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‘परीक्षा पे चर्चा’ में ऊर्जा और एकाग्रता बढ़ाने के लिए छात्रों को दिए गए पोषण टिप्स

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नई दिल्ली, 14 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ के चौथे एपिसोड को लेकर अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर जानकारी शेयर की।

पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में कहा कि आज के ‘परीक्षा पे चर्चा’ एपिसोड में रुजुता दिवेकर और शोनाली सभरवाल ने स्मरणशक्ति बढ़ाने, ऊर्जावान बने रहने और परीक्षा के दौरान एकाग्रता में सुधार के लिए पोषण टिप्स साझा किए।

यह कार्यक्रम शुक्रवार सुबह 10 बजे प्रसारित किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इस वर्ष परीक्षा देने जा रहे छात्रों को यह बताना था कि वे कैसे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध पोषण विशेषज्ञ शोनाली सभरवाल, रुजुता दिवेकर और हेल्थ इंफ्लुएंसर रेवंत हिमातसिंका शामिल हुए। इन सभी विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे छात्र परीक्षा के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखकर खुद को तनाव मुक्त रख सकते हैं।

कार्यक्रम में शामिल शोनाली ने कहा कि अगर आप कॉफी पी रहे हैं, तो उसकी जगह ग्रीन टी लेना शुरू कर दें। अगर आपको रिलैक्स करना है, तो बीटरूट जूस का सेवन करें। पढ़ाई के दौरान ब्रेन को क्रंची फूड पसंद आता है। इस कारण हम चिप्स खाते हैं। लेकिन आप घर पर शकरकंदी के चिप्स बना सकते हैं। शुगर क्रेविंग के लिए सीमित मात्रा में डार्क चॉकलेट खाई जा सकती है।

रेवंत ने छात्रों को सुझाव दिया कि अगर आप पैकिंग पर दिए गए लेबल को ध्यान से पढ़ने लगेंगे, तो आपको यह आसानी से समझ में आ जाएगा कि क्या खाना सही है, क्या नहीं। अगर आपको जंक फूड का मन कर रहा है, तो सुबह के समय ताजी हरे पत्तेदार सब्जियां खाएं। इसके अलावा लंच, ब्रेकफास्ट या डिनर के बीच में नट्स का सेवन करें और सुबह-सुबह ताजे फल खाएं।

शोनाली ने बताया कि अगर तनाव के कारण कब्ज की समस्या हो रही है, तो आप केले और दही-चीनी का सेवन कर सकते हैं।

इसके साथ ही पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए आप शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दें, जो कि बेहद जरूरी है। सिर्फ एक जगह बैठकर पढ़ाई न करें। अगर आप आधे घंटे के लिए भी खेलकूद करेंगे, तो आपका पोस्चर सही रहेगा। थोड़ा वॉक करने से भी आपकी सेहत बेहतर होती है और अच्छा लगता है।

वहीं, कार्यक्रम में शामिल हुईं रुजुता ने बताया कि जैसे एग्जाम में अलग-अलग सब्जेक्ट होते हैं, वैसे ही आपके खाने में भी विविधता होनी चाहिए। एनर्जी ड्रिंक से तनाव बढ़ता है, इसलिए आप इसकी जगह केला खा सकते हैं।

राष्ट्रीय समाचार

दिल्ली ब्लास्ट के बाद कश्मीरी छात्रों की चिंता को लेकर पीएम को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग

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PM MODI

नई दिल्ली, 17 नवंबर : दिल्ली में हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना में कई बेगुनाह लोगों की जान चली गई, जिससे हर भारतीय का दिल दुखा है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

चिट्ठी में जेकेएसए ने सबसे पहले इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में हुआ धमाका सिर्फ राजधानी पर हमला नहीं था, बल्कि पूरे भारत की भावनाओं पर गहरी चोट थी। कश्मीर के लोग भी उतने ही दुखी हैं जितना देश का बाकी हिस्सा। पीड़ित परिवारों का दर्द पूरे जम्मू-कश्मीर का भी दर्द है।

कश्मीरी छात्रों ने लिखा कि वे भारत के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों पर पूरा भरोसा रखते हैं। वे हमेशा अलगाववाद, कट्टरपंथ और किसी भी तरह की देश-विरोधी विचारधारा के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया। न कभी अलगाववादी सोच को स्वीकार किया। वे हमेशा देश की एकता, शांति और सद्भाव के पक्ष में खड़े रहे हैं।

जेकेएसए ने लिखा कि कश्मीर के लोगों ने हमेशा देश की सेवा में योगदान दिया है। हमारे परिवारों ने सीमाओं पर खड़े होकर देश की रक्षा की है। कई पीढ़ियों ने मुश्किलें झेली हैं, लेकिन भारत के भविष्य में विश्वास कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि आज का कश्मीरी युवा खेल, तकनीक, विज्ञान, शिक्षा, राजनीति, उद्यमिता और हर क्षेत्र में आगे बढ़कर देश का नाम रोशन कर रहा है।

प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना का भी उन्होंने खास ज़िक्र किया। इस स्कीम ने हजारों कश्मीरी छात्रों को देशभर के कॉलेजों में पढ़ने का मौका दिया। संगठन ने कहा कि यह योजना कश्मीर और बाकी भारत के बीच विश्वास और जुड़ाव का पुल बनी है, लेकिन सिर्फ अवसर देना काफी नहीं। अवसर के साथ सुरक्षा, गरिमा, बराबरी, और सम्मान भी जरूरी हैं। तभी असली राष्ट्रीय एकीकरण संभव है।

संगठन ने बताया कि दिल्ली धमाके के बाद देशभर में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों में डर का माहौल बन गया है। उन्होंने लिखा कि कई छात्रों को प्रोफाइलिंग, सवाल-जवाब, अचानक हुई जांच और संदेह की नजर का सामना करना पड़ा है, वो भी उन जगहों पर जिनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है। कई छात्र डर के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर कश्मीर वापस आ गए हैं। बच्चे क्लास, एग्जाम, लैब, इंटर्नशिप सबकुछ छोड़कर वापस आ रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें गलत समझा जाएगा।

जेकेएसए ने कहा कि उन्हें देश की जांच एजेंसियों की क्षमता और ईमानदारी पर पूरा भरोसा है, पर साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच निष्पक्ष, संवेदनशील और संतुलित होनी चाहिए ताकि मासूम छात्रों को सामूहिक सजा न भुगतनी पड़े। किसी समुदाय को पहले ही अपराधी मान लेना उचित नहीं। हर युवा को अपने देश में सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है।

चिट्ठी में प्रधानमंत्री से अपील की गई है कि वे सार्वजनिक रूप से यह आश्वासन दें कि कश्मीरी छात्र भी भारत के समान नागरिक हैं और उन्हें वही अधिकार और सुरक्षा मिलेगी जो किसी और नागरिक को मिलती है। उन्होंने कहा कि छात्रों के परिवारों को यकीन होना चाहिए कि उनके बच्चे घर से दूर भी सुरक्षित हैं। आपकी एक अपील या बयान उन परिवारों को दिल से सुकून देगा। उन्होंने सरकार से कहा कि देशभर के कॉलेजों और पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि किसी भी छात्र के साथ भेदभाव, डराने-धमकाने या गलत व्यवहार की गुंजाइश न रहे।

जेकेएसए ने लिखा कि वे चाहते हैं कि दिल्ली धमाके के असली अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दी जाए। उन्होंने सरकार के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि हमें भरोसा है कि जांच निष्पक्ष और समयबद्ध होगी और दोषी किसी भी हाल में बच नहीं पाएंगे।

संगठन ने कहा कि हजारों कश्मीरी छात्र भारत के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ रहे हैं और अपने लिए एक दूसरा घर बना चुके हैं। वे देश के हर कोने में दोस्ती, भरोसा और भाईचारे की मिसाल बन रहे हैं। इसलिए हम ऐसी घटनाओं के लिए शक की नजर से न देखे जाएं, जिनसे हमारा कोई संबंध नहीं।

पत्र के अंत में जेकेएसए ने देश की एकता, सद्भाव और सांझी संस्कृति पर अपना भरोसा दोहराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की असली ताकत उसकी सीमाओं में नहीं, बल्कि अपने बच्चों के प्रति सम्मान और भरोसे में होती है।

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अपराध

आंध्र प्रदेश : मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने सऊदी बस हादसे पर जताया दुख

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अमरावती, 17 नवंबर: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने सऊदी अरब में हुए दुखद बस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। बस हादसे में तेलंगाना के कई उमराह तीर्थयात्री मारे गए।

मुख्यमंत्री नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “सऊदी अरब में हुए इस दुखद हादसे के बारे में सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है, जिसमें पवित्र उमराह तीर्थयात्रा पर गए तेलंगाना के हमारे साथी भाई-बहनों की जान चली गई। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और शोक संतप्त परिवारों को इस कठिन समय में शक्ति और सांत्वना प्रदान करे।”

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने हादसे को हृदयविदारक बताया और कहा कि सऊदी अरब में मदीना के पास एक भीषण सड़क दुर्घटना में 42 भारतीयों की जान चली गई। उन्होंने कहा, “जानकारी मिली है कि मृतकों में ज्यादातर हैदराबाद के मुस्लिम तीर्थयात्री थे। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट करके दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “सऊदी अरब में हुई इस दुखद दुर्घटना के बारे में जानकर गहरा सदमा लगा है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन घड़ी में मेरी प्रार्थनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।”

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के महासचिव ने पोस्ट किया, “उमरा तीर्थयात्रा में हुई दुर्घटना के बारे में जानकारी से सदमा लगा है, जिसमें तेलंगाना के कई तीर्थयात्रियों सहित 42 से अधिक लोगों की मौत हो गई। शोक संतप्त लोगों के प्रति गहरी संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला ने लिखा, “सऊदी अरब में हुई विनाशकारी बस-टैंकर टक्कर में तेलंगाना के 45 उमराह तीर्थयात्रियों की दुखद मृत्यु से मैं बहुत व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे। मैं केंद्र सरकार से पीड़ितों के परिवारों को सभी आवश्यक राहत प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करती हूं कि पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ वापस आएं।”

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राजनीति

दिल्ली ब्लास्ट केस: अदालत ने आमिर राशिद अली को 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा

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नई दिल्ली, 17 नवंबर: दिल्ली की अदालत ने कार ब्लास्ट मामले में ड्राइवर उमर मोहम्मद उर्फ उमर उर नबी के सहयोगी आमिर राशिद अली को 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा है। आमिर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।

एनआईए ने सोमवार को दिल्ली की अदालत में आमिर राशिद अली को पेश किया और उसकी कस्टडी मांगी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने एनआईए को 10 दिन की कस्टडी सौंपी। आमिर राशिद अली से पूछताछ के दौरान एनआईए को कई अहम कड़ियों को जोड़ने में मदद मिल सकती है।

आमिर राशिद अली जम्मू-कश्मीर के पंपोर के संबूरा का रहने वाला है। सूत्रों के अनुसार, एनआईए की जांच से पता चला है कि आमिर ने उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकी हमला करने की साजिश रची थी। एक बयान में कहा गया, “आमिर कार की खरीद में मदद करने के लिए दिल्ली आया था, जिसमें विस्फोट हुआ था।”

इस आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में एनआईए को आमिर की गिरफ्तारी के रूप में सफलता मिली। एनआईए ने दिल्ली पुलिस से मामला अपने हाथ में लेने के बाद व्यापक तलाशी अभियान चलाया था।

दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट में कम से कम 12 लोग मारे गए थे, जबकि कई लोग बुरी तरह घायल हुए। यह ब्लास्ट फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल के खुलासे के कुछ घंटे बाद हुआ था, जिसमें डॉक्टर मुजम्मिल और शाहीन समेत सात लोगों को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

कार ब्लास्ट में शामिल उमर का भी फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल से कनेक्शन सामने आया था। इसके बाद सरकार ने दिल्ली कार ब्लास्ट को आतंकी हमला करार देते हुए जांच एनआईए को सौंपी थी। जांच एजेंसी इस मामले में 70 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा, अन्य लोगों से पूछताछ और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एनआईए की कार्रवाई जारी है।

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