अंतरराष्ट्रीय
2022 की चौथी तिमाही में डीआरएएम चिप की कीमतों में 13-18 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान
डीआरएएम, या डायनेमिक रैंडम-एक्सेस मेमोरी, कीमतों में चौथी तिमाही में 13-18 प्रतिशत की तिमाही गिरावट का अनुमान है, जो पिछली तिमाही की तुलना में तेज है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की उपभोक्ता मांग स्थिर और व्यापक आर्थिक स्थिति बनी हुई है।
रिसर्च फर्म ट्रेंडफोर्स ने कहा कि बढ़ती महंगाई ने उपभोक्ता उत्पादों की मांग को काफी कम कर दिया है, जिससे साल के अंत में खरीदारी की मांग अधिक गिरने की संभावना है।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कम मांग से डीआरएएम की कीमत में 10 से 15 फीसदी की गिरावट आएगी, जिसका अनुमान तीसरी तिमाही के लिए था।
डीआरएएम एक प्रकार की परिवर्तनशील सेमीकंडक्टर मेमोरी है जो डेटा को तब तक बनाए रखती है जब तक बिजली की आपूर्ति की जाती है। यह आमतौर पर पर्सनल कंप्यूटर, वर्कस्टेशन और सर्वर में उपयोग किया जाता है।
ट्रेंडफोर्स के अनुसार, उपभोक्ता मांग में गिरावट के कारण डीआरएएम ग्राहकों द्वारा खरीदारी में देरी हुई और आपूर्तिकर्ता इन्वेंट्री दबाव में वृद्धि हुई।
डीआरएएम की गिरती कीमतें दक्षिण कोरिया की दो चिप दिग्गज सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और एसके हाइनिक्स के लिए खराब हैं, जिनकी संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक है।
सैमसंग ने पहली तिमाही में 42.7 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ डीआरएएम बाजार का नेतृत्व किया, इसके बाद एसके हाइनिक्स 27.1 प्रतिशत पर रहा।
सर्वर डीआरएएम की मांग, जिसने बाजार की कठिन परिस्थितियों के बीच दक्षिण कोरियाई चिप निर्माताओं की निचली पंक्तियों का समर्थन किया है, बढ़ते इन्वेंट्री स्तर के बीच भी धीमी हो गई है। ट्रेंडफोर्स का अनुमान है कि दिसंबर में समाप्त होने वाले तीन महीनों में सर्वर डीआरएएम की कीमतों में लगभग 13 से 18 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
वैश्विक चिप बाजार एक डाउनसाइकिल में प्रवेश कर गया है।
अनुसंधान फर्म का अनुमान है कि डीआरएएम बाजार की मांग में वृद्धि अगले साल केवल 8.3 प्रतिशत होगी, जो इतिहास में पहली बार 10 प्रतिशत से नीचे होगी।
इसने कहा कि आपूर्ति लगभग 14 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है, यह सुझाव देते हुए कि डीआरएएम बाजार ‘गंभीर रूप से अत्यधिक आपूर्ति’ हो सकता है और ‘कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है।’
व्यापार
भारत का रियल एस्टेट आउटलुक 2025 की तीसरी तिमाही में मजबूत

BUSINESS
नई दिल्ली, 15 नवंबर: भारत का रियल एस्टेट आउटलुक 2025 की तीसरी तिमाही में मजबूत रहा, जिसे मजबूत ऑफिस लीजिंग, हाई-टिकट सेगमेंट में मजबूत रेजिडेंशियल डिमांड और सपोर्टिव मैक्रो कंडीशन से सपोर्ट मिला। यह जानकारी शनिवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
नाइट फ्रैंक-नारेडको की रिपोर्ट बताती है कि रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स पर मौजूदा सेंटीमेंट स्कोर 56 से बढ़कर 59 हो गया है, जबकि फ्यूचर सेंटीमेंट स्कोर 61 पर स्थिर बना हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, हेल्दी लिक्विडिटी, कम महगांई और नीतिगत स्थिरता डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स का कॉन्फिडेंस बढ़ाने में मददगार रहे।
सभी एसेट क्लास में स्थिर बनी हुई ऑक्यूपायर मांग और बेहतर नई सप्लाई की वजह से ऑफिस सेगमेंट सबसे अधिक आशावादी बना हुआ है।
लगभग 78 प्रतिशत रेस्पॉन्डेंट्स का मानना है कि समग्र आर्थिक गति स्थिर बनी रहेगी या इसमें कुछ सुधार होगा।
इसके अलावा, रिपोर्ट बताती है कि 78 प्रतिशत स्टेकहोल्डर्स का अनुमान है कि नई सप्लाई में स्थिर या मध्यम वृद्धि देखी जाएगी, जो कि निरतंर अब्सॉर्प्शन लेवल के बीच डेवलपर्स के अनुशासित अप्रोच को दर्शाता है।
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक आरबीई के उदार रुख और प्रीमियम हाउसिंग और कमर्शियल एसेट्स में एक्टिव कैपिटल डिप्लॉयमेंट को देखते हुए 86 प्रतिशत रेस्पॉन्डेंट्स का फंडिंग कंडीशन के अपरिवर्तित रहने या कुछ सुधार होने का अनुमान है।
रिपोर्ट बताती है कि लिमिटेड ग्रेड ए की उपलब्धता, स्थिर लीजिंग गति और बढ़ते पूर्व कमिटमेंट्स को देखते हुए 95 प्रतिशत रेस्पॉन्डेंट्स को लगता है कि ऑफिस का किराया या तो स्थिर रहेगा या बढ़ेगा।
नारेडको के प्रेसिडेंट परवीन जैन ने कहा, “स्थिर मांग, नीतिगत निरंतरता और हेल्दी फंडिंग स्थितियों की वजह से डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स आशावादी बने हुए हैं। वहीं, प्रीमियम हाउसिंग और ऑफिस स्पेस ग्रोथ को बढ़ावा दे रही है, जो कि आने वाले महीनों में इस सेक्टर के लिए एक बैलेंस्ड और मजबूत आउटलुक का संकेत देता है।
जोनल सेंटीमेंट को लीड करते हुए साउथ जोन 62 पर रहा, जिसे बेंगलुरू और हैदारबाद में मजबूत लीजिंग गति और हाई-टिकट साइज हाउसिंग सेगमेंट के लिए मांग से समर्थन मिला।
नॉर्थ जोन ने एनसीआर में स्थिर ऑफिस एक्टिविटी की वजह से 56 पर बढ़कर अपनी रिकवरी को बनाए रखा, जबकि ईस्ट जोन 59 पर रहा।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह का अंत मजबूती के साथ किया, बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत से मिला सपोर्ट

मुंबई, 15 नवंबर: भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों ने इस सप्ताह का अंत मजबूती के साथ किया। मार्केट एनालिस्ट ने कहा कि सेंसेक्स और निफ्टी की इस बढ़त को अमेरिकी शटडाउन के खत्म होने और मजबूत डोमेस्टिक फंडामेंटल जैसे उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजे, कम महंगाई और बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत का सपोर्ट मिला।
अक्टूबर में रिकॉर्ड-लो महंगाई ने केंद्रीय बैंक आरबीआई की ओर से अगली ब्याज दर कटौती की उम्मीदों को बढ़ा दिया, जिससे घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों में तेजी आई।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “इस सप्ताह के अंत में एनडीए की बिहार में ऐतिहासिक जीत ने निवेशकों के विश्वास को बढ़ाया, लेकिन यूएस फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में अगली कटौती की कम होती उम्मीदों ने आईटी स्टॉक्स में प्रॉफिट बुकिंग को ट्रिगर कर दिया।”
आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सूचकांक अधिकतर समय दबाव में रहे हालांकि, शाम को कारोबार के अंत में सूचकांक हरे निशान पर आ गए।
बिहार चुनाव के नतीजों पर नजर बनाए रखने के साथ वोलैटिलिटी बढ़ गई, जो इस कारोबारी दिन का मुख्य ट्रिगर बना।
आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 84.11 अंक या 0.10 प्रतिशत की बढ़त के बाद 84,562.78 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 30.90 अंक या 0.12 प्रतिशत की तेजी के बाद 25,910.05 स्तर पर आ गया। सेक्टोरल फ्रंट पर मिक्स ट्रेंड देखा गया। पीएसयू बैंक ने नेतृत्व करते हुए 1.17 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। इसके बाद फार्मा ने 0.59 प्रतिशत, एफएमसीजी ने 0.57 प्रतिशत और फाइनेंशियल सर्विस ने 0.35 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की।
एनर्जी और इंफ्रास्ट्राक्चर को लेकर क्रमश: 0.20 प्रतिशत और 0.19 प्रतिशत के साथ हल्की बढ़त दर्ज की गई। वहीं, नीचे की ओर आईटी ने 1.03 प्रतिशत के साथ गिरावट का नेतृत्व किया। इसके अलावा, मेटल 0.89 प्रतिशत और ऑटो में 0.52 प्रतिशत की गिरावट रही।
ब्रॉडर मार्केट स्पेस में निफ्टी स्मॉल-कैप 100 इंडेक्स 0.38 प्रतिशत और मिडकैप 100 इंडेक्स 0.08 प्रतिशत की बढ़त में रहे।
निफ्टी इंडेक्स को लेकर जानकारों का कहना है कि निफ्टी ने वीकली चार्ट पर एक मजबूत बुल कैंडल बनाई है, जिसमें इसके हाईर हाई और हाईर लो ने दो हफ्तों की करेक्टिव गिरावट के बाद पुलबैक का सिग्नल दिया है। जो कि 25,300-25,400 के महत्वपूर्ण सपोर्ट एरिया से हमारी उम्मीदों के मुताबिक है। आगे के लिए रुझान सकारात्मक बना हुआ है।
आगे की ओर बढ़ते हुए मार्केट की दिशा मैक्रो ट्रिगर्स जैसे भारत का पीएमआई डेटा, अमेरिकी बेरोजगारी दावों, एफओएमसी मिनट्स और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर प्रगति पर निर्भर होगी।
व्यापार
1 किलोग्राम चांदी की कीमत 1.62 लाख रुपए के पार, सोने के भी बढ़े दाम

मुंबई, 13 नवंबर: सोना-चांदी की कीमतों में गुरुवार के कारोबारी दिन तेजी दर्ज की गई है। 1 किलोग्राम चांदी के दाम 1.62 लाख रुपए के पार हो गए हैं। वहीं, 24 कैरेट सोने का रेट भी 1.26 लाख रुपए से अधिक हो गया है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 1,26,554 रुपए दर्ज की गई है, जो कि इससे पहले कारोबारी दिन बुधवार को 1,23,913 रुपए प्रति 10 ग्राम बनी हुई थी। बीते 24 घंटों में सोने के दाम में 2,641 रुपए प्रति 10 ग्राम की तेजी देखी गई है। इसी तरह, 22 कैरेट सोना भी 2,419 रुपए प्रति 10 ग्राम बढ़कर 1,15,923 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। 18 कैरेट सोने के दाम की बात करें तो यह भी 1,981 रुपए प्रति 10 ग्राम बढ़कर 94,916 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है।
वहीं, एक किलोग्राम चांदी का भाव बढ़कर 1,62,730 रुपए पर आ गया है, जो कि इससे पहले 1,56,705 रुपए प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया था। चांदी की कीमत में 6025 रुपए प्रति किलोग्राम की तेजी दर्ज की गई है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.91 प्रतिशत बढ़कर 1,27,610 रुपए पर पहुंच गया है, जबकि चांदी के 05 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1.31 प्रतिशत की तेजी के बाद 1,64,214 रुपए पर पहुंच गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। कॉमेक्स पर सोने का दाम 0.51 प्रतिशत बढ़कर 4,235.30 डॉलर प्रति औंस और चांदी का दाम 0.64 प्रतिशत की तेजी के बाद 53.80 डॉलर प्रति औंस हो गया है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, “अमेरिकी शटडाउन और इसके बाद इसके फिर से खुलने को लेकर बनी अनिश्चितता ने लगभग पूरे महीने ही वोलैटिलिटी को उच्च बनाए रखा। इसी के साथ सोने की कीमतें 1,100 की तेजी के बाद 1,27,600 पर कारोबार कर रही थीं।”
उन्होंने कहा कि निवेशकों को अमेरिकी सीपीआई डेटा का इंतजार है, यह फेडरल रिजर्व के लिए अगली ब्याज कटौती का संकेत बन सकता है। सोने की कीमतों में 1,24,500 रुपए से 1,29,500 रुपए के रेंज में उतार-चढ़ाव को लेकर उम्मीद की जा रही है।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र5 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार9 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
