राजनीति
गाजा में जारी युद्ध को लेकर मैं नेतन्याहू से निराश नहीं : डोनाल्ड ट्रंप
वाशिंगटन, 17 मई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि गाजा में जारी संघर्ष के बीच भी वह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से ‘निराश’ नहीं हैं।
ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के ब्रेट बैयर को अबू धाबी से दिए गए साक्षात्कार में नेतन्याहू का बचाव करते हुए कहा, “नहीं, देखिए, उनके सामने मुश्किल स्थिति है। आपको याद रखना होगा, 7 अक्टूबर की वह घटना थी जिसे हर कोई भूल जाता है। यह दुनिया के इतिहास में सबसे हिंसक दिनों में से एक था, मध्य पूर्व में नहीं, बल्कि दुनिया में, जब आप टेप (रिकॉर्डेड क्लिप्स) देखते हैं।”
“यह समस्या कभी नहीं होनी चाहिए थी।”
दरअसल, मध्य पूर्व की अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा के दौरान ट्रंप इजरायल में नहीं रुके, और सीधे सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे। सवाल इसी रवैए को लेकर पूछा गया था।
बैयर ने ट्रंप से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि नेतन्याहू का मानना है कि ईरान के साथ संभावित परमाणु समझौता क्षेत्र के लिए बुरा है, क्योंकि प्रशासन वार्ता में लगा हुआ है।
ट्रंप ने जवाब दिया, “बीबी, वह एक गुस्सैल आदमी हैं, और उन्हें 7 अक्टूबर की वजह से ऐसा होना चाहिए, और वह इससे बुरी तरह आहत हुए हैं, लेकिन दूसरे तरीके देखें तो उन्हें काफी मदद भी मिली है क्योंकि मुझे लगता है कि उन्होंने कड़ी मेहनत और बहादुरी से लड़ाई लड़ी है।”
हालांकि ट्रंप बार-बार कहते रहे हैं कि अमेरिका को गाजा अपने कब्जे में लेना चाहिए और उसकी तरक्की पर ध्यान दिया जाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोहराया कि इस क्षेत्र को “स्वतंत्र क्षेत्र” बनना चाहिए।
ट्रंप ने कहा, “गाजा एक बुरा स्थान है। यह सालों से ऐसा ही है। मुझे लगता है कि इसे एक मुक्त क्षेत्र बन जाना चाहिए, मैं इसे स्वतंत्र क्षेत्र कहता हूं।”
“उनके पास हमास है। हर जगह हर कोई मारा जा रहा है। मेरा मतलब है, क्या आपने कभी अपराध के आंकड़ों के बारे में बात की है? यह एक बुरी जगह है।”
राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वे चाहते हैं कि गाजा की डांवाडोल स्थिति को संभालने में अमेरिका मदद करे, उन्होंने कहा कि “बहुत से लोग भूख से मर रहे हैं” और उन्हें अगले महीने “बहुत सारी अच्छी चीजों” की उम्मीद है।
ट्रंप ने शुक्रवार को मध्य पूर्व की अपनी यात्रा के बाद अमेरिका लौटते समय एयर फोर्स वन में संवाददाताओं से कहा, “मुझे लगता है कि अगले महीने बहुत सारी अच्छी चीजें होने वाली हैं, और हम देखेंगे, हमें फ़लिस्तीनियों की भी मदद करनी होगी।”
जब एक संवाददाता ने पूछा कि क्या वे गाजा में युद्ध की इजरायली योजनाओं का समर्थन करते हैं? तो राष्ट्रपति ने जवाब दिया: “आप जानते हैं, गाजा में बहुत से लोग भूख से मर रहे हैं, इसलिए हमें दोनों पक्षों को देखना होगा।”
उन्होंने कहा, “लेकिन हम अच्छा काम करने जा रहे हैं।” शुक्रवार को तीन खाड़ी देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में संयुक्त अरब अमीरात में ट्रंप ने दोहराया: “हम गाजा को देख रहे हैं, और हमें दोनों पक्षों को देखना होगा। इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। बहुत से लोग भूख से मर रहे हैं। बहुत से लोग। बहुत सी बुरी चीजें हो रही हैं।”
इजरायली सेना ने गुरुवार को गाजा में जबरदस्त एयर स्ट्राइक की। इस हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए। गाजा सिविल डिफेंस के अनुसार, उत्तरी गाजा में जबाल्या और दक्षिण में खान यूनिस में बहुत से लोग हताहत हुए।
गुरुवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कतर में एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन में गाजा पट्टी पर कब्जा करने की अपनी इच्छा दोहराई और कहा कि अमेरिका “इसे एक स्वतंत्रता क्षेत्र बनाएगा”।
यह पूछे जाने पर कि क्या मध्य पूर्व में उनके द्वारा दौरा किए गए तीन देश समाधान का हिस्सा होंगे, ट्रंप ने कहा: “मैंने उन तीनों से बात की, वे निश्चित रूप से होंगे। मेरा मतलब है, वे वास्तव में अमीर हैं और वास्तव में, वास्तव में, वास्तव में, अमीर से भी ज्यादा, वे अच्छे लोग हैं, और वे मदद करेंगे। और इसलिए, पैसा भी समस्या नहीं है। आपको देशों से यह कहना होगा कि हां, इस काम में उनकी मदद करो।”
राष्ट्रीय समाचार
एलआईसी-अदाणी रिपोर्ट के समय पर विशेषज्ञों ने उठाए सवाल, कहा- बिहार चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: अदाणी ग्रुप में एलआईसी के निवेश को लेकर हाल ही में आई ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश है।
जानकारों ने आगे कहा कि यह रिपोर्ट राजनीतिक रूप से प्रेरित लगती है,क्योंकि यह ऐसे समय पर आई है, जब भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
इस मुद्दे पर कमेंट करते हुए, इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने मिडिया को बताया कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी द्वारा निवेश निर्णयों का राजनीतिकरण निवेशकों या व्यापक अर्थव्यवस्था के हितों में नहीं है।
उन्होंने पूछा, “जब विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं, तो एलआईसी ऐसा क्यों नहीं कर सकती?”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने एलआईसी पर अदाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर निवेश करने का दबाव बनाया, जिसमें मई 2025 में किया गया 568 मिलियन डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) का भी निवेश शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों से लगातार लाभ कमा रहे हैं, इसलिए एलआईसी के निवेश पर सवाल उठाना तर्कसंगत नहीं लगता है और इसका उद्देश्य संभवतः घरेलू संस्थानों को कमजोर करना है।
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के विदेशी नैरेटिव की आलोचना की। उन्होंने आगे कहा कि कुछ समय पहले इस तरह के हमले शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की ओर से किए गए थे, जो बाद में आधारहीन साबित हुए।
उन्होंने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा, “भारतीय कंपनियों को हिट एंड रन करने की विदेशी नीति, देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकती है।”
पूनावाला ने कहा कि एलआईसी 57 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियों को मैनेज करता है, जिसमें से 14.5 लाख करोड़ रुपए इक्विटी में लगे हुए हैं।
वहीं, अदाणी ग्रुप में एलआईसी का एक्सपोजर करीब 56,000 करोड़ रुपए का है, जो कि उसके कुल पोर्टफोलियो का 1 प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप के निवेश से एलआईसी को अब तक केवल फायदा हुआ है।
एलआईसी ने पहले ही वाशिंगटन पोस्ट के लेख का आधिकारिक खंडन जारी कर दिया है और स्पष्ट रूप से इसे “झूठा, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर” बताया है।
राजनीति
चुनाव आयोग ने एसआईआर के दूसरे फेज की घोषणा की, पश्चिम बंगाल समेत इन 12 राज्यों के नाम

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: चुनाव आयोग ने सोमवार को देश में दूसरे चरण में होने वाले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है। दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों को एसआईआर के अंदर कवर किया जाएगा।
दूसरे चरण के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर प्रस्तावित है।
इन 12 राज्यों में एसआईआर होने की घोषणा भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होंने यह भी साफ किया कि सोमवार रात इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा।
उन्होंने एसआईआर कराने की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि पिछली बार 2000 से 2004 के बीच एसआईआर हुई थी, ऐसे में करीब दो दशक बाद मतदाता सूची में अशुद्धियों को दूर करने के लिए विशेष इंटेसिंव रिवीजन जरूरी है।
उन्होंने कहा, ”हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन जरूरी है। विगत कुछ वर्षों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है। इससे पहले आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में एसआईआर हुई। इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है। चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर करवाई जाएगी, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीईसी ने बिहार में हुई एसआईआर की तारीफ की। उन्होंने साफ किया कि इस दौरान राजनीतिक दलों ने शून्य आपत्तियां दर्ज कराई, जो दिखाता है कि बिहार की मतदाता सूची अब तक की सबसे शुद्ध मतदाता सूची है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “एसआईआर का फेज वन समाप्त हुआ, जिसकी सबसे बड़ी खूबी यह रही है कि बिहार के सभी 7.5 करोड़ मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान जीरो अपील आई, जिसका मतलब है कि बिहार मतदाता सूची बेहद उचित मानी जाएगी। अब फेज 2 की तैयारी चल रही है।“
राष्ट्रीय समाचार
कांग्रेस ने चारा घोटाला जांच को प्र भावित करने की कोशिश की थी : शाहनवाज हुसैन

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को पूर्व सीबीआई अधिकारी यूएन विश्वास के उस बयान को सही ठहराया, जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि कांग्रेस की तरफ से चारा घोटाला जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी।
भाजपा प्रवक्ता ने मिडिया से बातचीत में कहा कि सीबीआई के पूर्व अधिकारी बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। निसंदेह कांग्रेस ने चारा घोटाले से संबंधित जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इस घोटाले में संलिप्त आरोपियों को बचाने के लिए कांग्रेस की तरफ से भरसक प्रयास किए गए थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए दुर्भाग्य की बात यह रही कि इस मामले में कई सबूत थे। इस वजह से कांग्रेस का एक भी पैंतरा सफल नहीं हो पाया, हालांकि उस वक्त यूएन विश्वास पर शीर्ष स्तर की तरफ से कई तरह के दबाव बनाए गए थे, लेकिन कोई भी दबाव सफल नहीं हो पाया।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने मतदाता पुनरीक्षण का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हम एसआईआर का पिछले लंबे समय से समर्थन करते हुए आ रहे हैं। हम लगातार इस बात पर जोर देते हुए आ रहे हैं कि एसआईआर होना चाहिए। इसे जमीन पर उतारा जाना चाहिए ताकि मौजूदा वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी साफ हो सके।
उन्होंने कहा, “वोट का वेरिफिकेशन होना चाहिए। साथ ही मैं कहना चाहूंगा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह बहुत ही जरूरी प्रक्रिया बन गई थी, जिसे संपन्न करना चुनाव आयोग के लिए जरूरी हो चुका था।”
उन्होंने कहा कि हम लोग वैसे भी शुरू से ही बिहार में एसआईआर की पैरवी करते हुए आ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे प्रदेश में फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा सकेगा, जो कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है।
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