राष्ट्रीय समाचार
भोपाल से बनारस के लिए कुंभ स्पेशल ट्रेन
भोपाल, 15 जनवरी। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में जाने वालों के लिए रेलवे के भोपाल मंडल द्वारा रानी कमलावती रेलवे स्टेशन से बनारस के बीच विशेष ट्रेन चलाई जाने वाली है। यह गाड़ी सप्ताह में दो दिन चलेगी।
बताया गया है कि रेल प्रशासन द्वारा महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं और यात्रियों को सुगम, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रानी कमलापति-बनारस-रानी कमलापति कुंभ मेला एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है, जो भोपाल मंडल के रानी कमलापति, मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, बुदनी, नर्मदापुरम और इटारसी स्टेशनों से होकर गुजरेगी।
बताया गया है कि दो बार साप्ताहिक तौर पर स्पेशल ट्रेन 16 जनवरी से 20 फरवरी तक, प्रत्येक सोमवार एवं गुरुवार को सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर, रानी कमलापति से प्रस्थान करेगी और अगले दिन सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर बनारस पहुंचेगी।
इसी प्रकार स्पेशल ट्रेन 17 जनवरी से 21 फरवरी तक प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को दोपहर दो बजे बनारस से रवाना होगी और अगले दिन सुबह साढ़े 11 बजे रानी कमलापति पहुंचेगी। बताया गया है कि रास्ते में यह गाड़ी दोनों दिशाओं में मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, बुधनी, नर्मदापुरम, इटारसी, सोहागपुर, पिपरिया, गाडरवारा, करेली, नरसिंहपुर, श्रीधाम, मदनमहल, जबलपुर जंक्शन, देवरी, सिहोरा रोड, कटनी जंक्शन, झुकेही, मैहर, सतना जंक्शन, जैतवार, मझगवां, मानिकपुर, प्रयागराज छिवकी, मिर्जापुर एवं चुनार स्टेशनों पर रुकेगी।
कुंभ स्पेशल में दो वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी, चार वातानुकूलित तृतीय श्रेणी, सात वातानुकूलित तृतीय श्रेणी इकॉनमी, पांच शयनयान श्रेणी और दो सामान्य श्रेणी सहित कुल 22 कोच रहेंगे। ज्ञात हो कि देश के हर हिस्से से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज जा रहे हैं। मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जा रहे हैं। इन्हें सुगम और सुविधाजनक यात्रा मिल सके, इसके लिए रेलवे ने विशेष इंतजाम किए हैं।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली में कार ब्लास्ट करने वाले आतंकी की पहचान हुई, धमाके से पहले मस्जिद गया था उमर उन नबी

नई दिल्ली, 13 नवंबर: दिल्ली ब्लास्ट केस में कार चलाने वाले आतंकवादी की पहचान हो गई है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि लाल किला विस्फोट स्थल से एकत्र किए गए नमूनों के डीएनए विश्लेषण से यह पुष्टि हुई है कि उमर उन नबी उस कार को चला रहा था, जिसमें विस्फोट हुआ था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर नबी की मां और भाई के डीएनए नमूने एकत्र करके एम्स की फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजे गए, जहां उनका मिलान दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में रखे शवों के अवशेषों से किया गया। धमाके के बाद आई-20 कार के स्टीयरिंग के पास उसके पैर का एक टुकड़ा मिला था, जिसे वहां से बरामद किया गया था। बाद में, जांच अधिकारियों ने उसका मिलान उमर के डीएनए से किया। डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई है कि लाल किले के पास विस्फोट करने वाला व्यक्ति उमर उन नबी ही था।
इस मामले में एक और खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, लाल किला विस्फोट के आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल, डॉक्टर अदील और शाहीन ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपए इकट्ठा किए, जो उमर को सौंप दिए गए। उमर और मुजम्मिल के बीच पैसों को लेकर भी कुछ विवाद हुआ था।
बाद में उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से लगभग 3 लाख रुपए मूल्य का कई क्विंटल एनपीके उर्वरक खरीदा, जिसका इस्तेमाल आईईडी बनाने के लिए किया गया। सूत्रों ने यह भी बताया है कि इस ग्रुप में 2 से 4 सदस्यों के लिए उमर ने सिग्नल ऐप भी बनाया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि लाल किला के नजदीक धमाका करने से पहले आतंकी उमर एक मस्जिद में भी गया था। वह वहां करीब 10 मिनट से ज्यादा वक्त तक रुका था, जिसके बाद लाल किले की तरफ चला गया। 10 नवंबर की शाम करीब 7 बजे उमर ने अपने समेत पूरी गाड़ी को उड़ा दिया।
ब्लास्ट उस समय हुआ, जब भारी ट्रैफिक था। इस कारण उमर की गाड़ी में हुए धमाके ने आसपास के कई वाहनों को चपेट में ले लिया। इस आतंकी हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर अब तक 12 हो गई है।
अपराध
महाराष्ट्र : मुंबई रेलवे पुलिस ने अवैध धरना को लेकर सीएसएमटी के दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया

मुंबई, 13 नवंबर: मुंबई रेलवे पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर 6 नवंबर को हुए अवैध विरोध प्रदर्शन का संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई की है। सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (सीआरएमएस) के दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
रेलवे पुलिस ने एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के खिलाफ सीएसएमटी रेलवे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। यह प्रदर्शन मुंब्रा स्टेशन पर हुई दुर्घटना में मारे गए पांच लोगों के मामले में दो इंजीनियरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने की मांग को लेकर किया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “बिना पूर्व अनुमति के सीएसएमटी परिसर में धरना देना गैरकानूनी है। इससे रेलवे परिचालन बाधित हुआ और यात्री परेशान हुए। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 189(2), 190, 127(2), 221, 223 तथा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37(1), 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा का भी उल्लंघन हुआ।”
घटना की शुरुआत शाम 4 बजे हुई, जब सीआरएमएस अध्यक्ष प्रवीण वाजपेयी के नेतृत्व में 100-200 रेल कर्मचारी मिलन हॉल में एकत्र हुए। इसके बाद वे शांतिपूर्वक डीआरएम कार्यालय की ओर मार्च करने लगे। आधिकारिक प्रदर्शन समाप्त होने के बाद शाम 5:30 बजे अचानक एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के नेतृत्व में 30-40 कर्मचारी मोटरमैन लॉबी में घुस गए। उन्होंने लोहे की बेंचों से मोटरमैन, गार्ड और स्टेशन मैनेजर कार्यालय का प्रवेश द्वार अवरुद्ध कर दिया। इससे कर्मचारी अंदर फंस गए और शाम 5:41 बजे से लोकल ट्रेन सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं।
इसके बाद प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई और अफरा-तफरी मच गई। करीब एक घंटे तक परिचालन बाधित रहा। डीआरएम के आश्वासन के बाद शाम 6:38 बजे धरना समाप्त हुआ और सेवाएं धीरे-धीरे बहाल हुईं।
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली गई थी, जो रेलवे पुलिस आयुक्तालय के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि आंदोलन को उकसाने और समर्थन देने वाले अन्य लोग कौन हैं। दोनों आरोपियों को जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
राष्ट्रीय समाचार
भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपने दृढ़ संकल्प को दर्शाते हुए बड़ी कार्रवाई की

नई दिल्ली, 12 नवंबर: भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपने दृढ़ संकल्प को दर्शाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। लाल किला के पास हुए विस्फोट से जुड़े जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल को ध्वस्त करने के मामले में सख्त तथा त्वरित कार्रवाई करते हुए भारत ने आतंकवाद का कठोरता से जवाब दिया है। यह सफलता हमारी आसूचना एजेंसियों, सुरक्षाबलों और विधि प्रवर्तन अधिकारियों के अथक समर्पण को दर्शाती है, जो हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए दिन-रात कार्यरत हैं।
लाल किले के पास हुए विस्फोट के तार अंतत: उस घटना से जुड़े हुए हैं, जो कुछ आपत्तिजनक पोस्टर्स, जो कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम पुलिस चौकी के क्षेत्र में पाए गए थे, और जिसके उपरांत एक प्राथमिकी 19 अक्टूबर, 2025 को दर्ज की गई थी।
इस प्रकरण के अन्वेषण में मौलवी इरफान अहमद वाघे को शोपियां से और ज़मीर अहमद को वाकुरा, गांदरबल से 20 से 27 अक्टूबर, 2025 के बीच गिरफ्तार किया गया।
दिनांक 05.11.2025 को डॉक्टर अदील को सहारनपुर से पकड़ा गया और 7 नवंबर, 2025 को एक एके-56 बंदूक और अन्य गोला-बारूद अनंतनाग अस्पताल में जब्त हुए। दिनांक 08.11.2025 को कुछ और बंदूक, पिस्तौल और बारूद अलफला मेडिकल कॉलेज से जब्त हुए।
इनसे पूछताछ के दौरान, इस मॉड्यूल में अन्य सम्मिलित लोगों के बारे में सूचना मिली, जिसके उपरांत फरीदाबाद के अलफला मेडिकल कॉलेज से एक डॉक्टर मुज़म्मिल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। इन सभी सुरागों के आधार पर, और गिरफ्तारियां भी की गईं एवं बड़ी मात्रा में हथियार और बारूद भी ज़ब्त हुआ।
दिनांक 09.11.2025 को फरीदाबाद में ही एक मदरासी नामक व्यक्ति जो धौज, फरीदाबाद का निवासी था, को उसके घर से पकड़ा गया और फिर अगले ही दिन 10.11.2025 विस्फोटों की बड़ी मात्रा की खेप जिसका वजन 2563 किलो था, धेरा कॉलोनी, फरीदाबाद में एक हफीज मोहम्मद इश्तियाक जो मेवात का रहने वाला है और अलफला मस्जिद में बतौर ईमाम कार्यरत है, के घर से ज़ब्त हुआ। छापों के दौरान 358 किलो विस्फोटक सामग्री और डेटोनेटर/टाईमर इत्यादि भी ज़ब्त किये गए। इस प्रकार, इस पूरे मॉड्यूल के पास संग्रहित लगभग 3000 किलो के विस्फोटक पदार्थ और बम बनाने के अन्य उपकरणों को पकड़ा गया। इन सभी कार्रवाईयों के दौरान एक व्यक्ति – डॉक्टर उमर – जो इस मॉड्यूल का अंग था और अलफला मेडिकल कॉलेज में ही कार्यरत था, एजेंसियों की लगातार दबिश के कारण उसने अपना स्थान बदल लिया।
लाल किला प्रकरण में जिस गाड़ी में विस्फोट हुआ, वह इसी मॉड्यूल के डॉक्टर उमर द्वारा चलाई जा रही थी, ऐसा सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त फुटेज के आधार पर लगभग-लगभग अंतिम रूप से कहा जा सकता है। विस्फोट का कारण भी उसी सामग्री से हुआ है, जिसका संग्रहण फरीदाबाद में किया जा रहा था, जहां से लगभग 3000 किलो की विस्फोटक सामग्री ज़ब्त हुई है। यह विस्फोट या तो पूर्व-नियोजितथा या फिर एक्सीडेंटल था, जो आगे के अन्वेषण में निकल कर आएगा।
इस पूरे प्रकरण का सार यह है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियों और आसूचना तंत्र ने इस फरीदाबाद मॉड्यूल को ध्वस्त करके और वृहद मात्रा में विस्फोटक पदार्थ ज़ब्त करके एक बहुत बड़ी साजिश को नाकाम किया है जो भारत में एक बहुत बड़ी क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से रची जा रही थी। फरारी उमर एजेंसियों की बड़ी सफल कार्रवाई के कारण बौखलाकर भागा और उसकी बौखलाहट, घबराहट और विकल्पहीनता, लाल किला के विस्फोट का कारण बनी। यह बाद में विदित होगा कि यह पूर्वनियोजित था या एक्सीडेंटल। हालांकि, यह निश्चित है कि यह उस कड़ी का एक अभिन्न अंग है जिसके दौरान सुरक्षा एजेंसियों और आसूचना तंत्र ने एक बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश किया और बड़ी मात्रा में विस्फोटक पदार्थों को ज़ब्त किया।
दिनांक 10.11.2025 को जैसे ही विस्फोट की खबर आई, दिल्ली पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां वहां तत्काल पहुंची। केंद्रीय गृह मंत्री ने एनएसजी, एनआईए और फॉरेंसिक की टीम को वहां पहुंचने के निर्देश दिए। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल भेजा गया। इस ब्लास्ट में उपयोग की गई कार के स्वामित्व की पुष्टि कर ली गई है। घटनास्थल से आवश्यक डीएनए, विस्फोटक एवं अन्य सैंपल एकत्रित कर, फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं। प्रकरण का अन्वेषण दिनांक 11.11.2025 को ही एनआईए को सौंप दिया गया है, ताकि इस आतंकी मॉड्यूल से संबंधित सभी पहलुओं की जांच की जा सके तथा इस आतंकी मॉड्यूल के वित्त पोषण एवं परिचालन करने वालों को भी उजागर किया जा सके।
घटना की महत्वपूर्ण टाइमलाइन
10 नवंबर 2025
6.55 PM – दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास पर ब्लास्ट हुआ
7.15 PM – गृह मंत्री श्री अमित शाह ने दिल्ली कमिश्नर से फोन पर घटना की जानकारी ली
9:00 PM – गृह मंत्री ने मीडिया बाइट देकर घटना की जानकारी दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली।
09:30 PM – गृह मंत्री एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे
09:35 PM – एलएनजेपी अस्पताल में दिल्ली पुलिस कमिश्नर और अन्य अधिकारियों से घटना की जानकारी ली
09:45 PM – एलएनजेपी अस्पताल में घायलों से मुलाकात की
09:55 PM – अस्पताल में डॉक्टरों से ब्लास्ट के विक्टिमों के बारे में जानकारी ली
10:10 PM – गृह मंत्री ने अस्पताल से मीडिया को घटना की जानकारी दी
10:20 PM – गृहमंत्री ने दुर्घटना स्थल का दौरा किया
11 नवंबर 2025
11.00 AM – गृह मंत्री ने अधिकारियों के साथ एक के बाद दो बैठकें कीं। पहली बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, आईबी के निदेशक, एनआईए के डीजी, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और वर्चुअल माध्यम से जम्मू-कमिश्नर के डीजी मौजूद थे। दूसरी बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी के निदेशक, राष्ट्रीय सुरक्षा गारद के डीजी, एनआईए के डीजी, डीएफएसएस के निदेशक, एफएसएल के प्रधान निदेशक व निदेशक मौजूद रहे।
02:30 PM – दिल्ली ब्लास्ट की घटना की जांच एनआईए को सौंपी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री से विस्तृत जानकारी ली और सतत रिव्यू किया।
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