राष्ट्रीय समाचार
सीबीआई ने रुपये की कथित हानि के लिए एक निजी कंपनी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया। आईडीबीआई बैंक को 63.71 करोड़ रुपये दिए गए और तलाशी ली गई
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, एनपीए प्रबंधन समूह, मुंबई की शिकायत पर एक निजी कंपनी, निजी व्यक्तियों और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ आईडीबीआई बैंक को 63.71 करोड़ रुपये (लगभग) का नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
यह आरोप लगाया गया था कि उधारकर्ता कंपनी और उसके प्रमोटरों ने दूसरों के साथ एक साजिश रची और धन के दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात, खातों की पुस्तकों में हेरफेर आदि के माध्यम से आईडीबीआई बैंक को धोखा दिया। यह भी आरोप लगाया गया कि उधारकर्ता कंपनी ने धोखाधड़ी वाली बिक्री की। /खरीद लेनदेन, प्राप्य और व्यापार देय को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया जिसके परिणामस्वरूप उच्च आहरण शक्ति हुई और गलत आहरण शक्ति विवरण प्रस्तुत किए गए। आईडीबीआई बैंक को कथित तौर पर 63.71 करोड़ रुपये (लगभग) का नुकसान और उस पर खर्च और बिना ब्याज का नुकसान हुआ। मुंबई और भोपाल में आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक संपत्ति के दस्तावेज, हार्ड डिस्क, लॉकर की चाबियां आदि बरामद हुईं। जांच जारी है.
राष्ट्रीय समाचार
आधार कार्ड को लेकर आज से बदल गए नियम, भुगतान की जाने वाली फीस को लेकर भी हुए बदलाव

AADHAAR
नई दिल्ली, 1 नवंबर: नए महीने की शुरुआत के साथ ही भारतीय नागरिकों की पहचान से जुड़े सरकारी डॉक्यूमेंट आधार कार्ड को लेकर भी नियम बदल गए हैं। नियमों में नए बदलाव के साथ अब आधार कार्डधारक को आधार कार्ड में किसी बदलाव के लिए आधार कार्ड सेंटर जाने की जरूरत नहीं होगी।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अनुसार, यूजर्स के लिए प्रक्रिया को आसान और सहज बनाने के लिए अब आधार कार्डधारक की डेमोग्राफिक जानकारियों को ऑनलाइन ही अपडेट करवाया जा सकेगा। आधार कार्डधारक अब अपने नाम, एड्रेस, डेथ ऑफ बर्थ और मोबाइल नंबर जैसी जानकारियों को ऑनलाइन ही अपडेट कर सकेंगे।
इसके अलावा, आधार कार्डधारकों को 31 दिसंबर, 2025 से पहले उनका पैन कार्ड आधार से लिंक करवाना आवश्यक होगा।
यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, फिंगरप्रिंट और फोटो के बायोमैट्रिक अपडेट के लिए 125 रुपए फीस के रूप में भुगतान करने होंगे। हालांकि, अगर आधार कार्डधारक की उम्र 5-7 वर्ष है और यह अपडेट पहली बार करवाया जा रहा है तो सर्विस निशुल्क रहेगी। इसी तरह, 15-17 वर्ष के कार्डधारकों को दो बार अपडेट करवाने की स्थिति में भी किसी तरह का कोई भुगतान नहीं करना होगा।
इसके अलावा, अगर कार्डधारक एनरोलमेंट नंबर, जेंडर, डेट ऑफ बर्थ, एड्रेस, मोबाइल और ईमेल एड्रेस को लेकर डेमोग्रैफिक अपडेट करवाता है तो बायोमैट्रिक अपडेट के साथ यह निशुल्क होगा और अलग से करवाने पर 75 रुपए फीस के रूप में भुगतान करनी होगी।
आधार कार्डधारक अपनी पहचान और एड्रेस से जुड़े प्रमाण या नाम, जेंडर और डीओबी के लिए डॉक्यूमेंट को आधार पोर्टल पर बिना किसी शुल्क के सबमिट कर सकता है। हालांकि, यह सुविधा 14 जून 2026 तक ही निशुल्क रहेगी।
आधार रिप्रिंट करवाने के लिए अब 40 रुपए फी के रूप में भुगतान करने होंगे। इसके अलावा, आधार कार्ड के लिए पहले एप्लीकेंट के लिए होम एनरोलमेंट सर्विस का चार्ज 700 रुपए होगा। इसी पते पर अन्य व्यक्तियों के लिए यह चार्ज 350 रुपए प्रति व्यक्ति होगा।
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यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या में अक्टूबर में 25 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल, 27.28 लाख करोड़ रुपए का हुआ लेनदेन

UPI
नई दिल्ली, 1 नवंबर: नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन (एनपीसीआई) ने नए महीने की शुरुआत के साथ शनिवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) ट्रांजैक्शन के आंकड़े जारी किए हैं।
लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने अक्टूबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या में 25 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर यह उछाल फेस्टिव सीजन और जीएसटी 2.0 सुधार के बीच दर्ज किया गया है।
एनपीसीआई द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, अक्टूबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन काउंट सालाना आधार पर 25 प्रतिशत बढ़कर 20.70 अरब दर्ज किए गए हैं।
इसके अलावा, ट्रांजैक्शन अमाउंट भी सालाना आधार पर 16 प्रतिशत बढ़कर 27.28 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। एवरेज डेली ट्रांजैक्शन काउंट 668 मिलियन और एवरेज डेली ट्रांजैक्शन अमाउंट 87,993 करोड़ रुपए रिकॉर्ड किया गया है।
इससे पहले महीने सितंबर के आंकड़ों पर नजर डालें तो सितंबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन काउंट सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 19.63 अरब दर्ज किए गए हैं। जबकि ट्रांजैक्शन अमाउंट सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की शानदार बढ़त के बाद 24.90 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। सितंबर में एवरेज डेली ट्रांजैक्शन काउंट 654 मिलियन और एवरेज डेली ट्रांजैक्शन अमाउंट 82,991 करोड़ रुपए देखा गया था।
इसके अलावा, एनपीसीआई द्वारा जारी किए गए इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) के आंकड़े बताते हैं कि ट्रांजैक्शन की संख्या सितंबर के 394 मिलियन से बढ़कर अक्टूबर में 404 मिलियन हो गए। यह वृद्धि लेनदेन की राशि में भी दर्ज की गई है, जो कि सितंबर के 5.97 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर अक्टूबर में 6.42 लाख करोड़ हो गई है।
इस बीच, बैंक ऑफ बड़ौदा की हालिया रिपोर्ट बताती है कि बीते महीने फेस्टिव सीजन में यूपीआई के जरिए खर्च भी बढ़कर 17.8 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि बीते वर्ष के 15.1 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 17 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि को दर्शाता है। यूपीआई के जरिए खर्च का यह आंकड़ा दिवाली से दशहरा तक की अवधि के लिए जारी किया गया था।
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भारत ने महिलाओं के स्वास्थ्य में बनाए तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

नई दिल्ली, 1 नवंबर: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को अपने ‘एक्स’ सोशल मीडिया हैंडल पर बड़ी खुशखबरी साझा की है। भारत ने महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए चलाए गए राष्ट्रव्यापी अभियान में तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किए हैं। यह उपलब्धि देश की महिलाओं और बच्चों की सेहत सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अभियान का नाम है- स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान। इसे पोषण माह के साथ जोड़कर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक चलाया गया। इसका मुख्य मकसद महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण को बेहतर बनाना था। साथ ही बीमारियों की जल्दी पहचान करना, जरूरी इलाज उपलब्ध कराना और परिवारों को मजबूत बनाना था।
इस अभियान के तहत पूरे देश के सभी जिलों में 19.7 लाख से ज्यादा स्वास्थ्य शिविर लगाए गए। इन शिविरों में 11 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए। यहां महिलाओं की जांच, दवाइयां, पोषण सलाह और अन्य सेवाएं मुफ्त दी गईं। यह सब कुछ निवारक स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस करते हुए किया गया, यानी बीमारी आने से पहले ही रोकथाम।
जेपी नड्डा ने कहा कि यह रिकॉर्ड महिलाओं के प्रति सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता दिखाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरित यह अभियान ‘सेवा और भारत प्रथम’ की भावना पर आधारित है। इससे एक स्वस्थ महिला, मजबूत परिवार और विकसित भारत का सपना साकार हो रहा है।
यह तीनों रिकॉर्ड गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से दिए गए हैं। ये उपलब्धियां न सिर्फ संख्या में बड़ी हैं, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने में भी कामयाब रही हैं। अभियान में ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों को कवर किया गया, ताकि हर महिला तक पहुंच बन सके।
सरकार का दावा है कि ऐसे कार्यक्रमों से एनीमिया, कुपोषण और मातृ मृत्यु दर जैसी समस्याएं कम होंगी। आगे भी ऐसे अभियान चलते रहेंगे।
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