राजनीति
महंत नृत्य गोपाल दास ऑक्सीजन सपोर्ट पर

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। ऑक्सीजन का स्तर गिरने से महंत को रविवार शाम लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनके करीबी शिष्य कमल नयन दास ने कहा कि महंत ने सांस लेने में कठिनाई की शिकायत की थी, फिर फैजाबाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मेदांता, लखनऊ रेफर कर दिया, जहां उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
मेदांता अस्पताल, लखनऊ के निदेशक, प्रो राकेश कपूर ने कहा, “महंत को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है और यूरोलॉजी विभाग और क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट के डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। उन्हें पेशाब और सांस लेने में परेशानी हो रही थी, जो महत्वपूर्ण अंगों में संक्रमण होने की ओर इशारा करता है। हम और परीक्षण करेंगे। वह वर्तमान में स्थिर है।”
83 वर्षीय महंत ने पिछले साल सितंबर में कोरोना पॉजिटिव हो गए थे और उनके फेफड़ों में रक्त के थक्कों के बाद कई महीनों तक मेदांता अस्पताल में उनका इलाज किया गया था। बाद में वह अपने मठ, मनीराम छावनी में लौट आए। वह अपने मठ तक ही सीमित रहे और सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए और न ही अपने शिष्यों से मिले।
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‘जाट’ पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप, सनी-रणदीप के खिलाफ केस दर्ज

जालंधर, 18 अप्रैल। सनी देओल, रणदीप हुड्डा स्टारर हालिया रिलीज फिल्म ‘जाट’ मुश्किलों में घिरती दिख रही है। फिल्म पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है। जालंधर के थाना सदर में सनी देओल, रणदीप हुड्डा समेत टीम के अन्य सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
जालंधर के थाना सदर में ‘जाट’ फिल्म के अभिनेता सनी देओल, रणदीप हुड्डा, वीनित कुमार, निर्देशक गोपीचंद मलिनेनी, प्रोड्यूसर नवीन मलिनेनी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। फिल्म के सदस्यों पर मामला जालंधर के गांव फोलरीवाल निवासी विकल्फ गोल्ड के बयानों पर दर्ज हुआ है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 299 बीएनएस के तहत दर्ज किया गया है।
ईसाई समुदाय ने हाल ही में ‘जाट’ फिल्म में एक सीन को लेकर पुलिस कमिश्नरेट दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था। समुदाय का आरोप है कि फिल्म के एक सीन में प्रभु यीशु और धर्म से जुड़ी पवित्र चीजों की बेअदबी की गई है, जिसे लेकर उन्होंने अधिकारियों को मामला दर्ज करवाने की मांग के साथ पत्र सौंपा था। पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया कि ‘जाट’ मूवी में प्रभु यीशु मसीह के सलीब (लकड़ी का बना क्रॉस) वाले दृश्य की नकल करके ईसाईयों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है।
‘जाट’ का निर्देशन गोपीचंद मलिनेनी ने किया है। सनी देओल के साथ फिल्म में रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार सिंह, सैयामी खेर और रेजिना कैसंड्रा भी अहम भूमिकाओं में हैं। फिल्म में अभिनेता रणदीप हुड्डा खतरनाक खलनायक ‘रणतुंगा’ के किरदार में हैं। फिल्म में उर्वशी रौतेला का एक आइटम सॉन्ग ‘टच किया’ भी है।
हिंदी के साथ ही तमिल और तेलुगू में रिलीज हुई फिल्म ‘जाट’ का निर्माण मैत्री मूवी मेकर्स ने पीपल मीडिया फैक्ट्री के साथ मिलकर किया है।
10 अप्रैल को रिलीज हुई ‘जाट’ का बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन जारी है। फिल्म 60 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है।
सफलता से उत्साहित निर्माताओं ने जाट 2 की घोषणा भी कर दी है। निर्माताओं ने बताया कि जाट 2 नए मिशन के साथ दर्शकों के सामने आएगी।
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अखिलेश यादव ने जैन समाज को लेकर साधा भाजपा पर निशाना

लखनऊ, 18 अप्रैल। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जैन समाज को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों से उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि वर्तमान समय में देश में अल्पसंख्यक होना एक अभिशाप बनता जा रहा है। आज अल्पसंख्यक जैन समुदाय में भय, असुरक्षा और अनिश्चितता की जो भावना व्याप्त है, वह अत्यधिक चिंता का विषय है। जिसकी चर्चा, निंदा और आक्रोशपूर्ण प्रतिक्रिया संपूर्ण विश्व में हो रही है।
उन्होंने लिखा कि शांतिप्रिय जैन समाज पर अचानक बढ़ते जा रहे हमलों की कड़ी में मध्य प्रदेश के सिंगोली थाना क्षेत्र में एक मंदिर के प्रांगण में जैन मुनियों पर हुआ हिंसक हमला शारीरिक हमले की श्रेणी में आता है। जबलपुर में भाजपाई और उनके संगी-साथी के बीच लीक हुए टेलीफोनिक ऑडियो में जैनियों के बारे में की गई बेहद दुर्भावनापूर्ण-आपत्तिजनक टिप्पणियां एक वाचिक हमला रही और मुंबई में जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों, जिनवाणी व अन्य पूजनीय ग्रंथों और शास्त्रों का निर्वासन और निरादर बेहद गंभीर और घोर निंदनीय कुकृत्य की श्रेणी में आएगा।
अखिलेश यादव ने लिखा कि आखिर ये क्यों होता है कि जहां-जहां भी भाजपा सरकार हैं, वहां-वहां जैनियों के तीर्थस्थलों, मंदिरों, जिनालयों, चैत्यालयों, समाजसेवी संस्थानों और समाज के साथ ऐसी विद्वेषपूर्ण घटनाएं हो रही हैं। भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों की धार्मिक, सार्वजनिक, व्यापारिक-व्यावसायिक ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत संपत्तियों पर भी आंख गड़ाए बैठा है और जैनियों को अल्पसंख्यक ही मानकर उनसे उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा शासित गुजरात में ‘श्री गिरनार जी’ के मंदिर पर कब्जे का प्रकरण हो या फिर ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ पर केंद्र की भाजपा सरकार का आपत्तिजनक हस्तक्षेप। कुछ साल पहले भाजपा राज में ही उत्तर प्रदेश के बागपत-बड़ौत के एक जैन कॉलेज की वह घटना जिसमें जैनियों की पूज्य ‘श्रुतिदेवी’ की प्रतिमा स्थापित करने का उग्र विरोध भाजपाई संगी-साथियों ने किया था। मध्य प्रदेश के नीमच में एक बुजुर्ग जैन 65 वर्षीय ‘भंवरलाल जैन’ को भाजपा सत्ता समर्थित एक प्रभुत्वशाली व्यक्ति द्वारा थप्पड़ मार-मारकर मार डालने की वीभत्स घटना। ये सब कुछ जैन समुदाय के उत्पीड़न के ही मामले हैं।
सपा मुखिया ने कहा कि जैन समाज आज भाजपा से पूछ रहा है कि भाजपा की निगाह में हमारा महत्व क्या सिर्फ़ चंदा देने तक सीमित है, हमारे धर्म की और हमारी रक्षा कौन करेगा? जब हम दबाव डालते हैं तो हर बार बाद में माफ़ी मांगने का नाटक किया जाता है। मंदिर को दोबारा बनाने से मूर्तियों, पूजनीय पुस्तकों और जैन समाज-समुदाय का जो अपमान हुआ है, क्या वह वापस आएगा?
अखिलेश यादव ने जैन दर्शन की शिक्षा को अतुलनीय बताते हुए कहा कि सत्ताधारी भाजपाइयों द्वारा की गई ऐसी हतोत्साहित करने वाली घटनाएं जैन समुदाय को चाहकर भी कमजोर नहीं कर पाएंगी, क्योंकि वह अल्पसंख्यक के रूप में उस 90 फीसदी जनसंख्या का हिस्सा हैं, जिनकी ‘पीडीए’ के समेकित रूप में रक्षा-सुरक्षा और एकजुटता का संकल्प हम सबने लिया है। इस कठिन समय में हम सब जैन समाज के साथ हैं। जैन समाज याद रखे, भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं।
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प्रदूषण से निपटने के लिए पूरे साल का प्लान, यमुना भी होगी साफः सीएम रेखा गुप्ता

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इन दिनों एक्शन में नजर आ रही हैं। स्कूल में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा, यमुना की सफाई, दिल्ली में पानी और बिजली सप्लाई जैसे अहम मुद्दों को लेकर वह काफी एक्टिव हैं। इन्हीं सब मुद्दों पर सीएम रेखा गुप्ता ने मीडिया से खास बातचीत की।
सवालः दिल्ली में स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर सरकार क्या कदम उठाएगी?
जवाबः अगर कोई स्कूल गलत तरीके से फीस बढ़ाना चाहेगा, बच्चों और अभिभावकों को परेशान करेगा, तो यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दिल्ली में स्कूल चलाने के लिए सिस्टम है, जिसे फॉलो करना पड़ेगा। हमने जिन स्कूलों की शिकायत आई हैं, उन्हें बताया कि अगर आपकी लापरवाही जारी रही तो स्कूल का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है। इसके साथ ही हम एक बहुत सख्त कानून लाने की तैयारी में हैं, जिसमें स्कूलों को नियमों का पालन करना पड़ेगा। अगर नियमों का पालन नहीं करते हैं तो जरूरी नहीं कि वह स्कूल दिल्ली में चले।
सवालः मुख्यमंत्री बनने के बाद आप जब पहली बार प्रधानमंत्री मोदी से मिली थीं, तो प्रधानमंत्री ने आपको क्या बोला?
जवाबः ढेरों आशीर्वाद दिया, शुभकामनाएं दी और बड़ा सपोर्ट दिया कि दिल्ली देश की राजधानी है और भारत की प्रगति दिल्ली की प्रगति के साथ चलने वाली है, तो मुझे उनके नेतृत्व में दिल्ली में काम करने का मौका मिला है, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
सवालः गांधी परिवार के खिलाफ अभी चार्जशीट दाखिल हुई है, तो इस पर आपका क्या कहना है और अरविंद केजरीवाल ने अभी तक इस पर कुछ नहीं बोला है?
जवाबः उनकी इच्छा है वह किस पर कब बोलना चाहते हैं और किस पर कब नहीं बोलना चाहते हैं। उन्हें जो अच्छा लगता है, वही करते हैं। वह बच्चों की कसम खाते हैं और उसके बाद फिर से जुड़ जाते हैं, तो इस पर क्या कहना है। जो जैसा कर्म करेगा, उसे भुगतना ही पड़ेगा। गांधी परिवार ने जो किया है वह उनके सामने आएगा।
सवालः बंगाल में हुई हिंसा को लेकर क्या आपको लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की असफलता है?
जवाबः बहुत शर्मनाक है, अगर राज्य में इस प्रकार का माहौल है और उसमें खुद मुख्यमंत्री शामिल होकर जनता को बांटने का काम कर रही हैं। जो हिंदू परिवार हैं, उनके ऊपर इतना अत्याचार और इतनी दर्दनाक स्थिति है कि लोगों को वहां से जाना पड़े तो एक महिला मुख्यमंत्री के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात नहीं हो सकती है।
सवालः प्रधानमंत्री ने यमुना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। आप भी उस बैठक में शामिल थीं। इस बार जो छठ पूजा हो, तो उसमें अलग अनुभव हो, इसके लिए क्या काम हो रहा है?
जवाबः यमुना नदी की सफाई के लिए सभी कामों पर चर्चा हुई। यमुना को साफ रखने के लिए विस्तृत प्लान पर काम चल रहा है। यमुनोत्री, जहां से यमुना निकलती है और जहां जाकर प्रयागराज में खत्म होती है, उसके लिए विस्तृत योजना बनाकर काम की तैयारी है।
सवालः विपक्ष का कहना है कि जब से आपकी सरकार आई है, तब से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में बिजली चली गई है। कुछ नेता कैंडल लाइट डिनर की फोटोज शेयर कर रहे हैं, इस पर आपका क्या कहना है?
जवाबः वे कैंडल लाइट डिनर कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली में बिजली कतई नहीं गई है। उनकी ऐसी आदत है, क्योंकि वह अच्छी कहानी बनाते रहते हैं। उन्हें सुर्खियों में रहना होता है, इसलिए ऐसा करते रहते हैं। वे लोग स्टोरी मेकर्स और स्टोरी टेलर्ज हैं, जनता पूरी तरह से संतुष्ट है, ऐसी कोई शिकायत हमारे पास नहीं आई है।
सवालः दिल्ली में प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है, इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाबः यह सच्चाई है। दिल्ली में प्रदूषण है। पिछली सरकारों ने कभी कुछ किया ही नहीं। हमारी सरकार, जिसे अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए, हमने अपनी ओर कई प्रयास शुरू किए हैं, जिन्हें धरातल पर आने में समय लगेगा। जब तक ये योजना लागू नहीं होती, तब तक हमें बर्दाश्त करना होगा। हमने अनेकों निर्णय लिए हैं। आने वाले समय में वायु गुणवत्ता को ज्यादा बेहतर कर पाएंगे। हम साल के 12 महीनों प्रदूषण को लेकर काम करेंगे, ये मुद्दा पूरे साल का है, न कि दो महीने का। इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को भी बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
सवालः अरविंद केजरीवाल अधिकारियों को लेकर बहुत शिकायत करते थे। अब वही अधिकारी आपके साथ काम कर रहे हैं, तो आपका कैसा तजुर्बा है?
जवाबः देखिए अधिकारी काम करना चाहते हैं, सरकार का मुखिया उनका लीडर होता है, तो देखना होता है कि वह उनसे काम लेना चाहता है या नहीं लेना चाहता। अधिकारी भी काम करना चाहते थे, उपराज्यपाल भी काम करना चाहते थे और केंद्र भी पूरा समर्थन दे रहा था। अब किसी की आदत ऐसी ही हो जाए, कि हमेशा कोसना है और मदद लेनी ही नहीं है, क्या कह सकते हैं। पिछली सरकार का ऐसा व्यवहार बन गया था।
सवालः आप और राहुल गांधी एक मंच पर बैठे हैं। आप राहुल गांधी से बात कर रही हैं, लेकिन वह असहज महसूस कर रहे थे, तो क्या आपको उनका अहंकार देखने को मिला?
जवाबः देखिए सबका अपना नेचर होता है। वह दिल्ली में रहते हैं, हमारा फर्ज बनता है कि हम उनका स्वागत करें। दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाते, मुझे सौम्यता के नाते, सभ्यता के नाते सबको प्रणाम करना है।
सवालः पहली बार जब आप मंत्री बनी हैं तो सबसे ज्यादा आपको क्या चुनौतियां नजर आई, जो आपको लगता है कि सब ज्यादा दिल्ली वासियों को इन चीजों से निकालना चाहिए?
जवाबः हर चीज में चुनौती है। पिछली सरकारों ने दिल्ली को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। चाहे वह टूटी सड़कें हों, चाहे बहती नालियां हों या सीवर की बदहाल व्यवस्था। हर एक चीज पर काम करने की आवश्यकता है और हम लोग काम करने के लिए लग गए हैं।
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