अंतरराष्ट्रीय
ओप्पो ने अगले दशक में एआई संचालित 6जी नेटवर्क पर लगाया बड़ा दांव
दुनियाभर में 5जी तकनीक धीरे-धीरे लेकिन लगातार फैल रही है। इस बीच स्मार्टफोन ब्रांड ओप्पो ने मंगलवार को अपनी 6जी रणनीति का खुलासा किया। स्मार्टफोन ब्रांड ओप्पो ने अपनी 6जी रणनीति जारी करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचार नेटवर्क की अगली पीढ़ी के लिए एक नए आयाम के रूप में कार्य करेगा, जिससे 6जी नेटवर्क को स्वयं को अनुकूलित करने (सेल्फ-ऑप्टिमाइज्ड) और गतिशील रूप से खुद को संचालित करने में मदद मिलेगी।
ओप्पो रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा जारी 6जी श्वेत पत्र के अनुसार, 6जी तकनीक मौलिक रूप से क्रांतिकारी बदलाव करेगी कि एआई कैसे अनुमान लगाता है, सीखता है, इंटरैक्ट करता है और लागू होता है, जिससे तकनीक और इसके लाभ सभी के लिए उपलब्ध हो जाते हैं।
ओप्पो के मुख्य 5जी वैज्ञानिक हेनरी टैंग ने एक बयान में कहा, मोबाइल संचार प्रौद्योगिकी एक दशक लंबी अवधि में विकसित होती है और संचार प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी का मानकीकरण 2025 में शुरू होने की उम्मीद है, जिसका वाणिज्यिक कार्यान्वयन लगभग 2035 में होगा।
उन्होंने इस संबंध में विस्तार से बात करते हुए कहा, 2035 की ओर देखते हुए, ओप्पो को उम्मीद है कि दुनिया में बुद्धिमान एजेंटों की संख्या मनुष्यों की संख्या से कहीं अधिक होगी। इसलिए, संचार प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी, 6जी, न केवल लोगों की, बल्कि सभी प्रकार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होनी चाहिए, जिसमें खुफिया और विभिन्न बातचीत भी शामिल होगी।
ओप्पो ने 6जी सेवा और प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं, प्रमुख तकनीकों और सिस्टम सुविधाओं पर प्रारंभिक शोध करने के लिए एक पूर्व-शोध टीम की स्थापना की है।
6जी द्वारा सशक्त, स्मार्ट डिवाइस एआई के महत्वपूर्ण भागीदार और उपयोगकर्ता बन जाएंगे, नए इमर्सिव अनुभव बनाने के लिए विभिन्न एप्लिकेशन स्तरों पर एआई एल्गोरिदम को डाउनलोड और तैनात करेंगे, साथ ही अधिक उन्नत एआई मॉडल को खिलाने के लिए लगातार डेटा एकत्र करेंगे।
उदाहरण के लिए, स्वायत्त वाहनों के मामले में, 6जी नेटवर्क वाहन के स्थान और वर्तमान भौतिक वातावरण के आधार पर सबसे उपयुक्त एआई एल्गोरिथम और इष्टतम संचार कनेक्शन प्रदान करने में सक्षम होंगे।
वाहन एआई एल्गोरिदम को तुरंत डाउनलोड करने और चलाने में सक्षम होगा, जिन्हें अनगिनत अन्य वाहनों और उपकरणों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है, जिससे वाहन यात्री के लिए सबसे सुरक्षित और सबसे आरामदायक यात्रा प्रदान करने में सक्षम होंगे।
प्रस्तावित नेटवर्क के तहत, डिवाइस के स्थान और आवश्यकताओं के आधार पर एआई डोमेन को 6जी डिवाइस आवंटित किए जाएंगे।
यह एआई डोमेन प्रासंगिक कार्यो को पूरा करने के लिए सबसे इष्टतम संचार कनेक्शन प्रदान करते हुए वांछित सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक सबसे उपयुक्त एआई एल्गोरिदम और कार्य जारी करेगा।
ओप्पो रिसर्च टीम ने कहा, 4जी और 5जी नेटवर्क के विपरीत, 6जी नेटवर्क में अनुमान लगाने और निर्णय लेने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एआई को डिवाइस साइड और नेटवर्क साइड पर व्यवस्थित रूप से एकीकृत किया जाएगा, जिसमें डिवाइस अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
व्यापार
भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री ने दर्ज करवाई शानदार बढ़त

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नई दिल्ली, 1 दिसंबर: भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री शानदार बढ़त का एक और दौर दर्ज करवाने में सफल रही और कुल नए ऑडर्स और आउटपुट ट्रेंड से अधिक रेट पर बढ़े। सोमवार को जारी एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) नवंबर में 50.0 के न्यूट्रल मार्क और इसके लॉन्ग-रन एवरेज 54.2 से काफी ऊपर रहा।
एसएंडपी ग्लोबल की ओर से जारी डेटा के अनुसार, नवंबर में एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 56.6 दर्ज किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अक्टूबर में 59.2 दर्ज किया गया था। नवंबर के नए आंकड़ों ने फरवरी के बाद से ऑपरेटिंग कंडीशन में सबसे धीमे सुधार को दिखाया।
नए एक्सपोर्ट ऑर्डर एक वर्ष से अधिक समय में सबसे कम रफ्तार से बढ़े। सेल्स में हल्की बढ़ोतरी ने खरीदारी की मात्रा और नई नौकरियों में वृद्धि को कम कर दिया, जबकि आउटपुट की संभावनाओं को लेकर पॉजिटिव सेंटिमेंट 2022 के मध्य के बाद अपने सबसे निचले लेवल पर आ गया। नवंबर में महंगाई दर कम हुई, जबकि इनपुट लागत 9 महीनों और सेलिंग चार्ज आठ महीनों में सबसे धीमी दर से बढ़े।
एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट, प्रांजुल भंडारी ने कहा, “भारत के फाइनल नवंबर पीएमआई ने दर्शाया कि अमेरिकी टैरिफ की वजह से मैन्युफैक्चरिंग विस्तार की गति धीमी हुई। नए एक्सपोर्ट ऑर्डर पीएमआई 13 महीनों के निचले स्तर पर आ गए।”
उन्होंने आगे कहा कि फ्यूचर आउटपुट के लिए अनुमान बताते हैं कि बिजनेस कॉन्फिडेंस में नवंबर में बड़ी गिरावट आई, जो कि टैरिफ के प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं को दिखाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मैन्युफैक्चरर्स ने ऑर्डर बुक वॉल्यूम में काफी बढ़ोतरी दर्ज की, जिसकी वजह प्रतिस्पर्धी कीमतें, मांग का सकारात्मकर ट्रेंड और क्लाइंट्स की बढ़ती दिलचस्पी रहे। हालांकि, मार्केट की चुनौतीपूर्ण स्थितियों, प्रोजेक्ट शुरू होने में देरी और फर्मों के बीच प्रतिस्पर्धा की रिपोर्ट्स के बीच ओवरऑल ग्रोथ रेट नौ महीने के सबसे निचले लेवल पर आ गई।
हालांकि कंपनियों का कहना है कि इंटरनेशनल सेल्स का ट्रेंड अच्छा बना हुआ है, जो अफ्रीका, एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट में क्लाइंट्स को अच्छी सेल्स दिखाता है।
व्यापार
हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, मेटल स्टॉक्स चमके

मुंबई, 1 दिसबंर: भारतीय शेयर बाजार नए महीने की शुरुआत के साथ हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में मेटल, ऑटो, आईटी और पीएसयू बैंक सेक्टर्स में खरीदारी देखी जा रही थी।
सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर सेंसेक्स 291.98 अंक या 0.34 प्रतिशत की तेजी के बाद 85,998.65 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 89.20 अंक या 0.34 प्रतिशत की बढ़त के बाद 26,292.15 स्तर पर बना हुआ था।
निफ्टी बैंक 220.35 अंक या 0.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,973.05 स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 216 अंक या 0.35 प्रतिशत की बढ़त के बाद 61,259.25 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 110.05 अंक या 0.62 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,939.30 स्तर पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा, “‘इंडेक्स लेवल पर नया रिकॉर्ड लेकिन मार्केट में सेलिब्रेशन नहीं’ यह इस समय मार्केट में चल रही रैली का खास फीचर बना हुआ है। अधिकतर रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए उनके पोर्टफोलियो की वैल्यू सितंबर 2024 के पिछले पीक से कम है। इस उलझन की वजह रैली का छोटा होना है। जरूरी बात यह है कि एनएसई 500 में 330 स्टॉक्स अपने सितंबर 2024 के पीक से नीचे हैं। अधिकतर रिटेल इन्वेस्टर्स के पोर्टफोलियो में इस नॉन-परफॉर्मिंग सेगमेंट के स्टॉक्स का दबदबा है।”
उन्होंने आगे कहा, “चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े खासकर मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और फाइनल कंजम्प्शन एक्सपेंडिचर में शानदार बढ़त मार्केट को ऊपर ले जाने की क्षमता रखते हैं।”
इस बीच सेंसेक्स पैक में टीएमपीवी, बीईएल, अदाणी पोर्ट्स, एसबीआई, इंफोसिस, टाटा स्टील, एचसीएल टेक, एक्सिस बैंक, एमएंडएम, एलएंडटी और टेक महिंद्रा टॉप गेनर्स थे। वहीं, आईटीसी, बजाज फाइनेंस, मारुति सुजुकी और टाइटन टॉप लूजर्स थे।
एशियाई बाजारों में बैंकॉक, जकार्ता, हांग कांग और चीन हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। केवल सोल और जापान लाल निशान में बने हुए थे।
अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को हरे निशान में बंद हुए। डाउ जोंस 0.61 प्रतिशत या 289.30 अंक की तेजी के बाद 47,716.42 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.54 प्रतिशत या 36.48 अंक की बढ़त के बाद 6,849.09 स्तर और नैस्डेक 0.65 प्रतिशत या 151 अंक की तेजी के बाद 23,365.69 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 28 नवंबर को लगातार दूसरे दिन शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 3,795.72 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इस कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 4,148.48 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
व्यापार
भारत समुद्री क्षेत्र में अपनी वैश्विक स्थिति को कर रहा मजबूत

नई दिल्ली, 29 नवंबर: पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ), लंदन की परिषद में कैटेगरी बी में दोबारा निर्वाचित किया गया है। इस कैटेगरी में अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में रुचि रखने वाले कुल 10 देशों को शामिल किया गया है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, 28 नवंबर को आईएमओ सभा के 34वें सेशन में हुए इलेक्शन में 169 वैलिड वोट्स में से 154 वोट मिले हैं, जो कि इस कैटेगरी में सबसे अधिक है।
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर को भारत के मैरीटाम सेक्टर के लिए गर्व का पल बताया।
उन्होंने कहा, “भारत के मैरीटाम सेक्टर के लिए गर्व का क्षण! अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक रुचि रखने वाले देशों की कैटेगरी में भारत को सबसे अधिक मतों के साथ 2026-27 द्विवार्षिक अवधि के लिए आईएमओ परिषद में पुनः निर्वाचित किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह शानदार जनादेश पीएम मोदी के सुरक्षित, संरक्षित और हरित समुद्री क्षेत्र के दृष्टिकोण में ग्लोबल कम्युनिटी के विश्वास की पुष्टि करता है।”
मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, “आईएमओ परिषद में तीन कैटेगरी में 40 निर्वाचित सदस्य होते हैं और यह सभा के सत्रों के बीच आईएमओ के कार्यकारी निकाय के रूप में कार्य करती है। सभा के दौरान, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कई देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और आईएमओ अधिकारियों के साथ आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।”
भारत को मिले सबसे अधिक वोट ग्लोबल शिपिंग में भारत के नेतृत्व में ग्लोबल कम्युनिटी के दृढ़ विश्वास को दर्शाते हैं। यह पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अंतर्गत भारत के समुद्री विकास एजेंडे की सफलता की भी पुष्टि करता है। यह परिणाम समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने के लिए भारत सरकार के निरंतर सुधारों और दूरदर्शी पहलों को और पुष्ट करता है।
यह उपलब्धि भारत समुद्री सप्ताह 2025 के सफल आयोजन के तुरंत बाद प्राप्त हुई है, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी के द्वारा किया गया था और जिसमें 100 से अधिक देशों ने भाग लिया था।
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