अपराध
मुंबई समाचार: नशे में धुत ड्राइवर ने फुटपाथ की बाड़ में टक्कर मारी, पैदल यात्री को कुचल दिया

शहर में नशे में गाड़ी चलाने का खतरा बढ़ गया है और एक और घटना सामने आई है। 11 जून को, मुलुंड पुलिस ने 27 वर्षीय एक युवक पर शराब के नशे में गाड़ी चलाने और संदीप बार एंड रेस्तरां के बाहर एक अन्य युवक को गंभीर रूप से घायल करने का मामला दर्ज किया। इससे भी बुरी बात यह है कि ड्राइवर – दीप भारत ठक्कर – अभी भी बाहर है, बेदाग है, जबकि पीड़ित – 28 वर्षीय पीयूष रामचंदानी एक निजी अस्पताल के आईसीयू में अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है।
मुलुंड पुलिस स्टेशन में पीयूष द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, 11 जून की सुबह के दौरान, उन्हें और उनके दोस्तों को जन्मदिन की पार्टी में भाग लेना था। पार्टी के बाद, वे संदीप बार और रेस्तरां के सामने, पंच रास्ता के पास फुटपाथ पर चल रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार चार पहिया वाहन फुटपाथ के लोहे के बैरिकेड लाइनिंग से टकरा गया, जो पीयूष पर गिर गया, जिससे वह जमीन पर गिर गया।
तेज रफ्तार कार यहीं नहीं रुकी, वह गिरे हुए बैरिकेड और बैरिकेड के नीचे मौजूद पीयूष के ऊपर से गुजरती रही। पीयूष को खून बहने लगा और बाद में वह बेहोश हो गया। पीयूष के दोस्तों और स्थानीय लोगों ने कार और बैरिकेड को पीयूष से हटाने की पूरी कोशिश की और यहां तक कि दीप ठक्कर को भी पकड़ लिया, जो कथित दुर्घटना के बाद मौके से भागने की कोशिश कर रहा था।
पुलिस ने कहा कि वाहन एक सफेद एसयूवी हुंडई क्रेटा एमएच 03 डीए 8190 था और चालक, ठक्कर, संत रामदास रोड, मुलुंड पूर्व का निवासी है। ठक्कर, जो स्पष्ट रूप से नशे की हालत में थे, को उनकी मेडिकल जांच के बाद पुलिस स्टेशन ले जाया गया जहां फोरेंसिक जांच के लिए उनके रक्त के नमूने एकत्र किए गए।“रक्त के नमूने जांच के लिए कलिना फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। रिपोर्ट अभी नहीं आई है लेकिन हमने आरोपी ड्राइवर को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन में उपस्थित होने के लिए सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस भेजा है। जांच जारी है, ”मुलुंड पुलिस स्टेशन में तैनात एक अधिकारी ने कहा।
इस बीच, एक कामकाजी पेशेवर पीयूष को शरीर पर अन्य चोटों के साथ-साथ अपने पैर का दर्दनाक ऑपरेशन कराना पड़ा। परिवार ने फ्री प्रेस जर्नल को बताया कि पीयूष के एक पैर में लोहे की रॉड डाली गई है और डॉक्टरों का अनुमान है कि उसे फिर से चलना शुरू करने में कई महीने लगेंगे।
“मुझे थकी हुई चीख और फिर असहनीय दर्द याद है। मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं,” पीयूष ने उस भयानक घटना के बारे में बात करते हुए कहा, मानसिक पीड़ा उतनी ही बुरी है जितनी शारीरिक।
“एक व्यक्ति की लापरवाही के कारण हमारा जीवन उलट-पुलट हो गया है। हम न्याय चाहते हैं, न केवल अपने बेटे के लिए, बल्कि किसी और के साथ ऐसा होने से रोकने के लिए भी,” पीयूष के एक करीबी पारिवारिक सदस्य ने कहा।
दीप ठक्कर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (तेज ड्राइविंग), 337 (मानव जीवन को खतरे में डालने वाले कृत्य से चोट पहुंचाना), 338 (मानव जीवन को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना), और धारा 184 (खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाना) और 185 के तहत मामला दर्ज किया गया है। (मोटर वाहन अधिनियम के तहत नशे में धुत व्यक्ति या नशीली दवाओं के प्रभाव में किसी व्यक्ति द्वारा वाहन चलाना)।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
अपराध
जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
अपराध
सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

मुंबई: फिल्म अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं और लॉरेंस गैंग सलमान को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है, जिसके बाद से सलमान खान को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एक व्हाट्सएप संदेश मिला जिसमें सलमान खान को उनके घर में घुसकर जान से मारने और उनकी कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी भरा संदेश मिलने के बाद वर्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सलमान खान को धमकी देने वाला शख्स किसी गिरोह से जुड़ा है या फिर किसी ने शरारत में यह धमकी दी है। धमकी भरे संदेश के बाद पुलिस भी अलर्ट पर है। सलमान खान के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सलमान खान को वाई प्लस सुरक्षा भी प्राप्त है। ऐसे में पुलिस ने भी इस धमकी को गंभीरता से लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पंचालकर ने भी पुलिस को धमकी भरे फोन कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों को लेकर सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है। सलमान खान की जान को खतरा है, इसलिए पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। सलमान खान को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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