राष्ट्रीय समाचार
पहलगाम हमला : सुरक्षा बलों ने जारी किए आतंकवादियों के स्केच और तस्वीरें

श्रीनगर, 23 अप्रैल। पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा बलों ने बुधवार को कुछ संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी किए हैं। इस हमले में मंगलवार को 26 नागरिकों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
सुरक्षा बलों के अनुसार, इस हमले में तीन आतंकवादियों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के तौर पर की गई है।
ये आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े हैं, जो कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है। इन लोगों ने पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बसे बैसरन में घूमने आए पर्यटकों पर अचानक गोलियां चला दीं।
सुरक्षा बलों ने बताया कि पांच से छह आतंकी सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर आस-पास के घने जंगल से आए थे और उनके पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार थे। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे जो कुछ ही दिन पहले घाटी में घुसे थे।
सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ़ खालिद को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।
हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों ने बहुत उन्नत हथियार और संचार उपकरण इस्तेमाल किए, जिससे साफ है कि उन्हें बाहर से मदद मिल रही थी।
कुछ आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे और बॉडी कैमरों से पूरे हमले की रिकॉर्डिंग भी की। उनके पास सूखे मेवे और दवाइयां भी थीं, जिससे साफ है कि वे पूरी तैयारी के साथ आए थे।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले कुछ स्थानीय लोगों की मदद से इलाके की रेकी भी की थी।
चश्मदीदों का कहना है कि दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे, जो दर्शाता है कि वे पाकिस्तानी थे। वहीं, दो स्थानीय आतंकी आदिल और आसिफ बताए जा रहे हैं, जो बिजबेहरा और त्राल के रहने वाले हैं।
हमले की एकदम सही तैयारी और सटीक योजना से यह लगता है कि इसे ऐसे व्यक्तियों ने अंजाम दिया है जिन्हें इसकी अच्छी ट्रेनिंग मिली हुई है, न कि कोई सामान्य स्थानीय व्यक्ति।
जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि इन आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से जुड़े हुए हैं, जिससे सीमा पार आतंकी साजिश की पुष्टि होती है।
राष्ट्रीय समाचार
एनपीएस के तहत वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख के पार

नई दिल्ली, 23 अप्रैल। भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत 2024-25 के दौरान प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख से अधिक दर्ज की गई है। मार्च 2025 तक कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या 165 लाख हो गई है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि को दिखाता है।
वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सितंबर 2024 में शुरू की गई ‘एनपीएस वात्सल्य’ योजना के तहत 1 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को रजिस्टर किया गया है। यह योजना विशेष रूप से नाबालिगों के लिए डिजाइन की गई है।
एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) दोनों के लिए एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 2024-25 के दौरान 23 प्रतिशत बढ़कर मार्च 2025 के अंत तक 14.43 लाख करोड़ रुपये हो गया।
पीएफआरडीए के अध्यक्ष दीपक मोहंती ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि एनपीएस भारत के पेंशन क्षेत्र की आधारशिला के रूप में उभरा है, जिसमें 14.4 लाख करोड़ रुपये का संचित कोष है और एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत रजिस्टर्ड सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या 8.4 करोड़ है।
मोहंती ने कहा कि पेंशन सिस्टम का ध्यान कवरेज को बढ़ाने, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पेंशन-समावेशी समाज बनाने पर बना हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि ‘सभी के लिए पेंशन’ एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए। वृद्ध आबादी के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए इसमें नीतिगत कार्रवाई की जरूरत है।
1 अप्रैल से लागू यूनिफाइड पेंशन स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इस स्कीम के तहत कम से कम 25 साल की सेवा वाले केंद्र सरकार के कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों के अपने औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर एक निश्चित पेंशन के लिए पात्र हैं।
सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूपीएस की शुरुआत की। यह स्कीम खासकर उन लोगों के लिए लाई गई है, जो बाजार से जुड़ी पेंशन के बजाय एक स्थिर और अनुमानित आय पसंद करते हैं।
जिन कर्मचारियों ने 10 साल से अधिक लेकिन 25 साल से कम समय तक सेवा की है, उन्हें प्रति माह न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।
पेंशनभोगी की मृत्यु के मामले में, उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन के रूप में अंतिम पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा।
वर्तमान में एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पास यूपीएस में स्विच करने का विकल्प होगा।
इस योजना को हाइब्रिड मॉडल के रूप में तैयार किया गया है, जिसमें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और एनपीएस दोनों की विशेषताएं शामिल हैं।
अपराध
आतंकवादियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करे सरकार, याद कर उनकी 10 पीढ़ियां भी कांप उठें: राज ठाकरे

मुंबई, 23 अप्रैल। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। इसके साथ ही मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने केंद्र सरकार से अपील की कि आतंकवादियों के खिलाफ ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए कि उनकी अगली 10 पीढ़ियां भी उन्हें याद करके कांप उठें।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, “महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करती है। इस घटना में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, उन्हें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि।”
उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत गंभीर है, और इस संकट की घड़ी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सरकार के साथ खड़ी है। केंद्र सरकार को अब इन हमलावरों के खिलाफ ऐसे कदम उठाने चाहिए कि इन हमलावरों की अगली 10 पीढ़ियां भी उन्हें याद करके कांप उठें। 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के दौरान फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने इजरायली एथलीटों पर हमला किया था। इसके बाद इजरायल ने उन आतंकवादियों और उनके मास्टरमाइंड को इस तरह खत्म किया था कि लंबे समय तक फिलिस्तीनियों के मन में खौफ बैठ गया था। भारत और इजरायल के संबंध बेहद मजबूत हैं। हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार इजरायल की राह पर चलकर इन आतंकवादियों और उनके सभी समर्थकों को हमेशा के लिए खत्म कर देगी।
इस हमले के बारे में पढ़ते समय एक चौंकाने वाली बात सामने आई। एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया कि हमलावरों ने गोली चलाते समय सामने वाले का धर्म पूछा। यह क्या गुस्ताखी है? मैंने अपने कई भाषणों में कहा है कि अगर इस देश में कोई हमारे हिंदुओं पर हमला करेगा, तो हम सभी हिंदू एकजुट होकर उसका जवाब देंगे। इन हमलावरों के पीछे के मास्टरमाइंड चाहे कहीं भी छिपे हों, उन्हें हमारी ताकत का अहसास होना चाहिए।
केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाई। इसके बाद वहां हालात कुछ हद तक सामान्य हो गए हैं और पर्यटकों की संख्या भी बढ़ गई। लेकिन अगर इस तरह के हमले होते हैं, तो भविष्य में कश्मीर में जमीन खरीदकर या उद्योग शुरू करने की हिम्मत कौन करेगा? इसलिए केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता से विचार कर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
मुझे पूरा यकीन है कि केंद्र सरकार इस मामले में कठोर कार्रवाई करेगी। इस देश के सभी राजनीतिक दल उनके साथ खड़े होंगे। सरकार को एक बार ऐसा जोरदार प्रहार करना चाहिए कि बाकियों की हिम्मत ही टूट जाए। मुझे दूसरों का पता नहीं, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी।
राजनीति
जम्मू-कश्मीर : पहलगाम आतंकी हमले में एक पर्यटक की मौत, 12 घायल, सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘स्तब्ध हूं’

श्रीनगर, 22 अप्रैल। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम हिल स्टेशन पर मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में एक पर्यटक की मौत हो गई। वहीं पर्यटकों तथा स्थानीय लोगों सहित 12 अन्य लोग घायल हो गए।
पहलगाम हिल स्टेशन के बैसरन इलाके में आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर हमला कर दिया, जिसमें एक पर्यटक की मौत हो गई और नौ अन्य पर्यटक तथा तीन स्थानीय लोग घायल हो गए।
मिली जानकारी के मुताबिक, सेना की वर्दी पहने 2 से 3 आतंकवादी दोपहर करीब 2.30 बजे बैसरन इलाके में घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों पर गोलियां चलाने लगे। बैसरन पहलगाम बाजार से 3 से 4 किलोमीटर दूर एक छोटा सा घास का मैदान है और पर्यटक यहां तक पहुंचने के लिए घोड़ों का सहारा लेते हैं, क्योंकि यहां तक पहुंचने के लिए कोई मोटर वाहन योग्य सड़क नहीं है।
एक अधिकारी ने बताया, “इस हमले में एक पर्यटक की मौत हो गई तथा पर्यटकों और स्थानीय लोगों सहित 12 अन्य घायल हो गए। घायलों को पहलगाम अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को विशेष उपचार के लिए श्रीनगर भेज दिया गया।” उन्होंने बताया कि हमलावरों का पता लगाने के लिए सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “मैं अविश्वसनीय रूप से स्तब्ध हूं। हमारे आगंतुकों पर यह हमला एक घृणित कार्य है। इस हमले के अपराधी जानवर, अमानवीय और घृणा के पात्र हैं। निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मैंने अपनी सहकर्मी सकीना इटू से बात की है और वह घायलों के लिए व्यवस्थाओं की देखरेख करने के लिए अस्पताल चली गई हैं। मैं तुरंत श्रीनगर वापस जा रहा हूं।”
सीएम अब्दुल्ला ने एक और पोस्ट में लिखा, “मृतकों की संख्या का अभी पता लगाया जा रहा है, इसलिए मैं उन विवरणों में नहीं जाना चाहता। स्थिति स्पष्ट होने पर उन्हें आधिकारिक रूप से बताया जाएगा। कहने की जरूरत नहीं कि यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर किए गए किसी भी हमले से कहीं ज्यादा बड़ा है।”
पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, “मैं पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें दुखद रूप से पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। ऐसी हिंसा अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। ऐतिहासिक रूप से, कश्मीर ने पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया है, जिससे यह दुर्लभ घटना बेहद चिंताजनक है। अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और संभावित सुरक्षा चूक की जांच करने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है। आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है, और भविष्य में हमलों को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।”
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया और हमले को “कायरतापूर्ण” बताया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने डीजीपी और सुरक्षा अधिकारियों से बात की है। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें इलाके में पहुंच गई हैं और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैं पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी और सुरक्षा अधिकारियों से बात की है। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें इलाके में पहुंच गई हैं और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को पहलगाम में भर्ती लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है। एक घायल पर्यटक को जीएमसी अनंतनाग पहुंचाया गया है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
कश्मीर घाटी में 2025 में पर्यटकों पर यह पहला आतंकवादी हमला है, जबकि इस समय घाटी में पर्यटन का मौसम काफी तेजी से बढ़ रहा है।
श्रीनगर शहर के सभी होटल और पहलगाम, गुलमर्ग और सोनमर्ग के पर्यटक रिसॉर्ट पूरी तरह से भरे हुए हैं।
इस साल जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है और आधिकारिक अनुमानों के अनुसार इस साल करीब दो करोड़ पर्यटक केंद्र शासित प्रदेश में आएंगे।
मंगलवार का हमला ऐसे समय में हुआ है जब इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए देशभर में पंजीकरण चल रहा है।
इस साल यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो क्रमशः श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के त्योहारों के साथ है।
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर की अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी, जहां उन्होंने जम्मू संभाग पर विशेष ध्यान देते हुए आतंकवाद के पूर्ण उन्मूलन के आदेश दिए थे।
उन्होंने घुसपैठ के प्रति जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए थे। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी निदेशक, सेना प्रमुख, जम्मू-कश्मीर में सभी कोर के जीओसी, अर्धसैनिक बलों के प्रमुख, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी और खुफिया अधिकारी शामिल हुए।
बीते दिनों उपराज्यपाल मनोज सिन्हा इस बात पर जोर दिया था कि जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद के अभिशाप से पूरी तरह मुक्त करने के लिए आतंकवादियों, उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और समर्थकों सहित आतंकवाद के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र से निपटना होगा।
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