाओं को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा,विश्व युवा कौशल दिवस पर सभी युवा साथियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यह दूसरी बार है जब कोरोना महामारी के बीच हम ये दिवस मना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व युवा कौशल दिवस इस वैश्विक महामारी की चुनौतियों ने की अहमियत को कई गुना बढ़ा दिया है। एक और बात जो महत्वपूर्ण है, वो ये कि हम इस समय अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं। 21 वीं सदी में पैदा हुए आज के युवा, भारत की विकास यात्रा को आजादी के 100 वर्ष तक आगे बढ़ाने वाले हैं। इसलिए नई पीढ़ी के युवाओं का कौशल विकास एक राष्ट्रीय जरूरत है, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा आधार है। बीते 6 वर्षों में जो आधार बना, जो नए संस्थान बने, उसकी पूरी ताकत जोड़कर हमें नए सिरे से कौशल इंडिया मिशन को गति देनी ही है।
पीएम मोदी ने कहा, जब कोई समाज कौशल को महत्व देता है तो समाज की कौशल क्षमता बेहतर भी होती है, उन्नति भी होती है। दुनिया इस बात को बखूबी जानती भी है। लेकिन भारत की सोच इससे भी दो कदम आगे की रही है। हमारे पूर्वजों ने कौशल को महत्व देने के साथ ही उन्होंने इसे उल्लास भी किया, कौशल को समाज के उल्लास का हिस्सा बना दिया। आप देखिए, हम विजयदशमी को शस्त्र पूजन करते हैं। अक्षय तृतीया को किसान फसल की, कृषि यंत्रों की पूजा करते हैं। भगवान विश्वकर्मा की पूजा तो हमारे देश में हर कौशल, हर शिल्प से जुड़े लोगों के लिए बहुत बड़ा पर्व रहा है। हमारे यहां शास्त्रों में निर्देश दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, विवाहदिषु यज्ञषु, गृह आराम विधायके।
सर्व कर्मसु सम्पूज्यो, विश्वकर्मा इति श्रुतम॥
अर्थात, विवाह हो, गृहप्रवेश हो, या कोई और यज्ञ कार्य सामाजिक कार्य हो, इसमें भगवान विश्वकर्मा की पूजा, उनका सम्मान जरूर किया जाना चाहिए। विश्वकर्मा की पूजा यानि समाज जीवन में अलग-अलग रचनात्मक कार्य करने वाले हमारे विश्वकमार्ओं का सम्मान, कौशल का सम्मान है। लकड़ी के कारीगर, मेटल्स का काम करने वाले, सफाईकर्मी, बगीचे की सुंदरता बढ़ाने वाले माली, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार, हाथ से कपड़ा बुनने वाले बुनकर साथी, ऐसे कितने ही लोग हैं जिन्हें हमारी परंपरा ने विशेष सम्मान दिया है।
पीएम ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि महाभारत के भी एक श्लोक में कहा गया है, विश्वकर्मा नमस्तेस्तु, विश्वात्मा विश्व संभव॥
अर्थात, जिनके कारण विश्व में सब कुछ संभव होता है, उन विश्वकर्मा को नमस्कार है। विश्वकर्मा को विश्वकर्मा कहा ही इसलिए जाता है क्योंकि उनके काम के बिना, कौशल के बिना समाज का अस्तित्व ही असंभव है। लेकिन दुर्भाग्य से गुलामी के लंबे कालखंड में कौशल विकास की व्यवस्था हमारे सोशल सिस्टम में, हमारे एजुकेशन सिस्टम में धीरे-धीरे कमजोर पड़ती गई।
पीएम मोदी ने कहा, एजुकेशन अगर हमें ये जानकारी देती है कि हमें क्या करना है, तो कौशल हमें सिखाती है कि वो काम वास्तविक स्वरूप में कैसे होगा। देश का ‘कौशल इंडिया मिशन’ इसी सच्चाई, इसी जरूरत के साथ कदम से कदम मिलाने का अभियान है। मुझे खुशी है कि ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ के माध्यम से अब तक सवा करोड़ से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा,मैं एक और वाकये के बारे में आपको बताना चाहता हूं। एक बार कौशल विकास को लेकर काम कर रहे कुछ अफसर मुझसे मिले। मैने उनसे कहा कि आप इस दिशा में इतना काम कर रहे हैं, क्यों न आप ऐसे कौशल की एक लिस्ट बनाएंगे, जिनकी हम अपने जीवन में सेवाएं लेते हैं। आपको हैरानी होगी, जब उन्होंने सरसरी नजर से लिस्टिंग की तो ऐसी 900 से ज्यादा कौशल निकली, जिनकी हमें अपनी आवश्यकताओं के लिए जरूरत होती है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कौशल विकास का काम कितना बड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा कि बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स आज अनुमान लगा रहे हैं कि जिस तरह तेजी से तकनीक बदल रही है, आने वाले 3-4 वर्षों में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को पुन कौशल की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए भी हमें देश को तैयार करना होगा।
पीएम ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने युवाओं की, कमजोर वर्ग की कौशलता पर बहुत जोर दिया था। आज कुशल इंडिया के जरिए देश बाबा साहब के इस दूरदर्शी स्वप्न को पूरा करने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है। उदाहरण के तौर पर, आदिवासी समाज के लिए देश ने ‘गोइंग आनलाईन एस लीडर्स’ प्रोग्राम शुरू किया है। ये प्रोग्राम पारंपरिक स्किल्स के क्षेत्रों, जैसे कि आर्ट हो, कल्चर हो, हैंडीक्राफ्ट हो, टेक्सटाइल हो, इनमें आदिवासी भाई-बहनों की डिजिटल लिटरेसी और कौशल में मदद करेगा।
महाराष्ट्र
मुंबई लोकल ट्रेन के विकलांग डिब्बे में अंधी महिला की पिटाई करने वाला आरोपी गिरफ्तार

मुंबई: रेलवे पीआरपी ने मुंबई लोकल ट्रेन के विकलांग डिब्बे में एक नेत्रहीन महिला की पिटाई करने के आरोप में मुहम्मद इस्माइल हसन अली को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मोहम्मद इस्माइल हसन अली अपनी गर्भवती पत्नी और 10 वर्षीय बेटी के साथ मुंबई के सीएसटी रेलवे स्टेशन से टाटवाला जाने वाली ट्रेन में विकलांग डिब्बे में यात्रा कर रहे थे। इस दौरान एक 33 वर्षीय नेत्रहीन महिला डिब्बे में दाखिल हुई। अन्य यात्रियों ने हसन अली से अनुरोध किया कि वह विकलांग महिला के लिए अपनी सीट छोड़ दें। उसने इनकार कर दिया। इस दौरान पीड़िता ने उसके साथ गाली-गलौज की तो 40 वर्षीय हसन अली भड़क गया और उसने महिला की पिटाई शुरू कर दी। किसी तरह डिब्बे में मौजूद यात्रियों ने अंधी महिला को बचाया और पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस पर टिप्पणियां भी शुरू हो गईं। इस पर संज्ञान लेते हुए कल्याण जीआरपी ने कार्रवाई करते हुए मुंब्रा निवासी मोहम्मद इस्माइल हसन को गिरफ्तार कर लिया और आगे की जांच के लिए मामला पुलिस को सौंप दिया गया है। हसन अली के खिलाफ बिना किसी बहाने के विकलांग डिब्बे में यात्रा करने, मारपीट करने और अंधे यात्री के अधिकारों का उल्लंघन करने का मामला भी दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र
यातायात पुलिस ने 10 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला। 556 करोड़

मुंबई: ‘मुंबई वन स्टेट वन चालान’ डिजिटल पोर्टल के जरिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस विभाग ने 1 जनवरी 2024 से 28 फरवरी 2025 के बीच 556 करोड़ 64 लाख 21 हजार 950 रुपये (₹5,564,219,050) के चालान वसूले हैं। यह खुलासा एक आरटीआई आवेदन के जरिए हुआ है। उक्त अवधि के दौरान पोर्टल पर कुल 1,81,613 ऑनलाइन शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1,07,850 शिकायतें खारिज कर दी गईं। यानि लगभग 59% शिकायतें खारिज कर दी गईं।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने ई-चालान शिकायतों के बारे में मुंबई यातायात पुलिस से जानकारी मांगी थी। मुंबई यातायात पुलिस के अनुसार, वाहन के प्रकार (जैसे दोपहिया, चार पहिया, माल वाहन, यात्री वाहन, आदि) के आधार पर प्राप्त शिकायतों का वर्गीकरण ‘एक राज्य एक चालान’ पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण वर्तमान में विशिष्ट वाहन श्रेणियों पर की गई कार्रवाई का विश्लेषण करना असंभव है।
शिकायत जांच प्रक्रिया:
सभी शिकायतों की जांच मल्टीमीडिया सेल, यातायात मुख्यालय, वर्ली, मुंबई में की जाती है। इसमें वाहन की तस्वीरों और आसपास के दृश्य साक्ष्यों की समीक्षा शामिल है। यदि चित्र या साक्ष्य स्पष्ट नहीं हैं, तो उसे जांच के लिए संबंधित यातायात विभाग या पुलिस स्टेशन को भेजा जाता है। चालान को बरकरार रखने या रद्द करने का अंतिम निर्णय स्थानीय जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही किया जाएगा।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि ई-चालान प्रणाली को पारदर्शी बनाना समय की मांग है। नागरिकों को अपने विचार प्रस्तुत करने का पूर्ण एवं निष्पक्ष अवसर दिया जाना चाहिए तथा प्रत्येक शिकायत की निष्पक्ष एवं गहन जांच की जानी चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
छत्तीसगढ़ : सुरक्षाबलों ने 26 नक्सलियों को किया ढेर, एक जवान शहीद

नारायणपुर, 21 मई। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां कोंडागांव के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ में 26 नक्सलियों को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद भी हुआ है।
नक्सलियों के पास से सुरक्षाबलों ने बड़ी मात्रा में गोला बारूद और हथियार बरामद किए है। इसकी जानकारी खुद राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने दी।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है, 26 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली भी मारे गए हैं। विजय शर्मा ने बताया कि इस मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद हुआ है, जबकि एक जवान घायल हुआ है। सर्च ऑपरेशन इलाके में जारी है।
इस मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली नम्बाला केशवराव उर्फ वसवा राजू को भी ढेर कर दिया गया है। वह छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और बीजापुर इलाके का कुख्यात नक्सली रहा है। उसके ऊपर 1 करोड़ का इनाम है। हालांकि अभी उसकी मौत की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है।
वहीं छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में हमारी डबल इंजन की सरकार बनने के बाद नक्सलियों के उन्मूलन पर लगातार काम कर रही है। सुरक्षाबल के जवान दुर्गम इलाके में जाकर नक्सलियों का सफाया कर रहे हैं और नारायणपुर में 24 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। निश्चित तौर बस्तर मार्च 2026 तक पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो जाएगा।
इससे पहले सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इसके साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए थे।
सीआरपीएफ के डीजी ने जानकारी दी थी कि नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2019 के बाद से इस अभियान ने अधिक गति पकड़ी है। जवानों के लिए देश भर में संयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी रणनीतिक और सामरिक क्षमताओं में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया था कि जहां 2014 में 35 जिले नक्सली गतिविधियों के केंद्र हुआ करते थे, वहीं 2025 तक यह संख्या घटकर मात्र 6 जिलों तक सीमित रह गई है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के चलते नक्सली हिंसा में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है की गई है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय9 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार3 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें