राष्ट्रीय
प्रशांत किशोर खुद नए नेता बने हैं, छात्रों को धमाका कर रहे हैं: आदर्श यादव

पटना, 30 दिसंबर। पूर्णिया से लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने सोमवार को जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर पर बीपीएससी छात्रों को धमकाने का आरोप लगाया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह खुद नये नेता बने हैं।
सांसद पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रशांत किशोर का छात्रों से मिलने का वीडियो शेयर किया है, जिसमें छात्र और उनके बीच बहस होती देखी जा रही है। कैप्शन में पप्पू यादव ने लिखा, “प्रशांत जी खुद नये नेता बने हैं, और छात्रों को धमका रहे हैं, अपनी औकात की धौंस दिखा रहे हैं! आज जब धेले भर की चुनावी औकात नहीं है तो अहंकार टपक रहा है। छात्रों के सामने बड़ी बड़ी सरकार उड़ गई, आप क्या चीज हैं? छात्र पुलिस से पिट रहे थे आप पीठ दिखा भाग गए, सवाल पूछने पर गाली?”
बता दें कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती सहित करीब 21 लोगों के खिलाफ पटना के गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन पर छात्रों को उकसाने और हंगामा करवाने का आरोप है। दर्ज प्राथमिकी में 21 नामजद और 600 से 700 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर रविवार को सुबह बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पटना के गांधी मैदान स्थित बापू की प्रतिमा के समक्ष इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने लगे। इस प्रदर्शन में जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर भी शामिल हुए थे। इसके बाद अभ्यर्थियों का हुजूम प्रशांत किशोर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने की मांग को लेकर गांधी मैदान से कूच कर गया। पुलिस ने छात्रों को जेपी गोलंबर के पास रोक दिया गया। जिला प्रशासन ने छात्रों से बातचीत की पेशकश की, लेकिन छात्रों ने इसे ठुकरा दिया था।
कहा गया कि जन सुराज के नेता जब भीड़ बेक़ाबू हो गई तो जेपी गोलंबर के पास भीड़ को छोड़ कर निकल गए। प्रदर्शन पर अड़े छात्रों को रोकने के लिए पहले उनपर वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा और हल्का बल प्रयोग कर इन्हें हटाया गया तथा स्थिति को सामान्य किया गया।
अधिकारी ने बताया कि अनधिकृत रूप से भीड़ को इकट्ठा करने, लोगों को उकसाने तथा विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने के आरोप में प्रशांत किशोर समेत 21 लोगों के खिलाफ पटना के गांधी मैदान थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। दर्ज एफआईआर में 21 नामजद और 600 से 700 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
राष्ट्रीय
बुरहानपुर और मुरादाबाद में ईद-उल-अजहा की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न, भाईचारे का संदेश

बुरहानपुर/मुरादाबाद, 7 जून। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में ईद-उल-अजहा का पर्व बड़े उत्साह और सौहार्द के साथ मनाया गया। दोनों शहरों में ऐतिहासिक ईदगाहों में विशेष नमाज शांतिपूर्वक अदा की गई, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर अमन, भाईचारे और देश की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी गईं। दोनों ही स्थानों पर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए ताकि पर्व के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो।
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में ऐतिहासिक शाही ईदगाह में सुबह करीब 50 हजार से अधिक नमाजियों ने एक साथ सजदे में सिर झुकाया। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। इस अवसर पर शाही ईदगाह परिसर को नगर निगम ने विशेष रूप से साफ-सुथरा रखा था। वजू और अन्य सुविधाओं का भी समुचित प्रबंध किया गया था, जिससे नमाजियों को किसी तरह की असुविधा न हो।
बुरहानपुर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद रखा। ड्रोन कैमरों के जरिए पूरे ईदगाह क्षेत्र की निगरानी की गई, जबकि भारी संख्या में पुलिस बल और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती रही।
वहीं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में भी ईद-उल-अजहा की नमाज के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में ईदगाह परिसर में एकत्र हुए। सुबह 7:30 बजे ईदगाह में विशेष नमाज अदा की गई। इस दौरान जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने ड्रोन के जरिए क्षेत्र की निगरानी की। सुरक्षा के लिए ईदगाह के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात थी। एसपी सिटी और एडीएम सिटी ने पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च किया, जिससे लोगों में सुरक्षा का विश्वास बना रहा।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी की सांसद रूचि वीरा भी ईदगाह परिसर पहुंचीं और नमाजियों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि यह पर्व त्याग, बलिदान और भाईचारे का संदेश देता है। उन्होंने सभी से एकजुटता और शांति बनाए रखने की अपील की।
नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी और कुर्बानी की रस्म अदा की। मुरादाबाद के ईदगाह परिसर में भी स्वच्छता और अन्य व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा गया था।
राजनीति
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में छपी उद्धव और राज ठाकरे की तस्वीर, गठबंधन को लेकर अटकलें तेज

मुंबई, 7 जून। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की एक पुरानी तस्वीर शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के फ्रंट पेज पर छापी गई है। इसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह तस्वीर ऐसे समय में प्रकाशित हुई है, जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ गठबंधन को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं।
आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए यह दोनों दलों के लिए रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। गठबंधन की रूपरेखा और शर्तों पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बता दें कि शुक्रवार को उद्धव ठाकरे से मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज ठाकरे की पार्टी से गठबंधन को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के दिल में जो होगा वही होगा। हमारे और हमारे शिवसैनिकों के दिल में कोई भ्रम नहीं है। उनके (मनसे) दिमाग में भी कोई भ्रम नहीं है। हम कोई संदेश नहीं देंगे, हम सीधे खबर देंगे।
इस तस्वीर और उद्धव के बयान ने जहां शिवसेना (यूबीटी) और मनसे कार्यकर्ताओं में जोश भरा है, वहीं विरोधी दलों में भी खलबली मच गई है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या ठाकरे बंधु वाकई एक बार फिर एक मंच पर नजर आएंगे।
उल्लेखनीय है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चा लंबे समय से चल रही थी, लेकिन हाल के घटनाक्रम ने इसे और ठोस रूप दिया है। साल 2006 में शिवसेना से अलग होकर राज ठाकरे ने मनसे की स्थापना की थी, जिसके बाद दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक और वैचारिक मतभेद गहरा गए थे। हालांकि, महाराष्ट्र की बदलती सियासी परिस्थितियों में दोनों दलों का एक साथ आना मराठी अस्मिता और क्षेत्रीय मुद्दों को मजबूती दे सकता है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के वरिष्ठ नेता संदीप देशपांडे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन की चर्चाओं पर मिडिया से बात करते हुए कहा कि साल 2014 और 2017 में मनसे ने शिवसेना (उद्धव गुट) को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर स्वयं मातोश्री गए थे, लेकिन मुलाकात तक नहीं हो सकी। शिवसेना के कुछ नेता बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन असल में वे सिर्फ “ट्रेडमिल पर दौड़” लगा रहे हैं, आगे नहीं बढ़ रहे। अगर वाकई गठबंधन करना है, तो खुले तौर पर बात करें, पहेली न बनाएं।
राजनीति
कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन आज से शुरू, यात्रा का समय घटकर मात्र 3 घंटे

नई दिल्ली, 7 जून। जम्मू एवं कश्मीर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हुए श्रीनगर और श्री माता वैष्णो देवी कटरा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस की नियमित सेवाएं शनिवार से शुरू हो गई।
उत्तर रेलवे ने पुष्टि की है कि सेमी हाई-स्पीड रेलगाड़ियां सप्ताह में छह दिन चलेंगी, जिससे कश्मीर घाटी और प्रमुख तीर्थस्थल कटरा के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
यह विकास क्षेत्र के परिवहन बुनियादी ढांचे में एक परिवर्तनकारी कदम है।
नई वंदे भारत सेवा से श्रीनगर और कटरा के बीच यात्रा का समय घटकर मात्र तीन घंटे रह जाएगा, जो सड़क मार्ग से लगने वाले वर्तमान छह से सात घंटों के आधे से भी कम है।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की दो जोड़ी ट्रेन संख्या 26404/26403 और 26401/26402, नव-उद्घाटित श्रीनगर-कटरा-श्रीनगर मार्ग पर चलेंगी, जिनका बनिहाल में निर्धारित ठहराव होगा।
इन ट्रेनों को विशेष रूप से अत्यधिक ठंड या बर्फबारी जैसी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। ये उन्नत हीटिंग सिस्टम, थर्मली इंसुलेटेड शौचालय, गर्म विंडशील्ड और चालक की दृश्यता के लिए डीफ्रॉस्टिंग तकनीक से सुसज्जित हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल संपर्क परियोजना के सफल समापन के बाद इन ट्रेनों के उद्घाटन समारोह को हरी झंडी दिखाई। यह एक बहुप्रतीक्षित इंजीनियरिंग उपलब्धि है, जिसमें दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज और प्रतिष्ठित चिनाब पुल शामिल है।
अब तक इस क्षेत्र में रेल सेवाएं कश्मीर घाटी में बनिहाल-बारामुल्ला और जम्मू क्षेत्र में जम्मू-उधमपुर-कटरा तक ही सीमित थीं।
वंदे भारत सेवाओं के विस्तार से न केवल निवासियों और पर्यटकों के लिए परिवहन का एक तेज, अधिक विश्वसनीय साधन उपलब्ध होगा, बल्कि इससे वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए भी आसान पहुंच की उम्मीद है।
सभी मौसमों में निर्बाध परिचालन और प्रीमियम ऑन-बोर्ड सुविधाओं के साथ वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रा अनुभव और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाने का वादा करती है तथा उत्तर भारत को घाटी के साथ और अधिक निकटता से जोड़ती है।
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