राजनीति
सीजेआई से दुर्व्यवहार माफी के लायक नहीं: बॉम्बे बार एसोसिएशन

मुंबई, 7 अक्टूबर: बॉम्बे बार एसोसिएशन (बीबीए) ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में सीजेआई बीआर गवई से दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन ने इस घटना को बेहद शर्मनाक, निंदनीय और ‘माफी के लायक नहीं’ करार दिया है।
बीबीए ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि यह हमला न केवल एक न्यायाधीश पर था, बल्कि पूरे न्यायिक संस्थान की गरिमा, मर्यादा और सम्मान पर हमला है। एसोसिएशन ने इसे कानूनी पेशे से जुड़े किसी भी व्यक्ति के लिए पूरी तरह से अनुचित और अस्वीकार्य व्यवहार करार दिया।
बीबीए ने अपने बयान में स्पष्ट कहा, “ऐसा घृणित और अस्वीकार्य आचरण एक वकील के रूप में किसी भी व्यक्ति के लिए पूरी तरह से अनुचित है। यह न्यायालय की प्रतिष्ठा और न्याय व्यवस्था की नींव को हिला देने वाला है।”
एसोसिएशन ने इस कृत्य की खुले तौर पर कड़ी निंदा की और कहा कि किसी भी हाल में ऐसे व्यवहार को जायज नहीं ठहराया जा सकता, जो न्यायपालिका की साख और अधिकार को कमजोर करता हो।
बीबीए ने कहा, “मुख्य न्यायाधीश ने जिस धैर्य और संयम के साथ इस संकटपूर्ण स्थिति को संभाला, वह न्यायपालिका के सर्वोच्च पद की गरिमा को दर्शाता है। उनका व्यवहार पूरे देश के न्यायिक तंत्र के लिए प्रेरणादायक मिसाल है।”
बॉम्बे बार एसोसिएशन ने मांग की है कि इस घटना में शामिल वकील के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
बयान के अंत में बीबीए ने दोहराया कि वह न्यायपालिका की गरिमा, कानून के राज और वकीलों के आचरण की मर्यादा बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
एसोसिशन की ओर से कहा गया, “हम न्यायपालिका के साथ खड़े हैं और संविधान की मूल भावना और विधि के शासन की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।”
बता दें कि मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले के आरोपी सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश किशोर ने कहा, “अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा के नेतृत्व वाली बार काउंसिल ने सोमवार की रात मुझे निलंबित करने का एक पत्र भेजा, जिसे मैं आपको दिखा सकता हूं। यह पत्र उनका आदेश और एक निरंकुश फरमान है।
अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 35 के अनुसार, जब भी किसी वकील के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है, तो पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए, वकील का पक्ष सुना जाना चाहिए और उसके बाद ही बर्खास्त, रोल से हटाया या निलंबित किया जा सकता है।”
राजनीति
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी तंत्र लगभग समाप्त हो गया है : अमित शाह

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नई दिल्ली में जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों को क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने की पूरी स्वतंत्रता है।
गृह मंत्री ने कहा कि सर्दियों में आतंकवादी बर्फबारी का फायदा उठाकर घुसपैठ नहीं कर सके, इसके लिए सुरक्षाबल को हर तरह से तैयार रहना होगा।
बैठक में जम्मू और कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव, निदेशक, आसूचना ब्यूरो, थल सेनाध्यक्ष, जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक तथा भारत सरकार, सेना और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद-मुक्त जम्मू-कश्मीर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के ठोस प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में देश के दुश्मनों द्वारा पोषित आतंकवादी तंत्र लगभग समाप्त हो गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों को क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने की पूरी स्वतंत्रता है।
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप जम्मू और कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य को मजबूत करने में मदद मिली है।
गृह मंत्री ने जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सतर्क रहते हुए समन्वित तरीके से काम करने की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि सर्दियां आ रही हैं, आतंकवादी बर्फबारी का फायदा उठाकर घुसपैठ ना कर पाएं, इसके लिए हमारे सुरक्षा बल हर तरह से तैयार रहें।
राजनीति
बिहार में 200 सीट जीतकर एनडीए बनाएगा मजबूत सरकार: सुशील सिंह

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक दलों ने सरकार बनाने के दावे शुरू कर दिए हैं। चुनाव की घोषणा के बाद एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कवायद जारी है। इस बीच भाजपा नेता सुशील सिंह ने दावा किया है कि एनडीए इस बार बिहार में 200 सीटें जीतकर मजबूत सरकार बनाएगा।
आईएएनएस से बातचीत में सुशील सिंह ने कहा, “बिहार की जनता का भरोसा एनडीए के साथ है। हम पिछले चुनाव की तुलना में अधिक सीटें जीतेंगे और 200 सीटों के साथ मजबूत सरकार बनाएंगे।”
सीट बंटवारे को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की नाराजगी पर सुशील सिंह ने कहा, “कोई नाराजगी नहीं है, यह सामान्य बात है। हर पार्टी चाहती है कि उसे अधिक सीटें मिलें। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। राजनीतिक दल चुनाव में अधिक सीट की मांग करते हैं, जिससे वे अपने ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ा सके। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में सीट बंटवारे की तस्वीर साफ हो जाएगी। नामांकन से पहले सभी चीजें समय पर पूरी हो जाएंगी।”
राजद नेता तेजस्वी यादव के बयानों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वे जो बोलते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। जनता उन्हें गंभीरता से नहीं लेती।
विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की पहली लिस्ट पर सुशील सिंह ने कहा कि उनकी सूची जारी होने पर स्पष्ट हो जाएगा कि वे तेजस्वी यादव और महागठबंधन की मदद करना चाहते हैं या नहीं। बिहार की जनता जागरूक है और सब समझ रही है।
उन्होंने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि बिहार में एनडीए की टक्कर में महागठबंधन दूर-दूर तक नहीं है। बिहार की जनता का भरोसा पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के विकास पर है। 14 नवंबर को एनडीए सरकार बनाएगी और बिहार के लोगों के विकास के लिए निरंतर कार्य जारी रखेगी। हमें कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने दोहराया कि एनडीए बिहार में अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगा।
राजनीति
‘बसपा को कमजोर करने के लिए रची गई साजिश’, मायावती ने लगाए बड़े आरोप

लखनऊ, 9 अक्टूबर : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को पार्टी के संस्थापक कांशीराम के ‘परिनिर्वाण दिवस’ पर लखनऊ स्थित कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित महारैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विरोधी दलों पर तीखा हमला बोला।
रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने से रोकने के लिए कांग्रेस, भाजपा और सपा जैसे जातिवादी दलों ने मिलकर षड्यंत्र रचा। इन दलों ने न सिर्फ राजनीतिक रूप से बसपा को कमजोर करने की कोशिश की, बल्कि दलित वोटों को बांटने के लिए बिकाऊ लोगों को खरीदकर साजिश की।
मायावती ने कहा कि साल 2007 में जब उत्तर प्रदेश में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तब इन जातिवादी पार्टियों के चेहरे बेनकाब हो गए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस, भाजपा और सपा ने मिलकर षड्यंत्र किया कि बसपा को केंद्र की सत्ता तक न पहुंचने दिया जाए। रही-सही कसर ईवीएम ने पूरी कर दी।”
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि इन दलों ने बैलेट पेपर की जगह ईवीएम का इस्तेमाल कर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया, जबकि चुनाव बैलेट पेपर से भी शांति और पारदर्शिता के साथ कराए जा सकते हैं।
बसपा प्रमुख ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर सबसे पहले निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर देश के संविधान और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के सिद्धांतों का अपमान किया था। मायावती ने तंज कसते हुए कहा, “कांग्रेस ने कभी भी डॉ. आंबेडकर और दलित समाज का सच्चा सम्मान नहीं किया। आज वही कांग्रेस नेता संविधान की कॉपी लेकर नाटकबाजी कर रहे हैं।”
उन्होंने सपा पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि सपा के शासन में दलितों और पिछड़ों का उत्पीड़न हुआ। मायावती बोलीं, “सपा सरकार में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी। गुंडों और अराजक तत्वों को संरक्षण दिया गया। प्रदेश में भय और अराजकता का माहौल था।”
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सवाल उठाते हुए कहा, “अभी मैंने सुना कि अखिलेश यादव कह रहे थे कि अगर उनकी सरकार बनी तो कांशीराम जी के नाम पर स्मारक बनाएंगे, लेकिन जब वे सत्ता में थे तो ऐसा क्यों नहीं किया? जब सत्ता से बाहर होते हैं, तभी इन्हें बसपा के नेता और दलित समाज के संतों की याद आती है। सत्ता में आते ही सब भूल जाते हैं।”
मायावती ने कहा कि बसपा की सरकार में जिन स्मारकों और संस्थानों का नाम कांशीराम जी के नाम पर रखा गया था, उन्हें सपा सरकार ने बदलने का काम किया। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. आंबेडकर का सपना था कि दलितों और पिछड़ों को एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लेनी चाहिए।
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा, “डॉ. आंबेडकर का यह सपना मान्यवर कांशीराम जी के जीवनकाल में तो पूरा नहीं हो सका, लेकिन हमने इसे पूरा किया। हमने तीन बार गठबंधन सरकार और एक बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर इतिहास रचा। हमने दलितों, पिछड़ों और समानतावादी विचारधारा रखने वाले लोगों को साथ लेकर ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीति पर काम किया।”
उन्होंने फिर से आरोप लगाया कि जब बसपा सरकार मजबूत होती गई, तब कांग्रेस और भाजपा की केंद्र सरकारों ने सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की। हम पर झूठे केस लगाए गए, ताकि बसपा का मनोबल टूट जाए। लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी और न्याय पाने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाया।
इस मौके पर मायावती ने कांशीराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित की और बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बसपा महज एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक आंदोलन है, जो समाज के दबे-कुचले वर्गों को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए सतत संघर्षरत है।
उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी चाहे कितनी भी साजिशें रच लें, बसपा का आंदोलन न कभी झुका है, न झुकेगा।
रैली के लिए रमाबाई अंबेडकर मैदान में बसपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के ठहरने की व्यवस्था की गई। रैली में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे। बसपा संगठन ने करीब पांच लाख लोगों के जुटान का दावा किया है।
सुरक्षा के लिए कई हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए, जबकि ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग भी निर्धारित किए। यह रैली सिर्फ श्रद्धांजलि कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखी जा रही है।
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