राजनीति
बीजेपी को कैसे और आक्रामक बनाने में जुटे हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा?

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, इस वक्त भारतीय जनता पार्टी को आक्रामक मोड में लेकर चल रहे हैं। यूं तो आक्रामक राजनीति के लिए भाजपा की पहले से पहचान रही है मगर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से नड्डा ने इसे और धार देने की कोशिश की है। यह जेपी नड्डा की आक्रामक स्टाइल है कि वह कांग्रेस के हर वार का जवाब खुद आगे बढ़कर दे रहे हैं।
वर्चुअल रैलियों में उनके सुर काफी तीखे हो चले हैं। विपक्ष के बयानों को वह एक-दो दिन उधार रखने की जगह तुरंत जवाब के रूप में लौटाते हैं। चाहे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी का सुरेंद्र मोदी लिखकर ‘सरेंडर मोदी’ की तरफ इशारा करना हो या फिर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मोदी पर निशाना साधना हो, इन बयानों पर तत्काल राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद ‘ढाल-तलवार’ चलाते दिखे।
कांग्रेस को तथ्यों से घेरने के लिए उन्होंने अपनी पूरी रिसर्च टीम बना रखी है। जैसे ही कांग्रेस की तरफ से कोई बयान आता है तो रिसर्च से निकले फैक्ट्स के जरिए नड्डा कांग्रेस की घेराबंदी करने में जुट जाते हैं। दावे के समर्थन में नड्डा, पुरानी खबरों की कतरनें भी ट्वीट करना नहीं भूलते। पार्टी में जेपी नड्डा की आक्रामता पसंद की जा रही है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि चीन के मसले पर बीजेपी के पास कांग्रेस के खिलाफ इतना मसाला है कि उसे बैकफुट पर खेलने की जरूरत ही नहीं है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल आईएएनएस से कहते हैं, “इसमें कोई दो राय नहीं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की शैली काफी आक्रामक है। चीन के मसले पर पार्टी का रुख सख्त है। पूरे कोरोना काल में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाई है। उन्होंने विपक्ष को बताया कि कैसे संकट की घड़ी में कैसे एक संगठन का इस्तेमाल करोड़ों जरूरतमंदों की मदद में हो सकता है। सभी पार्टी नेताओं को वह नियमित टास्क देते हैं। काम और कार्यकर्ता, इन दोनों से उनका लगाव है।”
चीन के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए हर बार जेपी नड्डा ढाल लेकर खड़े हो जाते हैं। मिसाल के तौर पर, जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 22 जून को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी को चीन के मसले पर नसीहत दी तो जवाब देने के लिए खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ही आगे आ गए। उन्होंने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह, उसी पार्टी से जुड़े हैं, जिसने भारत की 43 हजार वर्ग किमी जमीन चीन को सरेंडर कर दी। यह मनमोहन सिंह का ही कार्यकाल था कि वर्ष 2010 से लेकर 2013 के बीच चीन ने छह सौ बार भारत की सीमा में घुसपैठ की।”
इससे पहले जब 21 जून को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के लिए सरेंडर मोदी लिखा तो भी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उसी दिन उत्तर प्रदेश की वर्चुअल रैली को जवाब देने के लिए चुना। बीजेपी, अब तक विभिन्न राज्यों में 36 से ज्यादा रैलियां कर चुकी है। इनमें से कई रैलियों को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कांग्रेस खेमे से आने वाले हर सवालों का आक्रामकता से काउंटर करने की कोशिश की है। छोटे से लेकर बड़े बयानों पर भी जेपी नड्डा खुद मोर्चा संभाल रहे हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की इस आक्रामकता से पार्टी विपक्ष पर बढ़त हासिल कर रही है, वहीं पार्टी नेताओं को भी ऊर्जा मिल रही है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को जहां गांधी परिवार को शाही राजवंश की संज्ञा से नवाजा। वहीं उन्होंने 2012 में विदेश राज्य मंत्री ई अहमद के राज्यसभा में दिए गए एक जवाब के हवाले से भी कांग्रेस पर निशाना साधा। जिसमें तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री ई अहमद ने कहा था कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में भारत की 78 हजार वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर रखा है, साथ ही चीन ने भी 38 हजार वर्ग किमी जमीन हथिया रखी है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र मराठी हिंदी विवाद: कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंदी-मराठी भाषाई विवाद पर साफ कर दिया है कि भाषाई भेदभाव और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। अगर कोई मराठी भाषा के नाम पर हिंसा भड़काता है या कानून अपने हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी क्योंकि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मीरा रोड हिंदी मराठी हिंसा मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। मराठी और हिंदी भाषा के मामले में एक कमेटी बनाई गई है। इसकी सिफारिश पर छात्रों के लिए जो भी बेहतर होगा, सरकार उसे लागू करेगी। किसी के दबाव में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा के लिए सिफारिश महाविकास अघाड़ी शासन के दौरान ही की गई थी, लेकिन अब यही लोग विरोध कर रहे हैं। जनता सब जानती है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा को 51 फीसदी मराठी वोट मिले हैं। भाषा के नाम पर हिंसा और भेदभाव बर्दाश्त नहीं की जा सकती। मराठी हमारे लिए गर्व का स्रोत है, लेकिन हम हिंदी का विरोध नहीं करते। अगर दूसरे राज्य में किसी मराठी व्यापारी को उनकी भाषा बोलने के लिए कहा जाए, तो क्या होगा? असम में उन्हें असमिया बोलने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र
कई मॉल में आग लगने की घटनाओं के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने सभी मॉल का 90 दिन का ऑडिट कराने का आदेश दिया, उपयोगिता कटौती की चेतावनी दी

मुंबई: मुंबई के लिंक स्क्वायर मॉल (29 अप्रैल, 2025) और ड्रीम मॉल, भांडुप में बार-बार आग लगने की घटनाओं के मद्देनजर, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर में अग्नि सुरक्षा उल्लंघनों पर सख्त कार्रवाई करने की घोषणा की है। मंत्री उदय सामंत ने राज्य विधान परिषद को सूचित किया कि महाराष्ट्र के सभी मॉल का अग्नि ऑडिट 90 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
अग्नि सुरक्षा मानकों को पूरा न करने पर बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी जाएगी, ऐसा सामंत ने एमएलसी कृपाल तुमाने द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए चेतावनी दी। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि आगे से अग्नि सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सामंत ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है। ड्रीम मॉल, भांडुप सुरक्षा उल्लंघन के बाद बंद है। उन्होंने कहा कि सभी वर्ग ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ नगर निगमों को मॉल में अग्नि सुरक्षा अनुपालन का सत्यापन शुरू करना चाहिए। जहां आवश्यक हो, महाराष्ट्र अग्नि निवारण और जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सत्र के दौरान विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सदस्यों अभिजीत वंजारी और मनीषा कायंडे के साथ मॉल को अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने में अनियमितताओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बांद्रा के लिंक स्क्वायर मॉल, ऑर्किड सेंट्रल मॉल (मुंबई सेंट्रल) और प्राइम मॉल (विले पार्ले) में आग लगने की घटनाओं सहित कई घटनाओं की ओर इशारा किया, जिससे इन परिसरों में अग्नि शमन प्रणालियों की कार्यक्षमता पर सवाल उठे।
विधान पार्षदों ने आरोप लगाया कि स्थानीय नगरपालिका अग्निशमन विभाग और नागरिक प्राधिकरण अग्नि सुरक्षा मानदंडों को लागू करने में लापरवाह रहे हैं, और यह जानने की मांग की कि इन आग की घटनाओं के बाद क्या जांच की गई?, अग्नि सुरक्षा को मजबूत करने के लिए क्या उपाय किए गए?, सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार पाए गए लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
एक लिखित उत्तर में, शहरी विकास विभाग (उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अधीन) ने पुष्टि की कि कई मॉलों में अग्निशमन प्रणालियाँ काम नहीं कर रही थीं, जिनमें शामिल हैं:
बांद्रा लिंक स्क्वायर मॉल, ड्रीम मॉल, भांडुप, ऑर्किड सेंट्रल मॉल, मुंबई सेंट्रल, प्राइम मॉल, विले पार्ले
बीएमसी ने इन मॉल के मालिकों के खिलाफ महाराष्ट्र अग्नि निवारण एवं जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 के तहत कार्रवाई की है।
तब से, ऑर्किड सेंट्रल मॉल और प्राइम मॉल में अग्नि प्रणालियों को पुनः सक्रिय कर दिया गया है, ड्रीम मॉल और लिंक स्क्वायर मॉल में प्रणालियां निष्क्रिय बनी हुई हैं, जिसके कारण उन्हें लगातार बंद करना पड़ रहा है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
राज्य सरकार ने मॉल में अग्नि सुरक्षा की अनदेखी के आरोपों से इनकार किया और स्पष्ट किया कि कार्यात्मक अग्नि प्रणालियों को बनाए रखने और कानून के अनुसार अर्धवार्षिक अग्नि ऑडिट कराने की जिम्मेदारी मॉल मालिकों की है।
सरकार ने कहा कि मुंबई फायर ब्रिगेड आकस्मिक निरीक्षण करती है और नियमों का पालन न करने वाली संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करती है।
महाराष्ट्र
हिंदी मराठी विवाद आदेश की प्रति जलाने पर मामला दर्ज

मुंबई: मुंबई हिंदी भाषा को अनिवार्य करने संबंधी आदेश की प्रति जलाने के मामले में मुंबई पुलिस ने दीपक पवार, संतोष शिंदे, संतोष खरात, शशि पवार, योगिंदर सालुलकर, संतोष वीर समेत 200 से 300 कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने, निषेधाज्ञा और पुलिस अधिनियम का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया है। आरोपियों पर आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में धारा 189(2), 190,223, महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता संतोष सूरज धुंडीराम खोत, 32 वर्ष की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है।
विवरण के अनुसार, 29 जून को दोपहर 2 से 3:30 बजे के बीच मराठी पाटकर सिंह से सटे बीएमसी रोड पर प्राथमिक शिक्षा में हिंदी यानी तीसरी भाषा को अनिवार्य करने के खिलाफ सरकारी आदेश की प्रति बिना अनुमति के जलाई गई और सरकारी आदेश का उल्लंघन किया गया। आरोपियों ने इस प्रदर्शन के लिए किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली थी और निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, इसकी पुष्टि मुंबई पुलिस ने की है। शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के बाद मामला दर्ज किया गया है।
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