अपराध
कानून को ताक पर रखकर मुंबई के मेट्रो बार में चल रहा है अश्लील डांस का खेल?
सय्यदैन ज़ैदी
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस समय पूरा विश्व कोरोना की मार झेल रहा है..कारोबार में भी मंदी छाई हुई है…बात अगर हिंदुस्तान की करें, तो यहां की अर्थव्यवस्था का हाल खस्ता है..जीडीपी में लगातार गिरावट जारी है..आम आदमी भी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है..तो वहीं कारोबारियों की हालत खराब है…पिछले 2 सालों से लॉकडाउन व कोरोना पाबंदियों की वजह से बिजनेस में भी काफी नुकसान हुआ है..लाखों लोगों की नौकरियां भी चली गई हैं…ऐसे में लॉकडाउन के नुकसान की भरपाई को रिकवर करने के लिए कारोबारी ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं..लेकिन नुकसान की इस भरपाई के लिए कानून की धज्जियां उड़ा कर की जाएं तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है..
मुंबई में भी कुछ इसी तरह का कारोबार बार और पबों के मालिक मुंबई पुलिस के भ्रष्ट अधिकारियों के सहयोग से कर रहे हैं, जहां कानून का मतलब कुछ है ही नहीं..इनके लिए न तो कोरोना की गाइडलाइन्स मायने ऱखती है औऱ न ही महाराष्ट्र सरकार का कानून…हालाकि राज्य सरकार ने इसके लिए नियमों की पाबंदी के साथ रेस्ट्रोरेंट बार व पबों को चलाने की अनुमति दी है..लेकिन इन नियमों का पालन कुछ ही फीसद तक हो रहा है..ऐसे में कानून को ताक पर रखकर कारोबार चलाने में अगर किसी को प्रथम पुरस्कार से नवाजा जाए..तो उसमें अंधेरी के ओशिवरा पुलिस थाने का नाम सबसे ऊपर आएगा, क्योकि यहां पिछले कुछ महीनों से इंचार्ज की पोस्ट ही खाली है..ऐसे में जिसके मन में जो आ रहा है वो कर रहा है..थाने के करीब में स्थिति मेट्रो बार इन दिनों इसी वजह से चर्चा का विषय बना हुआ है…जहां मुंबई की नाइट लाइफ कोरोना की गाइडलाइन्स और ओमिक्रॉन वेरियंट के आने के बाद भी पूरे शबाब पर है..
मुंबई के ओशिवरा के मेट्रो बार का इलाका इन दिनों काफी क्राउडेड रहता है..जहां के बार में नाइट लाइफ बगैर किसी रोक टोक के पूरे शबाब पर रहती है…मेट्रो बार की ऊपरी मंजिल पर हुक्का बार बनाया गया है..जहां पर देर रात यंगस्टर्स का क्राउड देखा जा सकता है..हालाकि बीएमसी ने मेट्रो बार के निचले हिस्से को ही चलाने की मान्यता दी है..लेकिन यहां एक ही लाइसेन्स पर बार व रेस्टोरेंट और ऊपर की मंजिल पर हुक्का पार्लर दोनों चलाए जा रहे हैं..सरकारी नियमों के मुताबिक केवल 50 फीसद क्षमता के साथ ही बार चलाया जा सकता है..और सेनेटाइजेशन और बॉडी टेंपरेचर चेक करना भी जरूरी है..कोरोना प्रोटोकॉल के तहत बार के स्टॉफ का टोटल वैक्सीनेशन भी होना चाहिए..लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं है..इतना ही नहीं डांस बार फ्लोर पर 35 से ज्यादा लड़कियां अश्लील डांस का नजारा पेश कर चर्चा का सबब बनी हुई है..
सूत्रों के मुताबिक बार मालिक ने आस पास के घरों को भी खरीद लिया है..ताकि पुलिस व दूसरे किसी विभाग की छापेमारी के दौरान लड़कियों को छिपाया जा सके सूत्रों की माने तो मेट्रो बार मैं दो से ज्यादा तेखाने बनाए गए हैं…मुंबई प्रेस को जब इस बात की जानकारी स्थानीय लोगों से मिली,तो मुंबई प्रेस ने वहां के डीसीपी मंजूनाथ सिंगे के अलावा दूसरे संबंधित विभाग को इससे अवगत कराया..यहां के लोगों ने मुंबई प्रेस को बताया कि पुलिस व बीएमसी के अधिकारियों को इसकी शिकायत कई बार की गई है लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया..यहां अश्लील डांस और हुक्का पारलर की वजह से हमेशा भीड़-भाड़ बनी रहती है..जिसकी वजह से कोविड़ का खतरा बना हुआ है..
हालाकि स्थानीय डीसीपी ने मुंबई प्रेस को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही उचित एक्शन लेकर इस तरह की गतिविधि और अश्लील डांस पर नकेल पुलिस कसेगी..और स्थानीय लोगों को इस मुसीबत से निजात दिलाएंगे…अब देखना ये है कि कानून को ताक पर रखकर बार मालिकों का ये गंदा खेल कब तक चलता है…
वैसे आपको बता दे कि शनिवार की रात मुंबई के अंधेरी के दीपा बार में छापेमारी कर शीशे की दीवार के पीछे छिपाई गई 17 लड़कियों को समाजसेवा शाखा ने गिरफ्तार किया है..जिनपर इसी तरह का कथित अश्लील डांस करने का आरोप लगाया गया है…
अपराध
दिल्ली: संगम विहार थाने की महिला उप-निरीक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार

crime
नई दिल्ली, 5 दिसंबर: दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ के तहत बड़ी कार्रवाई हुई है। विजिलेंस यूनिट ने संगम विहार थाना में तैनात महिला उप-निरीक्षक नमिता को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह अभियान दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोल्चा द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार-रोधी अभियान का हिस्सा है।
दिल्ली पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 4 दिसंबर को संगम विहार की एक महिला ने विजिलेंस यूनिट से शिकायत की कि उप-निरीक्षक नमिता, जो उसके दर्ज मामले की जांच अधिकारी थीं, ने केस को कमजोर करने की धमकी देते हुए 2 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस यूनिट ने तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई। इसके बाद, उसी दिन शाम को सतर्कता इकाई द्वारा संगम विहार थाने में एक ट्रैप ऑपरेशन आयोजित किया गया।
तय समय पर शिकायतकर्ता एसआई नमिता के दफ्तर पहुंची, जहां नमिता ने कथित रूप से रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 15 हजार रुपए की मांग की और उसे अपनी टेबल पर रखी एक फाइल में रखने को कहा। जैसे ही शिकायतकर्ता ने पैसे फाइल में रखे, विजिलेंस टीम ने दफ्तर में प्रवेश किया और एसआई नमिता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मौके से 15 हजार रुपए की राशि भी बरामद कर ली गई।
घटना के बाद विजिलेंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर संख्या 23/25, धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत दर्ज की गई है। आरोपी एसआई को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
विजिलेंस यूनिट ने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत मांगने की स्थिति में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। ऐसी शिकायतें विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर 1064 पर भी की जा सकती हैं।
अपराध
लखनऊ : एसटीएफ ने 80 लाख के ड्रग्स के साथ दो तस्करों को किया गिरफ्तार, कई राज्यों में करते थे सप्लाई

लखनऊ, 3 दिसंबर: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 80 लाख रुपए के ड्रग्स के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। दोनों तस्कर अंतर्राज्यीय नेटवर्क से जुड़े हुए थे।
मुखबिर से सूचना मिलने पर स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ के गोसाईगंज इलाके में सुल्तानपुर रोड पर स्थित गब्बर ढाबे के पास से एक टाटा सफारी कार में सवार दो तस्करों को पकड़ा। कार की तलाशी लेने पर उसमें 523 ग्राम एमडीएमए (मिथाइलेंडीऑक्सी-मेथाम्फेटामाइन) बरामद किया गया, जो एक प्रतिबंधित मादक पदार्थ है।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि उनकी टीम लंबे समय से नशे के तस्करी नेटवर्क पर नजर रखे हुए थी। उन्हें जानकारी मिली थी कि दो तस्कर भारी मात्रा में ड्रग्स लेकर गुजरने वाले हैं। इस पर एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गब्बर ढाबा के पास घेराबंदी की और दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान मोहम्मद मुजीब और मुकेश सिंह के रूप में हुई है। मुजीब लखनऊ के खंदारी बाजार का निवासी है, जबकि मुकेश भदोही के रविदासनगर का रहने वाला है। पूछताछ में इन दोनों ने बताया कि वे एक अंतर्राज्यीय ड्रग तस्करी गिरोह से जुड़े हुए हैं, जो उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई और बिहार तक एमडीएमए की सप्लाई करता था।
मुजीब ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने घर पर रसायन मिलाकर एमडीएमए तैयार करता था और उसे यह प्रक्रिया वाराणसी निवासी अभय सिंह ने सिखाई थी। अभय सिंह पहले मुंबई में एमडीएमए के साथ गिरफ्तार हो चुका है और हाल ही में जेल से रिहा हुआ है।
एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए तस्करों ने इस बात का भी खुलासा किया कि वे विभिन्न जिलों और राज्यों में एमडीएमए की सप्लाई कर रहे थे। इस मामले में गोसाईगंज थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इनके गिरोह में कितने लोग शामिल हैं और एमडीएमए किसे सप्लाई करने जा रहे थे, इन सवालों का जवाब भी पता किया जा रहा है।
अपराध
मुंबई: रिटायर्ड पुलिसकर्मी ने सोसायटी की लिफ्ट में की नाबालिग से छेड़छाड़, गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 3 दिसंबर: मुंबई के कस्तूरबा मार्ग पुलिस ने 67 वर्षीय रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को उसी सोसायटी में रहने वाली नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। लड़की की मां की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की।
आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही इमारत में रहते हैं।
पुलिस के अनुसार, घटना मंगलवार शाम लड़की लिफ्ट के पास खड़ी थी, तभी आरोपी वहां पहुंचा। उसने लड़की को लिफ्ट के अंदर खींच लिया और उसके साथ छेड़छाड़ की। डर के कारण बच्ची चुप रही, लेकिन घर पहुंचते ही उसने रोते-बिलखते हुए मां को सारी बात बताई।
परिवार तुरंत बच्ची को लेकर कस्तूरबा मार्ग थाने पहुंचा और लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मेडिकल जांच के बाद आरोपी को उसके फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। सबूतों और मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट ने उसे 12 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पुलिस पूछताछ में यह भी पता लगा रही है कि आरोपी ने पहले कभी ऐसी कोई हरकत तो नहीं की।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता के साथ पूरी संवेदनशीलता से पेश आया जा रहा है। दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
लोगों में गुस्सा है और मांग की जा रही है कि ऐसे मामलों में तुरंत और सख्त कार्रवाई हो। फिलहाल जांच जारी है। बच्ची का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया जाएगा और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि बच्ची के साथ पूरा सहानुभूति के साथ व्यवहार किया जा रहा है और दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कभी पुलिस की वर्दी में रहा हो, आज कानून सबके लिए बराबर है।
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