राष्ट्रीय समाचार
23-35 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 2047 तक भारत उच्च आय वाला देश बन जाएगा
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नई दिल्ली, 20 फरवरी। भारत 2047 तक 23-35 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ हाई-इनकम वाले देश में तब्दील हो जाएगा। 8-10 प्रतिशत की निरंतर वार्षिक वृद्धि की वजह से ये संभव होगा। गुरुवार को एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
बैन एंड कंपनी और नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, यह भारत के डेमोग्राफिक डिविडेंट, तकनीकी इनोवेशन और सेक्टोरल ट्रांसफोर्मेशन द्वारा संचालित होगा।
आने वाले दशकों में लगभग 200 मिलियन व्यक्तियों के वर्कफोर्स में प्रवेश करने की उम्मीद के साथ, भारत के पास हाई-वैल्यू जॉब क्रिएशन को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण आर्थिक क्षमता को अनलॉक करने का एक बेहतरीन अवसर है।
पांच प्रमुख क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक्स, एनर्जी, केमिकल्स, ऑटोमोटिव और सर्विस ग्लोबल ट्रेंड के साथ जुड़े होने के कारण रणनीतिक विकास लीवर के रूप में काम करेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती आय, कुशल श्रमिकों की बढ़ती संख्या और इंफ्रास्ट्रक्चर में निरंतर सुधार कुछ ऐसे प्रमुख कारक हैं जो इस वृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं।
नैसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगीता गुप्ता ने कहा, “डिजिटल और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, घरेलू विनिर्माण और सहयोगात्मक रिसर्च और डेवलपमेंट को आगे बढ़ाकर, हम भारत को भविष्य की टेक्नोलॉजी और वैश्विक व्यापार में लीडर बना सकते हैं।
इंक्लूसिव और सस्टेनेबल विकास को गति देने के लिए बहुआयामी, टेक-ड्रिवन दृष्टिकोण महत्वपूर्ण होगा।”
एआई-ड्रिवन चिप डिजाइन, टचलेस मैन्युफैक्चरिंग, कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन में बैकवर्ड इंटीग्रेशन में प्रगति लागत प्रतिस्पर्धात्मकता और इनोवेशन को बढ़ा सकती है। जिससे 2047 तक इस क्षेत्र का निर्यात हिस्सा 24 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत-50 प्रतिशत हो जाएगा और इसका जीडीपी योगदान 3 प्रतिशत से बढ़कर 8 प्रतिशत-10 प्रतिशत हो जाएगा।
कुल ऊर्जा उत्पादन में भारत की रिन्यूएबल की हिस्सेदारी 2023 में 24 प्रतिशत से बढ़कर 2047 में 70 प्रतिशत हो जाने की संभावना है, जिसे मॉडर्नाइजिंग एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन एनर्जी में बड़े पैमाने पर निवेश से समर्थन प्राप्त है।
भारत के शुद्ध ऊर्जा आयातक से शुद्ध निर्यातक बनने की भी संभावना है।
एआई-पावर्ड मोलिक्यूलर डिजाइन और डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी दूसरे टेक-ड्रिवन सुधारों के साथ ग्लोबल वैल्यू चेन में भारत के शेयर को 3 प्रतिशत से 2027 तक 10 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है।
ऑटो-कंपोनेंट निर्यात क्षेत्र के 2047 तक 200-250 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जो कि निकट अवधि में आईसीई बाजार में हिस्सेदारी और ईवी की ओर लंबी टर्म की शिफ्ट से जुड़ा है।
बैन एंड कंपनी के पार्टनर लोकेश पायिक ने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्षेत्रों में से एक है और यह 2047 तक 3.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने वाले वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है, जो वैश्विक उत्पादन में 20 प्रतिशत से अधिक का योगदान देगा।”
राष्ट्रीय समाचार
भारत में पेट्रोलियम की कीमत दुनिया में सबसे कम: केंद्रीय मंत्री
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नई दिल्ली, 22 फरवरी। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत में पेट्रोलियम की कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं।
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में ईंधन की कीमतें वास्तविक रूप से कम हुई हैं।
वैश्विक तेल आपूर्ति पर बोलते हुए पुरी ने कहा कि अब अधिक तेल अमेरिका, ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा जैसे देशों से आ रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और मौजूदा समय में 40 देशों से आपूर्ति भारत को मिल रही है। पहले इनकी संख्या 27 थी। अगर और देश इसमें जुड़ना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। इससे तेल की कीमतों को कम रखने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री के कहा,”पेट्रोलियम की कीमतें बीते तीन वर्षों में कम हुई हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल की कीमतों में -0.67 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, डीजल की कीमतों में 1.15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
पुरी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पेट्रोलियम की कीमत में गिरावट से सरकार को कोई वित्तीय फायदा नहीं हुआ है। बल्कि सरकार ने तेल कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपये की राहत दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हुई आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए पुरी ने कहा कि 2014 में भारत 10 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और साथ ही पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था। उस समय देश विकास के लिए विदेशी निवेश पर अधिक निर्भर था।
पुरी ने आगे कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है और देश दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जल्द ही भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग तीन से चार प्रतिशत बढ़ सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के रिफाइनरी मार्जिन वित्त वर्ष 25 में गिर सकते हैं। इसकी वजह अधिक आपूर्ति और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव के होने वाले फायदे का कम होना है।
राजनीति
मेरठ में 168 साल पुरानी मस्जिद को प्रशासन ने किया ध्वस्त, बताया सहमति से हटाया गया
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मेरठ, 22 फरवरी। मेरठ में 168 साल पुरानी एक ऐतिहासिक मस्जिद को प्रशासन ने आधी रात को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मस्जिद दिल्ली रोड पर सर्विस लेन पर स्थित थी और मेट्रो तथा रैपिड रेल कॉरिडोर के बीच में आ रही थी।
बता दें कि दो दिन पहले इस मस्जिद का बिजली कनेक्शन काट दिया गया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने स्वयं मस्जिद को हटाने का प्रयास किया और हथौड़े चलाकर कुछ हिस्सों को तोड़ा। इसके बाद शुक्रवार की देर रात प्रशासन ने बुलडोजर लगाकर पूरी मस्जिद को गिरा दिया और तुरंत मलबा भी हटा दिया गया। इसके बाद मेट्रो के काम के लिए जगह हो गई।
यह मस्जिद दिल्ली रोड पर जगदीश मंडप के पास स्थित थी और लंबे समय से वहां मौजूद थी। प्रशासन का कहना है कि निर्माण कार्य में बाधा बनने के कारण इसे हटाने का निर्णय लिया गया। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इसके बदले नई जगह पर मस्जिद और उचित मुआवजा चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मांग पूरी किए इसे हटा दिया गया।
घटनास्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच बुलडोजर से मस्जिद को गिराया गया। मस्जिद ध्वस्त किए जाने की खबर के बाद इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया, लेकिन पुलिस और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
इस मामले में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सहमति के आधार पर हुई है और इसके पीछे कोई अन्य कारण नहीं है। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष ने प्रशासन से नई मस्जिद के लिए जगह देने और मुआवजा देने की मांग दोहराई है।
मनोरंजन
कोलकाता में आज से शुरू होगा फ्रेंच फिल्म फेस्टिवल का दूसरा संस्करण
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कोलकाता, 22 फरवरी। कोलकाता में पहले फ्रेंच फिल्म फेस्टिवल की शानदार सफलता के बाद, अब इसका दूसरा संस्करण आज से शुरू हो रहा है। एलायंस फ्रांसेसे डु बंगाले और नंदन के सहयोग से आयोजित इस फिल्म महोत्सव में 22 फरवरी से 1 मार्च तक करीब 30 फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। इस फेस्टिवल का आयोजन फ्रांसीसी वाणिज्य दूतावास के सहयोग से किया जा रहा है।
फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में नसीरुद्दीन शाह, रितुपर्णा सेनगुप्ता, अनसूया सेनगुप्ता, अनुभव सिन्हा, गौतम घोष, रुक्मिणी मैत्रा, प्रीतिमोय चक्रवर्ती और त्रिशान सरकार जैसी फिल्मी हस्तियों की मौजूदगी की संभावना है। यह फिल्म महोत्सव कोलकाता के सिनेप्रेमियों को फ्रांसीसी सिनेमा के अनूठे और समृद्ध अनुभव से रूबरू कराने का अवसर देगा।
एलायंस फ्रांसेसे डु बंगाले और नंदन, पश्चिम बंगाल फिल्म सेंटर, कोलकाता में फ्रांस के महावाणिज्य दूतावास के साथ मिलकर इस आयोजन को प्रस्तुत कर रहे हैं। पहले संस्करण की सफलता के बाद, इस साल का महोत्सव न केवल फ्रेंच सिनेमा बल्कि भारतीय सिनेमा की उन फिल्मों को भी प्रदर्शित करेगा, जिन्हें कान्स फिल्म फेस्टिवल में सराहा गया था।
महोत्सव का उद्देश्य सिर्फ फिल्में दिखाना ही नहीं, बल्कि निपुण रचनाकारों, अभिनेताओं और लेखकों के साथ संवाद के माध्यम से फिल्म निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना भी है। इस साल फेस्टिवल की शुरुआत अली और रेडौने बुगेराबा द्वारा निर्देशित फिल्म डेलोकैलिस की स्क्रीनिंग से होगी। इसके बाद विभिन्न शैलियों और विषयों पर आधारित फ्रेंच फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
आधिकारिक साइट के अनुसार कोलकाता के नंदन में आयोजित इस फेस्टिवल में प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क है, लेकिन सीटें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेंगी।
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